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Title: आदेश
Reference No.: आईआरडीएआई/एनएल/ओआरडी/विविध/148/06/2020
Date: 10/06/2020
मेसर्स फ्यूचर जनराली इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के मामले में आदेश

आदेश

 

संदर्भ सं.: आईआरडीएआई/एनएल/ओआरडी/विविध/148/06/2020 दिनांकः 10-06-2020

 

मेसर्सफ्यूचरजनरालीइंडियाइंश्योरेंस कंपनीलिमिटेड केमामले मेंआदेश

 

निम्नलिखितके आधार परः

(i)      शैक्षिकसंस्था केवाहनों केमोटर अन्यपक्ष बीमा पर नकदीवापसीप्रस्तावकरने के विषयमें प्राप्तशिकायत केसंबंध मेंभारतीय बीमाविनियामक औरविकासप्राधिकरण (प्राधिकरण” अथवा “आईआरडीएआई) द्वाराजारी किया गयाकारण बताओनोटिस (“एससीएन) संदर्भ सं.आईआरडीएआई/एनएल/एफजीआईआईसीएल/एससीएन/02/2019-20दिनांक 20 मई 2019.

(ii)     उपर्युक्तएससीएन के लिएमेसर्सफ्यूचरजनरालीइंडियाइंश्योरेंस कंपनीलि. (इस आदेशमें इसके बाद एफजीआईआईसीएल”/”बीमाकर्ता”/”कंपनी”के रूप मेंउल्लिखित) काउत्तर दिनांक18 जून 2019.

(iii)     हैदराबादस्थित अपनेकार्यालय मेंप्राधिकरण केअध्यक्षद्वाराप्रदत्त 7जनवरी 2020 को अपराह्न4.30 बजे आयोजितवैयक्तिकसुनवाई केदौरान एफजीआईआईसीएलद्वारा कियेगयेप्रस्तुतीकरण।

(iv)    वैयक्तिकसुनवाई के बादबीमाकर्ताद्वारा ई-मेलदिनांक 16मार्च 2020 केअनुसार कियेगये अतिरिक्तप्रस्तुतीकरण।

 

पृष्ठभूमिः

1. प्राधिकरणको फ्यूचरजनरालीइंडियाइंश्योरेंसकंपनी लि. केविरुद्ध यहआरोप लगातेहुए शिकायतप्राप्त हुईकिएफजीआईआईसीएलशैक्षिकसंस्था केवाहनों केमोटर अन्यपक्ष बीमा परनकदी वापसीप्रस्ताव कररही है। उक्तशिकायत की एकप्रतिबीमाकर्ता कोउनकीटिप्पणियोंके लिए भेजीगई।बीमाकर्ता नेउक्त शिकायतमें उनके विरुद्धकिये गयेआरोपों काखंडन किया तथाएफजीआईआईसीएलकी त्रिशूरशाखा द्वाराअप्रैल से मई 2018तक के दौरानशैक्षिकसंस्थाओं कीबसों को कवरकरने के लिएजारी की गईपालिसीअनुसूचियोंके साथ मोटरबीमापालिसियों कीसूचीप्रस्तुत की।

2. यद्यपिउक्त शिकायतमोटर अन्यपक्ष बीमा प्रीमियमपर नकदी वापसीप्रस्तावितकरने के संबंधमें थी, तथापि पालिसीविवरण की जाँचसे विदित हुआकि बीमाकर्ताने निजी क्षतिप्रीमियम परएक उच्च प्रतिशतकी छूट दी जोप्राधिकरण केपास उनकेद्वारा फाइलकी गई छूट / दरों केदायरे से बाहरहै।

3. उपर्युक्तको ध्यान मेंरखते हुए,एससीएन 20 मई 2019को जारी की गईजिसका उत्तरएफजीआईआईसीएलद्वारा पत्रदिनांक 18 जून 2019के अनुसारदिया गया। उसमेंएफजीआईआईसीएलद्वारा कियेगये अनुरोध केअनुसारबीमाकर्ता को वैयक्तिकसुनवाई काअवसर 7 जनवरी 2020को प्रदानकिया गया।

