संदर्भ:आईआरडीएआई/एफएण्डए/सीआईआर/विविध/089/04/2020 13 अप्रैल 2020
Ref:IRDA/F&A/CIR/MISC/089/04/2020 13thApril, 2020
परिपत्र
Circular
प्रति / To,
सभीबीमाकर्ता / Allthe Insurers
कोविड-19 महामारीके संदर्भ मेंबीमाकर्ताओंके वित्तीय संसाधनोंकाविवेकपूर्णप्रबंध
Prudentmanagement of financial resources of insurers in the context of Covid-19pandemic
1. वर्तमानवित्तीय वर्ष 2020-21 के लिएवैश्विकसमष्टि-आर्थिकसंभावनाकोविड-19 महामारीद्वाराप्रतिकूल रूपसे प्रभावित हुईहै जिसका असरसभीमहाद्वीपोंमें विश्व केअधिकांशदेशों पर पड़ाहै। इसमहामारी कीछाया मेंविभिन्न आर्थिककार्यकलाप आगये हैं जिससेवैश्विकउत्पादन, आपूर्तिशृंखलाओँ औरव्यापार मेंभारी अव्यवस्थाउत्पन्न हुईहै। विश्व भरमें वित्तीय बाजारभी अत्यधिकअस्थिरताअनुभव कर रहे हैंतथा पण्यकीमतों मेंतीव्रता सेगिरावट हुईहै। इसपृष्ठभूमिमें भारतीयरिज़र्व बैंक (आरबीआई) नेअपनी प्रेसप्रकाशनीदिनांक 9 अप्रैल 2020 मेंअंतरराष्ट्रीयमुद्रा कोष (आईएमएफ)/ओईसीडी केनिंम्नलिखितपूर्वानुमानकी ओर ध्यानआकर्षत कियाहै –“आईएमएफकी प्रत्याशाहै कि 2020मेंवैश्विकउत्पादन मेंसंकुचन 2009 केसमान खराबअथवा उससे भीबदतर हो सकताहै। 2021 में मंदीकी गहराई औरपुनःप्राप्तिकी गति उक्तमहामारी केनियंत्रण कीरफ्तार तथाविभिन्नदेशों द्वारामौद्रिक औरराजकोषीयनीतिगतकार्रवाइयोंकीप्रभावोत्पादकता परनिर्भरहोंगी। यहगिरावट उनभीषण परिदृश्योंमें प्रलंबितरह सकेगीजिनमें कोविड-19 कीअवधि अधिक बढ़जाती है।आर्थिक सहयोगऔर विकाससंगठन (ओईसीडी) केअनुमानसुझाते हैं किवार्षिकवैश्विक सकलदेशी उत्पाद (जीडीपी) संवृद्धिप्रत्येकमहीने के लिए 2 प्रतिशत अंक तकनिम्नतर होसकती हैजिसमें कठोरनियंत्रण केउपाय जारीरहते हैं। यदिप्रतिसंतुलन कारकोंके बिना तीनमहीने के लिएकामबंदी जारीरहती है, तोवार्षिकजीडीपीसंवृद्धि उसस्थिति की तुलनामें जिसमें वहअन्यथा होसकती है, 4 – 6 प्रतिशतअंकों के बीचनिम्नतर होसकती है।” उभरता हुआपरिदृश्यसंभवतः दोनोंचलनिधि तथापूँजी कीपर्याप्तताऔर उपलब्धतापर अपनाप्रभावछोड़ेगा।
Theglobal macroeconomic outlook for current financial year 2020-21 has beenadversely affected by COVID-19 pandemic which has impacted majority ofcountries in the world across the continents. The pandemic has cast its shadowacross various economic activities withmassive dislocation in globalproduction, supply chains and trade. Financial markets across the world arealso experiencing extreme volatility and commodity prices have declinedsharply. Against this backdrop, the Reserve Bank of India (RBI) in its PressRelease dated 9th April, 2020 has drawn attention to the followingprojection of IMF / OECD “the IMF expects that the contraction in globaloutput in 2020 could be as bad as or worse than in 2009. The depth of therecession and the pace of recovery in 2021 would depend on the speed ofcontainment of the pandemic and the efficacy of monetary and fiscal policyactions by various countries. The slowdown could be more protracted in direscenarios in which the duration of COVID-19 extends longer. The Organisationfor Economic Cooperation and Development (OECD) estimates suggest that annualglobal gross domestic product (GDP) growth could be lower by up to 2 percentagepoints for each month in which strict containment measures continue. If theshutdown continues for three months with no offsetting factors, annual GDPgrowth could be between 4- 6 percentage points lower than it otherwise mighthave been”. The emerging scenario is likely to leave an impact on bothliquidity, sufficiency and availability of capital.
