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Title: आदेश
Reference No.: आईआरडीएआई/एनएल/ओआरडी/विविध/21/01/2021
Date: 29/01/2021
मेसर्स गो डिजिट जनरल इंशयोरेंस लि. के मामले में आदेश

संदर्भःसं.: आईआरडीएआई/एनएल/ओआरडी/विविध/21/01/2021 दिनांकः 29-01-2021

 

मेसर्सगो डिजिट जनरलइंशयोरेंस लि.के मामले मेंआदेश

 

निम्नलिखितके आधार पर

(i)           भारतीयबीमाविनियामक औरविकासप्राधिकरण (इसआदेश में इसकेबाद प्राधिकरणअथवा आईआरडीएआई के रूप मेंउल्लिखित)द्वारा 24 सितंबर2018 से 26 सितंबर 2018तक संचालितआन-साइट निरीक्षणके संबंध मेंकारण बताओनोटिस (इसआदेश में इसकेबाद एससीएन के रूप मेंउल्लिखित)संदर्भ सं.आईआरडीएआई/एनएल/गोडिजिट/एससीएन/214/2020-21 दिनांक 5अक्तूबर 2020.

(ii)          उपर्युक्तएससीएन के लिएमेसर्स गोडिजिट जनरलइंश्यरेंस लि.(इस आदेश मेंइसके बाद गो डिजिट” अथवा “बीमाकर्ता के रूप मेंउल्लिखित) काउत्तर दिनांक6 नवंबर 2020.

(iii)        प्राधिकरणके अध्यक्षद्वाराप्रदत्त 17दिसंबर 2020 कोअपराह्न 12.00 बजेवीडियोकान्फ्रेन्सके माध्यम सेआयोजितवैयक्तिकसुनवाई केदौरान गोडिजिट द्वाराकिये गयेप्रस्तुतीकरण।

 

पृष्ठभूमिः

1.   आईआरडीएआईने 24 सितंबर 2020से 26 सितंबर 2018तक मेसर्स गोडिजिट जनरलइंश्योरेंसलि. का आनसाइटनिरीक्षणसंचालित कियाथा। निरीक्षणकी रिपोर्ट सेअन्य बातों केसाथ-साथप्राधिकरणद्वाराआईआरडीए/आईएनटी/जीडीएल/विविध/202/08/ 2017दिनांक 31अगस्त 2017 केअनुसार जारीकिये गये मोटरबीमा सेवाप्रदातासंबंधीदिशानिर्देशों(इस आदेश मेंइसके बादएमआईएसपीजीके रूप मेंउल्लिखित) तथाउसके अधीनजारी किये गयेपरिपत्रों केउपबंधों, बीमाअधिनियम, 1938 केउपबंधों, उसकेअधीन जारीकिये गयेविनियमों औरदिशानिर्देशोंके उपबंधों केकुछ उल्लंघनविदित हुए।

2.   उक्तनिरीक्षणरिपोर्ट की एकप्रति गोडिजिट को उनकेउत्तर की माँगकरते हुए 21जनवरी 2019 को प्रेषितकी गई।बीमाकर्ताद्वारा उनकेउत्तर दिनांक11 फरवरी 2019 केद्वारा कियेगयेप्रस्तुतीकरणोंकी जाँच करनेके बाद एससीएनदिनांक 5अक्तूबर 2020 कोजारी कियागया।बीमाकर्ता नेपत्र दिनांक 6नवंबर 2020 केद्वारा उत्तरदिया। उनकेअनुरोध केअनुसारबीमाकर्ता को17 दिसंबर 2020 कोवैयक्तिकसुनवाई काअवसर प्रदान कियागया।

3.   श्रीविजय कुमार,मुख्यकार्यकारीअधिकारी औरप्रधानअधिकारी, श्रीसमीर बख्शी,निदेशक, श्रीआदर्शअग्रवाल,नियुक्तबीमांकक औरश्रीमतीरसिका कुबेर,प्रमुख, विधिऔर अनुपालन गोडिजिट की ओरसे उक्तवैयक्तिकसुनवाई मेंउपस्थित थे।प्राधिकरण काप्रतिनिधित्वश्रीमतीयज्ञप्रयाभरत, मुख्यमहाप्रबंधक,गैर-जीवनविभाग, श्रीरणदीप सिंहजगपाल, मुख्यमहाप्रबंधक,मध्यवर्तीविभाग,श्रीमती अनिताजोस्युला,महाप्रबंधक,गैर-जीवनविभाग, श्रीराहुल कुमारअग्रवाल,प्रबंधक,गैर-जीवन विभाग,और श्री ए.रामसुधीर,प्रबंधक, गैर-जीवनविभाग द्वाराकिया गया।

