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Title: सभी को
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Date: 13/03/2020
पुनर्बीमाकर्ताओं, एफआरबी और लायड्स इंडिया के लिए व्यवसाय करने की सुविधा

 

 

पुनर्बीमाकर्ताओं,एफआरबी औरलायड्स इंडियाके लिएव्यवसाय करनेकी सुविधा

संबंधीसमिति कीरिपोर्ट

 

 

 

 

 

 

 

12 मार्च, 2020.

 

प्रेषणपत्र

12 मार्च 2020

डा. सुभाषसी. खुंटिआ

अध्यक्ष

भारतीयबीमाविनियामक औरविकासप्राधिकरण

हैदराबाद

 

विषयः पुनर्बीमाकर्ताओं,एफआरबी औरलायड्स इंडियाके लिएव्यवसाय करनेकी सुविधा

संबंधीसमिति कीरिपोर्ट

 

महोदय,

 

अध्यक्षने आईआरडीएआईआदेश संदर्भःआईआरडीएआई/आरआई/ओआरडी/विविध/187/10/ 2019दिनांक 11अक्तूबर 2019 केद्वारा पुनर्बीमाकर्ताओँ,एफआरबी और लायड्सइंडिया के लिएव्यवसाय करनेकी सुविधा केसंबंध में एकसमिति का गठनकिया।

 

उक्तसमिति नेविचारार्थविषयों केअंतर्गत पुनर्बीमाकर्ताओं,एफआरबी औरलायड्स इंडियाके लिएव्यवसाय करनेकी सुविधासंबंधी विभिन्नपहलुओँ परविचार-विमर्शकिया। कानूनीऔर विनियामकअपेक्षाओँ औरउनकेकार्यान्वयनसहित बीमा औरपुनर्बीमाक्षेत्र केदृष्टिकोण सेसिफारिशेंकरने में सभीविषयों परविचार-विमर्शकिया गया।समिति नेमहसूस किया किउक्त सिफारिशेंभारत मेंपुनर्बीमाउद्योग परनियंत्रण प्रदानकरने में एकसंकेन्द्रितविनियामक निगरानीउपलब्धकराएँगी औरसाथ हीपुनर्बीमाउद्योग कोअपना व्यवसायकरने में सहीदिशा में अग्रसरहोने के लिएसमर्थबनाएँगी।

 

मैं समितिके सभीसदस्यों को यहरिपोर्ट तैयारकरने में उनकीसक्रियसहभागिता औरमूल्यवानयोगदान के लिएधन्यवाद देतीहूँ। इसकेअलावा, मैं उक्तकार्य पूराकरने मेंसमिति कीअध्यक्षता करनेहेतु मुझेअनुमति देनेके लिए आपकेप्रति आभारव्यक्त करतीहूँ। यह अंतिमरिपोर्ट भारतमें विदेशीपुनर्बीमाशाखाओँ के लिएलागू विनियमोंका पुनःप्रारूपबनाने मेंहमारी सहायताकरेगी।

 

सादर,

 

भवदीया

 

 

श्रीमतीटी.एल. अलमेलु

समितिअध्यक्षा

 

 

विषय-सूची

सं.

अध्याय सं.

विवरण

पृष्ठ संख्या

1

 

समिति का गठन करनेवाला आईआरडीएआई का आदेश

4 - 6

2

I

प्रस्तावना और कार्यपद्धति

7 - 9

3

II

पूँजी और शोधक्षमता

1011

4

III

जोखिम-अंकन, उत्पाद और दावे

12 - 14

5

IV

निवेश

15 - 16

6

V

परिचालन

17 - 21

7

VI

कारपोरेट अभिशासन

22 - 23

8

VII

अन्य

24 - 30

 

 

 

 

 

 

अध्याय–I

प्रस्तावनाऔरकार्यपद्धति

 

1. बीमाविधि (संशोधन)अधिनियम, 2015विदेशीबीमाकर्ताओंको भारत मेंपुनर्बीमाव्यवसायकरनेवालेशाखाकार्यालय(विदेशीपुनर्बीमाकर्ताशाखाएँ –एफआरबी) कीस्थापना केलिए अनुमतिदेता है। इससंबंध मेंबीमा अधिनियम,1938 की धारा 2(9) (घ) `बीमाकर्ताकी परिभाषानिम्नानुसारदेती हैः

 

भारतमें स्थापितशाखा केमाध्यम सेपुनर्बीमाव्यवसाय मेंलगी हुईविदेशीकंपनी।

 

स्पष्टीकरण–इसउप-खंड केप्रयोजनों केलिए,अभिव्यक्ति विदेशीकंपनीसे भारत केबाहर किसी देशकी विधि केअधीन स्थापितया निगमित कोईकंपनी अथवानिकाय अभिप्रेतहै तथा इसमेंलायड्सअधिनियम, 1871(युनाइटेड किंगडम)के अधीनस्थापितलायड्स याउसका कोई सदस्यशामिल है

 

2. उक्तअधिनियम मेंसंशोधन केअनुसरण में,आईआरडीएआई नेएफआरबी औरलायड्स कोभारत मेंशाखाएँस्थापित करनेके लिए अनुमतिदी है तथाअद्यतनस्थिति केअनुसार, आईआरडीएआईने भारत मेंपुनर्बीमाव्यवसाय करनेके लिए ग्यारह(11) संस्थाओं कोपंजीकरणप्रदान कियाहै जिनमें नौ (9)एफआरबी,लायड्सइंडिया औरउसकी एक सेवाकंपनी निहितहै।

 

3. चूँकिबीमा अधिनियम,1938 एफआरबी को एक `बीमाकर्ताके रूप मेंपरिभाषितकरता है, अतः `बीमाकर्ताओँके लिए लागूसभी उपबंध जोजीवन,गैर-जीवन,स्वास्थ्य औरपुनर्बीमाकर्ताको शामिल करतेहैं, एफआरबीके लिए भीलागू होतेहैं। अधिनियमऔर विनियामकउपबंध जो सभी `बीमाकर्तापर लागू हैं,वे अब एफआरबीके परिचालनोंपर भी समानरूप से लागूहैं। इस कारणसे एफआरबी नेसाधारण बीमापरिषद(जीआईसी) केमाध्यम से व्यवसायकरने कीसुविधाशीर्षक एक नोटप्रस्तुतकिया है जिसकेद्वाराआईआऱडीएआई सेअनुरोध कियागया है किविदेशी पुनर्बीमाकर्ताओँकी शाखाओँ(एफआरबी) केलिए लागू कियेगये उपबंधोंका पुनरीक्षणकिया जाए तथाविनियमों कासंशोधन करनेएवं परिपत्रऔरदिशानिर्देशजारी करने केद्वाराआवश्यकस्पष्टीकरणउपलब्ध करायेजाएँ।

 

4. आईआरडीएआईने परिपत्रदिनांक 07जनवरी 2019 केद्वारा भारतीयपुनर्बीमाकर्ताओँ,विदेशीपुनर्बीमाकर्ताओंकी शाखाओँ,लायड्सइंडिया,लायड्स इंडियाकी सेवाकंपनियों औरपुनर्बीमाव्यवसाय करनेके लिएपंजीकृतआईएफएससीबीमा कार्यालयोंको कुछविनियमों /दिशानिर्देशों/परिपत्रों कीप्रयोज्यताके संबंध मेंस्पष्टीकरणजारी किया।चूँकि साधारणबीमा परिषद(जीआईसी) के माध्यमसे आईआरडीएआईके पास फाइलकी गई रिपोर्टमें आगे कुछऔर विषय शामिलहैं, अतःसमिति ने 8 और 9नवंबर 2019 कोपूर्व मेंजारी किये गयेदिशानिर्देशोंकी समीक्षा कीतथा तदुपरांतएफआरबी केद्वारा कियेगयेप्रस्तुतीकरणोंको ध्यान मेंरखा।

 

5. समितिनेनिम्नलिखितके अंतर्गतएफआरबी के लिएलागू किये गयेरूप मेंप्रयोज्यविनियामक उपबंधोंकी जाँच कीः

क.   पूँजीऔर शोधक्षमता

ख.   जोखिम-अंकन,उत्पाद औरदावे

ग.    निवेश

घ.    परिचालन

ङ.     कारपोरेटअभिशासन

च.    अन्य

 

6.  उपर्युक्तप्रत्येकशीर्ष केसमक्ष की गईसिफारिशों पररिपोर्ट मेंचर्चा की गई।

 

7.  पुनर्बीमाकर्ताओं,एफआरबी,लायड्सइंडिया के लिएविशिष्टप्रयोज्यताके साथ युक्तवि#2344;ियमों,परिपत्रों,दिशानिर्देशोंकी सूची इस रिपोर्टके अनुबंध-1में दी गई है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

अनुबंध-1

पुनर्बीमाकर्ताओं,एफआरबी तथालायड्स इंडियाके लिएविनियमों,परिपत्रों औरदिशानिर्देशोंकीप्रयोज्यता

सं.

