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'स्वास्थ्य बीमा' शब्द का अर्थ उस प्रकार के बीमे से है जो आपके चिकित्सीय व्ययों को कवर करता है। स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी एक बीमाकर्ता तथा व्यक्ति/समूह के बीच एक संविदा होती है जिसमें बीमाकर्ता, एक निर्धारित 'प्रीमियम' पर विनिर्दिष्ट स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान करने के लिए सहमत होता है।
भारत में सबसे सामान्य प्रकार की स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियाँ, अस्पताल में भर्ती होने के खर्चों को कवर करती हैं जबकि अब तो अनेक किस्म के उत्पाद उपलब्ध हैं जो बीमित की ज़रूरत और पसंद के आधार पर स्वास्थ्य कवर्स की पूरी श्रेणी प्रदान करता है। स्वास्थ्य बीमाकर्ता या तो अस्पताल को सीधे भुगतान (नकदी रहित सुविधा) की सुविधा दी जाती है या बीमारियों और चोटों से संबंधित व्ययों की प्रतिपूर्ति की जाती है या कोई बीमारी हो जाने पर एक नियत लाभ (राशि) की प्रतिपूर्ति करता है। स्वास्थ्य बीमा योजना में कवर की जाने वाली स्वास्थ्य देखभाल लागतों के प्रकार और मात्रा को पहले से विनिर्दिष्ट कर दिया जाता है।
हम सभी को अपने और अपने परिवार के सभी सदस्यों के लिए जरूरतों के अनुसार स्वास्थ्य बीमा अवश्य खरीदना चाहिए। स्वास्थ्य बीमा खरीदने से हमें अस्पताल में भर्ती होने (या अन्य कवर की गई स्वास्थ्य घटनाओं, जैसे कि गंभीर बीमारी) की अचानक, अनपेक्षित लागतों से सुरक्षा मिलती है जो अन्यथा घरेलू बचत पर बड़ा गंभीर असर डाल सकती हैं या ऋणग्रस्त भी कर सकती हैं। हममें से हर कोई स्वास्थ्य जोखिमों के प्रति संवेदनशील है और चिकित्सा आपातस्थिति हममें से किसी पर भी बिना किसी पूर्व चेतावनी के आ सकती है। तकनीकी उन्नति, नई प्रक्रियाओं तथा अधिक कारगर दवाओं के साथ स्वास्थ्यसेवाएँ दिनोंदिन महंगी होती जा रही हैं, ये कारण स्वास्थ्य सेवा को महंगा बनाते हैं। जहाँ उपचारों के ये ऊँचे खर्चे, अनेक लोगों की पहुंच से बाहर हो सकते हैं, वहीं स्वास्थ्य बीमा की सुरक्षा लेना कहीं ज़्यादा किफायती है।
स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियाँ, सूक्ष्म-बीमा पॉलिसियों के अंतर्गत रू. 5000 की बीमित राशि से लेकर कुछ क्रिटिकल इलनेस योजनाओं में रू. 50 लाख या अधिक की बीमित राशि के साथ उपलब्ध हैं। अधिकांश बीमाकर्ता, 1 लाख से लेकर 5 लाख रूपए तक की बीमित राशि वाली पॉलिसियाँ प्रस्तावित करते हैं। चूंकि अस्पताल में बीमाकर्ता द्वारा देय कमरों के किराए और अन्य खर्चे अब बीमित राशि के साथ विकल्प के रूप में जोड़े जाने लगे हैं, ऐसे में यह सलाह दी जा सकती है कि शुरूआती उम्र से ही पर्याप्त कवर लेना अधिक ठीक रहेगा, विशेषकर इसलिए क्योंकि कोई दावा उत्पन्न होने के बाद बीमित राशि बढ़ाना आसान नहीं होता है। साथ ही, जहाँ अधिकांश गैर-जीवन बीमा कंपनियाँ एक वर्ष की अवधि के लिए स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियाँ प्रस्तावित करती हैं, वहीं ऐसी पॉलिसियाँ भी हैं जो दो, तीन, चार और