कौन सा जीवन बीमा खरीदें - पॉलिसी धारक

कौन सा जीवन बीमा खरीदें

जीवन बीमा पॉलिसियों के प्रकारः

सावधि बीमा

सावधि बीमा के जरिए आप एक निर्धारित समय-सीमा तक के लिए सुरक्षा चुन सकते हैं। मृत्यु या स्थायी अपंगता (यदि लाभ प्रस्तावित किया गया है) की स्थिति में आपके आश्रितों को लाभ का भुगतान किया जाएगा। सावधि बीमा में, बीमित व्यक्ति द्वारा बीमा अवधि पार कर लेने के बाद सामान्यतः कोई भुगतान देय नहीं होता।

सम्पूर्ण जीवन बीमाः

सम्पूर्ण जीवन बीमा के साथ आपको आजीवन सुरक्षा की गारंटी दी जाती है। सम्पूर्ण जीवन बीमा में मृत्यु लाभ का भुगतान किया जाता है इसलिए आप आश्वस्त हो सकते हैं कि आपकी मृत्यु के पश्चात भी आपका परिवार, संभावित वित्तीय हानियों के प्रति सुरक्षित बना रहेगा। आपके उत्तराधिकारियों के लिए विरासत सृजित करने के लिए भी यह एक आदर्श तरीका है।

बंदोबस्ती (ऐन्डॉवमेंट) पॉलिसी

बंदोबस्ती पॉलिसी, निर्धारित परिपक्वता तिथि वाली एक बचत संबंधित बीमा पॉलिसी होती है। यदि इस अवधि के दौरान दुर्भाग्यवश आपकी मृत्यु या अपंगता घटित हो जाती है तो परिपक्वता राशि का भुगतान आपके लाभार्थियों को कर दिया जाएगा। इस अवधि में आपके जीवित बने रहने पर पॉलिसी परिपक्वता पर देय राशि का भुगतान किया जाएगा।

धनवापसी (मनी बैक) या नकद वापसी (कैश बैक) योजनाएँ:

इस योजना के अंतर्गत परिपक्वता राशि का कुछ निश्चित प्रतिशत भाग, बीमित व्यक्ति को आवधिक रूप से उत्तरजीविता लाभ के रूप में वापस किया जाता है। समयअवधि समाप्त हो जाने पर शेष राशि का भुगतान परिपक्वता मूल्य के रूप में किया जाता है। पॉलिसी की अवधि के दौरान जीवन जोखिम को उत्तरजीविता लाभों के भुगतान के बावजूद पूर्ण परिपक्वता राशि के लिए कवर किया जा सकता है।

चिल्ड्रेन पॉलिसीः

इस प्रकार की पॉलिसियाँ, अभिभावकों/बच्चे द्वारा बच्चे के लाभ हेतु ली जाती हैं। ऐसी पॉलिसी के द्वारा अभिभावक तब निधियाँ प्राप्त करने की योजना बना सकते हैं जब बच्चा जीवन में विभिन्न चरणों में पहुंचता है। कुछ बीमाकर्ता, पॉलिसी अवधि के दौरान अभिभावक/प्रस्तावक की दुर्भाग्यवश मृत्यु हो जाने पर प्रीमियम भुगतानों से छूट भी प्रदान करते हैं।

वार्षिकी (पेंशन) योजनाएँ:

सेवानिवृत्त (रिटायर) हो जाने पर कर्मचारी को उसका वेतन मिलना बंद हो जाता है जबकि नियमित आय की उसकी आवश्यकताएँ बनी रहती हैं। भविष्यनिधि तथा उपादान (ग्रेच्युटी) जैसे सेवानिवृत्ति लाभों का भुगतान एकमुश्त किया जाता है जो प्रायः शीघ्र खर्च हो जाते हैं या बुद्धिमत्तापूर्वक निवेश नहीं किए जाते जिससे सेवानिवृत्ति के बाद के दिनों में कर्मचारी के लिए नियमित आय उपलब्ध नहीं रह जाती है। इसलिए सेवा निवृत्त प्रावधान हेतु पेंशन एक आदर्श विधि है क्योंकि यह लाभ नियमित आय के रूप में होता है। हमारी कमाई वाली अवधि के दौरान जब हमें नियमित आमदनी प्राप्त होती है, बाद के वृद्धावस्था वाले दिनों के लिए तभी से योजना बना लेना श्रेयस्कर रहता है। वृद्धावस्था के दौरान वित्तीय स्वतंत्रता, हर किसी के लिए बहुत आवश्यक है।