परिपत्र, दिशानिर्देश संदर्भ सं.

निर्गम की तारीख

विनियम, परिपत्र, दिशानिर्देश

आईआरडीएआई में नोडल विभाग

1

आईआरडीएआई/आरई जी/17/107/2015

19-10-2015

आईआरडीएआई (लायड्स को छोड़कर अन्य विदेशी पुनर्बीमाकर्ताओं के शाखा कार्यालयों का पंजीकरण और परिचालन)विनियम, 2015

पुनर्बीमा

2

आईआरडीएआई/आरई जी/1/113/2016

28-01-2016

आईआरडीएआई (लायड्स को छोड़कर अन्य विदेशी पुनर्बीमाकर्ताओं के शाखा कार्यालयों का पंजीकरण और परिचालन) (पहला संशोधन) विनियम, 2016

पुनर्बीमा

3

आईआरडीएआई/एनएल/ सीआईआर/आरआईएन/ 036/02/2016

29-02-2016

आईआरडीएआई (लायड्स को छोड़कर अन्य विदेशी पुनर्बीमाकर्ताओं के शाखा कार्यालयों का पंजीकरण और परिचालन) विनियम, 2015 के विनियम 28(9) के प्रवर्तन की तारीख

पुनर्बीमा

4

आईआरडीएआई/आरईजी /4/116/2016

09-03-2016

आईआरडीएआई (लायड्स इंडिया) विनियम, 2016

पुनर्बीमा

5

आईआरडीएआई/एनएल/जीडीएल/आरआईएन /231 /11/2016

23-11-2016

एफआरबी के लिए परिचालन संबंधी दिशानिर्देश

पुनर्बीमा

6

आईआरडीएआई/आरईजी /24/136/2016

02-12-2016

आईआरडीएआई (लायड्स को छोड़कर अन्य विदेशी पुनर्बीमा-कर्ताओं के शाखा कार्यालयों का पंजीकरण और परिचालन) (दूसरा संशोधन) विनियम, 2016

पुनर्बीमा

7

आईआरडीएआई/एनएल/सीआईआर/आरआईएन/ 021/01/2017

16-01-2017

आईआरडीएआई (लायड्स को छोड़कर अन्य विदेशी पुनर्बीमा- कर्ताओं के शाखा कार्यालयों का पंजीकरण और परिचालन) विनियम, 2015 के विनियम 28(9) के प्रवर्तन की तारीख

पुनर्बीमा

8

आईआरडीएआई/एसीटी/सीआईआर/विविध/147/06/2017

21-06-2017

वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए एफआरबी के द्वारा बीमांकिक रिपोर्टों का प्रस्तुतीकरण

बीमांकिक

9

आईआरडीएआई/आरईजी/4/151/2018

05-12-2018

आईआरडीएआई (पुनर्बीमा) विनियम, 2018

पुनर्बीमा

10

आईआरडीएआई/आरआई/सीआईआर/विविध/ 004/01/2019

07-01-2019

पंजीकृत पुनर्बीमा संस्थाओं के लिए विनियमों/दिशानिर्देशों/परिपत्रों की प्रयोज्यता

पुनर्बीमा

अध्याय–II

 

पूँजीऔर शोधक्षमता

 

1. एफआरबी/लायड्सइंडिया के लिएशोधक्षमतामार्जिन की संगणनासंबंधीउपबंधों कीप्रयोज्यताः

एफआरबीकी शोधक्षमताकी संगणनावर्तमान में कारक(फैक्टर)आधारितपरिकलन केअनुसार की जातीहै। यह बतायागया कि कईअधिकार-क्षेत्रोंमेंशोधक्षमता कापरिकलन प्रीमियमके प्रतिशत केरूप में कियाजाता है।

 

सिफारिशें:

 

क.  चूँकिभारतीय बीमाउद्योग को अभीजोखिम-आधारितपूँजी(आरबीसी)परिकलन के लिएतैयारी करनी है,अतः एफआरबी कोचाहिए कि वेआईआरडीएआईविनियमों केअंतर्गतअपेक्षित रूपमें शोधक्षमताका परिकलनकरना जारीरखें।

ख.  जीवनबीमा व्यवसायके लिएशोधक्षमता केपरिकलन कासंशोधनगैर-जीवनव्यवसाय कीविविध व्यवसायव्यवस्था केअनुसार कियाजाना चाहिएतथा वह कारक(फैक्टर)आधारितपरिकलन होनाचाहिए।

ग.   आईआरडीएआई(बीमांकिकरिपोर्ट औरसारांश) विनियम,2016 के अंतर्गतअधिदेशितडेटा की कणिकामयता(ग्रैन्युलैरिटी)एफआरबी के लिएव्यावहारिकरूप से संभवनहीं है।आईआरडीएआई एफआरबीके लिएकणिकामय(ग्रैन्युलर)डेटा को अधिदेशात्मकनहीं करनाचाहिए, जैसाकि अन्य बीमाकर्ताओँके लिए लागूहै।

घ.   पालिसी/संविदाके स्तर परगणितीयरिज़र्व केपरिकलन के लिएस्पष्टता कीआवश्यकता है,क्योंकि सकलप्रीमियममूल्यांकन(जीपीवी)पद्धतिनकारात्मकपरिणाम देतीहै, जिसके लिएविवेकपूर्णतौर पर यूपीआरके अनुरक्षणकी अपेक्षा कीजाती है।तथापि, विनियमइस विषय मेंमौन हैं। इसकेअतिरिक्त, उनमेंविनिर्दिष्टकई खंड अथवामानदंड, जैसेव्यपगमसंबंधीअनुमानएफआरबी के लिएलागू नहींहैं।

ङ.    आईआरडीएआईके लिए जीवनपुनर्बीमाव्यवसाय केमामले मेंप्रतिलाभोंके मूल्यांकनको छोड़कर,वित्तीयरिपोर्टिंग,निवेश विनियमऔर पुनर्बीमाके अंतर्गतएफआरबी के लिएलागू किये गयेविनियामकउपबंधों कीसमीक्षा करनेकी आवश्यकताहै, क्योंकिएफआरबी कोसाधारणबीमाकर्ताओंकी तरह नहींदेखा जानाचाहिए।

 

2. शोधक्षमताकी अपेक्षा कीतुलना मेंअधिक निधि परनियुक्तबीमांकक केप्रमाणीकरणको लागू नकरना

वर्तमानमें एफआरबी औरलायड्सइंडिया को शोधक्षमताकी अपेक्षा कीतुलना मेंअधिक निधि परनियुक्तबीमांकक केप्रमाणीकरणसे छूट दी गईहै।

 

सिफारिशें:

आईआरडीएआईइस प्रकार कीछूट को जारीरख सकता है; परंतुयह आवश्यक हैकि एकबीमांकक, जोआवश्यक रूप सेएक नियुक्तबीमांकक न हो,लेकिन जो बीमांककअधिनियम, 2006 केअनुसारभारतीयबीमांकक संस्थानद्वारा जारीकिया गयाव्यवसायप्रमाणपत्र धारणकरता हो, सेप्रमाणीकरणप्राप्त कियाजाएगा।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

अध्याय –III

 

जोखिम-अंकन,उत्पाद औरदावे

 

1. पुनर्बीमाकर्ê#2340;ा,विदेशीपुनर्बीमाकर्ताके शाखाकार्यालय,लायड्स कीपरिभाषा

बीमाअधिनियम, 1938 कीधारा 2(9) `बीमाकर्ता कीपरिभाषानिम्नानुसारदेती हैः

 

बीमाकर्ता सेअभिप्रेत है-

क.   एकभारतीय बीमाकंपनी, अथवा

ख.   बीमाव्यवसाय करनेके लिए संसदके अधिनियम द्वारास्थापित एकसांविधिकनिकाय, अथवा

ग.    एकबीमा सहकारीसोसाइटी, अथवा

घ.    भारतमें स्थापितएक शाखा केमाध्यम सेपुनर्बीमाव्यवसाय मेंलगी हुई एकविदेशीकंपनी।

 

स्पष्टीकरण.-इसउप-खंड केप्रयोजनों केलिए,अभिव्यक्ति विदेशीकंपनी सेभारत के बाहरकिसी देश कीविधि के अधीनस्थापित अथवानिगमित कंपनीअथवा निकायअभिप्रेतहोगा तथाइसमें लायड्स अधिनियम,1871 (युनाइटेडकिंगडम) केअधीन स्थापित लायड्सअथवा उसका कोईसदस्य शामिलहै।

 

प्रत्यक्षबीमाकर्ता औरपुनर्बीमाकर्ताऔर एफआरबी केपरिचालन एकसमाननहीं हैं। इसप्रकार,एफआरबीबीमाकर्ताओँके लिए लागू कईउपबंधों काअनुपालन करनेकी स्थिति मेंनहीं होसकतीं।

