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“
संबंधीसमिति कीरिपोर्ट
12
प्रेषणपत्र
12 मार्च 2020
डा. सुभाषसी. खुंटिआ
अध्यक्ष
भारतीयबीमाविनियामक औरविकासप्राधिकरण
हैदराबाद
विषयः
संबंधीसमिति कीरिपोर्ट
महोदय,
अध्यक्षने आईआरडीएआईआदेश संदर्भःआईआरडीएआई
उक्तसमिति नेविचारार्थविषयों केअंतर्गत पुनर्बीमाकर्ताओं,एफआरबी औरलायड्स इंडियाके लिएव्यवसाय करनेकी सुविधासंबंधी विभिन्नपहलुओँ परविचार-विमर्शकिया। कानूनीऔर विनियामकअपेक्षाओँ औरउनकेकार्यान्वयनसहित बीमा औरपुनर्बीमाक्षेत्र केदृष्टिकोण सेसिफारिशेंकरने में सभीविषयों परविचार-विमर्शकिया गया।समिति नेमहसूस किया किउक्त सिफारिशेंभारत मेंपुनर्बीमाउद्योग परनियंत्रण प्रदानकरने में एकसंकेन्द्रितविनियामक निगरानीउपलब्धकराएँगी औरसाथ हीपुनर्बीमाउद्योग कोअपना व्यवसायकरने में सहीदिशा में अग्रसरहोने के लिएसमर्थबनाएँगी।
मैं समितिके सभीसदस्यों को यहरिपोर्ट तैयारकरने में उनकीसक्रियसहभागिता औरमूल्यवानयोगदान के लिएधन्यवाद देतीहूँ। इसकेअलावा, मैं उक्तकार्य पूराकरने मेंसमिति कीअध्यक्षता करनेहेतु मुझेअनुमति देनेके लिए आपकेप्रति आभारव्यक्त करतीहूँ। यह अंतिमरिपोर्ट भारतमें विदेशीपुनर्बीमाशाखाओँ के लिएलागू विनियमोंका पुनःप्रारूपबनाने मेंहमारी सहायताकरेगी।
भवदीया
श्रीमतीटी.एल. अलमेलु
समितिअध्यक्षा
विषय-सूची
सं. | अध्याय सं. | विवरण | पृष्ठ संख्या |
1 |
| समिति का गठन करनेवाला आईआरडीएआई का आदेश | 4 - 6 |
2 | I | प्रस्तावना और कार्यपद्धति | 7 - 9 |
3 | II | पूँजी और शोधक्षमता | 10 – 11 |
4 | III | जोखिम-अंकन, उत्पाद और दावे | 12 - 14 |
5 | IV | निवेश | 15 - 16 |
6 | V | परिचालन | 17 - 21 |
7 | VI | कारपोरेट अभिशासन | 22 - 23 |
8 | VII | अन्य | 24 - 30 |
अध्याय–I
प्रस्तावनाऔरकार्यपद्धति
1. बीमाविधि (संशोधन)अधिनियम, 2015विदेशीबीमाकर्ताओंको भारत मेंपुनर्बीमाव्यवसायकरनेवालेशाखाकार्यालय(विदेशीपुनर्बीमाकर्ताशाखाएँ –एफआरबी) कीस्थापना केलिए अनुमतिदेता है। इससंबंध मेंबीमा अधिनियम,1938 की धारा 2(9) (घ)
“भारतमें स्थापितशाखा केमाध्यम सेपुनर्बीमाव्यवसाय मेंलगी हुईविदेशीकंपनी।
स्पष्टीकरण–इसउप-खंड केप्रयोजनों केलिए,अभिव्यक्ति
2. उक्तअधिनियम मेंसंशोधन केअनुसरण में,आईआरडीएआई नेएफआरबी औरलायड्स कोभारत मेंशाखाएँस्थापित करनेके लिए अनुमतिदी है तथाअद्यतनस्थिति केअनुसार, आईआरडीएआईने भारत मेंपुनर्बीमाव्यवसाय करनेके लिए ग्यारह(11) संस्थाओं कोपंजीकरणप्रदान कियाहै जिनमें नौ (9)एफआरबी,लायड्सइंडिया औरउसकी एक सेवाकंपनी निहितहै।
3. चूँकिबीमा अधिनियम,1938 एफआरबी को एक
4. आईआरडीएआईने परिपत्रदिनांक 07जनवरी 2019 केद्वारा भारतीयपुनर्बीमाकर्ताओँ,विदेशीपुनर्बीमाकर्ताओंकी शाखाओँ,लायड्सइंडिया,लायड्स इंडियाकी सेवाकंपनियों औरपुनर्बीमाव्यवसाय करनेके लिएपंजीकृतआईएफएससीबीमा कार्यालयोंको कुछविनियमों
5. समितिनेनिम्नलिखितके अंतर्गतएफआरबी के लिएलागू किये गयेरूप मेंप्रयोज्यविनियामक उपबंधोंकी जाँच कीः
पुनर्बीमाकर्ताओं,एफआरबी तथालायड्स इंडियाके लिएविनियमों,परिपत्रों औरदिशानिर्देशोंकीप्रयोज्यता
सं. | परिपत्र, दिशानिर्देश संदर्भ सं. | निर्गम की तारीख | विनियम, परिपत्र, दिशानिर्देश | आईआरडीएआई में नोडल विभाग |
1 | आईआरडीएआई/आरई जी/17/107/2015 | 19-10-2015 | आईआरडीएआई (लायड्स को छोड़कर अन्य विदेशी पुनर्बीमाकर्ताओं के शाखा कार्यालयों का पंजीकरण और परिचालन)विनियम, 2015 | पुनर्बीमा |