4. श्रीअनूप राववेलमूरि,प्रबंधनिदेशक एवं मुख्यकार्यकारीअधिकारी, श्रीश्रीराजदेशपांडे,मुख्यपरिचालनअधिकारी, श्रीप्रसाद कुलकर्णी,प्रमुख,जोखिम-अंकनएवं दावे,श्री प्रमोदशेलार, वीपीजोखिम-अंकन–मोटरएवं विविध,श्री जतीनअरोड़ा,नियुक्तबीमांकक, तथाश्री राजीवजोशी, मुख्यअनुपालनअधिकारीएफजीआईआईसीएलकी ओर से उक्तवैयक्तिकसुनवाई मेंउपस्थित थे।प्राधिकरण कीओर से श्रीश्यामाप्रसादचक्रवर्ती,महाप्रबंधक(बीमांकिक),श्री के.महीपाल रेड्डी,महाप्रबंधक(एनएल), तथाश्री प्रदीपकुमार सिंह,प्रबंधक(एनएल) भीउपस्थित रहे।

5. एफजीआईआईसीएलद्वारा अपनेपत्र दिनांक 18जून 2019 में और 7जनवरी 2020 कोवैयक्तिकसुनवाई केदौरान कियेगयेप्रस्तुतीकरणोंतथा उसके बादप्रस्तुत कीगई सूचना परप्राधिकरणद्वारा विचार कियागया एवं उसकेआधार पर उक्तआरोप के संबंधमें लिया गयानिर्णयनिम्नानुसारदिया जाता हैः

6. आरोपः

साधारणबीमाउत्पादों केलिए उत्पादफाइलिंगक्रियाविधियोंसंबंधीदिशानिर्देशदिनांक 18फरवरी 2016 (इसआदेश में इसकेबाद उक्तदिशानिर्देशके रूप मेंउल्लिखित) केपैरा 17(ख) केअनुसार, बीमाकर्तादरेंपूर्णतयाप्राधिकरण केपास फाइल कियेगये दायरे केअंदरबताएँगे। यहसुनिश्चितकिया जानाचाहिए कि कोईभी प्रीमियमकोटेशनप्राधिकरण केपास फाइल कियेगये दायरे सेबाहर नहींदिया जाए तथाऐसा कोई भीप्रीमियमकोटेशन नहींदिया जाएजिसकाअनुमोदननियुक्त बीमांककऔरजोखिम-अंकनकर्ताद्वारा नहींकिया गया हो।

 

इसकेअलावा, उक्तदिशानिर्देशोंके पैरा 21 के उपबंधोंके अनुसार, उनबीमाकर्ताओंके संबंध मेंजो प्राधिकरणके पास फाइलकिये गयेदायरे से बाहरप्रीमियम दरेंप्रस्तावितकरते हैं,फाइलिंग मेंविनिर्दिष्टनहीं किये गयेरूप मेंप्रीमियमोंमें छूटेंदेते हैं,प्रीमियम मेंछूट देने केलिए पीएमसी सेविशिष्टअनुमोदन केबिनाप्रीमियम मेंछूट देते हैंतथा कोईप्रीमियमप्रभारितकिये बिनाउत्पादों परवर्धित लाभदेते हैं, यहमाना जाएगा किउन्होंने इनदिशानिर्देशोंका उल्लंघनकिया है।”

 

इनदिशानिर्देशोंके किसी भीउपबंध काउल्लंघनकरनेवालाबीमाकर्ताबीमा अधिनियम,1938 तथा तदुपरांतकिये गयेसंशोधनों केउपबंधों के अनुसारउक्तदिशानिर्देशोंके पैरा 21 केअंतर्गतविनियामककार्रवाई केअधीन होगा।

 