पांच वर्षों के लिए जारी की जाती हैं। जीवन बीमा कंपनियों की ऐसी योजनाएँ भी हैं जिनकी अवधि बढ़ाई जा सकती है। हॉस्पिटलाइजेशन पॉलिसी में पॉलिसी अवधि के दौरान अस्पताल में भर्ती होकर उपचार कराने की वास्तविक लागत को पूर्ण या आंशिक रूप से कवर किया जाता है। यह कवरेज का व्यापक रूप है जो अस्पताल में भर्ती होने के दौरान होने वाले विविध खर्चों पर लागू है, और जिसमें अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद की एक निश्चित अवधि तक किए जाने वाले खर्चे भी शामिल हैं। ऐसी पॉलिसियाँ व्यक्तिगत बीमित राशि के आधार पर या फैमिली फ्लोटर आधार पर उपलब्ध होती हैं, जिसमें बीमित राशि परिवार के सभी सदस्यों पर बंटी होती है। हॉस्पिटल डेली कैश बेनिफिट पॉलिसी एक अन्य प्रकार का उत्पाद है, जो अस्पताल में भर्ती होने के दौरान प्रत्येक दिन के लिए निर्धारित बीमित राशि प्रदान करती है। आईसीयू में भर्ती होने या विनिर्दिष्ट बीमारियों या चोटों के मामले में उच्चतर दैनिक लाभ हेतु कवरेज भी दिए जा सकते हैं। क्रिटिकल इलनेस बेनिफिट पॉलिसी में बीमित व्यक्ति को किसी विनिर्दिष्ट बीमारी का निदान पाए जाने पर या कोई विशेष प्रक्रिया कराने पर उसे एक निर्धारित एकमुश्त राशि दी जाती है। यह राशि किसी गंभीर बीमारी के कारण पड़ने वाले विविध प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष आर्थिक प्रभावों को कम करने में सहायक होती है। प्रायः एक बार इस एकमुश्त राशि का भुगतान कर दिए जाने पर योजना प्रभावी नहीं रह जाती है। अन्य प्रकार के उत्पाद भी हैं जिनमें कोई विशिष्ट सर्जरी कराने पर एकमुश्त भुगतान किया जाता है (सर्जिकल कैश बेनिफिट) तथा कुछ दूसरे उत्पाद हैं जो विनिर्दिष्ट लक्षित वर्ग जैसे कि वरिष्ठ नागरिकों की जरूरतें पूरी करते हैं।
बीमा कंपनियों ने देश में अनेक अस्पतालों से करार करके उन्हें अपने नेटवर्क में शामिल किया हुआ है। नकदी रहित सुविधा प्रस्तावित करने वाली स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के तहत पॉलिसी धारक इस नेटवर्क में शामिल किसी अस्पताल में उपचार कराता है तो उसे अस्पताल के बिलों का भुगतान नकद नहीं करना पड़ता क्योंकि अस्पताल को भुगतान बीमा कंपनी की ओर से तृतीय पार्टी प्रशासक द्वारा किया जाता है। हालांकि बीमा कंपनी द्वारा अनुमत सीमाओं या उप-सीमाओं से अधिक व्ययों, या पॉलिसी के अंतर्गत कवर न किए गए प्रकार के व्ययों का भुगतान बीमित व्यक्ति द्वारा सीधे अस्पताल को करना होता है। हालांकि यदि आप नेटवर्क के बाहर के किसी अस्पताल में उपचार कराते हैं तो नकदी रहित सुविधा का लाभ नहीं प्राप्त होता है।