2 | आईआरडीएआई/आरई जी/1/113/2016 | 28-01-2016 | आईआरडीएआई (लायड्स को छोड़कर अन्य विदेशी पुनर्बीमाकर्ताओं के शाखा कार्यालयों का पंजीकरण और परिचालन) (पहला संशोधन) विनियम, 2016 | पुनर्बीमा |
3 | आईआरडीएआई/एनएल/ सीआईआर/आरआईएन/ 036/02/2016 | 29-02-2016 | आईआरडीएआई (लायड्स को छोड़कर अन्य विदेशी पुनर्बीमाकर्ताओं के शाखा कार्यालयों का पंजीकरण और परिचालन) विनियम, 2015 के विनियम 28(9) के प्रवर्तन की तारीख | पुनर्बीमा |
4 | आईआरडीएआई/आरईजी /4/116/2016 | 09-03-2016 | आईआरडीएआई (लायड्स इंडिया) विनियम, 2016 | पुनर्बीमा |
5 | आईआरडीएआई/एनएल/जीडीएल/आरआईएन /231 /11/2016 | 23-11-2016 | एफआरबी के लिए परिचालन संबंधी दिशानिर्देश | पुनर्बीमा |
6 | आईआरडीएआई/आरईजी /24/136/2016 | 02-12-2016 | आईआरडीएआई (लायड्स को छोड़कर अन्य विदेशी पुनर्बीमा-कर्ताओं के शाखा कार्यालयों का पंजीकरण और परिचालन) (दूसरा संशोधन) विनियम, 2016 | पुनर्बीमा |
7 | आईआरडीएआई/एनएल/सीआईआर/आरआईएन/ 021/01/2017 | 16-01-2017 | आईआरडीएआई (लायड्स को छोड़कर अन्य विदेशी पुनर्बीमा- कर्ताओं के शाखा कार्यालयों का पंजीकरण और परिचालन) विनियम, 2015 के विनियम 28(9) के प्रवर्तन की तारीख | पुनर्बीमा |
8 | आईआरडीएआई/एसीटी/सीआईआर/विविध/147/06/2017 | 21-06-2017 | वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए एफआरबी के द्वारा बीमांकिक रिपोर्टों का प्रस्तुतीकरण | बीमांकिक |
9 | आईआरडीएआई/आरईजी/4/151/2018 | 05-12-2018 | आईआरडीएआई (पुनर्बीमा) विनियम, 2018 | पुनर्बीमा |
10 | आईआरडीएआई/आरआई/सीआईआर/विविध/ 004/01/2019 | 07-01-2019 | पंजीकृत पुनर्बीमा संस्थाओं के लिए विनियमों/दिशानिर्देशों/परिपत्रों की प्रयोज्यता | पुनर्बीमा |
अध्याय–
पूँजीऔर शोधक्षमता
एफआरबीकी शोधक्षमताकी संगणनावर्तमान में कारक(फैक्टर)आधारितपरिकलन केअनुसार की जातीहै। यह बतायागया कि कईअधिकार-क्षेत्रोंमेंशोधक्षमता कापरिकलन प्रीमियमके प्रतिशत केरूप में कियाजाता है।
सिफारिशें:
क. चूँकिभारतीय बीमाउद्योग को अभीजोखिम-आधारितपूँजी(आरबीसी)परिकलन के लिएतैयारी करनी है,अतः एफआरबी कोचाहिए कि वेआईआरडीएआईविनियमों केअंतर्गतअपेक्षित रूपमें शोधक्षमताका परिकलनकरना जारीरखें।
ख. जीवनबीमा व्यवसायके लिएशोधक्षमता केपरिकलन कासंशोधनगैर-जीवनव्यवसाय कीविविध व्यवसायव्यवस्था केअनुसार कियाजाना चाहिएतथा वह कारक(फैक्टर)आधारितपरिकलन होनाचाहिए।
ग. आईआरडीएआई(बीमांकिकरिपोर्ट औरसारांश) विनियम,2016 के अंतर्गतअधिदेशितडेटा की कणिकामयता(ग्रैन्युलैरिटी)एफआरबी के लिएव्यावहारिकरूप से संभवनहीं है।आईआरडीएआई एफआरबीके लिएकणिकामय(ग्रैन्युलर)डेटा को अधिदेशात्मकनहीं करनाचाहिए, जैसाकि अन्य बीमाकर्ताओँके लिए लागूहै।
घ. पालिसी
ङ. आईआरडीएआईके लिए जीवनपुनर्बीमाव्यवसाय केमामले मेंप्रतिलाभोंके मूल्यांकनको छोड़कर,वित्तीयरिपोर्टिंग,निवेश विनियमऔर पुनर्बीमाके अंतर्गतएफआरबी के लिएलागू किये गयेविनियामकउपबंधों कीसमीक्षा करनेकी आवश्यकताहै, क्योंकिएफआरबी कोसाधारणबीमाकर्ताओंकी तरह नहींदेखा जानाचाहिए।
वर्तमानमें एफआरबी औरलायड्सइंडिया को शोधक्षमताकी अपेक्षा कीतुलना मेंअधिक निधि परनियुक्तबीमांकक केप्रमाणीकरणसे छूट दी गईहै।
सिफारिशें:
आईआरडीएआईइस प्रकार कीछूट को जारीरख सकता है
अध्याय –
जोखिम-अंकन,उत्पाद औरदावे
क.
