सेमिनार रिपोर्ट 2013-14 - पॉलिसी धारक
- रंजन ने बीमा लोकपाल के बारे में जानकारी पायी
- रंजन ने मोटर बीमा को जारी रखने का निर्णय लिया
- रंजन ने यूलिप के बारे में और अधिक सीखा
- रंजन ने मह्सूस किया कि ईमानदारी ही श्रेष्ठ नीति है
- रंजन ने ‘अंडरइंश्योरेंस’ को समझा
- रंजन अब अपनी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी स्थानांतरित (पोर्ट) कर सकता है
- रंजन ने फ्रीलुक अवधि के बारे में समझा
- रंजन ने प्रस्ताव फार्म भरता है
- रंजन ने लाइसेंसधारी मध्यस्थों के बारे में सीखा
- राजन ने सर्वेक्षकों से सम्बंधित जानकारी प्राप्त की
- रंजन तक्नीक की ओर उन्मुख हुआ
- रंजन ने नकदरहित (कैशलेस) सेवा के बारे में सीखा
चित्रकथा श्रृंखला - क्षेत्रीय भाषा
समाचार मदें व ग्राहकों के लिए आवश्यक जानकारी
आईआरडीएआई के जागरूकता अभियान (2010-2015) की दोपहर के भोजन के उपरांत सर्वेक्षण रिपोर्ट
सेमिनार रिपोर्ट 2013-14
रायगंज, जिलाःउत्तर दिनाजपुर (पश्चिमबंगाल) में 28 जनवरी 2014 को इस्लामपुर रामकृष्णपल्ली ग्रामीण कल्याण समिति (आईआरआरडब्ल्यूएस) द्वारा `उपभोक्ता जागरूकता और जीवन बीमा संबंधी शिक्षा' पर सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में सहभागियों की संख्या 200 से भी अधिक थी।
सेमिनार का आरम्भ, श्री मुक्तार हुसैन, अध्यक्ष, आईआरआरडब्ल्यूएस के स्वागत भाषण से किया गया। श्री रोमाप्रोसाद मुखर्जी, सहायक निदेशक, उपभोक्ता मामले और फेयर बिजनेस प्रथाएँ, बंगाल सरकार ने अपने मुख्य भाषण में यह विस्तार से बताया कि बीमा संविदा और उपभोक्ता संरक्षण के विषय में राज्य का कानून क्या है। उन्होंने यह समझाया कि राज्य का कानून जीवन बीमाकर्ताओं पर भी लागू है क्योंकि वे उपभोक्ताओं को एक प्रकार की सेवाएँ उपलब्ध करा रहे हैं।
श्री सुदीप्त भट्टाचार्य, उप निदेशक, आईआरडीए ने एक वक्ता के रूप में सेमिनार में भाग लिया तथा जीवन बीमा उत्पादों के प्रकारों पर प्रस्तुतीकरण किया जिसके अंतर्गत यूलिप पॉलिसियों पर विशेष बल तथा उपभोक्ताओं के ज्ञान हेतु महत्वपूर्ण लिंक (संबद्धताएँ) शामिल थीं।
`दैनिक जीवन में बीमा का महत्व' पर सत्र का संचालन काज़ी मोहम्मद रफ़ीक़, भूतपूर्व सदस्य, जिला उपभोक्ता मंच एवं श्री सिद्धार्थ शंकर बोस, सुप्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा संयुक्त रूप से किया गया तथा उन्होंने यह स्पष्ट करते हुए बीमा की मूलभूत महत्वता को रेखांकित किया कि जीवन बीमा उन लोगों के भविष्य के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है जिन्हें आप अपनी जीवन बीमा पॉलिसी पर लाभार्थी (बेनिफीशियरी) कहते हैं। `बीमा के क्षेत्र में एजेंट औ रदलालों की भूमिका' पर सत्र के दौरान श्री मृत्युंजय घोष, अतिरिक्त मुख्य शाखा प्रबंधक, बजाज एलायंज़ लाइफ़ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने जीवन बीमा एजेंटों पर लागू संहिताओं और आचरण पर फोकस (केंद्रीकृत) किया। उन्होंने कई नैतिक प्रथाओं को संबंधित उदाहरणों के साथ समझाया। `जीवनबीमा पॉलिसियों के लिए दावा प्रक्रिया' संबंधी विषय श्री अपूर्व कुमार साहा, सहायक शाखा प्रबंधक (विक्रय), भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा स्पष्ट किया गया कि दावा निपटान एक ऐसी सर्वाधिक महत्वपूर्ण सेवा है जिसे कोई बीमा कंपनी अपने ग्राहकों को उपलब्ध करासकती है। श्री शौनक गुप्ता, उप सहायक निदेशक, उपभोक्ता मामले और फेयर बिजनेस प्रथाएँ, बंगाल सरकार ने बीमा पॉलिसी खरीदते समय करणीय और अकरणीय को स्पष्ट करते हुए `बीमा शिक्षा के माध्यम से उपभोक्ताओं के सशक्तीकरण' पर व्याख्यान दिया। आईआरडीए द्वारा प्रकाशित उपभोक्ता शिक्षा सामग्री का वितरण भी सहभागियों के बीच किया गया।
श्री अब्दुल अलीम परवेज, सचिव, आईआरआरडब्ल्यूएस ने सभी पाँचों सत्रों में हुई चर्चाओं का समाहार किया तथा सभी सहभागियों, प्रतिष्ठित अतिथि और सेवा प्रदाताओं के प्रति आभार-प्रदर्शन किया।