7. बीमाकर्ताकेप्रस्तुतीकरणोंकी सारांश

7.1 बीमाकर्ताने अपने उत्तरदिनांक 18 जून 2019में प्रस्तुतीकरणकिया किउन्होंनेचोरी-निरोधी(ऐन्टी-थेफ्ट),सरल उपयोग अभिग्रहण(लाइट यूज़आक्युपेशन) औरबंद पार्किंगसे संबंधितछूटों केअतिरिक्त,संविभाग, बाजारप्रतिस्पर्धाके प्रतिछूटों कीअनुमति दी तथामुख्यजोखिम-अंकनअधिकारी केविवेकाधिकारका प्रयोगकरते हुए 10प्रतिशत छूटकी अनुमति दीथी। उक्तउत्तर के साथ प्रीमियमरेटिंग,छूटों, लोडिंगऔर अतिरिक्त छूटोंके संबंध मेंविनिर्दिष्टसूचकांक और मानदंडदर्शानेवालेमोटर उत्पादफाइलिंग केसंबंधित अंशकी प्रतिलिपिसंलग्न की गईथी।बीमाकर्ता नेस्पष्ट कियाकि मोटरउत्पादकीमत-निर्धारणबोर्ड द्वाराअनुमोदितजोखिम-अंकननीति एवंबाजार मेंप्रचलितप्रतिस्पर्धात्मककीमत-निर्धारणप्रथाओं केअनुरूप रहाहै।

7.2 कंपनी ने1 जनवरी 2008 सेप्रभावीपूर्व केसाधारण बीमाव्यवसाय के प्रशुल्क(टैरिफ)कीमत-निर्धारणपर नियंत्रणहटाने केसंदर्भ मेंअतिरिक्त 50 प्रतिशतछूट पर विचारकिया जहाँकंपनी के बोर्डद्वारा इसशर्त के साथअनुमोदितजोखिम-अंकननीति केअनुसारनिर्धारित दरअनुसूचियों औररेटिंग दिशानिर्देशोंके अनुसारदरें बताने केलिए बीमाकर्ताओंको अनुमति दीगई थी, किपरिचालन अनुपातसकल जोखिम-अंकनके आधार पर 100प्रतिशत सेअधिक नहींहोना चाहिए। बीमाकर्ताने कहा किआईआरडीएआईपरिपत्र सं. 048/आईआरडीए/डीटैरिफ/दिसं./2007दिनांक 18दिसंबर 2007 केबादप्राधिकरणद्वारा एकपरिपत्र जारीकिया गया था।

7.3 तथापि,एफजीआईआईसीएलने पुष्टि कीकि टैरिफिंगको हटाने केसमय मूल रूपसे फाइल कियेगये रूप मेंदर अनुसूची कासंशोधन उनकेद्वारा नहींकिया गया थाऔर साथ ही,फाइल एण्डयूज़ दिशानिर्देश,2006 के अंतर्गतउनकी फाइलिंगके अनुसार शर्तोंका भी संशोधननहीं किया गयाथा। इसके अलावा,बीमाकर्ता नेप्रस्तुतीकरणकिया कि कंपनीने अन्यउत्पादों केसाथ 10 सितंबर 2008को उक्त मोटरउत्पादकी पुनःफाइलिंग कीथी, जिसमेंपूर्व केप्रशुल्ककीमत-निर्धारणपर 50 प्रतिशतछूट के अलावा,छूटों केदायरे का उल्लेखकिया गया था।

7.4 एफसीआईआईसीएलने तर्क कियाकि उक्त आरोपमें उल्लिखितसाधारण बीमाउत्पादों केलिए उत्पादफाइलिंगक्रियाविधियोंसंबंधीदिशानिर्देशदिनांक 18फरवरी 2016 केपैराग्राफ 17(ख)को लागू करनेकी आवश्यकतानहीं हैक्योंकि वेपूर्व केएफएण्डयू दिशानिर्देशोंद्वारा की गईकार्रवाइयाँऔर निर्णय हैंजो 2016 केएफएण्डयूदिशानिर्देशोंद्वाराअमान्य नहीठहराये गयेहैं। उक्त पैरा21 कीप्रयोज्यताको 2006 केदिशानिर्देशोंके लिएपूर्वव्यापीप्रभाव सेउक्त दिशानिर्देशोंके अंतर्गतउल्लंघन केरूप में नहीं मानाजाए क्योंकिउस समय इसप्रकार का कोईसुस्पष्ट उपबंधविद्यमाननहीं है। बीमाकर्ताने अनुरोधकिया कि जब तकप्राधिकरणद्वाराआवश्यकस्पष्टीकरणऔर अलगविनियामकढाँचे कोअधिसूचितनहीं कियाजाता, तब तक पहलेके 2006 केदिशानिर्देशभी 2016 केदिशानिर्देशोंके पैरा 21द्वारानियंत्रितहैं, तथा यहउनपर लागू नहींकिया जाए।