घ.
क.
1. गैर-जीवनबीमा व्यवसायकरनेवाले प्रत्यक्षबीमाकर्ता
2. जीवनबीमा व्यवसायकरनेवालेप्रत्यक्ष बीमाकर्ता
3. स्वास्थ्यबीमा व्यवसायकरनेवालेप्रत्यक्षबीमाकर्ता
4. भारतीयपुनर्बीमाकर्ता
5. एफआरबी,लायड्सइंडिया;
6. छूट-प्राप्तबीमाकर्ता
7. आईआईओ
2. साधारण,जीवन,स्वास्थ्यबीमाउत्पादों केलिए उत्पादफाइलिंगसंबंधीदिशानिर्देशोंकी प्रयोज्यताः
आईआरडीएआईने उत्पाद-फाइलिंगदिशानिर्देशसाधारण बीमा उत्पादों(दिनांक 18-02-2016),जीवन बीमाउत्पादों(दिनांक 12-12-2001) औरस्वास्थ्यबीमाउत्पादों(दिनांक 29-07-2016) केलिए अधिसूचितकिये थे।चूँकि एफआरबीपुनर्बीमाकर्ताओंके रूप मेंपंजीकृत हैं,अतः आईआऱडीएआईने परिपत्रसं. आईआरडीएआई
सिफारिशें:
भारतीयपुनर्बीमाकर्ता,एफआरबी औरलायड्सइंडिया के लिएउत्पादफाइलिंगदिशानिर्देशोंके संबंध मेंछूट जारी रखनेकी आवश्यकताहै।
3. आईआरडीएआई(पालिसीधारकोंके हितों कासंरक्षण)विनियम, 2017 कीप्रयोज्यताः
उक्तविनियमपालिसीधारकोंके हितों केसंरक्षणकेसंबंध मेंप्रत्यक्षबीमाकर्ताओंके लिए लागूहैं।आईआरडीएआई ने परिपत्रसं. आईआरडीएआई
सिफारिशें:
अनुमतउक्त छूट कोजारी रखने कीआवश्यकता है।
4. बीमाकर्ताओंके लिए सूचनाऔर साइबरसुरक्षासंबंधीदिशानिर्देशोंकीप्रयोज्यताः
आईआरडीएआईने साइबरसुरक्षा केसंबंध में दिशानिर्देशसंदर्भ सं.आईआरडीएआई
सिफारिशें:
भारतीयपुनर्बीमाकर्ता,एफआरबी के लिएइन दिशानिर्देशोंकीप्रयोज्यताजारी रखी जानीचाहिए।सीआईएसओद्वाराप्रमाणीकरणके संबंध मेंमूल कंपनी
5. व्यापारिकउधार बीमासंबंधीदिशानिर्देशोंकी प्रयोज्यताः
आईआरडीएआईने व्यापारिकउधार बीमासंबंधी दिशानिर्देशोंके अनुपालन सेभारतीयपुनर्बीमाकर्ताओं,एफआरबी औरलायड्सइंडिया को परिपत्रआईआरडीएआई
सिफारिशें:
उक्तछूट जारी रखीजाएगी।
6. धोखाधड़ीनिगरानीढाँचे कीप्रयोज्यताः
सिफारिशें:
सभीभारतीयपुनर्बीमाकर्ताओं,एफआरबी के लिएआईआरडीएआई कीअपेक्षाओं काअनुपालन करतेहुए एकधोखाधड़ीनिगरानीढाँचा/ नीतिरखने कीआवश्यकता हैतथा धोखाधड़ीनिगरानीढाँचे संबंधीवर्तमान परिपत्रके अंतर्गतयथाअपेक्षितअवधि के लिए प्रत्येकवर्ष 30 जून तकविनिर्दिष्टफार्मेट मेंरिपोर्टप्रस्तुतकरने कीआवश्यकता है।
7. `
आईआरडीएआईने परिपत्र सं.आईआरडीएआई
सिफारिशें:
अनुमति-प्राप्तछूट को जारीरखने कीआवश्यकता है।
8. आईआरडीएआई(ग्रामीण औरसामाजिकक्षेत्र के प्रतिबीमाकर्ता केदायित्व)विनियम, 2015 कीप्रयोज्यताः
उक्तविनियमों काउद्देश्यआर्थिक रूप सेकमजोर वर्गोंके लिएग्रामीणक्षेत्रोंमें बीमाव्यापन हैजिन्हेंआईआरडीएआई नेप्रत्यक्षबीमाकर्ताओंके लिए लागूकिया है। आईआरडीएआई नेपरिपत्र सं.आईआऱडीएआई
सिफारिशें:
अनुमति-प्राप्तछूट को जारीरखने कीआवश्यकता है।
अध्याय –
निवेश
1. एफआरबी/लायड्सइंडिया के लिएबीमा अधिनियम,1938 की धारा 27(7) कीप्रयोज्यताः