 

सिफारिशें:

 

क.   प्रत्यक्षबीमाकर्ता,पुनर्बीमाकर्ता,एफआरबी औरलायड्सइंडिया कोपरिभाषितकरते हुए आईआरडीएआईअधिनियम कासंशोधन करनेपर विचार करसकता है।

ख.   आईआरडीएआईने एफआरबी / लायड्सइंडिया को एकशाखा केमाध्यम सेपरिचालन करनेकी अनुमति दीहै। इसप्रकार,एफआरबी औरलायड्सइंडिया केपरिचालनोंमें उपयुक्त होनेके लिएशोधक्षमता,नियंत्रणोंऔर रिपोर्टिंगके सभीविनियामकआवश्यकताओँ केलिए विनियामकसुयोजन कीजरूरत है।बीमा अधिनियम मेंसंशोधन होनेतक आईआरडीएआईविनियम, परिपत्र,दिशानिर्देशजारी कर सकताहै जिनकाअनुपालनप्रत्यक्षबीमाकर्ताओं,पुनर्बीमाकर्ताओं,एफआरबी,लायड्सइंडिया,छूट-प्राप्तबीमाकर्ताओँऔर आईआईओद्वारा अलग सेकिया जाएगा। साथही, आईआरडीएआईमें सभीविभागोंद्वारा एफआरबीके संबंध मेंसुसंगतव्यवहार केलिए निम्नलिखितके संबंध मेंअंतिमअनुपालनअपेक्षा की सूचनाआंतरिक रूप सेदी जा सकतीहैः

1. गैर-जीवनबीमा व्यवसायकरनेवाले प्रत्यक्षबीमाकर्ता;

2. जीवनबीमा व्यवसायकरनेवालेप्रत्यक्ष बीमाकर्ता;

3. स्वास्थ्यबीमा व्यवसायकरनेवालेप्रत्यक्षबीमाकर्ता;

4. भारतीयपुनर्बीमाकर्ता;

5. एफआरबी,लायड्सइंडिया;

6. छूट-प्राप्तबीमाकर्ता;

7. आईआईओ;

 

2. साधारण,जीवन,स्वास्थ्यबीमाउत्पादों केलिए उत्पादफाइलिंगसंबंधीदिशानिर्देशोंकी प्रयोज्यताः

आईआरडीएआईने उत्पाद-फाइलिंगदिशानिर्देशसाधारण बीमा उत्पादों(दिनांक 18-02-2016),जीवन बीमाउत्पादों(दिनांक 12-12-2001) औरस्वास्थ्यबीमाउत्पादों(दिनांक 29-07-2016) केलिए अधिसूचितकिये थे।चूँकि एफआरबीपुनर्बीमाकर्ताओंके रूप मेंपंजीकृत हैं,अतः आईआऱडीएआईने परिपत्रसं. आईआरडीएआई/आरआई/सीआईआर/विविध/004/01/2019दिनांक 7जनवरी 2019 केद्वाराएफआरबी औरलायड्स इंडियाको उत्पादफाइलिंगसंबंधीउपर्युक्तदिशानिर्देशोंकीप्रयोज्यतासे छूट प्रदानकी।

 

सिफारिशें:

 

भारतीयपुनर्बीमाकर्ता,एफआरबी औरलायड्सइंडिया के लिएउत्पादफाइलिंगदिशानिर्देशोंके संबंध मेंछूट जारी रखनेकी आवश्यकताहै।

 

3. आईआरडीएआई(पालिसीधारकोंके हितों कासंरक्षण)विनियम, 2017 कीप्रयोज्यताः

उक्तविनियमपालिसीधारकोंके हितों केसंरक्षणकेसंबंध मेंप्रत्यक्षबीमाकर्ताओंके लिए लागूहैं।आईआरडीएआई ने परिपत्रसं. आईआरडीएआई/आरआई/सीआईआर/विविध/004/01/2019दिनांक 7जनवरी 2019 केद्वाराभारतीयपुनर्बीमाकर्ताओँऔर एफआरबी केलिएउपर्युक्तविनियमों कीप्रयोज्यतासे छूट प्रदानकी है।

सिफारिशें:

 

अनुमतउक्त छूट कोजारी रखने कीआवश्यकता है।

 

4. बीमाकर्ताओंके लिए सूचनाऔर साइबरसुरक्षासंबंधीदिशानिर्देशोंकीप्रयोज्यताः

आईआरडीएआईने साइबरसुरक्षा केसंबंध में दिशानिर्देशसंदर्भ सं.आईआरडीएआई/ आईटी/जीडीएल/विविध/082/04/2017दिनांक 07-04-2017जारी किये थे।

सिफारिशें:

 

भारतीयपुनर्बीमाकर्ता,एफआरबी के लिएइन दिशानिर्देशोंकीप्रयोज्यताजारी रखी जानीचाहिए।सीआईएसओद्वाराप्रमाणीकरणके संबंध मेंमूल कंपनी / एफआरबी/लायड्सइंडिया केक्षेत्रीयकार्यालयद्वारानियुक्तसीआईएसओआईआरडीएआई केदिशानिर्देशोंके द्वारानिर्धारित मानकोंके अनुसारप्रमाणपत्रजारी कर सकताहै। यह साइबरसुरक्षा केसंबंध मेंदिशानिर्देशसंदर्भ सं.आईआरडीएआई/आईटी/ जीडीएल/विविध/082/04/2017दिनांक 07-04-2017 केअंतर्गतअधिदेशात्मककिये गये 3-वर्षमें एक बार केप्रमाणीकरणके अतिरिक्त होसकता है।

 

5. व्यापारिकउधार बीमासंबंधीदिशानिर्देशोंकी प्रयोज्यताः

आईआरडीएआईने व्यापारिकउधार बीमासंबंधी दिशानिर्देशोंके अनुपालन सेभारतीयपुनर्बीमाकर्ताओं,एफआरबी औरलायड्सइंडिया को परिपत्रआईआरडीएआई/आरआई/सीआईआर/विविध/004/01/2019दिनांक 7जनवरी 2019 केद्वारा छूट प्रदानकी है।

 

सिफारिशें:

 

उक्तछूट जारी रखीजाएगी।

 

6. धोखाधड़ीनिगरानीढाँचे कीप्रयोज्यताः

 

सिफारिशें:

 

सभीभारतीयपुनर्बीमाकर्ताओं,एफआरबी के लिएआईआरडीएआई कीअपेक्षाओं काअनुपालन करतेहुए एकधोखाधड़ीनिगरानीढाँचा/ नीतिरखने कीआवश्यकता हैतथा धोखाधड़ीनिगरानीढाँचे संबंधीवर्तमान परिपत्रके अंतर्गतयथाअपेक्षितअवधि के लिए प्रत्येकवर्ष 30 जून तकविनिर्दिष्टफार्मेट मेंरिपोर्टप्रस्तुतकरने कीआवश्यकता है।

 

7. `फाइलएण्ड यूज़दिशानिर्देशोंके अंतर्गतबड़ी जोखिम कीप्रयोज्यता

आईआरडीएआईने परिपत्र सं.आईआरडीएआई/आरआई/सीआईआर/विविध/004/01/ 2019दिनांक 7जनवरी 2019 केद्वाराभारतीयपुनर्बीमाकर्ताओँ,एफआरबी औरलायड्सइंडिया को ``फाइलएण्ड यूज़दिशानिर्देशोंके अंतर्गतबड़ी जोखिम कीप्रयोज्यतासे छूट प्रदानकी है।

 

सिफारिशें:

 

अनुमति-प्राप्तछूट को जारीरखने कीआवश्यकता है।

 

8. आईआरडीएआई(ग्रामीण औरसामाजिकक्षेत्र के प्रतिबीमाकर्ता केदायित्व)विनियम, 2015 कीप्रयोज्यताः

उक्तविनियमों काउद्देश्यआर्थिक रूप सेकमजोर वर्गोंके लिएग्रामीणक्षेत्रोंमें बीमाव्यापन हैजिन्हेंआईआरडीएआई नेप्रत्यक्षबीमाकर्ताओंके लिए लागूकिया है। आईआरडीएआई नेपरिपत्र सं.आईआऱडीएआई/आरआई/सीआईआर/विविध/004/01/ 2019दिनांक 7जनवरी 2019 केद्वारा भारतीयपुनर्बीमाकर्ता,एफआरबी कोइसकी प्रयोज्यतासे छूट प्रदानकी।

 

सिफारिशें:

 

अनुमति-प्राप्तछूट को जारीरखने कीआवश्यकता है।

 

 

 

अध्याय –IV

 

निवेश

 