7.5 वैयक्तिकसुनवाई केदौरानबीमाकर्ता नेस्वीकार कियाकि स्कूल बसोंका बीमा करने वालीमोटरपालिसियोंमें प्रीमियमपर नब्बे प्रतिशतऔर उससे अधिकछूटें दी गईथीं, यद्यपिउत्पाद केअनुमोदन मेंकेवल बीसप्रतिशत छूट कीही अनुमति थी।स्कूल बसों केलिए दावा अनुभवकेवल लगभगसैंतीसप्रतिशत हीथा। ऐसी शैक्षिकसंस्थाओं कोछूट का लाभदिया गया है जोबसें एक सीमितक्षेत्र मेंचलाती हैं। यहबात ध्यान मेंरखी गई है किकीमत-निर्धारणमें संशोधनफाइल करने केलिए अवसरप्राधिकरणद्वारा 2018 मेंदिया गया था।परंतु कंपनीने कीमत-निर्धारणमें संशोधनोंके लिएफाइलिंग नहींकी है।

7.6 बीमाकर्तासहमत हुआ किउन्हें सर्वप्रथमहाल के वर्षोंके अनुभव केआधार पर मोटरउत्पाद छूटोंके दायरे केसंबंध में संशोधनोंके लिए फाइलकरना चाहिए थाऔर उसका विपणनकेवलप्राधिकरणद्वाराअनुमोदितहोने पर हीकरना चाहिएथा।एफजीआईआईसीएलने प्राधिकरणको आश्वस्तकिया कि वेकीमत-निर्धारणमें संशोधनफाइल करेंगेऔर आगे चलकरवे `फाइलएण्ड यूज़दिशानिर्देशोंकासावधानीपूर्वकपालन करेंगेतथा सदैवप्राधिकरण सेउत्पादसंबंधी पूर्वअनुमोदनप्राप्तकरेंगे।

 

8. निर्णयः

कारणबताओ नोटिस केलिएबीमाकर्ता केउत्तर एवंवैयक्तिकसुनवाई केदौरान कियेगये प्रस्तुतीकरणोंकी जाँच करनेपर निम्नलिखितको पाया गयाहैः

 

8.1 फ्यूचरसेक्यूर मोटरइंश्योरेंसके अंतर्गतदरों कीफाइलिंगदिनांक 28दिसंबर 2007 मेंअभिलेख परउपलब्धसामग्री केअनुसार,बीमाकर्ता ने 6यात्रियोंसे अधिकभारवहनक्षमता सेयुक्त चौपहियावाहनों कीदरों मेंपूर्व केआईएमटी दरोंसे 20 प्रतिशतविभिन्नताएवंचोरी-निरोधी(ऐन्टी-थेफ्ट),सरल उपयोगअभिग्रहण(लाइट यूज़आक्युपेशन) औरबंद पार्किंगमें सेप्रत्येक पर 2.5प्रतिशत कीछूटें फाइलकीं।प्रीमियमोंमें छूटें,जैसे संविभागपर 25 प्रतिशत,बाजार प्रतिस्पर्धापर 10 प्रतिशतऔर मुख्यजोखिम-अंकनअधिकारी द्वारा10 प्रतिशत कोदर्शाते हुएबीमाकर्ताद्वाराप्रस्तुत कीगई प्रमाणितप्रति 2007 मेंबीमाकर्ताद्वारा फाइलकिये गयेदस्तावेजोंका भाग नहींहै। अतःसंविभाग,बाजारप्रतिस्पर्धाके लिएप्रस्तावितछूटों एवंमुख्य जोखिम-अंकनअधिकारी केविवेक काप्रयोग करत&##2375; हुएप्रस्तावितकिये जाने केलिए अनुमतछूटों कोस्वीकार नहींकिया जा सकता।