एफआरबीविदेशीपुनर्बीमाकर्ताओंका शाखा कार्यालयहोने के कारणनिवेशविनियमों केकुछ उपबंधोंका अनुपालनकरने में कुछकठिनाइयों कासामना कर रहीहैं।
सिफारिशें:
अधिनियमकी धारा 27(7) बीमाअधिनियम, 1938 कीकेवल धारा 27(1) कोनिर्दिष्टकरती है (जो केवलउसमेंउल्लिखितपालिसी के बचतप्रीमियम कोनिर्दिष्टकरती है) तथाइस स्थिति केहोते हुए यहपुनर्बीमाव्यवसाय परलागू नहीं होती।इसके अलावा,यह सुझाव दियागया था किअधिनियम कीधारा 27ईपुनर्बीमाकर्ताओँऔर एफआरबी केलिए लागू नहींकी जानी चाहिएक्योंकिबीमाकर्ताओँऔरपुनर्बीमाकर्ताओंके निवेश अलगबाजार मेंहोने चाहिएजिससे ऋण औरमुद्रा जोखिमसे बचा जासके।
2. निवेशपरिचालनों केलिए लागूउपबंध
एफआरबी/
सिफारिशें:
क. आईआरडीएआई(निवेश)विनियमों केअंतर्गत निवेशप्रणालियाँतथा प्रारंभिक,मध्य और पश्चकार्यालय कीप्रक्रिया,अभिरक्षकनियंत्रण औरअन्यपरिचालनगत अपेक्षाएँसीआईओ सेस्वतंत्र हैंतथा ये परिचालनप्रारंभ करनेकी तारीख से विद्यमानहोनी चाहिए।
ख. तथापि,एफआरबी / लायड्सइंडिया के लिएएक बार जब सकलप्रीमियम रु. 5000करोड़ तक पहलीबार पहुँचताहै, तबआईआरडीएआई(निवेश)विनियम केअंतर्गतअपेक्षित रूपमें सीआईओ कीअपेक्षाअधिदेशात्मकबनेगी। ऐसे समयतक, एफआरबी
3. निवेशोंकीलेखा-परीक्षा
एफआरबी/लायड्सइंडिया नेप्रस्तुतीकरणकिया किप्रत्यक्षबीमाकर्ताओंऔर भारतीयपुनर्बींमाकर्ताओंके असमान वेदैनंदिन आधारपर बड़ीमात्रा मेंनिवेश नहींकरते।वर्तमान मेंएफआरबी लगभग 10लेनदेन प्रतितिमाही करती हैं।
सिफारिशें:
क. अपेक्षाकृतकम लेनदेनोंके कारण,आईआरडीएआई (निवेश)विनियमों केअंतर्गतअपेक्षित रूपमेंपुनर्बीमाकर्ताओँ,एफआरबी, औरलायड्स इंडियाद्वारा कियेगये निवेशोंके संबंध मेंअनुपालन कीपुष्टि करनेके लिएआईआरडीएआई एकआंतरिकलेखा-परीक्षक(एक भारतीयसनदी लेखाकारफर्म) कोवार्षिक आधारपर अनुमतिदेने पर विचारकर सकता है।यह सौम्यता तबतक जारी रहेगीजब तक एफआरबी
ख. ऐसेसमय तकआईआरडीएआई कोप्रस्तुतकरते समय तिमाहीनिवेशविवरणियाँ(बीएपीविवरणियों सहित)एफआरबी / लायड्सइंडिया केसीईओ द्वाराप्रमाणित की जाएँगी।
अध्याय –
परिचालन
1. लायड्स,लायड्स केसिंडिकेट कीनियुक्ति और लायड्सका विनियमनकरने सेसंबंधित बीमाअधिनियम केउपबंध
लायड्सकी संरचनायूके और भारतमें बिलकुल भिन्न-भिन्नहै तथा लायड्सइंडिया के लिएएक सिंडिकेट,सेवा कंपनी कापंजीकरण करनेमें, प्रबंधनके प्रमुखकार्मिकों(केएमपी) कीनियुक्ति,पूँजीगतअपेक्षा,शोधक्षमता,निवेशविनियमों काअनुपालन करनेके विषय मेंविलक्षण है। समिति नेविचार-विमर्शके उपरांतनिम्नलिखितके संबंध मेंअपनी सिफारिशप्रस्तुत कीहैः
क. लायड्सइंडिया कीसेवा कंपनीद्वारा “
1. आईआरडीएआईरु. 5 करोड़ कीसमनुदेशितपूँजी का अनुरक्षणकरने के लिएसिंडिकेट सेकी जा रही अपेक्षासमाप्त करसकता है तथालायड्सइंडिया कोअधिदेश देसकता है कि वहएक उच्चतरसमनुदेशितपूँजी रखे।