स्वास्थ्य बीमा के साथ अतिरिक्त प्रोत्साहन के रूप में आकर्षक कर लाभ मिलते हैं। आयकर अधिनियम की एक विशेष धारा 80 डी है जो स्वास्थ्य बीमा हेतु कर लाभ प्रदान करती है और यह धारा 80सी से हटकर है जो कि जीवन बीमा पर लागू है और कुछ अन्य प्रकार के निवेशों/खर्चों पर भी छूट दी जाती है। वर्तमान में स्वास्थ्य बीमा के ऐसे ग्राहक जिन्होंने नकद के अलावा किसी अन्य भुगतान प्रकार द्वारा पॉलिसी खरीदी है, वे अपने, पति/पत्नी और आश्रित बच्चों के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के भुगतान की मद में अपनी कर योग्य आय से वार्षिक रू. 15,000 की कटौती कर सकते हैं। वरिष्ठ नागरिकों के लिए, यह कटौती अधिक है जो कि रू. 20,000 है। इसके अलावा, वित्तीय वर्ष 2008-09 से अतिरिक्त रू. 15,000 का भुगतान भी कर छूट के दायरे में आता है जिसका भुगतान स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के रूप में अभिभावकों की ओर से किया गया हो, और यदि अभिभावक वरिष्ठ नागरिक हैं तो उनके लिए यह कटौतीयोग्य राशि रू. 20,000 है।
आयु एक प्रमुख कारक है जिसके आधार पर प्रीमियम का निर्धारण किया जाता है। आपकी आयु जितनी ही अधिक होगी, प्रीमियम की लागत भी उतनी ही ऊँची होगी क्योंकि आप उतना ही अधिक बीमारियों के प्रति असुरक्षित होते हैं। पूर्व चिकित्सीय इतिहास, प्रीमियम निर्धारित करने वाला एक अन्य कारक है। यदि कोई पूर्व चिकित्सीय इतिहास नहीं है, तो प्रीमियम स्वतः कम होगा। दावा रहित वर्ष भी प्रीमियम का निर्धारण करने वाला एक प्रमुख कारक हैं क्योंकि इससे आपको कुछ निश्चित प्रतिशत तक की छूट मिल सकती है। इससे आपको अपने प्रीमियम स्वतः घटाने में सहायता मिलेगी।
आपको विवरण/पॉलिसी अवश्य पढ़ना तथा यह समझ लेना चाहिए कि इसमें क्या-क्या कवर नहीं किया गया है। सामान्यतः पहले से मौजूद रोग (पहले से उपस्थित रोग क्या होता है, इसे समझने के लिए पॉलिसी पढ़ें) स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के अंतर्गत अपवर्जित रखे जाते हैं। इसके अलावा, कवरेज के प्रथम वर्ष के दौरान कुछ निश्चित रोगों को भी अपवर्जित रखा जाता है और एक प्रतीक्षा अवधि लागू की जाती है। कुछ निश्चित मानक अपवर्जन भी हैं जैसे कि चश्मे, कांटेक्ट लेंस और श्रवण यंत्रों (हियरिंग ऐड्‌स) की कीमतों को कवर नहीं किया जाता है, दांतों का उपचार/सर्जरी (यदि अस्पताल में भर्ती न होना पड़े) को कवर नहीं किया जाता है, स्वास्थ्यलाभ, सामान्य अक्षमता, जननांगों के वाह्य विकार, यौन रोग, जानबूझ कर स्वयं को पहुंचाई गई चोट, मादक औषधियों/ऐल्कोहॉल का उपयोग, एड्‌स, निदान, एक्स-रे या प्रयोगशाला परीक्षणों पर किए गए ऐसे खर्चे जो अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता वाले रोग के संगत न हों, गर्भावस्था या प्रसव एवं सीजेरियन ऑपरेशन, नेचुरोपैथी उपचार आदि से संबंधित खर्चों को कवर नहीं किया जाता है।
हाँ, जब आप नई पॉलिसी प्राप्त करते हैं, तो सामान्यतः 30 दिनों की प्रतीक्षा अवधि होती है जो पॉलिसी आरम्भ की तिथि से लागू होती है और इस अवधि के दौरान अस्पताल में भर्ती होने संबंधी किसी खर्चे का भुगतान बीमा कंपनी द्वारा नहीं किया जाता है। हालांकि किसी दुर्घटना के कारण आपातस्थिति में अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आने पर यह प्रावधान लागू नहीं होता। नवीनीकरण के पश्चात बाद की पॉलिसियों पर यह प्रतीक्षा अवधि लागू नहीं होती।
