अग्नि सुरक्षा - पॉलिसी धारक

अग्नि सुरक्षा

आतिशबाजी का आनंद सावधानी से उठाएँ

दीवाली, जो दीपों का उत्सव है, नजदीक है। यह आमोद-प्रमोद, उल्लास और आतिशबाजी का त्यौहार है। बुजुर्ग और युवा समान रूप से इसकी भव्यता और आतिशबाजी की चमक-दमक को पसंद करते हैं तथा आनंद मनाते हैं। आतिशबाजी उत्सव और प्रफुल्लता के साथ भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में संबद्ध है। यह धार्मिक, राजनैतिक, सामाजिक, खेल-कूद और अन्य समारोहों के लिए विशिष्ट रंगीन और जगमगाता वातावरण प्रदान करती है।

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आतिशबाजी खुशियाँ देती है, परंतु साथ ही, यह खतरनाक है। आतिशबाजी के कारण गंभीर और घातक दुर्घटनाएँ हुई हैं और लगातार हो रही हैं। आतिशबाजी के खतरों और दुष्प्रभावों को नियंत्रित करने के प्रयास पहले 19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में प्रारंभ हुए। 1890 में, `अनावश्यक शोरगुल के उन्मूलन के लिए सोसाइटी’ अमेरिका में गठित की गई। इस सोसाइटी ने लोगों से आतिशबाजी का प्रयोग बंद करने के लिए अनुनय किया। 

जागरूकता अभियान चलाये गये ताकि आतिशबाजी के कारण होनेवाली अपमृत्युओं और क्षतियों को कम किया जा सके। हम भी यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि हम आतिशबाजी के खतरों के शिकार न बनें तथा ऐसा करना बहुत कठिन नहीं है। अधिकांश दुर्घटनाएँ असावधानी, उपेक्षा और अज्ञान के कारण घटित होती हैं। सरल पूर्व-सावधानियाँ इन अनर्थकारी घटनाओँ से बचने में सहायता कर सकती हैं।

सावधानीपूर्वक उत्सव मनाने के लिए हम आपके लिए निम्नलिखित सुरक्षा संकेत देते हैं :

  • अपनी आतिशबाजी आप सावधानी से बच्चों की पहुँच से दूर एक धातु की बनी बंद पेटी में कहीं ठंडी और सूखी जगह पर रखें। उसकी आवश्यकता होने तक उसे गरमी के सभी स्रोतों से दूर रखें। यह पेटी आप सीढ़ियों के नीचे अथवा आने-जाने के रास्ते में न रखें।
  • पालतू जानवर ऊँची आवाजों और तड़क-भड़क को पसंद नहीं करते तथा आतिशबाजी वाली रातों में वे बहुत भयभीत होते हैं। अतः आप अपने पालतू पशुओं को घर के अंदर बंद रखें और सभी परदे बंद कर रखें जिससे उनके लिए सबकुछ अधिक शांत लगे।
  • किसी आपात स्थिति के लिए तथा चिनगारियाँ छोड़नेवाली प्रयुक्त वस्तुओं को डालने के लिए एक पूरी बाल्टी भर पानी हाथ की पहुँच में रखें।
  • यदि आपके पास कुछ अन्य परिवारों के साथ स्नेह-मिलन करने की संभावना है, तो ऐसे घर पर जाएँ जहाँ सबसे बड़ी खुली जगह हो तथा आसपास सबसे सुरक्षित वातावरण हो।
  • एक मोमबत्ती का प्रयोग करते हुए आतिशबाजी की प्रत्येक वस्तु के अग्रभाग को एक हाथ की दूरी पर रहकर जलाएँ। तत्काल पीछे आ जाएँ और अच्छी तरह खड़े हो जाएँ। यदि कोई चीज नहीं जलती, तो उसके लिए आप पीछे उसके पास न जाएँ – वह अभी आग पकड़ी हो सकती है, और अप्रत्याशित रूप से आपके चेहरे पर फूट सकती है।
  • आपके आतिशबाजी वाले उत्सव के समाप्त होने पर, `न फूटनेवाली चीजें’ भरपूर पानी में डुबो दें तथा एक बाल्टी भर पानी में उन्हें खूब भिगोए रखें। आतिशबाजी की छूटी हुई चीजें कभी भी जलती आग में न डालें।
  • आतिशबाजी की विभिन्न प्रकार की वस्तुओँ का मतलब विभिन्न प्रकार के संकट हैं। प्रत्येक ऐसी वस्तु के संबंध में उसपर लिखे अनुदेश सावधानीपूर्वक पढ़ें (कौंध बत्ती से पढ़ें, खुले में जलती ज्वाला से कभी नहीं)।

वे काम जो आप निश्चित रूप से नहीं करेंगे!

  • आतिशबाजी की जो चीजें पहले प्रयास में नहीं जलतीं, उन्हें फिर से सुलगाने की कोशिश कभी न करें।
  • आतिशबाजी की कोई भी वस्तु छोटे बच्चों के हाथों में कभी न दें। आतिशबाजी किसी अन्य व्यक्ति पर कभी न फेंकें।
  • आतिशबाजी अपनी जेब में कभी न रखें। आतिशबाजी धातु अथवा कांच के बने डिब्बे या बरतन (कंटेनर) से कभी न छोड़ें। 
  • अपनी स्वयं की आतिशबाजी बनाने के लिए कभी प्रयोग न करें, परिवर्तन न करें, अथवा प्रयास न करें।
  • आपने क्या पहना है, इसपर ध्यान दें: ढीले कपड़े बड़ी आसानी से आग पकड़ते हैं, तथा आपको कभी ये किसी आग अथवा आतिशबाजी के पास नहीं पहनने चाहिए। लंबे, पीछे लगे झूलते कपड़े भी जोखिम भरे होते हैं।   
  • एक समय एक ही चीज का उपयोग करें! आतिशबाजी की सारी वस्तुएँ एक ही बार में न जलाएँ, जल्दबाजी न करें।
  • इस प्रकार करने के लिए किसी भी अन्य व्यक्ति को – विशेष रूप से बच्चों को अनुमति न दें।
  • आतिशबाजी और मद्यसार (ऐल्कहाल) को न मिलाएँ। जब आतिशबाजी और जलती आग आसपास हों तो मद्यपान से अतिरिक्त खतरा उत्पन्न हो सकता है। अतः जब आप आतिशबाजी को जलाएँगे, तब मद्यपान न करें।
  • बच्चों को आतिशबाजी से काफी दूर रखें, तथा किसी बच्चे को कोई चीज पकड़ने और जलाने न दें। यदि पर्यवेक्षण न किया जाए तो फुलझड़ियाँ भी खतरनाक हो सकते हैं! सुनिश्चित करें कि बच्चों को इन खतरों का पता हो।
  • यदि तेज हवा चल रही हो तो उड़ानेवाली आतिशबाजी न जलाएँ। आतिशबाजी जलाते समय, केवल दिखाने के लिए कभी अनावश्यक जोखिम न उठाएँ। सबसे अच्छा और सबसे सुरक्षित विकल्प यह होगा कि आतिशबाजी पर आप जो धनराशि खर्च करना चाहते हैं उसे समूहित (पूल) करें तथा कई लोगों के हित के लिए किसी पेशेवर व्यक्ति को आतिशबाजी का निष्पादन करने दें।

सुरक्षित दीवाली मनाएँ!

भारतीय साधारण बीमा निगम (जीआईसी) के सौजन्य से।