2. समनुदेशितपूँजी लायड्सइंडिया केस्तर पर अधिदेशात्मकबनाई जानी चाहिए,जो लायड्सइंडिया के लिएन्यूनतमसमनुदेशितपूँजी होनीचाहिए तथालायड्सइंडिया के अंतर्गतपंजीकृतप्रत्येकसिंडकेट केलिए अतिरिक्तरूप से होनीचाहिए।
3. समनुदेशितपूँजी काअनुरक्षणकरने की पद्धतिको आईआरडीएआईअधिदेशात्मकबनायेगा।भारत में अपनेपंजीकरण की प्रक्रियाके समय लायड्सइंडियाद्वारा प्रस्तुत“
ख. शोधक्षमतालायड्सइंडिया केस्तर पर देखीजानी चाहिएः
लायड्सकी संरचना केअनुसार,लायड्स एक(पुनः)बीमाबाजार है तथाउसकेसिंडिकेट केसदस्य जोखिम-वाहकहैं, जो अपनीसेवाकंपनियों केमाध्यम से(पुनः)बीमाव्यवसाय काअंकन करतेहैं। इस प्रकार,वर्तमानविनियम यहस्पष्ट नहींकरते किशोधक्षमता कापरिकलनसिंडिकेट केस्तर पर किसप्रकार करनेकी आवश्यकताहै। इसकी समीक्षाकी जानी चाहिएक्योंकिपुनर्बीमा व्यवसायका अंकनसिंडिकेट केस्तर पर कियाजाता है, न किलायड्सइंडिया केस्तर पर।
वर्तमानविनियमलायड्सइंडिया के लिएरु. 100 करोड़ कीन्यूनतमसमनुदेशितपूँजी कीअपेक्षा करतेहैं जो किसी(पुनः)बीमा काअंकन नहींकरता। दूसरीओर, सिंडिकेट
सिफारिशें:
1. लायड्सइंडिया कीशोधक्षमता कीसंगणना समग्रलायड्सइंडिया केस्तर पर करनेकी आवश्यकता है,जिसका सुयोजनलायड्सइंडिया केअंतर्गत उसकेसिंडिकेटों
2. चूँकिसिंडिकेट वैधसंस्थाएँनहीं हैं, अतःलायड्स केद्वारासिंडिकेटों
ग. निवेशविनियमों काअनुपालनः
घ. संयुक्तपंजीकरणप्रमाणपत्रका निर्गमः
1. आईआरडीएआईलायड्स कीसंरचना केआलोक में उक्तविनियमों कीसमीक्षा करसकता है;
2. सेवाकंपनी कोपंजीकरणप्रमाणपत्र(सीओआर) उससिंडिकेट केनाम के साथजिसकी ओर सेऐसी सेवा कंपनीपुनर्बीमाव्यवसाय काअंकन करेगी,जारी करने कीसंभावना काउल्लेख कियाजा सकता है
3. लायड्सइंडिया के लिएऐसेसिंडिकेटोंका समर्थनकरनेवालेसदस्य(सदस्यों)का ब्योराप्रस्तुतकरने कीआवश्यकता है।वार्षिक तौरपर, सिंडिकेटके सदस्यों काइस प्रकार काब्योरा आईआरडीएआईकी वेबसाइट परप्रकट करने कीआवश्यकता है
4. सिंडिकेटके केवाईसी केलिए लायड्सइंडिया उत्तरदायीहोगा;
5. चूँकिसेवाकंपनियाँलायड्स केअंतर्गत पंजीकृतहैं, अतःलायड्स न्यूनतममानकों कानिर्धारणकरेगा जोआईआऱडीएआईको उपलब्धकराये जाएँगे,तथा जो लायड्सके अंतर्गतपरिचालन करनेके लिए ऐसेप्रबंधक एजेंटऔर सिंडिकेटपर लागू होंगे
6. सभीसेवाकंपनियों औरसिंडिकेटोंके लिए, जो लायड्सइंडिया केअंतर्गतपरिचालनकरेंगे, आईआरडीएआईकेवल लायड्सके माध्यम सेही अनुपालनलागू करेगा।
2.बीमाविज्ञापनों संबंधीविनियमों,दिशानिर्देशोंके उपबंधों कीप्रयोज्यताः
चूँकिप्रत्यक्षबीमा व्यवसायऔर पुनर्बीमाव्यवसाय कीअपेक्षा(सलिसिटेशन)और प्रापण (प्रोक्यूरमेंट)सुस्पष्ट रूपसे भिन्न हैं,अतः पुनर्बीमाकर्ताओंद्वारा कियेगये विज्ञापनप्रत्यक्षबीमाकर्ताओंको किये जानेचाहिए तथाकिन्हींवैयक्तिकपालिसीधारकोंको लक्ष्यितनहीं किया जानाचाहिए।
सिफारिशें:
क.
ख.
