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Title: परिपत्र
Reference No.: आईआरडीएआई/एफएण्डए/जीडीएल/सीपीएम/045/02/2020
Date: 07/02/2020
भारत में बीमाकर्ताओं के लिए प्रबंधन (स्ट्यूअर्डशिप) संहिता संबंधी संशोधित द

 

प्रति,

सभीबीमाकर्ताओंके अध्यक्षएवं प्रबंधनिदेशक (सीएमडी)/मुख्यकार्यकारी अधिकारी(सीईओ)

 

बीमाकंपनियाँसूचीबद्धकंपनियों मेंमहत्वपूर्णसंस्थागतनिवेशक हैंतथा निवेशउनके द्वारापालिसीधारकोंकी निधियों केअभिरक्षकोंके रूप मेंधारित कियेजाते हैं।निवेशितीकंपनियों केअभिशासन (गवर्नैंस) कीस्थिति एकमहत्वपूर्णपहलू है औरबीमा कंपनियोंको यह अवश्यसुनिश्चितकरना चाहिए किनिवेशितीकंपनियाँ उच्चस्तर परकारपोरेटअभिशासन केमानक बनायेरखें। अतःबीमाकंपनियों कोचाहिए कि वेनिवेशितीकंपनियों कीआम बैठकों मेंएक सक्रियभूमिका अदाकरें औरप्रबंधक-वर्गोंके साथ उनकेअभिशासन मेंसुधार लाने केलिए एकबृहत्तर स्तरपर संपर्क मेंरहें। इसकापरिणामपक्षकारों केद्वाराप्रामाणिकनिर्णय लेनेऔरबीमाकर्ताओँके निवेशों परप्रतिलाभ मेंसुधार लानेमें होगाजिससे अंततःपालिसीधारकोंको लाभपहुँचेगा।

 

इस संबंधमेंप्राधिकरण नेअपने परिपत्रसंदर्भः आईआरडीए/एफएण्डए/जीडीएल/सीएमपी/059/03 /2017 दिनांक20मार्च2017केद्वारा बीमाकंपनियों केलिए प्रबंधन (स्ट्यूअर्डशिप) कीएक संहिता (कोड) जारीकी थी। यहसंहितासिद्धांतोंके एक सेट केरूप में थीजिसे अपनानेऔर वित्तीयवर्ष 2017-18 सेलागू करने कीआवश्यकताबीमाकंपनियों के लिएथी। उक्तसंहिता केअंतर्गतप्रत्येकसिद्धांत केलिएदिशानिर्देशभी प्राधिकरणद्वारा निर्धारितकिये गये थे।उक्त संहिताके अनुसार, बीमाकर्ताके पास बोर्डद्वाराअनुमोदित प्रबंधन(स्ट्यूअर्डशिप) नीतिहोनी चाहिए जोउन प्रबंधन (स्ट्यूअर्डशिप) दायित्वोंको पहचाने औरपरिभाषित करेजिन्हेंबीमाकर्तानिभाना चाहताहै तथा यह भीस्पष्ट होनाचाहिए कि उक्तनीति अपनेपालिसीधारकोंके धन में वृद्धिकरने के लिएउक्तदायित्वों कोकैसे पूराकरना चाहती हैजो अंतिमलाभार्थीहैं।

 

कार्यान्वयनमें अनुभव, बीमाकर्ताओंद्वाराअनुपालन और इससंबंध में हालकी प्रगति केआधार परप्रबंधन (स्ट्यूअर्डशिप) संहितासंबंधीवर्तमानदिशानिर्देशोंकी समीक्षाकरने कानिर्णय लियागया है।तदनुसार, प्रबंधन(स्ट्यूअर्डशिप) संहितासंबंधी एकसंशोधित निर्देशनतैयार कियागया है तथा यह भारतमेंबीमाकर्ताओँके लिएप्रबंधन (स्ट्यूअर्डशिप) संहितासंबंधीसंशोधितदिशानिर्देशोंके रूप मेंइसके साथप्रस्तुत है।

 

