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Title: परिपत्र
Reference No.: आईआरडीए/एसट/सीआईआर/एसएलएम/217/08/2021
Date: 04/08/2021
फसल बीमा व्यापार के लिए शोधन क्षमता मार्जिन

परिपत्र सं.आईआरडीए/एसीटी/सीआईआर/एसएलएम/217/08/2021                                                                       दिनांक : 03 अगस्त, 2021

Cir No. IRDA/ACT/CIR/SLM/217/08/2021                                                                                        Date: 3rd August, 2021

प्रति / To,

सभी गैर-जीवन बीमा कंपनियों और विदेशी पुनर्बीमा शाखा कार्यालयों सहित पंजीकृत भारतीय पुनर्बीमाकर्ताओं के मुख्य कार्यकारी अधिकारी/अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक

CEOs/CMDs of all Non-Life Insurance Companies 
and Registered Indian Reinsurers including Foreign Reinsurance Branch offices

विषय:फसल बीमा व्यापार के लिए शोधन क्षमता मार्जिन

Sub: Solvency Margin for Crop Insurance Business

1.         यह परिपत्र, बीमा अधिनियम, 1938 के अनुच्छेद 34(1) के साथ पठित आईआरडीए अधिनियम, 1999 के अनुच्छेद 14(2) (ई) के अंतर्गत निहित शक्ति के अनुसार जारी किया गया है।

This circular is issued in accordance with the power vested under Section 14(2)(e) of the IRDA Act, 1999 read with Section 34(1) of the Insurance Act, 1938.

  1. परिपत्र सं. आईआरडीए/एसीटी/सीआईआर/एसएलएम/066/03/2017 दिनांकित 28 मार्च, 2017 की ओर ध्यान आकर्षित किया जाता है।

Reference is drawn to the Circular No. IRDA/ACT/CIR/SLM/066/03/2017 dated 28th March, 2017.

3.       परिच्छेद 6.1.1 के प्रावधान को निम्न प्रकार संशोधित किया जाता है:

          The provision of Para-6.1.1 is revised as under:

3.1      वित्तीय वर्ष 2021-22 की सभी तिमाहियों के लिए राज्य/केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं से संबंधित प्राप्य प्रीमियम जो 270 दिनों की अवधि के भीतर प्राप्त नहीं हुई है, उसका मान शून्य रखा जाना चाहिए।

Premium receivables related to State / Central Government sponsored schemes for all quarters of the FY 2021-22 to the extent that they are not realized within a period of 270 days should be placed with value zero.

 

4.     परिच्छेद 6.2, परिच्छेद 6.3 और परिच्छेद 6.3.1 के प्रावधान एक और वित्तीय वर्ष के लिए अर्थात् 1 अप्रैल, 2021 से 31 मार्च, 2022 तक की अवधि के लिए प्रभावी रहेंगे और स्थिति की तदनुसार समीक्षा की जाएगी।

The provisions of Para-6.2, Para-6.3 and Para-6.3.1 shall remain effective for one more financial year, that is, for the period from 1st April, 2021 up to 31st March, 2022 and the situation will be reviewed accordingly.

5.      बीमाकर्ता, केंद्र और राज्य सरकारों के साथ प्रीमियम के उनके हिस्से को जारी करने के लिए अनुवर्ती कार्रवाई जारी रखें।

Insurers to continue follow-up with the Central and State Governments for release of their share of premium.

6.         यह परिपत्र 1 अप्रैल, 2021 से प्रभावी होता है।

This Circular comes into force with effect from 1st April, 2021.

हस्ताक्षरित / Sd /-

(पी के अरोड़ा / P K Arora)

सदस्य (बीमांकक) / Member (Actuary)

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    Solvency Margin for Crop Insurance Business2021-08-04.pdf

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