3.एएमएलदिशानिर्देशोंसंबंधीउपबंधों की प्रयोज्यताः
सिफारिशें:
क.
ग.
4.आईआरडीएआई(बीमाअभिलेखों काअनुरक्षण)विनियम, 2015 कीप्रयोज्यता
आईआरडीएआई(बीमाअभिलेखों काअनुरक्षण)विनियम, 2015 सेछूट जोपरिपत्र सं.आईआरडीए/आरआई/सीआईआर
सिफारिशें:
क.
1. एफआरबीके लिएआईआरडीएआई(लायड्स कोछोड़कर अन्यविदेशी पुनर्बीमाकर्ताओँके शाखाकार्यालय कापंजीकरण औरपरिचालन)विनियम, 2015 केविनियम 28 केअंतर्गत तथा
2. लायड्सइंडिया के लिएआईआरडीएआई(लायड्स इंडिया)विनियम, 2016 केविनियम 50 केअंतर्गत।
5.आईआरडीएआई(भारतीयबीमाकर्ताओँद्वारा बाह्यस्रोतीकरणकार्यकलाप)विनियम, 2017 कीप्रयोज्यता
उनबीमाकर्ताओंके लिएउपर्युक्तविनियमों सेछूट दी गई हैजो पुनर्बीमाव्यवसाय मेंलगे हुए हैं।
सिफारिशें:
तथापि,एफआरबी औरलायड्सइंडियानिम्नलिखित काअनुपालनकरेंगेः
क.
बाह्यस्रोतीकरणःएफआरबीका शाखाकार्यालयजोखिम-अंकन,दावा प्रसंस्करणऔर निपटान तथाविनियामकअनुपालनों केमुख्यकार्यकलापोंके लिए आवश्यकसमस्त प्रक्रियाका प्रतिधारणकरेगा। पश्चकार्यालय (बैकआफिस) केकार्य जिनकाबाह्यस्रोतीकरण(आउटसोर्सिंग)किया जा सकताहै, प्राधिकरणके पूर्वअनुमोदन सेकिया जाएगा।
ख.
बाह्यस्रोतीकरणःलायड्सइंडिया कासेवा कंपनीजोखिम-अंकन,दावाप्रसंस्करणऔर निपटान तथाविनियामकअनुपालनों केमुख्यकार्यकलापोंके लिए आवश्यकसमस्तप्रक्रिया काप्रतिधारण करेगी।पश्चकार्यालय (बैकआफिस) केकार्य जिनकाबाह्यस्रोतीकरणकिया जा सकताहै, प्राधिकरणके पूर्वअनुमोदन सेकिया जाएगा।
अध्याय –
कारपोरेटअभिशासन
1. विभिन्नसमितियों कीभूमिका कीप्रयोज्यता
आईआरडीएआईकारपोरेटअभिशासनदिशानिर्देश संदर्भसं. आईआरडीए
सिफारिशें:
अनुमतछूट को जारीरखने कीआवश्यकता है।
2. एफआरबी/लायड्सइंडिया के लिएअनुपालनअधिकारीः
एफआरबीके व्यवसाय औरकार्यों कास्वरूप एक क्षेत्रीयअनुपालनअधिकारी अथवाउसके समूह केस्तर पर उसकेमुख्यअनुपालनअधिकारी कोरिपोर्ट करनेके लिएअनुपालनअधिकारी कीमाँग करता है।
सिफारिशें:
यहसिफारिश की गईकि आईआरडीएआईकारपोरेट अभिशासनदिशानिर्देशोंके आशय केअंदर अनुपालन अधिकारीका केएमपीहोना आवश्यकनहीं है।
3. मुख्यकार्यकारीअधिकारी(सीईओ) कापारिश्रमिक
मुख्यकार्यकारीअधिकारी(सीईओ) कोनियुक्त करनेअथवा सीईओ याउसके पारिश्रमिकको परिवर्तितकरने के लिएबीमा अधिनियम,1938 की धारा 34एप्राधिकरण केपूर्व अनुमोदनकी अपेक्षाकरती है। इससंबंध मेंनिम्नलिखितसुझाव दियेगयेः
एफआरबीअथवा लायड्सइंडिया केसीईओ के पारिश्रमिकमें परिवर्तनभारत मेंसमग्र समूह केभाग के रूपमें प्रधानकार्यालय केस्तर पर कियाजाता है, न कि शाखाके स्तर पर।इसके अलावा,पुनर्बीमाकर्ताओंके पास कोईपालिसीधारकनिधियाँ नहींहोतीं। इसप्रकार,प्रधानकार्यालय
सिफारिशें:
1. एफआरबी/लायड्सइंडिया सीईओकी नियुक्तिऔर उसके पारिश्रमिकके भुगतान केसंबंध मेंआईआरडीएआई कापूर्वअनुमोदनप्राप्तकरेगा।
2. एफआरबीऔर लायड्सइंडिया सीईओ कीनियुक्ति और
3. आईआरडीएआईसीईओ केपारिश्रमिकके अनुमोदन कीप्रक्रियामें संशोधनकरेगा, जोअपनी मूल कंपनीके साथ एफआरबीके व्यवहार केसाथ समक्रमिकहोगा।
4.बोर्डऔर स्वतंत्रनिदेशकों कामूल्यांकनः
भारत मेंबीमाकर्ताओँके लिएकारपोरेटअभिशासन हेतुआईआरडीएआईदिशानिर्देशसंदर्भ सं.आईआरडीए/एफएण्डए
इसकेअतिरिक्त,आईआरडीएआईपरिपत्र सं.आईआरडीएआई
सिफारिशें:
उपर्युक्तउपबंध जारीरखे जा सकतेहैं।
5.सूचनाप्रदाता(व्हिसलब्लोअर) नीति
सिफारिशें:
उपर्युक्तदिशानिर्देशएफआरबी और लायड्सइंडिया परलागू किये जासकते हैं।
6.कारपोरेटअभिशासनदिशानिर्देशोंके अनुसारकेएमपी कीनियुक्तिः
सिफारिशें:
क.