8.2  बीमाकर्ताका उत्तर किउन्होंनेअतिरिक्त 50 प्रतिशतछूट को 1 जनवरी 2008से प्रभावीसाधारण बीमाव्यवसाय केपूर्व केप्रशुल्क(टैरिफ) कीमत-निर्धारणपर नियंत्रणहटाने केसंदर्भ मेंमाना है, किसीआधार के बिनाऔर प्राधिकरणके पास फाइलिंगके किसीदस्तावेजीप्रमाण केबिना है। बीमाकर्ताने 10 सितंबर 2008को की गई कथितफाइलिंग को प्रमाणितकरने के लिएदस्तावेजप्रस्तुत नहींकिये हैंजिसमें पूर्वके प्रशुल्क(टैरिफ)कीमत-निर्धारणपर 50 प्रतिशतछूट से अलगछूटों केदायरे काउल्लेख कियागया था। इसकेअतिरिक्त,बीमाकर्तास्वीकार करताहै कि उपर्युक्तविषय मेंप्राधिकरणद्वारा जारी कियेगये विशिष्ट परिपत्रको प्रस्तुतकरने में वेअसमर्थ हैं।बीमाकर्ता केअनुसार, टैरिफिंगको हटाने केसमय मूल रूपसे फाइल कियेगये रूप मेंदर अनुसूची कासंशोधन नहींकिया गया है।इसके अलावा,बीमाकर्ता नेस्वीकार कियाकि उन्हेंसर्वप्रथमहाल के वर्षोंमें प्राप्तअनुभव के आधारपर मोटरउत्पाद छूटोंके दायरे केसंबंध मेंसंशोधनों केलिए फाइल करनाचाहिए था तथातब प्राधिकरणद्वारा पूर्व-अनुमोदनकिये जाने केबाद ही विपणनकरना चाहिएथा।

8.3  एफजीआईआईसीएलका तर्क किउक्त आरोप मेंउल्लिखितसाधारण बीमाउत्पादों केलिए उत्पाद फाइलिंगक्रियाविधियोंसंबंधीदिशानिर्देश दिनांक18 फरवरी 2016 केपैराग्राफ 17(ख)को लागू करनेकी आवश्यकतानहीं है तथापैरा 21 कीप्रयोज्यताको 2006 केदिशानिर्देशोंके लिए पूर्वव्यापीप्रभाव सेउक्तदिशानिर्देशोंके अंतर्गतउल्लंघन केरूप में नहींमाना जाए,स्वीकार नहींकिया जासकता। यहध्यान रखा जाएकि 2016 में जारीउपर्युक्तदिशानिर्देशोंमें स्पष्टरूप से उल्लेखहै कि येदिशानिर्देशसाधारण बीमाउत्पादों कीफाइलिंग पर निर्गतकिये गये पूर्वकेदिशानिर्देशोंकोप्रतिस्थापितकरेंगे तथासाधारण बीमाउत्पादों कीफाइलिंग सेसंबंधित सभीपरिपत्र 2016 मेंजारी किये गयेदिशानिर्देशोंके प्रारंभ कीप्रभावीतारीख सेनिरस्त होजाएँगे।

8.4  वित्तीयवर्ष 2018-19 केदौरान तथा 2019-20में अर्थात्जनवरी 2020 तकअपनी त्रिशूरशाखा मेंबीमाकर्ता द्वाराजोखिम-अंकितमोटरपालिसियों काअवलोकन करनेपर यह देखागया है किएफजीआईआईसीएलने उपर्युक्तदिशानिर्देशोंमेंनिर्धारितरूप मेंकीमत-निर्धारणके लचीलेपन कोफाइल करने कीव्यवस्था काउपयोग किये बिनाऔर साथ ही,मोटर ओडीउत्पादों/ऐड-आनों मेंकीमत-निर्धारणके लचीलेपनसंबंधीप्राधिकरण केसूचना-पत्रदिनांक 8फरवरी 2018 के अनुसारसाधारणबीमाकर्ताओंको प्रदानकिये गयेविशिष्ट अवसरका उपयोग कियेबिना,प्राधिकरण केपास फाइल कीगई प्रीमियमदरों के दायरेसे बाहर छूटेंप्रस्तावितकीं। यह देखागया है किएफजीआईआईसीएलने “फ्यूचरसेक्यूरकमर्शियलवेहिकल पैकेजपालिसी उत्पाद के लिएमोटर ओडीकीमत-निर्धारणमें छूटेंनिर्धारितकरने मेंलचीलापन 29फरवरी 2020 कोअर्थात् कारणबताओ नोटिसजारी करने औरवैयक्तिकसुनवाई काअवसर प्रदानकरने के बादफाइल किया है।