1. एफआरबी/लायड्सइंडिया के लिएबीमा अधिनियम,1938 की धारा 27(7) कीप्रयोज्यताः

एफआरबीविदेशीपुनर्बीमाकर्ताओंका शाखा कार्यालयहोने के कारणनिवेशविनियमों केकुछ उपबंधोंका अनुपालनकरने में कुछकठिनाइयों कासामना कर रहीहैं।

 

सिफारिशें:

 

अधिनियमकी धारा 27(7) बीमाअधिनियम, 1938 कीकेवल धारा 27(1) कोनिर्दिष्टकरती है (जो केवलउसमेंउल्लिखितपालिसी के बचतप्रीमियम कोनिर्दिष्टकरती है) तथाइस स्थिति केहोते हुए यहपुनर्बीमाव्यवसाय परलागू नहीं होती।इसके अलावा,यह सुझाव दियागया था किअधिनियम कीधारा 27ईपुनर्बीमाकर्ताओँऔर एफआरबी केलिए लागू नहींकी जानी चाहिएक्योंकिबीमाकर्ताओँऔरपुनर्बीमाकर्ताओंके निवेश अलगबाजार मेंहोने चाहिएजिससे ऋण औरमुद्रा जोखिमसे बचा जासके।

 

2. निवेशपरिचालनों केलिए लागूउपबंध

एफआरबी/लायड्सइंडिया नेमुख्य निवेशअधिकारी की अधिदेशात्मकअपेक्षा सेछूट देने काप्रस्ताव कियाक्योंकि सकलप्रीमियम कावर्तमान स्तर एकअलग सीआईओ कीनियुक्ति कोतर्कसंगतनहीं ठहराता।इसके बजाय यहसुझाव दियागया कि सीआईओ केकार्य कीदेखभाल किसीअन्य पदनामितअधिकारीद्वारा कियाजा सकता है।

 

सिफारिशें:

 

क.  आईआरडीएआई(निवेश)विनियमों केअंतर्गत निवेशप्रणालियाँतथा प्रारंभिक,मध्य और पश्चकार्यालय कीप्रक्रिया,अभिरक्षकनियंत्रण औरअन्यपरिचालनगत अपेक्षाएँसीआईओ सेस्वतंत्र हैंतथा ये परिचालनप्रारंभ करनेकी तारीख से विद्यमानहोनी चाहिए।

ख.  तथापि,एफआरबी / लायड्सइंडिया के लिएएक बार जब सकलप्रीमियम रु. 5000करोड़ तक पहलीबार पहुँचताहै, तबआईआरडीएआई(निवेश)विनियम केअंतर्गतअपेक्षित रूपमें सीआईओ कीअपेक्षाअधिदेशात्मकबनेगी। ऐसे समयतक, एफआरबी / लायड्सइंडिया केसीएफओ कोसीआईओ केकार्यों कानिर्वहण करनेकी अनुमति दीजा सकती हैतथा सीआईओ केकार्यों केलिए सीईओउत्तरदायीहोगा।आईआरडीएआई केलिए इस संबंधमें पहले कीछूट काअधिक्रमणकरते हुए एकपरिपत्र जारीकरने कीआवश्यकता है।

 

3. निवेशोंकीलेखा-परीक्षा

एफआरबी/लायड्सइंडिया नेप्रस्तुतीकरणकिया किप्रत्यक्षबीमाकर्ताओंऔर भारतीयपुनर्बींमाकर्ताओंके असमान वेदैनंदिन आधारपर बड़ीमात्रा मेंनिवेश नहींकरते।वर्तमान मेंएफआरबी लगभग 10लेनदेन प्रतितिमाही करती हैं।

 

सिफारिशें:

 

क.  अपेक्षाकृतकम लेनदेनोंके कारण,आईआरडीएआई (निवेश)विनियमों केअंतर्गतअपेक्षित रूपमेंपुनर्बीमाकर्ताओँ,एफआरबी, औरलायड्स इंडियाद्वारा कियेगये निवेशोंके संबंध मेंअनुपालन कीपुष्टि करनेके लिएआईआरडीएआई एकआंतरिकलेखा-परीक्षक(एक भारतीयसनदी लेखाकारफर्म) कोवार्षिक आधारपर अनुमतिदेने पर विचारकर सकता है।यह सौम्यता तबतक जारी रहेगीजब तक एफआरबी / लायड्सइंडिया का सकलप्रीमियमपहली बार रु. 5000 करोड़तक नहींपहुँचता तथाआईआरडीएआई केपास विवरणियाँअनुवर्तीप्रथम तिमाहीकी विवरणियोंके साथ फाइलनहीं की जातीं।

ख.  ऐसेसमय तकआईआरडीएआई कोप्रस्तुतकरते समय तिमाहीनिवेशविवरणियाँ(बीएपीविवरणियों सहित)एफआरबी / लायड्सइंडिया केसीईओ द्वाराप्रमाणित की जाएँगी।

 

 

 

 

 

अध्याय –V

 

परिचालन

 

1. लायड्स,लायड्स केसिंडिकेट कीनियुक्ति और लायड्सका विनियमनकरने सेसंबंधित बीमाअधिनियम केउपबंध

लायड्सकी संरचनायूके और भारतमें बिलकुल भिन्न-भिन्नहै तथा लायड्सइंडिया के लिएएक सिंडिकेट,सेवा कंपनी कापंजीकरण करनेमें, प्रबंधनके प्रमुखकार्मिकों(केएमपी) कीनियुक्ति,पूँजीगतअपेक्षा,शोधक्षमता,निवेशविनियमों काअनुपालन करनेके विषय मेंविलक्षण है। समिति नेविचार-विमर्शके उपरांतनिम्नलिखितके संबंध मेंअपनी सिफारिशप्रस्तुत कीहैः

 

क.  लायड्सइंडिया कीसेवा कंपनीद्वारा समनुदेशितपूँजी काअनुरक्षणः

वर्तमानविनियमप्रत्येकसिंडिकेट सेअपेक्षा करतेहैं कि वहसेवा कंपनी केमाध्यम से रु. 5करोड़ कीसमनुदेशितपूँजी काअनुरक्षणकरे। तथापि,सेवाकंपनियाँवर्तमान फेमादिशानिर्देशोंके परिचालनगतविषयों केकारण भारत मेंअपने खाते मेंउक्त पूँजी काअनुरक्षणकरने मेंकठिनाइयों कासामना करतीहैं।

 

सिफारिशें:

1. आईआरडीएआईरु. 5 करोड़ कीसमनुदेशितपूँजी का अनुरक्षणकरने के लिएसिंडिकेट सेकी जा रही अपेक्षासमाप्त करसकता है तथालायड्सइंडिया कोअधिदेश देसकता है कि वहएक उच्चतरसमनुदेशितपूँजी रखे।

2. समनुदेशितपूँजी लायड्सइंडिया केस्तर पर अधिदेशात्मकबनाई जानी चाहिए,जो लायड्सइंडिया के लिएन्यूनतमसमनुदेशितपूँजी होनीचाहिए तथालायड्सइंडिया के अंतर्गतपंजीकृतप्रत्येकसिंडकेट केलिए अतिरिक्तरूप से होनीचाहिए।

3. समनुदेशितपूँजी काअनुरक्षणकरने की पद्धतिको आईआरडीएआईअधिदेशात्मकबनायेगा।भारत में अपनेपंजीकरण की प्रक्रियाके समय लायड्सइंडियाद्वारा प्रस्तुतचुकौतीआश्वासन पत्र(लेटर आफ़कम्फर्ट) कीसमीक्षाआईआरडीएआईद्वाराआवश्यककानूनीमंजूरीप्राप्त करनेके बाद करनेकी आवश्यकताहै।

 

ख.  शोधक्षमतालायड्सइंडिया केस्तर पर देखीजानी चाहिएः

 

लायड्सकी संरचना केअनुसार,लायड्स एक(पुनः)बीमाबाजार है तथाउसकेसिंडिकेट केसदस्य जोखिम-वाहकहैं, जो अपनीसेवाकंपनियों केमाध्यम से(पुनः)बीमाव्यवसाय काअंकन करतेहैं। इस प्रकार,वर्तमानविनियम यहस्पष्ट नहींकरते किशोधक्षमता कापरिकलनसिंडिकेट केस्तर पर किसप्रकार करनेकी आवश्यकताहै। इसकी समीक्षाकी जानी चाहिएक्योंकिपुनर्बीमा व्यवसायका अंकनसिंडिकेट केस्तर पर कियाजाता है, न किलायड्सइंडिया केस्तर पर।