4.   गोडिजिट द्वाराअपने पत्रदिनांक 6नवंबर 2020 में और17 दिसंबर 2020 कोवैयक्तिकसुनवाई केदौरान कियेगये प्रस्तुतीकरणोंपरसावधानीपूर्वकविचार कियागया। विवरणनिम्नानुसारहैः

5.   आरोपसं. 1

बीमाअधिनियम, 1938 कीधारा 64वीबी (2) और(4) तथाएमआईएसपीजीके अध्याय Vके पैरा 6एवं कारपोरेटअभिशासनसंबंधीदिशानिर्देशोंके पैरा 6 काउल्लंघन – बीमाकर्ताने यहसुनिश्चितनहीं किया किजोखिम कानिर्धारणप्रीमियम कीप्राप्ति केबाद किया जाएतथा एमआईएसपीप्रीमियमउसकी वसूली सेचौबीस घंटे केअंदर जमा करे।

कुलसैंतीस नमूनाउदाहरणों मेंसे निम्नलिखितपाँचउदाहरणों मेंयह पाया गयाकि जोखिमप्रारंभ होनेकी तारीख लिखतकी तारीख औरप्रीमियमप्राप्ति कीतारीख से पहलेकी है।

क्रम सं.

पालिसी संख्या

भुगतान विधि

राशि

लिखत सं.

लिखत की तारीख

बीमाकर्ता द्वारा लिखत प्राप्त करने की तारीख

पालिसी जोखिम प्रारंभ होने की तारीख

1

डी000044520

चेक

27347

438676

6-फर-18

6-फर-18

5-फर-18

2

डी000145864

चेक

5862

486755

20-मार्च-18

20-मार्च-18

19-मार्च-18

3

डी000432878

चेक

46079

709732

30-मई-18

30-मई-18

28-मई-18

4

डी000461885

चेक

15838

796132

7-जून-18

8-जून-18

6-जून-18

5

डी000473471

चेक

13333

099627

11-जून-18

12-जून-18

8-जून-18

इसकेअलावा,निम्नलिखितउदाहरण मेंप्राप्ति कीतारीख लिखत कीतारीख से नौदिन बाद की औरजोखिमप्रारंभ होनेकी तारीख से 7दिन पहले कीहै।

क्रम सं.

पालिसी संख्या

भुगतान विधि

राशि

लिखत सं.

लिखत की तारीख

बीमाकर्ता द्वारा लिखत प्राप्त करने की तारीख

पालिसी जोखिम प्रारंभ होने की तारीख

1

डी000375033

चेक

4618

422197

15-मई-18

24-मई-18

17-मई-18

प्रीमियमकी प्राप्तिमें विलंबनिर्दिष्ट करताहै कि एमआईएसपीने बीमाकर्ताको प्रीमियमका विप्रेषणचौबीस घंटे कीअवधि में नहींकिया है।

 

6.   प्रस्तुतीकरणोंका सारांश

बीमाकर्तानेप्रस्तुतीकरणकिया कि उसकीप्रणाली कुछपालिसियों केलिएत्रुटिपूर्णढंग से भावनिर्माण (कोटक्रियेशन) कीतारीख को जोखिमप्रारंभ होनेकी तारीख केरूप में दर्जकर रही थीजहाँप्रीमियम काभुगतान चेक केद्वारा कियागया था।

एमआईएसपीद्वाराप्रीमियम केविप्रेषण मेंविलंब केसंबंध मेंबीमाकर्ता नेकहा है किएमआईएसपी चेकदिनांक 15 मई 2018, 17मई 2018 कोप्राप्तकिया। भाव(कोट) 17 मई 2018 कोउत्पन्न कियागया। ग्राहकने उसी तारीखपर पते कोअपडेट करने केलिए अनुरोधकिया है,परंतु वहतकनीकी समस्याके कारण नहींकिया जा सका।इस समस्या कासमाधान 24 मई 2018 कोकिया गया। 17 मई2018 की जोखिम केप्रारंभ कीतारीख के साथपालिसी 24 मई 2018को जारी कीगई।

