गृह सुरक्षा - पॉलिसी धारक

गृह सुरक्षा

वरिष्ठ नागरिक और घर में सुरक्षा

 

चूँकि औसत प्रत्याशित आयु में वृद्धि हो रही है तथा सामाजिक मूल्य परिवर्तित हो रहे हैं, अतः हमारे अधिकांश वरिष्ठ जन बहुत बड़ी संख्या में किसी वित्तीय अथवा चिकित्सा सहायता के बिना रह गये हैं। इस तथ्य के साथ जोड़ते हुए कि वयोवृद्ध व्यक्तियों में  कमजोर दृष्टि विकसित होती है तथा वे मंद गति से युक्त प्रतिक्रिया दर्शाते हैं, उनके लिए दुर्घटनाओं और विपत्तियों की अधिक संभावना रहती है। एक विपत्ति जो किसी युवा व्यक्ति को केवल असुविधा में डाल सकती है, वही किसी वयोवृद्ध को एक लंबी अवधि के लिए नहीं चलने योग्य बना सकती है।  यहाँ कुछ संकेत दिये जा रहे हैं जो वरिष्ठ नागरिकों के लिए निजी क्षति के जोखिम को कम करने में सहायता कर सकते हैं।

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विकलांग शल्य-चिकित्सकों की अमेरिकी अकादमी के अनुसार, 65 वर्ष से अधिक आयु वाले व्यक्तियों के लिए क्षति हेतु पतन सबसे प्रमुख कारण है। पतन से संबंधित क्षति से मृत्यु की संभावना आयु के साथ बढ़ जाती है और दृष्टि बिगड़ जाती है।

दृष्टि

जैसे ही किसी व्यक्ति की आयु बढ़ जाती है, शारीरिक परिवर्तन प्रारंभ होते हैं, जो कई ज्ञानेंद्रियों को दुर्बल कर देते हैं। इसी प्रकार के परिवर्तन आँख में भी देखे जाते हैं (छोटी पुतलियाँ, लेन्स का पीला हो जाना, मोतियाबिंद), जो कमजोर दृष्टि में परिणत होते हैं। इस प्रकार वरिष्ठ नागरिकों के लिए युवा वयस्कों की अपेक्षा अधिक रोशनी की आवश्यकता होती है।

  • पठन, सिलाई और दवाइयाँ लेने जैसे कार्यों के लिए हलकी रोशनी की व्यापक व्यवस्था अत्यावश्यक है।
  • पतन के निवारण के लिए सोने और नहाने के कमरों जैसे क्षेत्रों में नाइट लैंप
  • सीढ़ियों के एकदम ऊपर और एकदम नीचे अधिक प्रकाश अपेक्षित है।
  • लाइट स्विच कमरे में प्रवेश जैसे सुविधाजनक स्थानों पर रखे जाने चाहिए।
  • आसानी से साफ करने और बदलने योग्य जुड़नारों (फिक्स्चरों) का उपयोग किया जाना चाहिए।
  • बिजली के निर्गमों (आउटलेट्स) को फर्नीचर से अवरुद्ध न करें।
  • सीढ़ियों के पास चित्र अथवा दृष्टि को आकर्षित करनेवाली वस्तुएँ न रखें।

बाथरूम में पतनः

गीली और फिसलन से भरी सतहें, कई बिजली के जुड़नार और अनियमित कांच के बरतन एक खतरनाक संयोजन बनाते हैं।

  • बाथरूम के फर्श पर फिसलन से रहित मैटों का उपयोग करें।
  • शावर के चारों ओर तथा टायलेट के लिए पकड़ने के छड़ लगाएँ। 
  • सुनिश्चित करें कि गिरने से बचने के लिए बाथरूम और दूसरे कमरों के बीच में कोई भी देहली अथवा दहलीज न हो।

 

बैठक-खाने (लिविंग रूम) में सुरक्षाः

  • काँच से बने फर्नीचर से बचें तथा अपरिहार्य होने की स्थिति में छितर-रोक (शैटर प्रूफ़) काँच का उपयोग करें।
  • फर्नीचर की व्यवस्था ऐसी करें कि खुले मार्ग उपलब्ध हों।
  • बिजली और टेलीफोन के केबल रास्ते से दूर रखें।
  • फर्नीचर ऐसा हो कि उसका स्थान आसानी से बदला जा सके।
  • फर्नीचर निर्गम मार्गों और दरवाजों को अवरुद्ध (ब्लाक) नहीं करना चाहिए।

रसोई-घर (किचन) में सुरक्षाः

बुजुर्ग व्यक्ति किचन में अधिक जोखिम पर हैं, क्योंकि उनकी त्वचा की प्रवृत्ति अधिक आसानी से जलने की होती है और जब कोई क्षति होती है तो उससे बचने में उनके लिए कठिनाई हो सकती है। इसके अलावा, साधारण-से दिखनेवाले काम, जैसे पानी गरम करना, खाना गरम करना उनके लिए असाधारण जोखिम उत्पन्न कर सकते हैं।

  • सभी ज्वलनशील चीजें चूल्हे से दूर रखें, विशेष रूप से जब वह जल रहा हो।
  • कम वजन वाले बरतन, तवे, कड़ाह, और कटोरे प्रयोग में लाएँ।
  • फर्श के स्तर से 12 इंच से अधिक गहरे अथवा 72 इंच से अधिक ऊँचे किन्हीं ओवरहेड कैबिनेटों का प्रयोग न करें।
  • चूल्हे अथवा फ्रिज से ऊपर संचयन (स्टोरेज) के स्थान न रखें।

शयनकक्ष (बेडरूम) में सुरक्षाः

  • सुनिश्चित करें कि एक फोन आपके पलंग के नजदीक, हाथ की पहुँच के अंदर हो।
  • आपातकालीन टेलीफोन नंबर, श्रवण उपकरण और चश्मा (यदि आवश्यक हो) हाथ की पहुँच में रखें।
  • पलंग पर कभी धूम्रपान न करें। सुनिश्चित करें कि जब आप धूम्रपान करें तब सतर्क रहें।
  • जब आप शराब के नशे में होंगे अथवा निर्धारित निद्राजनक दवाएँ लेंगे, तब धूम्रपान न करें।
  • धूम्रपान की सामग्री कभी अपने ध्यान से न हटाएँ, और उन्हें बड़ी और गहरी राख-दानियों (ऐश-ट्रेज़) में संगृहीत करें।
  • अपने आसपास के फर्नीचर की जाँच करें, विशेष रूप से किसी फेंकी गई और सुलगती हुई सामग्री के लिए आवरण चढ़ाये हुए फर्नीचर से सावधान रहें।  
  • राख को फेंकने से पहले उसे राख-दानी (ऐश-ट्रे) में डाल दें।

भारतीय साधारण बीमा निगम (जीआईसी) के सौजन्य से।