वर्तमानविनियमलायड्सइंडिया के लिएरु. 100 करोड़ कीन्यूनतमसमनुदेशितपूँजी कीअपेक्षा करतेहैं जो किसी(पुनः)बीमा काअंकन नहींकरता। दूसरीओर, सिंडिकेट / सेवाकंपनी जोजोखिम का अंकनकरती है, केसंबंध मेंनिर्धारित हैकि वह रु. 5करोड़ कीसमनुदेशितपूँजी रखे। इसप्रकार,लायड्सइंडिया और सिंडिकेटोंके बीचसमनुदेशितपूँजी काशोधक्षमता केदृष्टिकोण सेपुनर्निर्धारणकरने कीआवश्यकता है।

 

सिफारिशें:

 

1. लायड्सइंडिया कीशोधक्षमता कीसंगणना समग्रलायड्सइंडिया केस्तर पर करनेकी आवश्यकता है,जिसका सुयोजनलायड्सइंडिया केअंतर्गत उसकेसिंडिकेटों / सेवाकंपनियोंद्वारा दर्जकिये गयेव्यवसाय केसाथ करनाआवश्यक है।

2. चूँकिसिंडिकेट वैधसंस्थाएँनहीं हैं, अतःलायड्स केद्वारासिंडिकेटों / सेवाकंपनियों कीओर सेशोधक्षमतामार्जिन काअनुरक्षणकरने पर, भारतमें अपनेपंजीकरण केसंबंध मेंकार्रवाईकरने के दौरानलायड्सद्वाराप्रस्तुत चुकौतीआश्वासन पत्र(लेटर आफ़कम्फर्ट) कीसमीक्षा करनेकी आवश्यकताहै।

 

ग.   निवेशविनियमों काअनुपालनः

वर्तमानविनियामकउपबंधों केअनुसार, लायड्सइंडिया अपनेसिंडिकेटों / सेवाकंपनियों केप्रभावीपर्यवेक्षणके लिएउत्तरदायीहै। यद्यपिसिंडिकेटजोखिम-वाहकहैं, तथापिसिंडिकेटस्तर पर निवेशविनियमों काअनुपालन करनासंभाव्य नहींहो सकता।

 

सिफारिशें:

 

अपनेसभीसिंडिकेटों / सेवाकंपनियों केलिए और उनकीओर से वर्तमानआईआरडीएआई(निवेश)विनियमों काअनुपालन करनेके लिए लायड्सइंडिया काउत्तरदायीहोना आवश्यकहै।

 

घ.   संयुक्तपंजीकरणप्रमाणपत्रका निर्गमः

 

वर्तमानविनियामकउपबंधों केअनुसार, आईआरडीएआईलायड्सइंडिया कीसेवा कंपनी औरउसकाप्रतिनिधित्वकरनेवालेसिंडिकेट(सिंडिकेटों)को एक संयुक्तपंजीकरणप्रमाणपत्रजारी करेगा।तथापि, लायड्सकी संरचना केअनुसार,सिंडिकेट कोईवैध संस्थानहीं है।

 

सिफारिशें:

 

1. आईआरडीएआईलायड्स कीसंरचना केआलोक में उक्तविनियमों कीसमीक्षा करसकता है;

2. सेवाकंपनी कोपंजीकरणप्रमाणपत्र(सीओआर) उससिंडिकेट केनाम के साथजिसकी ओर सेऐसी सेवा कंपनीपुनर्बीमाव्यवसाय काअंकन करेगी,जारी करने कीसंभावना काउल्लेख कियाजा सकता है;

3. लायड्सइंडिया के लिएऐसेसिंडिकेटोंका समर्थनकरनेवालेसदस्य(सदस्यों)का ब्योराप्रस्तुतकरने कीआवश्यकता है।वार्षिक तौरपर, सिंडिकेटके सदस्यों काइस प्रकार काब्योरा आईआरडीएआईकी वेबसाइट परप्रकट करने कीआवश्यकता है;

4. सिंडिकेटके केवाईसी केलिए लायड्सइंडिया उत्तरदायीहोगा;

5. चूँकिसेवाकंपनियाँलायड्स केअंतर्गत पंजीकृतहैं, अतःलायड्स न्यूनतममानकों कानिर्धारणकरेगा जोआईआऱडीएआईको उपलब्धकराये जाएँगे,तथा जो लायड्सके अंतर्गतपरिचालन करनेके लिए ऐसेप्रबंधक एजेंटऔर सिंडिकेटपर लागू होंगे;

6. सभीसेवाकंपनियों औरसिंडिकेटोंके लिए, जो लायड्सइंडिया केअंतर्गतपरिचालनकरेंगे, आईआरडीएआईकेवल लायड्सके माध्यम सेही अनुपालनलागू करेगा।

 

2.बीमाविज्ञापनों संबंधीविनियमों,दिशानिर्देशोंके उपबंधों कीप्रयोज्यताः

 

चूँकिप्रत्यक्षबीमा व्यवसायऔर पुनर्बीमाव्यवसाय कीअपेक्षा(सलिसिटेशन)और प्रापण (प्रोक्यूरमेंट)सुस्पष्ट रूपसे भिन्न हैं,अतः पुनर्बीमाकर्ताओंद्वारा कियेगये विज्ञापनप्रत्यक्षबीमाकर्ताओंको किये जानेचाहिए तथाकिन्हींवैयक्तिकपालिसीधारकोंको लक्ष्यितनहीं किया जानाचाहिए।

 

सिफारिशें:

 

क.   चूँकिपुनर्बीमा एकपुनर्बीमाकर्ताऔर एक प्रत्यक्षबीमाकर्ता केबीच अंकितव्यवसाय है,तथा चूँकिपुनर्बीमाकर्ताकिसी उत्पादका विक्रयजनसाधारण कोसीधे नहींकरता, अतःप्रत्यक्षबीमाकर्ता केलिए लागू विज्ञापनविनियमभारतीयपुनर्बीमाकर्ताओं,एफआरबी / लायड्सइंडिया के लिएलागू नहींकिये जानेचाहिए;

ख.   विज्ञापनसंबंधी उपबंधजिनसे विज्ञापनसंबंधीमास्टरपरिपत्र, 2019दिनांक 16-10-2019 केद्वारा औऱविज्ञापनविनियमों केमाध्यम से छूटदी गई है,एफआरबी,लायड्सइंडिया औरपुनर्बीमाकर्ताओंके लिए जारीरखे जानेचाहिए।

 

3.एएमएलदिशानिर्देशोंसंबंधीउपबंधों की प्रयोज्यताः

 

सिफारिशें:

 

क.   येदिशानिर्देशपुनर्बीमाकर्ताओँ,एफआरबी, लायड्सइंडिया परलागू होंगे।

ख.   आईआरडीएआईउस फार्मेट कोअधिदेशात्मककरेगा जिसमेंएफआरबी/ लायड्सइंडियाद्वारारिपोर्ट फाइलकिये जाने कीअपेक्षा है।

ग.    आईआरडीएआईआवधिकता और उसनोडल विभाग कोस्पष्ट करेगाजिसेरिपोर्टिंगकरना आवश्यकहोगा।

 

4.आईआरडीएआई(बीमाअभिलेखों काअनुरक्षण)विनियम, 2015 कीप्रयोज्यता

आईआरडीएआई(बीमाअभिलेखों काअनुरक्षण)विनियम, 2015 सेछूट जोपरिपत्र सं.आईआरडीए/आरआई/सीआईआर/विविध/004/01/2019दिनांक 7जनवरी 2019 केअनुसार मुख्यरूप सेप्रत्यक्षबीमाकर्ताओँपर लागू हैं,भारतीय पुनर्बीमाकर्ता,एफआरबी के लिएजारी रखने की आवश्यकताहै।

 

सिफारिशें:

क.   आईआरडीएआई(बीमाअभिलेखों काअनुरक्षण)विनियम, 2015 काविनियम 3(9)अपेक्षा करताहै कि –भारत मेंजारी की गईसभीपालिसियों औरकिये गये सभीदावों सेसंबंधितअभिलेखइलेक्ट्रानिकपद्धति मेंरखे गयेअभिलेखोंसहित, भारतमें स्थित औरअनुरक्षितडेटाकेन्द्रोंमें धारित कियेजाएँगे।

ख.   केवलविनियम 3(9) को हीपुनर्बीमाकर्ताओं,एफआरबी औरलायड्सइंडिया के लिएलागू करने कीआवश्यकता है,जैसा कि आर1 केप्रसंस्करणके समयविनिर्दिष्टकिया गया है।

ग.    आईआरडीएआईशीर्ष `परिचालनगतविषय केअंतर्गतउपर्युक्तउपबंध कोजोड़ते हुए निम्नलिखितविनियमों कासंशोधन करसकता हैः

1. एफआरबीके लिएआईआरडीएआई(लायड्स कोछोड़कर अन्यविदेशी पुनर्बीमाकर्ताओँके शाखाकार्यालय कापंजीकरण औरपरिचालन)विनियम, 2015 केविनियम 28 केअंतर्गत तथा

2. लायड्सइंडिया के लिएआईआरडीएआई(लायड्स इंडिया)विनियम, 2016 केविनियम 50 केअंतर्गत।