बीमाकर्ताने यह भीप्रस्तुतीकरणकिया है कि उन्होंनेप्रणाली मेंविद्यमानत्रुटियाँ बादमें माहदिसंबर 2018 मेंसुधार लीं।

 

7.   आरोपसं. 1 पर निर्णय

बीमाकर्ताने कहा है किभाव निर्माणकी तारीख कोप्रणाली मेंप्रणालीगतत्रुटि केकारण पालिसीप्रारंभ कीतारीख के रूपमें ग्रहणकिया गया हैतथाप्रणालीगतत्रुटि को बादमें सुधारलिया गया है।दूसरी सारणीमें पालिसी केलिएस्पष्टीकरणस्वीकार करनेयोग्य है।तथापि,बीमाकर्ताद्वाराप्रस्तुत कीगई पालिसी प्रतियोंसे यह पायागया है किप्रश्नगतपहली सारणीमें दर्शाई गईनमूनापालिसियों केलिए पालिसी केप्रारंभ होनेकी तारीखेंवही हैं जो उपर्युक्तसारणी मेंउल्लिखितहैं। उक्तसारणी मेंउल्लिखित सभी5 पालिसियोंके मामले मेंजोखिमप्रारंभ होनेकी तारीख चेकके अग्रभागमें दर्ज कीगई तारीख सेपहले की तारीखके रूप मेंदर्शाई गई है।बीमाकर्ता नेयह दर्शाने केलिए कोई सबूतउपलब्ध नहींकराया है कि प्रणालीमें विद्यमानत्रुटियों कोसुधार#2352;ा गया हैअथवापालिसीधारकको किसीपृष्ठांकन केमाध्यम सेजोखिम केप्रारंभ होनेकी तारीख कोआशोधित कियागया है।बीमाकर्ता नेइन पालिसियोंकोत्रुटिपूर्णढंग सेप्रचलित होनेदिया है तथावस्तुतः यहपर्याप्तनियंत्रण कार्योंके अभाव कोदर्शाता है।

 

एमआईएसपीद्वाराप्रीमियम केविप्रेषण में विलंबके संबंध मेंबीमाकर्ता केप्रस्तुतीकरणपर ध्यान दियागया है।बीमाकर्ता कोइसके द्वाराएमआईएसपीजीके अध्याय Vके पैरा 6 का अत्यंत सावधानीपूर्वकअनुपालनसुनिश्चितकरने के लिएसूचित किया जाताहै।

 

कारपोरेटअभिशासनसंबंधीदिशानिर्देशोंके पैरा 6 केसंबंध में उपर्युक्त6 उदाहरणोंमें पाये गयेउल्लंघनों कोदेखते हुए,प्राधिकरणबीमा अधिनियम,1938 की धारा 102(बी)के अंतर्गतनिहितशक्तियों काप्रयोग करतेहुए रु. 5 लाख(केवल पाँचलाख रुपये) काअर्थदंडलगाता है।

 

8.    आरोपसं. 2

आईआरडीए(भारतीय बीमाकंपनियों कापंजीकरण) विनियम,2000 के पैरा 23;आईआरडीएआई(बीमा सर्वेक्षकऔर हानि निर्धारक)विनियम, 2015 के पैरा 16 तथाएमआईएसपीदिशानिर्देशोंके पैरा 14(डी) काउल्लंघन – बीमाकर्तामोटर बीमादावों केप्रसंस्करण सेसंबंधित मानकपरिचालनप्रक्रिया(एसओपी) मेंविद्यमानखंडों / शर्तोंका प्रयोग कर रहाहै जो पालिसीधारकोंके हितों केविरुद्ध हैं।साथ ही,बीमाकर्ता नेपालिसीधारकको हानि काप्रारंभिकनिर्धारणअथवा अंतिमनिपटान पत्रनहीं भेजा है।

 