यह ऐसी चिकित्सीय स्थिति होती है जो आपमें स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी लेने से पहले मौजूद हो सकती है और यह महत्त्वपूर्ण है क्योंकि बीमा कंपनियाँ ऐसी पूर्व-उपस्थित स्थिति को पहली पॉलिसी के पूर्व 48 महीनों तक कवर नहीं करतीं। इसका अर्थ है कि निरंतर बीमा कवर के 48 महीने पूरे होने के बाद ही पूर्व-उपस्थित दशाओं के लिए भुगतान हेतु विचार किया जाता है।
यदि पॉलिसी समाप्ति के 15 दिनों के अंदर (इसे ग्रेस पीरियड कहते हैं) आप द्वारा प्रीमियम का भुगतान कर दिया जाता है तो पॉलिसी नवीकरणीय होगी। हालांकि उस अवधि तक कवरेज लागू नहीं होगी जब तक बीमा कंपनी द्वारा प्रीमियम प्राप्त नहीं कर लिया जाता। ग्रेस अवधि के अंदर प्रीमियम का भुगतान न किए जाने पर पॉलिसी व्यपगत (लैप्स) हो जाएगी।
हाँ, बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आई.आर.डी.ए.) ने एक परिपत्र जारी किया है जो 1 अक्टूबर, 2011 से प्रभावी है और यह बीमा कंपनियों को निर्देशित करता है कि वे एक बीमा कंपनी से अन्य और एक योजना से अन्य में बीमित को पूर्व-उपस्थित दशाओं के नवीनीकरण लाभों की समाप्ति बिना स्थानांतरित करने की अनुमति प्रदान करें, जो लाभ उसे पूर्व पॉलिसी में मिलते रहे हों। हालांकि यह लाभ पिछली पॉलिसी के अंतर्गत बीमित राशि (बोनस सहित) तक ही सीमित होगा। विवरणों के लिए आप अपनी बीमा कंपनी से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
कोई दावा प्रस्तुत किए जाने और निपटान हो जाने के बाद पॉलिसी कवरेज उस राशि तक घटा दिया जाता है जिसका भुगतान निपटान पर किया गया हो। उदाहरण के लिए, माना कि जनवरी में आपने रू. 5 लाख वार्षिक कवरेज के साथ एक पॉलिसी शुरू की, और अप्रैल में आपने रू. 2 लाख का दावा किया। अब मई से दिसम्बर तक आपके लिए शेष रू. 3 लाख की कवरेज उपलब्ध रहेगी।
'कोई एक बीमारी' का अर्थ बीमारी की निरन्तर अवधि से है, जिसमें निश्चित दिनों के अंदर पुनः उभरना शामिल है। प्रायः यह अवधि 45 दिन की रहती है।
पॉलिसी अवधि के दौरान कितनी भी संख्या में दावे अनुमत हो सकते हैं यदि किसी पॉलिसी में कोई निर्दिष्ट उपरिसीमा नियत नहीं की गई है। हालांकि बीमा राशि, पॉलिसी के अंतर्गत अधिकतम सीमा होती है।
कुछ स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियाँ कुछ वर्षों में एक बार सामान्य स्वास्थ्य जाँच के लिए निर्दिष्ट खर्चों का भुगतान करती हैं। सामान्यतः यह चार वर्ष में एक बार किया जाता है।
फैमिली फ्लोटर एक एकल पॉलिसी होती है जिसमें आपके पूरे परिवार के अस्पताल में भर्ती होने संबंधी खर्चों को कवर किया जाता है। इस पॉलिसी में एकल बीमा राशि होती है जिसका उपयोग किसी भी अनुपात या राशि तक परिवार के किसी/सभी सदस्यों द्वारा किया जा सकता है जो पॉलिसी बीमा राशि की अधिकतम समग्र सीमा के विषयाधीन है। अलग-अलग व्यक्तिगत पॉलिसियाँ लेने के बजाय फैमिली फ्लोटर योजना लेना प्रायः बेहतर रहता है। फैमिली फ्लोटर योजनाएँ, आकस्मिक बीमारी, सर्जरी और दुर्घटनाओं आदि के कारण उत्पन्न होने वाले सभी चिकित्सीय खर्चों को कवर करती हैं।

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