 

5.आईआरडीएआई(भारतीयबीमाकर्ताओँद्वारा बाह्यस्रोतीकरणकार्यकलाप)विनियम, 2017 कीप्रयोज्यता

उनबीमाकर्ताओंके लिएउपर्युक्तविनियमों सेछूट दी गई हैजो पुनर्बीमाव्यवसाय मेंलगे हुए हैं।

 

सिफारिशें:

 

तथापि,एफआरबी औरलायड्सइंडियानिम्नलिखित काअनुपालनकरेंगेः

क.   आईआरडीएआई(लायड्स कोछोड़कर अन्यविदेशी पुनर्बीमाकर्ताओंके शाखाकार्यालय कापंजीकरण औरपरिचालन)विनियम, 2015 काविनियम 28(5):

 

बाह्यस्रोतीकरणःएफआरबीका शाखाकार्यालयजोखिम-अंकन,दावा प्रसंस्करणऔर निपटान तथाविनियामकअनुपालनों केमुख्यकार्यकलापोंके लिए आवश्यकसमस्त प्रक्रियाका प्रतिधारणकरेगा। पश्चकार्यालय (बैकआफिस) केकार्य जिनकाबाह्यस्रोतीकरण(आउटसोर्सिंग)किया जा सकताहै, प्राधिकरणके पूर्वअनुमोदन सेकिया जाएगा।

 

ख.   आईआरडीएआई(लायड्सइंडिया)विनियम, 2016 काविनियम 50(4):

 

बाह्यस्रोतीकरणःलायड्सइंडिया कासेवा कंपनीजोखिम-अंकन,दावाप्रसंस्करणऔर निपटान तथाविनियामकअनुपालनों केमुख्यकार्यकलापोंके लिए आवश्यकसमस्तप्रक्रिया काप्रतिधारण करेगी।पश्चकार्यालय (बैकआफिस) केकार्य जिनकाबाह्यस्रोतीकरणकिया जा सकताहै, प्राधिकरणके पूर्वअनुमोदन सेकिया जाएगा।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

अध्याय –VI

 

कारपोरेटअभिशासन

 

1. विभिन्नसमितियों कीभूमिका कीप्रयोज्यता

 

आईआरडीएआईकारपोरेटअभिशासनदिशानिर्देश संदर्भसं. आईआरडीए/एफएण्डए/जीडीएल/सीजी/100/05/2016दिनांक 18-05-2016बीमाकर्ताओंके लिएविभिन्न समितियाँगठित करनाअधिदेशात्मक(मैंडेटरी)बनाते हैं।तथापि,उपर्युक्तदिशानिर्देशोंके अनुसार,ऐसी समितियाँएफआरबी औरलायड्स इंडियालागू नहींहोतीं।

 

सिफारिशें:

 

अनुमतछूट को जारीरखने कीआवश्यकता है।

 

2. एफआरबी/लायड्सइंडिया के लिएअनुपालनअधिकारीः

 

एफआरबीके व्यवसाय औरकार्यों कास्वरूप एक क्षेत्रीयअनुपालनअधिकारी अथवाउसके समूह केस्तर पर उसकेमुख्यअनुपालनअधिकारी कोरिपोर्ट करनेके लिएअनुपालनअधिकारी कीमाँग करता है।

 

सिफारिशें:

 

यहसिफारिश की गईकि आईआरडीएआईकारपोरेट अभिशासनदिशानिर्देशोंके आशय केअंदर अनुपालन अधिकारीका केएमपीहोना आवश्यकनहीं है।

 

3. मुख्यकार्यकारीअधिकारी(सीईओ) कापारिश्रमिक

मुख्यकार्यकारीअधिकारी(सीईओ) कोनियुक्त करनेअथवा सीईओ याउसके पारिश्रमिकको परिवर्तितकरने के लिएबीमा अधिनियम,1938 की धारा 34एप्राधिकरण केपूर्व अनुमोदनकी अपेक्षाकरती है। इससंबंध मेंनिम्नलिखितसुझाव दियेगयेः

 

एफआरबीअथवा लायड्सइंडिया केसीईओ के पारिश्रमिकमें परिवर्तनभारत मेंसमग्र समूह केभाग के रूपमें प्रधानकार्यालय केस्तर पर कियाजाता है, न कि शाखाके स्तर पर।इसके अलावा,पुनर्बीमाकर्ताओंके पास कोईपालिसीधारकनिधियाँ नहींहोतीं। इसप्रकार,प्रधानकार्यालय / मूलकंपनी मेंउसके वित्तीयवर्ष के अंतमें सीईओ केपारिश्रमिकमें किये गयेकिसी भी परिवर्तनको बीमाअधिनियम, 1938 कीधारा 34ए केअंतर्गत की गईअपेक्षा केसाथ सुसंगतरूप में लियाजाना चाहिए।

 

सिफारिशें:

 

1. एफआरबी/लायड्सइंडिया सीईओकी नियुक्तिऔर उसके पारिश्रमिकके भुगतान केसंबंध मेंआईआरडीएआई कापूर्वअनुमोदनप्राप्तकरेगा।

2. एफआरबीऔर लायड्सइंडिया सीईओ कीनियुक्ति और / यासीईओ कोपारिश्रमिकके भुगतान केतौर पर परिवर्तनके लिए एकआवेदनप्रस्तुतकरेगा जो एफआरबीऔर लायड्सइंडिया की मूलकंपनी /क्षेत्रीयकार्यालय केबोर्ड केअनुमोदन से समर्थितहोगा।

3. आईआरडीएआईसीईओ केपारिश्रमिकके अनुमोदन कीप्रक्रियामें संशोधनकरेगा, जोअपनी मूल कंपनीके साथ एफआरबीके व्यवहार केसाथ समक्रमिकहोगा।

 

4.बोर्डऔर स्वतंत्रनिदेशकों कामूल्यांकनः

भारत मेंबीमाकर्ताओँके लिएकारपोरेटअभिशासन हेतुआईआरडीएआईदिशानिर्देशसंदर्भ सं.आईआरडीए/एफएण्डए/जीडीएल/सीजी/100/05/2016दिनांक 18-05-2016एफआरबी औरलायड्सइंडिया कोबोर्ड के रूपमें गठन नकरने कीअनुमति देतेहैं।

 

इसकेअतिरिक्त,आईआरडीएआईपरिपत्र सं.आईआरडीएआई/एनएल/जीडीएल/ आरआईएन/231/11/2016दिनांक 23-11-2016एफआरबी,लायड्स इंडियाके लिए भारतमें परिचालनकरनेवाली शाखाके बोर्ड कीसमकक्षकार्यकारीसमिति (ईसी) कागठन करनाअधिदेशात्मक(मैंडेटरी)बनाता है, जोमूल कंपनी केबोर्ड कीप्रत्यायोजितशक्तियों सेयुक्त होगी।उक्तदिशानिर्देशयह अधिदेशात्मकबनाते हैं किईसी केसदस्यों की भूमिकाऔर उनके कार्यतथा उनमेंकिसी भीपरिवर्तन जोउक्त विनियमोंके साथ सुसंगतनहीं हो, कीसूचनाआईआरडीएआई कोदी जाएगी।

 

सिफारिशें:

उपर्युक्तउपबंध जारीरखे जा सकतेहैं।

 

5.सूचनाप्रदाता(व्हिसलब्लोअर) नीति

 

सिफारिशें:

 

उपर्युक्तदिशानिर्देशएफआरबी और लायड्सइंडिया परलागू किये जासकते हैं।

 

6.कारपोरेटअभिशासनदिशानिर्देशोंके अनुसारकेएमपी कीनियुक्तिः

 

सिफारिशें:

 

क.   योग्यऔर उपयुक्त(फिट एण्डप्रोपर)मानदंड –केएमपी

एफआरबी,लायड्सइंडियाकारपोरेटअभिशासन दिशानिर्देशोंके अनुसारकेएमपी कीनियुक्ति करेंगेजब दर्ज सकलप्रीमियमपहली बार रु. 5000करोड़ के स्तरतक पहुँचेगा।

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ख.   केएमपीकी भूमिका औरहित-संघर्ष

जब एक बारएफआरबी,लायड्सइंडिया पहलीबार रु. 5000 करोड़ कासकल प्रीमियमदर्ज करतेहैं, तबकेएमपी की भूमिकाओंऔर हित-संघर्षका समाधानवर्तमान विनियामकउपबंधों केअनुसारउपयुक्त रूपमें किया जासकता है।

अध्याय –VII

अन्य

 

1. वित्तीयआंकड़ों औरनिवेशों केलिए बीएपी अनुपालन

समितिको यह सूचितकिया गया किपुनर्बीमा रिपोर्टिंगफार्मेटों केलिए कार्य-दलने अपनीरिपोर्टप्रस्तुत कीहै तथाविभिन्न रिपोर्टिंगफार्मेटों केलिए सिफारिशकी है।