2. देशमें कोविड-19 कीव्याप्ति तथा 25 मार्च2020 से 14 अप्रैल2020 तक 21- दिवसीयराष्ट्रव्यापीलाकडाउन एवंकई राज्यसरकारोंद्वारालाकडाउन कोआगे और बढ़ानेके साथ ही, अर्थव्यवस्थाके विभिन्नक्षेत्रों परउल्लेखनीयप्रभाव पड़नेकी संभावनाहै। भारतीयबीमाकर्ताओँके लिएव्यवसाय कीनिरंतरता हेतुकार्यनीतियाँऔर कार्य-योजनाएँतैयार करने कीआवश्यकता हैजिससे पालिसीधारकोंके लिएसंवर्धितसंरक्षणसुनिश्चितकिया जा सके।अर्थव्यवस्थाके द्वारा अनुभवकिये गये दबावके कारण, बीमाकर्ताओंकी पूँजी-पर्याप्तताऔर चलनिधिकी स्थितिप्रतिकूल रूपसे प्रभावितहो सकती हैतथा सभीबीमाकर्ताओंके लिए इसकेविरुद्ध बचावकरने कीआवश्यकताहै।
With thespread of Covid-19 in the country and 21-day nationwide lockdown from 25 March2020 to 14 April 2020 and further extension of lockdown by several StateGovernments, there is likely to be a significant impact across various sectorsof the economy. Indian insurers need to prepare strategies and action plans forbusiness continuity to ensure enhanced protection to the policyholders. Due tothe stress experienced by the economy, sufficiency of capital and liquidityposition of the insurers may be adversely impacted and all the insurers need toguard against the same.
3. जबकिकेन्द्रसरकार ने अपनेकार्यकलापोंमें वित्तीयक्षेत्र को समर्थनदेने के लिएकदम उठाये हैं, आईआरडीएआईबीमा उद्योगकेकार्यकलापोंमें किसी भीविघटन कोरोकने के लिएअनेकआवश्यकता-आधारितछूटों कीघोषणा कर चुकाहै। सभी भारतीयबीमाकर्ताओंके लिए इनकठिनपरिस्थितियोंमें यहसुनिश्चितकरनामहत्वपूर्णहै कि वे हरसमय पालिसीधारकोंके हितों कासंरक्षण करेंतथा उन्हेंआवश्यकवित्तीयसुरक्षाउपलब्धकराएँ।
While theCentral Government has taken steps to support the financial sector in itsactivities, IRDAI has already announced several need based relaxations toprevent any disruption to the activities of the insurance industry. It iscritical in these difficult times for all the Indian insurers to ensure that atall times they protect the interests of policyholders and provide necessaryfinancial security to them.
4. उपर्युक्तके आलोक में, प्राधिकरणसभीबीमाकर्ताओंकोनिम्नलिखित कदमउठाने के लिएसूचित करताहैः
In the light of the above, the Authorityadvises all insurers to take following steps:
(i) बीमाकर्ताओके बोर्ड कोसूचित कियाजाता है कि वेचालू वित्तीयवर्ष 2020-21 मेंअपेक्षित रूपमें अपनीपूँजी कीउपलब्धता औरशोध-क्षमताकीअत्यावश्यकतौर पर जाँचकरें तथा यहसुनिश्चितकरने के लिएकार्यनीतियाँबनाएँ कि उनकेपास पर्याप्तपूँजी औरसंसाधन उपलब्धहों;
Boardof insurers are advised to critically examine their capital availability andsolvency margin as required in the current financial year 2020-21 and devisestrategies to ensure that they have adequate capital and resources availablewith them;
(ii) वित्तीयवर्ष 2019-20 केलिए लाभांशभुगतान कासुयोजन करेंजिससे स्थितिउपर्युक्त (i) परउल्लिखितकार्यनीति केअनुरूप हो; तथा
Toalign the dividend pay-out for the FY 2019-20 so as to be in conformity withthe strategy at (i) above; and
(iii) वित्तीयवर्ष 2020-21 केलिए प्रबंधनके व्ययों कोयुक्तिसंगतबनाएँ जिससेस्थितिउपर्युक्त (i)परउल्लिखितकार्यनीति केअनुरूप हो।
Rationalize the expenses of managementfor the FY 2020-21 so as to be in line with the strategy at (i) above.
5. सभीबीमाकर्ताओंको सूचित कियाजाता है कि वे यहपरिपत्र अपनेसंबंधितबोर्ड केसमक्ष उनकीआगामी बैठकमें प्रस्तुतकरें।
Allinsurers are advised to place this communication before their respective Boardsat the ensuing meeting.
(प्रविणकुटुंबे / PravinKutumbe)
सदस्य (वित्तव विश्लेषण) / Member(F&I)