सेमिनार रिपोर्ट 2013-14 - पॉलिसी धारक
- रंजन ने बीमा लोकपाल के बारे में जानकारी पायी
- रंजन ने मोटर बीमा को जारी रखने का निर्णय लिया
- रंजन ने यूलिप के बारे में और अधिक सीखा
- रंजन ने मह्सूस किया कि ईमानदारी ही श्रेष्ठ नीति है
- रंजन ने ‘अंडरइंश्योरेंस’ को समझा
- रंजन अब अपनी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी स्थानांतरित (पोर्ट) कर सकता है
- रंजन ने फ्रीलुक अवधि के बारे में समझा
- रंजन ने प्रस्ताव फार्म भरता है
- रंजन ने लाइसेंसधारी मध्यस्थों के बारे में सीखा
- राजन ने सर्वेक्षकों से सम्बंधित जानकारी प्राप्त की
- रंजन तक्नीक की ओर उन्मुख हुआ
- रंजन ने नकदरहित (कैशलेस) सेवा के बारे में सीखा
चित्रकथा श्रृंखला - क्षेत्रीय भाषा
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आईआरडीएआई के जागरूकता अभियान (2010-2015) की दोपहर के भोजन के उपरांत सर्वेक्षण रिपोर्ट
सेमिनार रिपोर्ट 2013-14
भुवनेश्वर (ओडिशा) में 11 जनवरी 2014 को ‘शंख ध्वनि रास्ता सुरख्या समिति’ (एसडीआरएसएस) द्वारा "बीमा रक्षाद्वारा जीवन में परिवर्तन…" पर सेमिनार आयोजित किया गया।
सेमिनार का उद्घाटन ओडिशा के माननीय भूतपूर्व कृषि मंत्री, अमरप्रसाद सत्पथी, द्वारा किया गया। उन्होंने कहा कि बीमा उत्पाद का अपविक्रय (मिस-सेलिंग) दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है और स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए आईआरडीए का हस्तक्षेप अनिवार्य है। दर्शकगण में लघु उद्योगों, राजधानी बॉर एसोशिएशन के अधिवक्ताओं, गृहिणियों, गैस विक्रेता संघ, उपभोक्ता विभाग संघ, श्रमिक संघ आदि के प्रतिनिधि शामिल थे। सहभागियों की कुल संख्या लगभग 75 थी।
श्री एन.एम. बेहेरा, उपनिदेशक, आईआरडीए सेमिनार में उपस्थित रहे तथा उन्होंने स्वास्थ्य बीमा और सर्वव्यापी (यूनिवर्सल) स्वास्थ्य बीमा-रक्षा के बारे में व्याख्यान दिया। उन्होंने पॉलिसीधारकों के हितों के संरक्षण के लिए हाल के स्वास्थ्य बीमा विनियमों सहित, आईआरडीए द्वारा की गई पहलों के बारे में भी स्पष्ट किया। श्री मधुसूदन पाधी, प्रधान सचिव, नागरिक आपूर्ति, उपभोक्ता मामले, ने यह दोहराया कि राज्य में स्वास्थ्य बीमा के लिए बहुत गुंजाइश है यद्यपि सरकार ने निर्धन जनता को बीमा रक्षा देने के लिए बीमा रक्षा की विभिन्न सामाजिक योजनाएँ प्रारंभ की हैं। सेमिनार के दौरान सहभागियों के बीच आईआरडीए की उपभोक्ता शिक्षा सामग्री का वितरण भी किया गया।
सत्र के अंत में कैप्टन आर.एन. शर्मा, उपाध्यक्ष, एसडीआरएसएस ने यह विशेष टिप्पणी देते हुए धन्यवाद-ज्ञापन किया कि सहभागियों के लिए सेमिनार अत्यंत उपयोगी पाया गया।