वार्षिकी (पेंशन) योजनाएँ दो प्रकार की होती हैं:

तत्काल वार्षिकी

तत्काल वार्षिकी में बीमा कंपनी से वार्षिकी भुगतान तुरंत शुरू हो जाते हैं। तत्काल वार्षिकी हेतु क्रय कीमत (प्रीमियम) का भुगतान केवल एक किश्त में एकमुश्त किया जाना होता है।

आस्थगित वार्षिकी

आस्थगित वार्षिकी पॉलिसी के तहत व्यक्ति, बीमा कंपनी को अधिकार निधान (वेस्टिंग) आयु/अधिकार निधान (वेस्टिंग) तिथि तक नियमित योगदानों का भुगतान करता है। उसके पास एकल प्रीमियम के रूप में भुगतान करने का विकल्प भी रहता है। यह निधि, ब्याज के साथ संचित होती है और अधिकार निधान तिथि पर निधि उपलब्ध कराई जाती है। बीमा कंपनी, निधियों के निवेशों का प्रबंधन करती है तथा पॉलिसीधारक को अधिकारनिधान आयु/अधिकारनिधान तिथि पर इस कोष निधि का 1/3 भाग भुनाने का विकल्प दिया जाता है। निधि की शेष 2/3 राशि को व्यक्ति हेतु वार्षिकी (पेंशन) खरीद हेतु उपयोग किया जाता है।

यूनिट लिंक्ड बीमा पॉलिसी

यूनिट लिंक्ड बीमा पॉलिसियाँ (यूलिप) निवेश और सुरक्षा का संयोजन प्रस्तुत करती हैं और आपके प्रीमियम निवेश किए जाने के विकल्प और लचीली सुविधा प्रदान करती हैं। यूनिट लिंक्ड योजनाओं में, निवेशक होने के नाते निवेश जोखिम पोर्टफोलियो आप द्वारा वहन किए जाते हैं आमतौर से, यह पॉलिसी आपको फंडों के विकल्प उपलब्ध कराती है जिनमें आप निवेश कर सकते हैं। पॉलिसी की अवधि के दौरान विभिन्न फंडों के बीच स्विच करने की लचीली सुविधा भी आपको मिलती है। यूलिप का मूल्य, उन यूनिटों के प्रचलित मूल्य से जुड़ा होता है, जितनी यूनिटों में आपने फंड में निवेश किया होता है, और यह फंड के निष्पादन पर निर्भर होता है। मृत्यु या स्थायी अपंगता की स्थिति में पॉलिसी, परिपक्वता राशि (जिस सीमा तक आप कवर हों) उपलब्ध कराती है ताकि आप आश्वस्त रह सकें कि आकस्मिक वित्तीय हानि की स्थिति में आपका परिवार सुरक्षित रहेगा। सभी यूलिप से विविध मात्राओं में जोखिम तथा प्रतिफल जुड़े रहते हैं। यूनिट लिंक्ड पॉलिसियों पर विविध प्रभार लागू होते हैं तथा प्रीमियम से बाहर शेष राशि का भुगतान आप द्वारा चुने गए फंड/फंडों में ही किया जाता है। आप द्वारा वहन किए जाने वाले कुल प्रभारों की राशि समझने के लिए आपके बीमाकर्ता या एजेंट या ब्रोकर से पूछताछ कर लेना जरूरी है। आप द्वारा कोई यूलिप पॉलिसी खरीदने का निर्णय लेने से पहले, आपकी जोखिम वहन क्षमता तथा निवेश लक्ष्य सीमाएँ आँकलित करना जरूरी है। लॉक-इन अवधि, समर्पण मूल्य, समर्पण प्रभार आदि सहित पॉलिसी की विशेषताएँ समझने के लिए पॉलिसी के नियमों व शर्तों का भी सावधानीपूर्वक अध्ययन कर लेना बहुत जरूरी होता है।

उपरोक्त उल्लिखित सभी प्रकार की योजनाएँ, यूलिप योजनाओं के तहत प्रस्तावित की जा सकती हैं।