ख.
अध्याय –
अन्य
1. वित्तीयआंकड़ों औरनिवेशों केलिए बीएपी अनुपालन
समितिको यह सूचितकिया गया किपुनर्बीमा रिपोर्टिंगफार्मेटों केलिए कार्य-दलने अपनीरिपोर्टप्रस्तुत कीहै तथाविभिन्न रिपोर्टिंगफार्मेटों केलिए सिफारिशकी है।
अभिमतः
यहराय व्यक्त कीगई कि एफआरबीऔर लायड्सइंडिया के लिएप्रयोज्य रूपमेंआईआरडीएआईलागू फार्मउनकी फाइलिंगकी आवधिकता केसाथ निर्धारितकरे।
2. सार्वजनिकप्रकटीकरण कीआवश्यकताओँसे छूट
व्यवसायके आंकड़ेतिमाही आधारपर आईआरडीएआईको सूचित करनेकी आवश्यकताहै। एफआरबी,लायड्स नेसुझाव दिया किउन्हेंतिमाहीसार्वजनिकप्रकटीकरण कीअपेक्षाओं सेछूट दी जाए,क्योंकिप्रत्यक्षबीमाकर्ताओंसे डेटाप्राप्त करनेमें असाधारणविलंब होगा। इसकेसाथ ही,जनसाधारण कुलमिलाकर किसीपुनर्बीमाकर्ताके वित्तीयडेटा के साथखास तौर से संबंधितनहीं है।
सिफारिशः
क. एफआरबी
ख. इसप्रकार काप्रकटीकरणएफआरबी कीसंबंधित भारतीयशाखा कीवेबसाइट पर कीजा सकती है,यदि उसके पासभारतीय शाखाके लिएविशिष्ट वेबसाइटहो।
3. एफआरबीद्वाराविभिन्नविवरणियों काआवधिक प्रस्तुतीकरण
सिफारिशः
एफआरबीसे अपेक्षितहै कि वे आईआरडीएआईद्वारायथानिर्धारितविभिन्न विवरणियाँफाइल अथवाप्रस्तुतकरें।
4. संयुक्तसांविधिकलेखा-परीक्षाकी अपेक्षा सेछूट
चूँकिएफआरबी /
सिफारिशः
संयुक्तलेखा-परीक्षाकी इस अपेक्षासे तब तक छूटदी जा सकती हैजब तक एफआरबी
5. पुनर्बीमाकर्ताओंका कराधान –निम्नलिखितकरों केविषयों परचर्चा की गईः
क.
1. देशीबीमा औरपुनर्बीमाकंपनियाँ 22
कराधान की इससंवर्धित दरने एफआरबी औरलायड्सइंडिया कोदेशीबीमाकर्ता कीतुलना में, जोकर की एकनिम्नतर दरप्राप्त करताहै, एक अलाभकारीस्थिति मेंरखा है।एफआरबी औरलायड्स इंडियाने अनुरोधकिया है किआय-कर कीसमानता पर विचारकिया जाए तथावित्तीय सेवाएँविभाग(डीएफएस)/
2. कर कोरोक रखना
एफआरबीऔर लायड्सइंडिया ने यहप्रस्तुतीकरणभी किया कि वे 40
इसस्थिति केहोते हुए किएफआरबी औरलायड्स इंडियाअग्रिम कर केअधीन हैं तथाभारत में कर अदाकर रहे हैं,एफआरबी औरलायड्सइंडिया को कररोक रखने सेछूट दी जानीचाहिए। अतःप्राधिकरण सेअनुरोध है किएफआरबी औरलायड्सइंडिया की ओरसे यह विषयडीएफएस/
3. करसंबंधी अन्यविषय़ः
समितिने एफआरबी औरलायड्सइंडिया के लिएकर कीचुनौतियोंसंबंधी एक नोटकी समीक्षा कीऔर उस परविचार किया।
सिफारिशः
आईआरडीएआईयह विषय करप्राधिकारियोंके पास उठासकता है।
6.