दावों केनिपटान कीमानक परिचालनप्रक्रिया (एसओपी)केनिम्नलिखितखंड /शर्तेंपालिसीधारकोंके हितों केलिए हानिकारकपाई गई हैं :

i.             सर्वेक्षककोप्रोत्साहितकरना औरप्रोत्साहितन करना दावाविश्लेषकद्वारा दियेगये वाहनमरम्मत आदेश(वीआरओ) -बेंचमार्क सेअधिक या कमसर्वेक्षकद्वारासमझौता की गईराशि परआधारित है।

ii.            बीमाकर्ताकरों के बिनादावा राशि(अर्थात्देयता का 80%)की अनुमतिदे रहा है, यदिग्राहक अपनीपसंद के गराजमेंक्षतिग्रस्तवाहन कीमरम्मत करवानेका चयन करताहै। ग्राहक कोअपने वाहन कीमरम्मतकरवाने औरमरम्मत काअंतिम बिलप्रस्तुत करनेके लिए 15 दिन कासमय दिया जाताहै। कोई उत्तरप्राप्त नहोने कीस्थिति मेंधनवापसी केबिना पालिसीके ओडी खंड कोनिरस्त करनेकी नोटिस केसाथ एकस्मरण-पत्रभेजा जाता है।

 

साथही, तीन नमूनामामलों में यहदेखा गया है किबीमाकर्तादावों केप्रारंभिकनिर्धारण औरअंतिम भुगतानराशि के संबंधमें ग्राहक कोसूचना नहींभेज रहा हैतथा दावे कीप्राप्ति औरवाहन केस्वयं-सर्वेक्षणकी पुष्टि केबारे मेंएसएमएस भेजा जाता है। इसकेअलावा, बीमाकर्तादावे केनिपटान के समयपालिसीधारकको अंतिमनिपटान पत्रनहीं दे रहाहै।

 

9.   प्रस्तुतीकरणोंका सारांश

 

सर्वेक्षककोप्रोत्साहितकरने अथवाप्रोत्साहितन करने कोसंबद्ध करनेके संबंध मेंबीमाकर्ता नेप्रस्तुतीकरणकिया है किएसओपी मेंसुझाया गयाखंड ऐसा है किग्राहक के हितको जोखिम मेंनहीं डाला जाएतथा समझौतागराज और बीमाकंपनी के बीचमें हो।

 

दावाराशि कीअनुमति करोंके बिना देनेकी प्रथा केसंबंध मेंबीमाकर्ता नेउत्तर दिया हैकिक्षतिग्रस्तवाहन कीमरम्मत करनेसे पहले दावादेयता काभुगतान एकविकल्प हैजिसका प्रयोगग्राहकवास्तविकमरम्मत करनेसे पहले दावेके प्रत्यक्षनिपटान के लिएकर सकता है। दावेकी घटना / स्थितिको बंद करने केलिए तथा किसी भीकदाचार से बचनेके लिए बीमाकर्ताग्राहक से मरम्मतका अंतिम बीजकप्रस्तुत करनेकी अपेक्षा करताहै।

 

बीमाकर्ताने आगेप्रस्तुतीकरणकिया है कि उपर्युक्तदोनों खंडएसओपी से माहअक्तूबर 2019 मेंहटाये गयेहैं।

 

ग्राहकको दावे सेसंबंधितसूचना भेजनेपर टिप्पणी केसंबंध मेंबीमाकर्ता नेकहा है कि दावेकीयात्रा-प्रक्रियामें प्रत्येकस्तर पर वेग्राहकों कोदावे के संबंधमें नियमितअद्यतन सूचनाउपलब्ध करातेहैं।बीमाकर्ता नेइलेक्ट्रानिकरूप सेपालिसीधारकोंको उनकेद्वारा भेजीगई सूचना केस्क्रीनशाटप्रस्तुतकिये हैं।

 

10. आरोपसं. 2 पर निर्णय

दावेदारके साथ समझौताकिये गये रूपमें सहमत राशिके आधार परसर्वेक्षक कोप्रोत्साहनका भुगतानसर्वेक्षक केनिर्णय मेंपक्षपात कानिर्माण करसकता है। सर्वेक्षकउच्चतरप्रोत्साहनअर्जित करनेके लिए वास्तविकक्षति कीतुलना में कमराशि के लिए हानियोंका निर्धारणकरने के लिएप्रवृत्त हो सकताहै। सर्वेक्षक,जिसे इस विषयमें विशेषज्ञ होनाचाहिए, सेप्रत्याशा कीजाती है कि वहहानियों काअनुमान सहीतौर पर औरव्यावसायिकरूप से उपलब्धकराए, न किबीमाकर्ताद्वारा दियेजानेवाले प्रोत्साहनोंके आधार पर।

 