सभीबीमाकर्ताओंके लिए आवश्यकहै कि वे भारत मेंबीमाकर्ताओंके लिएप्रबंधन (स्ट्यूअर्डशिप) संहितासंबंधी संशोधितदिशानिर्देशोंके आधार परअपनी वर्तमानप्रबंधन (स्ट्यूअर्डशिप) नीतिकी इनदिशानिर्देशोंके निर्गम कीतारीख से 3 महीनेके अंदरसमीक्षा करेंऔर उसे अद्यतनकरें तथाअद्यतन की गईप्रबंधन (स्ट्यूअर्डशिप) नीतिका अनुमोदननिदेशक बोर्डद्वारा किये जानेकी आवश्यकताहै। अद्यतन कीगई नीति काप्रकटीकरण सभीबीमाकर्ताओंद्वारासार्वजनिकप्रकटीकरणोंके साथ ही, बोर्डद्वारा अनुमोदनकिये जाने से 30दिनके अंदरवेबसाइट परकिया जानाचाहिए। उक्तप्रबंधन (स्ट्यूअर्डशिप) नीतिमें बाद मेंकिये गये किसीभी परिवर्तन / आशोधनका विशेष रूपसे प्रकटीकरणवेबसाइट परउक्त नीति केदस्तावेज कोअद्यतन करतेसमय किया जानाचाहिए।

 

सभीबीमाकर्ताउक्तदिशानिर्देशोंमें दिये गयेसभीसिद्धांतोंका अनुपालनकरेंगे और उक्तदिशानिर्देशोंमें दिये गयेअनुबंध ख केअनुसारप्राधिकरण कोबोर्ड द्वाराअनुमोदितवार्षिकअनुपालनप्रमाणपत्रप्रत्येकवर्ष 30 जूनको अथवा उससेपहले मुख्यकार्यकारीअधिकारी (सीईओ) औरअनुपालनअधिकारीद्वाराविधिवत्प्रमाणित रूपमें प्रस्तुतकरेंगे।

 

येदिशानिर्देशबीमा अधिनियम,1938 की धारा 34(1)केउपबंधों केअधीन वित्तीयवर्ष 2020-21 सेसभीबीमाकर्ताओंद्वाराअनुपालन केलिए जारी कियेजाते हैं।

 

 

(प्रवीणकुटुंबे)

सदस्य (एफएण्डआई)

 

 

 

 

 

 

 

भारतमेंबीमाकर्ताओंके लिएप्रबंधन (स्ट्यूअर्डशिप) संहितासंबंधीसंशोधितदिशानिर्देश

 

बीमाकर्ताओंको चाहिए किवे इनदिशानिर्देशोंमेंनिर्दिष्टसिद्धांतोंके आधार परप्रबंधन (स्ट्यूअर्डशिप) केलिए एक नीतिबनाएँ तथाउसकेकार्यान्वयनके लिए अपने-अपनेबोर्ड काअनुमोदनप्राप्तकरें। उक्त सिद्धांतऔरकार्यान्वयनके लिएमार्गदर्शन नीचेदिये जाते हैं:

 

प्रबंधन (स्ट्यूअर्डशिप) सिद्धांत

v सिद्धांत1

बीमाकर्ताओंको अपनेप्रबंधन (स्ट्यूअर्डशिप) दायित्वोंके निर्वहण केसंबंध में एकनीति बनानीचाहिए तथाउसकासार्वजनिकप्रकटीकरण करनाचाहिए

 

मार्गदर्शन

प्रबंधन (स्ट्यूअर्डशिप) कार्यकलापोंमें पालन (कल्चर) औरपारिश्रमिकसहित, कार्यनीति, कार्यनिष्पादन, जोखिम, पूँजीविन्यास, औरकारपोरेटअभिशासन जैसेविषयों परनिगरानी औरनिवेशितीकंपनियों केसाथ संपर्कमें रहनाशामिल हैं।

 

उक्तप्रबंधन (स्ट्यूअर्डशिप) नीतिको प्रबंधन (स्ट्यूअर्डशिप) दायित्वोंकी पहचान करनीचाहिए और उन दायित्वोंको परिभाषितकरना चाहिएजिनकानिर्वाहबीमाकर्ताकरना चाहता हैतथा यह भीस्पष्ट होनाचाहिए कि वह नीतिअपनेग्राहकों केधन में वृद्धिकरने के लिए उनदायित्वों कोकैसे पूराकरना चाहतीहै। उक्त नीतिको प्रबंधन (स्ट्यूअर्डशिप) कार्यकलापसे संबंधितसभी पहलुओं कासमाधान करनाचाहिए जैसेहितों केसंघर्ष कोनियंत्रितकरना, कार्मिकोंका प्रशिक्षण, निवेशितीकंपनियों कीनिगरानी, निवेशितीकंपनियों मेंहस्तक्षेप, अन्यसंस्थागत निवेशकोंके साथ सहयोगतथा मतदानकार्यकलाप।उक्त नीतिबीमाकर्ता केबोर्ड द्वाराअनुमोदित कीजानी चाहिएतथा उसे यहस्पष्ट करनाचाहिए कि कैसेबीमाकर्ताअंतिम लाभार्थीअथवा ग्राहकके लिए मूल्यकी वृद्धि औरउसका संरक्षणकरने केउद्देश्य केसाथ प्रबंधन (स्ट्यूअर्डशिप) कोलागू करता है।