सिफारिशः
आईआरडीएआईने आईआरडीएआईपरिपत्र सं. आईआरडीएआई
7. अनर्जितप्रीमियमरिज़र्व(यूपीआर)
वर्तमानमें यूपीआर कीसंगणना करने कीपद्धति कोअपनाने मेंएफआरबी औरलायड्स इंडियाअनुकूल नहींहैं क्योंकि वेव्यवसाय कीव्यवस्था औरपुनर्बीमा समझौतेके लिए एकनियत प्रतिशतपद्धति अथवा भिन्नीयपद्धति (जैसे
सिफारिशः
यहसुझाव है कि सभीएफआरबी औरलायड्सइंडिया सुसंगतरूप में 1/365
8. एफआरबी
आईआरडीएआई(पुनर्बीमा)विनियम, 2018 केविनियम 3 के उपबंधोंके अनुसार, एफआरबीऔर लायड्सइंडिया के लिएविनियमों केअनुसार अपनापुनर्बीमाकार्यक्रम प्रस्तुतकरना आवश्यकहै। एफआरबी नेप्रस्तुतीकरणकिया कि एकशाखा होने केकारणउनकापुनर्बीमाकार्यक्रम समूचेसमूह कोसम्मिलितकरते हुए मूलकंपनी / प्रधानकार्यालय केस्तर पर
खरीदाजाता है,जिसके द्वारा बड़ेपैमाने कीकिफायतों कालाभ उठायाजाता है।
सिफारिशें:
क. आईआरडीएआईके लिए यहसुनिश्चितकरने की आवश्यकताहै कि संबंधितएफआरबी केप्रधानकार्यालय
ख.
ग.
घ. आईआरडीएआईऐसेप्रमाणीकरणके लिए फार्मेटजारी करेगा।
अनुबंध– 2
एफआरबी/
1. विदेशीपुनर्बीमाकर्ताओँऔर लायड्सइंडिया केशाखाकार्यालयोंके पंजीकरण औरपरिचालन को नियंत्रितकरनेवाले अलग-अलगविनियम हैं।भारतमें सभीपुनर्बीमाकर्ताओंके लिए लागूएक अलग पुनर्बीमाविनियम, 2018 भीहै।
(घ) भारतमें स्थापितशाखा केमाध्यम सेपुनर्बीमाव्यवसाय में लगीहुई विदेशीकंपनी#2404;
स्पष्टीकरण–इस उप-खंड केप्रयोजनों केलिए, अभिव्यक्ति“
7. निम्नलिखितसारणी वर्ष 2018-19 केदौरान तथा 2019-20 कीतीसरी तिमाहीतक एफआरबी और लायड्सके द्वाराजोखिम अंकित सकलप्रीमियम कीस्थिति उपलब्धकराती है।
सं. | एफआरबी का नाम | सकल प्रीमियम भारतीय रुपये करोड़ में | |
2018-19 | 2019-20 की तीसरी तिमाही | ||
1 | म्यूनिख आरई | 2285.08 | 3,047.63 |
2 | अक्सा वी | 2173.54 | 1333.94 |
3 | स्विस आरई | 2275.41 | 2145.21 |
4 | स्कोर | 1571.77 | 1068.29 |
5 | एक्सएल कैट | 324.50 | 431.67 |
6 | हैनोवर | 622.60 | 1007.45 |
7 | आरजीए | 267.01 | 558.88 |
8 | जन आरई | 194.06 | 149.48 |
9 | लायड्स (ऐम्लिन / मार्केल) | 1.19 | 13.19 |
10 | अलायंज़ ग्लोबल | -- | 170.39 |
8. उपर्युक्तसारणी से हमदेख सकते हैंकि पुनर्बीमाबाजार उभरनेके स्तर पर है तथाआगे विकासकरने के लिए
· चूँकिवर्तमान मेंएफआरबी और लायड्सविशेष रूप सेउच्चतर स्तरपर न्यूनतमस्टाफ के साथ परिचालनकर रहे हैं,अतः केएमपी कीनियुक्ति सेसंबंधितअपेक्षा उससमय तक आशोधितकी गई है अथवाउससे छूटप्रदान की गईहै जब तक वे रु.5,000 करोड़ के सकलप्रीमियमस्तर तक नहीं पहुँचते।
· नियुक्तबीमांकक सेप्रमाणीकरण। वर्तमानमें शाखाएँहोने के कारणएफआरबी औरलायड्स इंडियाके पास कोईनियुक्तबीमांकक (एए) संभवतःनहीं है। इसकेबजाय उनसे कहाजा सकता है किवे एएसआई केपास पंजीकृत एकबीमांकक से प्राप्तप्रमाणपत्रप्रस्तुतकरें।
· संयुक्तसांविधिकलेखा-परीक्षाकी आवश्यकतासे तब तक छूटजब तक वे रु. 5,000करोड़ के सकलप्रीमियमस्तर तक नहींपहुँचते।
· मुख्यनिवेशअधिकारी कीनियुक्ति –जबतक वे रु. 5,000करोड़ के सकलप्रीमियमस्तर तक नहींपहुँचते, तबतक सीएफओ कोएक ही समय सीआईओके रूप में सीएफओके कार्यों केलिएउत्तरदायीबनाते हुए सीआईओके कार्यों कानिर्वहण करनेकी अनुमति दीजा सकती है।