8.5  इसआदेश में ऊपरबताये गयेतथ्यों परविचार करतेहुए यह सिद्धहुआ है किएफजीआईआईसीएलने मोटर निजीक्षतिप्रीमियम परनब्बेप्रतिशत औरउससे अधिक छूटदी है जो 2018-19 केदौरान और 2019-20में स्कूल/शैक्षिकसंस्थाओँ कीबसों को कवरकरने के लिए प्राधिकरणके पास कंपनीद्वारा फाइलकी गई छूट/दरों के दायरेसे बाहर हैतथाउपर्युक्तदिशानिर्देशोंके पैरा 17(ख) और 21के उपबंधों काउल्लंघन है।इसके अलावा,मोटरपालिसियोंमें बीमा कीअवधि से विदितहोता है किबीमाकर्ता नेये छूटें देनामई 2019 में कारणबताओ नोटिस केनिर्गम तथाजनवरी 2020 मेंवैयक्तिकसुनवाई के बादभी जारी रखाहै एवंउपर्युक्तअवधि के दौरानबीमाकर्ताद्वारा ऐसी चूकजारी रखने केदिनों की संख्यासौ दिन सेअधिक हो गईहै।

8.6  फाइलकी गई दरों केदायरे से बाहरछूटें देने केतौर पर उत्पादफाइलिंगदिशानिर्देशोंके उल्लंघन कीगंभीरता,उपर्युक्तउत्पाद में कीमत-निर्धारणसंशोधन फाइलकिये बिनादरों मेंसिद्धांत-रहितकमी, तथाएफजीआईआईसीएलद्वारा ऐसीचूक को जारीरखने के दिनोंकी संख्या कोदेखते हुए,बीमा अधिनियम,1938 की धारा 102 औरउसमें कियेगये संशोधनोंके अंतर्गतप्राधिकरणमें निहितशक्तियों काप्रयोग करतेहुए, उक्तबीमाकर्ता पररु. 1,00,00,000/- (केवलएक करोड़ रुपये)का अर्थदंडलगाया जाताहै।

 

9. इसकेअतिरिक्त,बीमाकर्ता कोइसके द्वारानिदेश दियाजाता है किनिजी क्षतिप्रीमियम परऐसीप्रीमियमदर के साथमोटर बीमापालिसियों काजोखिम-अंकनकरे जोपूर्णतयाप्राधिकरण के पासफाइल की गईदरों के दायरेके अंदर हो।

 

10. रु. 1,00,00,000/- (केवल एककरोड़ रुपये)का उक्तअर्थदंडबीमाकर्ता द्वाराइस आदेश कीप्राप्ति सेपैंतालीस दिनकी अवधि केअंदर एनईएफटी/आरटीजीएस केमाध्यम से(जिसका ब्योराअलग से सूचितकिया जाएगा)विप्रेषितकिया जाएगा।विप्रेषण कीसूचना सुश्रीयज्ञप्रियाभरत, मुख्यमहाप्रबंधक(गैर-जीवन) कोभारतीय बीमाविनियामक और विकासप्राधिकरण,सर्वे सं. 115/1,फाइनैंशियलडिस्ट्रिक्ट,नानकरामगूडा,गच्चीबौली,हैदराबाद-500032 केपते पर भेजीजाए।

 

यहआदेश साधारणबीमाकर्ता केबोर्ड केसमक्ष आगामीबोर्ड बैठकमें रखा जाएगातथा साधारण बीमाकर्ताविचार-विमर्शकेकार्यवृत्तकी एक प्रति औरअनुपालन मेंसुधार लाने केलिए उठाये गयेकदमों कीसूचनाप्रस्तुतकरेगा।

 

11. यदिएफजीआईआईसीएलइस आदेश सेअसंतुष्ट है,तो बीमाअधिनियम, 1938 कीधारा 110 केउपबंधों केअनुसारप्रतिभूतिअपीलीयन्यायाधिकरण(एसएटी) के समक्षअपीलप्रस्तुत कीजा सकती है।

 

 

(डा.सुभाष. सी.खुंटिआ)

अध्यक्ष

 

 

 



 

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