 

अभिमतः

यहराय व्यक्त कीगई कि एफआरबीऔर लायड्सइंडिया के लिएप्रयोज्य रूपमेंआईआरडीएआईलागू फार्मउनकी फाइलिंगकी आवधिकता केसाथ निर्धारितकरे।

 

2. सार्वजनिकप्रकटीकरण कीआवश्यकताओँसे छूट

व्यवसायके आंकड़ेतिमाही आधारपर आईआरडीएआईको सूचित करनेकी आवश्यकताहै। एफआरबी,लायड्स नेसुझाव दिया किउन्हेंतिमाहीसार्वजनिकप्रकटीकरण कीअपेक्षाओं सेछूट दी जाए,क्योंकिप्रत्यक्षबीमाकर्ताओंसे डेटाप्राप्त करनेमें असाधारणविलंब होगा। इसकेसाथ ही,जनसाधारण कुलमिलाकर किसीपुनर्बीमाकर्ताके वित्तीयडेटा के साथखास तौर से संबंधितनहीं है।

 

सिफारिशः

क.  एफआरबी/ लायड्सइंडिया कोअपनी मूलसंस्था केव्यावसायिकपरिणामों कावार्षिक तौरपर सार्वजनिक प्रकटीकरणकरने कीअनुमति दी जासकती है।

ख.  इसप्रकार काप्रकटीकरणएफआरबी कीसंबंधित भारतीयशाखा कीवेबसाइट पर कीजा सकती है,यदि उसके पासभारतीय शाखाके लिएविशिष्ट वेबसाइटहो।

 

3. एफआरबीद्वाराविभिन्नविवरणियों काआवधिक प्रस्तुतीकरण

सिफारिशः

एफआरबीसे अपेक्षितहै कि वे आईआरडीएआईद्वारायथानिर्धारितविभिन्न विवरणियाँफाइल अथवाप्रस्तुतकरें।

 

4. संयुक्तसांविधिकलेखा-परीक्षाकी अपेक्षा सेछूट

चूँकिएफआरबी / लायड्सअन्यबीमाकर्ताओंकी तुलना मेंनवोदितस्थिति मेंहैं, तथा इसतथ्य के कारणभी कि लेखोंका निपटानतिमाही आधारपर किया जाताहै, अतः यहप्रस्तावकिया गया किउस समय तकपरिचालनगतसुविधा के लिएदोलेखा-परीक्षाफर्मों की अपेक्षाको छोड़ दियाजाए, जब तक इसेउचित सिद्धकरते हुए उनकेपरिचालनों काविस्तार होनेपर बाद मेंआईआरडीएआई इसपर निर्णय न करे।

सिफारिशः

संयुक्तलेखा-परीक्षाकी इस अपेक्षासे तब तक छूटदी जा सकती हैजब तक एफआरबी /लायड्सइंडिया काव्यवसाय पहलीबार रु. 5000 करोड़के सकलप्रीमियम तकनहीं पहुँचता।

 

5. पुनर्बीमाकर्ताओंका कराधान –निम्नलिखितकरों केविषयों परचर्चा की गईः

क.   आय-करकी दरः

1. देशीबीमा औरपुनर्बीमाकंपनियाँ 22%कीदर से आय-कर और कुलमिलाकर25.17% कीसमग्र आय-करदर तक, अधिभारऔर शिक्षाउपकर (30% औरअधिभार यदिदेशी कंपनीद्वाराकिन्हीं अन्य रियायतेंप्राप्त की गईहों) अदा करनेके लिए जिम्मेदारहैं। दूसरीओर, एफआरबी औरलायड्स इंडिया40% की दर सेआय-कर तथाअधिभार औरशिक्षा उपकरअदा करने केलिएजिम्मेदारहैं।

कराधान की इससंवर्धित दरने एफआरबी औरलायड्सइंडिया कोदेशीबीमाकर्ता कीतुलना में, जोकर की एकनिम्नतर दरप्राप्त करताहै, एक अलाभकारीस्थिति मेंरखा है।एफआरबी औरलायड्स इंडियाने अनुरोधकिया है किआय-कर कीसमानता पर विचारकिया जाए तथावित्तीय सेवाएँविभाग(डीएफएस)/ सीबीडीटीसे किये गयेइस अनुरोध काप्राधिकरणसमर्थन करे।

2. कर कोरोक रखना

एफआरबीऔर लायड्सइंडिया ने यहप्रस्तुतीकरणभी किया कि वे 40%काकर रोक रखनेके अधीन भीहैं (जब तक एकनिम्नतर कर कोरोक रखने काप्रमाणपत्रप्राप्त नहीं कियाजाता)। जबकिकरप्राधिकारियोंने 2 से 5%तक के निम्नतरकर को रोकरखने के लिएअनुमति दी है,यह एक वार्षिकप्रक्रिया हैतथा समस्त भारतमें यह एकसमाननहीं है औरअनावश्यकअनुपालन/ प्रशासनिकभार निर्मितकरता है।एफआरबी ने उल्लेखकिया कि किसीसीबीआर को अदाकिया गया कोई भीपुनर्बीमाप्रीमियम, करकी कटौती कोरोक रखने कीस्थिति कासामना नहींकरता (बशर्तेकि भारत मेंसीबीआर कीउपस्थिति नहो)।

इसस्थिति केहोते हुए किएफआरबी औरलायड्स इंडियाअग्रिम कर केअधीन हैं तथाभारत में कर अदाकर रहे हैं,एफआरबी औरलायड्सइंडिया को कररोक रखने सेछूट दी जानीचाहिए। अतःप्राधिकरण सेअनुरोध है किएफआरबी औरलायड्सइंडिया की ओरसे यह विषयडीएफएस/सीबीडीटीके पास उठाये।

3. करसंबंधी अन्यविषय़ः

समितिने एफआरबी औरलायड्सइंडिया के लिएकर कीचुनौतियोंसंबंधी एक नोटकी समीक्षा कीऔर उस परविचार किया।

 

सिफारिशः

आईआरडीएआईयह विषय करप्राधिकारियोंके पास उठासकता है।

 

6.  जीवन,गैर-जीवन औरस्वास्थ्यबीमाकर्ताओंके लिए आर्थिकपूँजी केअनुमान संबंधीपरिपत्र कीप्रयोज्यताः

सिफारिशः

आईआरडीएआईने आईआरडीएआईपरिपत्र सं. आईआरडीएआई/आरआई/सीआईआर/विविध/004/01/2019दिनांक 7जनवरी 2019 केद्वारा उपर्युक्तपरिपत्र कीप्रयोज्यतासे एफआरबी औरलायड्सइंडिया को छूटप्रदान की है।इसे जारी रखाजा सकता है।

 

7. अनर्जितप्रीमियमरिज़र्व(यूपीआर)

वर्तमानमें यूपीआर कीसंगणना करने कीपद्धति कोअपनाने मेंएफआरबी औरलायड्स इंडियाअनुकूल नहींहैं क्योंकि वेव्यवसाय कीव्यवस्था औरपुनर्बीमा समझौतेके लिए एकनियत प्रतिशतपद्धति अथवा भिन्नीयपद्धति (जैसे ¼;1/8; 1/365) को अपना सकतेहैं।

सिफारिशः

यहसुझाव है कि सभीएफआरबी औरलायड्सइंडिया सुसंगतरूप में 1/365 पद्धतिका अनुसरण वर्षानुवर्षकरेंगे तथाअपनी फाइलिंगमें आईआरडीएआईको उसकाप्रकटीकरणकरेंगे।

 

8. एफआरबी /लायड्सइंडियाद्वारापुनर्बीमाकार्यक्रमः

आईआरडीएआई(पुनर्बीमा)विनियम, 2018 केविनियम 3 के उपबंधोंके अनुसार, एफआरबीऔर लायड्सइंडिया के लिएविनियमों केअनुसार अपनापुनर्बीमाकार्यक्रम प्रस्तुतकरना आवश्यकहै। एफआरबी नेप्रस्तुतीकरणकिया कि एकशाखा होने केकारणउनकापुनर्बीमाकार्यक्रम समूचेसमूह कोसम्मिलितकरते हुए मूलकंपनी / प्रधानकार्यालय केस्तर पर

खरीदाजाता है,जिसके द्वारा बड़ेपैमाने कीकिफायतों कालाभ उठायाजाता है।

 

सिफारिशें:

क.  आईआरडीएआईके लिए यहसुनिश्चितकरने की आवश्यकताहै कि संबंधितएफआरबी केप्रधानकार्यालय /मूलकंपनी द्वाराखरीदी गई पुनर्बीमाव्यवस्था केअंतर्गतएफआरबी शाखा पूरीतरह कवर की गईहै;