साथही, जबग्राहक अपनेवाहन कीमरम्मतबीमाकर्ता द्वाराप्राधिकृतगराज कोछोड़कर किसीअन्य गराज मेंकरवाता है, तबदावा राशि को 80% तकसीमितकरनेवाला खंडपालिसीधारकोंको उपलब्धकराये गयेविकल्पों कोप्रतिबंधितकरनेवाला है,क्योंकि दावाकरते समयपालिसीधारक परउसे स्वीकारकरने का दबावहोगा।

 

तथापि,बीमाकर्ता केइसप्रस्तुतीकरणको अभिलेख मेंलेते हुए किअब तकबीमाकर्ता नेइन खंडों काप्रयोग नहींकिया है औरअक्तूबर 2019 मेंउपर्युक्तखंड उसके एसओपीसे हटाये गयेहैं एवं साथही,पालिसीधारकोंको भेजे गयेसूचना-पत्रोंके संबंध मेंबीमाकर्ताद्वाराप्रस्तुतकिये गयेस्क्रीनशाटोंको ध्यान मेंरखते हुए,बीमाकर्ता को इसकेद्वारा ऐसेकिसी खंड(खंडों), जोसंभावित रूपसेपालिसीधारकोंके हितों केलिए हानिकारकहों, को शामिलन करने के लिएसूचित कियाजाता है। साथही, बीमाकर्ताकोएमआईएसपीजीके पैरा 14(डी) कापालन करने केलिए सूचितकिया जाता है।

 

11. निर्णयोंका सारांशः

आरोप सं.

उपबंधों का उल्लंघन

निर्णय

1

कारपोरेट अभिशासन संबंधी दिशानिर्देशों के पैरा 6 का उल्लंघन – बीमाकर्ता ने यह सुनिश्चित नहीं किया है कि जोखिम का निर्धारण प्रीमियम प्राप्त होने के बाद किया जाए और एमआईएसपी प्रीमियम को उसकी वसूली से चौबीस घंटे के अंदर जमा करे।

रु. पाँच लाख का अर्थदंड और परामर्श

2

आईआरडीए (भारतीय बीमा कंपनयों का पंजीकरण) विनियम, 2000 के पैरा 23; आईआरडीएआई (बीमा सर्वेक्षक और हानि निर्धारक) विनियम, 2015 के विनियम 16 तथा एमआईएसपी दिशानिर्देश के पैरा 14(डी) का उल्लंघनबीमाकर्ता मोटर बीमा दावों के प्रसंस्करण से संबंधित मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) के ऐसे खंडों/ शर्तों का प्रयोग कर रहा है जो पालिसीधारकों के हितों के विपरीत हैं। साथ ही, बीमाकर्ता ने पालिसीधारक को हानि का प्रारंभिक निर्धारण अथवा अंतिम निपटान पत्र नहीं भेजा है।

 

 

 

 

परामर्श

12. रु.5 लाख (केवलपाँच लाखरुपये) केअर्थदंड कीराशि बीमाकर्ताद्वाराशेयरधारकोंके खाते मेंनामे डालकर इसआदेश कीप्राप्ति कीतारीख सेपैंतालीस दिनकी अवधि केअंदर एनईएफटी/आरटीजीएस केमाध्यम से (जिसके लिए विवरणअलग से सूचित कियाजाएगा) विप्रेषितकिया जाएगा। विप्रेषणकी सूचना श्रीमतीयज्ञप्रिया भरत,मुख्य महाप्रबंधक(गैर-जीवन)को भारतीय बीमाविनियामक और विकासप्राधिकरण,सर्वे सं. 115/1,फाइनैंशियलडिस्ट्रिक्ट,नानकरामगूडा,हैदराबाद 500 032,ई-मेल आईडी – ypriyab@irda.gov.in के पते परभेजी जाए।

13. इसकेअतिरिक्त,उक्त आदेशबीमाकर्ता केबोर्ड केसमक्ष आगामीबोर्ड बैठकमें प्रस्तुतकिया जाएगा औरबीमाकर्ताविचार-विमर्शके कार्यवृत्तकी एक प्रतिप्राधिकरण कोप्रस्तुत करेगा।

14. यदिबीमाकर्ता इसआदेश सेअसंतुष्ट है,तो बीमाअधिनियम, 1938 कीधारा 110 केउपबंधों केअनुसार प्रतिभूतिअपीलीयन्यायाधिकरण(एसएटी) को अपीलप्रस्तुत कीजा सकती है।

 

 

(डा.सुभाष सी.खुंटिआ)

अध्यक्ष

स्थानःहैदराबाद

दिनांकः29 जनवरी 2021

 

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