ख.   आईआरडीएआईके लिए संबंधितएफआरबी औरलायड्सइंडिया केप्रधानकार्यालय /मूल कंपनी केपुनर्बीमाविभाग केप्रमुख से इसआशय का अधिदेश(मैंडेट)प्रमाणीकरण प्राप्तकरने कीआवश्यकता हैकि भारतीयशाखा समूह केपुनर्बीमाकार्यक्रम केअंतर्गत कवरकी गई है।

ग.    उक्तप्रमाणीकरणके साथआईआरडीएआई केपास फाइल कियागयापुनर्बीमाकार्यक्रम संलग्नकिया जाएगा।

घ.   आईआरडीएआईऐसेप्रमाणीकरणके लिए फार्मेटजारी करेगा।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

अनुबंध– 2

 

एफआरबी/ लायड्सइंडियाद्वारा पहलीबार रु. 5000 करोड़तक सकलपुनर्बीमाप्रीमियम केपहुँचने पर विनिर्दिष्टविनियामकउपबंधों काअनुपालन करनेके लिए तर्काधार

 

1. विदेशीपुनर्बीमाकर्ताओँऔर लायड्सइंडिया केशाखाकार्यालयोंके पंजीकरण औरपरिचालन को नियंत्रितकरनेवाले अलग-अलगविनियम हैं।भारतमें सभीपुनर्बीमाकर्ताओंके लिए लागूएक अलग पुनर्बीमाविनियम, 2018 भीहै।

2.  बीमाकर्ता कोपरिभाषितकरते समय बीमाअधिनियम कीधारा (9) (घ) में निम्नलिखितको शामिल कियागया

(घ) भारतमें स्थापितशाखा केमाध्यम सेपुनर्बीमाव्यवसाय में लगीहुई विदेशीकंपनी#2404;

स्पष्टीकरण–इस उप-खंड केप्रयोजनों केलिए, अभिव्यक्तिविदेशीकंपनी से भारतके बाहर किसीदेश में विधिके अंतर्गत स्थापितअथवा निगमितकंपनी अथवानिकाय अभिप्रेतहोगा तथाइसमें लायड्स अधिनियम,1871 (युनाइटेडकिंगडम) केअधीन स्थापित लायड्सअथवा उसका कोईसदस्य शामिलहै;

3.  इसकानिहितार्थ हैकि एकप्रत्यक्षबीमाकर्ता केलिए लागू दिशानिर्देशऔर विनियम विदेशीपुनर्बीमाशाखाओँ(एफआरबी) औरलायड्सइंडिया पर भीलागू किये गयेहैं। यद्यपि विनियमनकर्ताने साधारणबीमा परिषद केमाध्यम से एफआरबीऔर लायड्सइंडिया सेप्राप्तअभ्यावेदनोंके आधार पर अलगपरिपत्रों केद्वारा ऐसेअनेकविनियमों काअनुपालन करनेसे एफआरबी औरलायड्सइंडिया को छूटप्रदान की है,तथापि अब भीऐसे अनेक कमउपयोगीक्षेत्र हैं जिनकासमाधान कईविनियमों कीप्रयोज्यता केसंबंध मेंकरने कीआवश्यकता है।

4.  यदि भारतीयपुनर्बीमाबाजार काविकास इसक्षेत्र केलिए पुनर्बीमाके लिए एक `केन्द्र (हब)के रूप मेंकरना है, तो एफआरबीऔर लायड्सइंडिया जोविकास के अपनेउदीयमान स्तरपर हैं, को व्यवसायकरने की सुगमताके लिए कुछरियायतेंप्रदान करनेकी आवश्यकताहै।

5.  बीमाऔर पुनर्बीमाबाजार काविकास एकदूसरे परआश्रित हैं।

6.  यद्यपिएफआरबी औरलायड्सइंडिया कोदोनों भारतीयएवं विदेशीव्यवसाय करनेके लिए अनुमतिदी गई है,तथापि अद्यतनस्थिति केअनुसार, उनकेद्वारा जोखिम-अंकितविस्तृतअधिकांश व्यवसायमूलतः भारत सेहै।यहअधिदेशात्मककरनेवाला पुनर्बीमाविनियम कि उनकेद्वाराजोखिम-अंकित भारतीयव्यवराय का 50%भारतमेंप्रतिधारितकिया जाना चाहिए,उस स्तर सेअधिक भारतीय प्रीमियमके बहिर्वाहका प्रत्यक्षनियंत्रणकरता है। प्राथमिकरूप से इसकाउद्देश्य विदेशीमुद्रा केबहिर्वाह कानियंत्रणकरने केसाथ-साथ भारतीयपुनर्बीमाबाजार काविकास करनाहै।

7. निम्नलिखितसारणी वर्ष 2018-19 केदौरान तथा 2019-20 कीतीसरी तिमाहीतक एफआरबी और लायड्सके द्वाराजोखिम अंकित सकलप्रीमियम कीस्थिति उपलब्धकराती है।

सं.

एफआरबी का नाम

सकल प्रीमियम भारतीय रुपये करोड़ में

2018-19

2019-20 की तीसरी तिमाही

1

म्यूनिख आरई

2285.08

3,047.63

2

अक्सा वी

2173.54

1333.94

3

स्विस आरई

2275.41

2145.21

4

स्कोर

1571.77

1068.29

5

एक्सएल कैट

324.50

431.67

6

हैनोवर

622.60

1007.45

7

आरजीए

267.01

558.88

8

जन आरई

194.06

149.48

9

लायड्स (ऐम्लिन / मार्केल)

1.19

13.19

10

अलायंज़ ग्लोबल

--

170.39

 

8. उपर्युक्तसारणी से हमदेख सकते हैंकि पुनर्बीमाबाजार उभरनेके स्तर पर है तथाआगे विकासकरने के लिए `व्यवसायकरने की सुगमताकापरिवेश उपलब्धकराने कीआवश्यकता अपरिहार्यहै।

9.  कुछअधिदेशात्मकअपेक्षाओं औरविनियमों केसंबंध मेंसमझौता कियेबिना जो आकारऔर मात्रा काविचार कियेबिना अनुपालनकिये जाने केलिएअत्यावश्यक हैं,समिति ने ऐसेसमय तक कुछछूटें औररियायतेंदेनेकीसिफारिश की जबतक वे व्यवसायकी मात्रा केएक उचित स्तरतक न पहुँचें।एक अवधि कानिर्धारणकिये बिना स्वतःअधित्याग और छूटेंप्रदानकरना भी एकदीर्घतर अवधि केलिए नियंत्रणखोने मेंपरिणत होगा। इससमस्या का उन्मूलनकरने के लिए यहमहसूस कियागया कि रु. 5000करोड़ का सकलप्रीमियमस्तर एकएफआरबी और लायडके लिए संपूर्णपरिचालन औरकार्यालय हेतुएक उपयुक्तस्तर होगा। तथापि,बाजार कीआवश्यकता और व्यवसायके विकास केआधार पर इसेआगे औरसमीक्षा करनेके लिए रखा जासकता है। यह वापसलेने के अधीनभी रखा गया हैयदि किसी भीसमय यह महसूसकिया जाता हैकि यहपरिचालनगत नैतिकताका समर्थन नहींकर रहा है।

10. कुछउदाहरण देखेजा सकते हैंकिः

 

·     चूँकिवर्तमान मेंएफआरबी और लायड्सविशेष रूप सेउच्चतर स्तरपर न्यूनतमस्टाफ के साथ परिचालनकर रहे हैं,अतः केएमपी कीनियुक्ति सेसंबंधितअपेक्षा उससमय तक आशोधितकी गई है अथवाउससे छूटप्रदान की गईहै जब तक वे रु.5,000 करोड़ के सकलप्रीमियमस्तर तक नहीं पहुँचते।

·     नियुक्तबीमांकक सेप्रमाणीकरण। वर्तमानमें शाखाएँहोने के कारणएफआरबी औरलायड्स इंडियाके पास कोईनियुक्तबीमांकक (एए) संभवतःनहीं है। इसकेबजाय उनसे कहाजा सकता है किवे एएसआई केपास पंजीकृत एकबीमांकक से प्राप्तप्रमाणपत्रप्रस्तुतकरें।

·     संयुक्तसांविधिकलेखा-परीक्षाकी आवश्यकतासे तब तक छूटजब तक वे रु. 5,000करोड़ के सकलप्रीमियमस्तर तक नहींपहुँचते।

·     मुख्यनिवेशअधिकारी कीनियुक्ति –जबतक वे रु. 5,000करोड़ के सकलप्रीमियमस्तर तक नहींपहुँचते, तबतक सीएफओ कोएक ही समय सीआईओके रूप में सीएफओके कार्यों केलिएउत्तरदायीबनाते हुए सीआईओके कार्यों कानिर्वहण करनेकी अनुमति दीजा सकती है।

 

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