 

जबकिबीमाकर्ता काबोर्ड सभीमामलों में संलिप्तहोने के लिएनिर्णय लेसकता है, वहअपनी सीमाअथवा निवेश केस्तर के आधारपर चयनात्मकरूप सेहस्तक्षेपकरने केनिर्णय भी लेसकता है। ऐसीस्थिति मेंनीति कोहस्तक्षेप केलिए प्रारंभ (निवेशके स्तर अथवाबोर्ड द्वारानिर्धारित कियेजानेवालेकिसी अन्यमानदंड) कीस्पष्ट रूप सेपहचान करनीचाहिए।

 

उक्तनीति को यहस्पष्ट रूप सेप्रकट करनाचाहिए कि क्याबीमाकर्तासंस्थागतपरामर्शदाताओंजैसे बाह्यसेवाप्रदाताओं कीसेवाओँ काउपयोग करनाचाहता है। यदिकिसी बाह्यसेवा प्रदाताकी सेवाओँ काउपयोग कियाजाता है, तोउक्त नीति कोयह सुनिश्चितकरने के लिएव्यवस्थाहेतुप्रावधानकरना चाहिए किऐसी स्थितियोंमें प्रबंधन (स्ट्यूअर्डशिप) केदायित्वों काप्रयोग कर्मठतापूर्वककिया जाए।यद्यपि निवेशके मुख्यकार्य काबाह्यस्रोतीकरण(आउटसोर्सिंग) नहींकिया जा सकता, तथापिमतदान केनिर्णय लेनेके लिएव्यावसायिकपरामर्श औरअनुसंधानरिपोर्टें,जैसे बाजारसर्वेक्षणडेटा, उद्योगव्यापीविश्लेषण, व्यावसायिकमूल्यांकन, आदिबाहरीएजेंसियों सेप्राप्त की जासकती हैं।उक्त नीति कोयह स्पष्ट रूपसे व्यवस्थाकरनी चाहिए किअंतिमप्रबंधन (स्ट्यूअर्डशिप) दायित्वोंका निर्वाहबीमाकर्ताद्वारा कियाजाएगा।

 

उक्तनीति की आवधिकतौर परसमीक्षा कीजानी चाहिए औरउसे अद्यतनकिया जानाचाहिए तथाअद्यतन की गईनीति कोबीमाकर्ता कीवेबसाइट परसार्वजनिकतौर पर प्रकटकिया जानाचाहिए।

 

v सिद्धांत2

बीमाकर्ताओंके पास इससंबंध में एकस्पष्ट नीतिहोनी चाहिए किवे अपनेप्रबंधन (स्ट्यूअर्डशिप) दायित्वोंको पूरा करनेमें हितों केसंघर्ष काकैसेनियंत्रणकरेंगे और वेइसे सार्वजनिकतौर पर प्रकटकरेंगे।

 

मार्गदर्शन

बीमाकर्ताओंद्वारा लागूकी गई प्रबंधन(स्ट्यूअर्डशिप) नीतिमें पहले उनकेग्राहक अथवालाभार्थी के हितोंको रखने केलिए सभी उचितकदम उठाने केउद्देश्य केसाथ हितों केसंघर्षों कीपहचान करने औरउन्हेंनियंत्रितकरने के पहलूभी सम्मिलितहोने चाहिए। उक्तनीति को बोर्डद्वारापरिकल्पितरूप में हितोंके संभावितसंघर्ष केपरिदृश्योंकी पहचान करनीचाहिए तथा यहसमाधान भीकरना चाहिए किजब ग्राहकोंअथवालाभार्थियोंके हित एक दूसरेसे भिन्न होतेहैं तब उन्हेंकैसे संभाला जाताहै।

 

हितों केसंघर्ष केसंबंध मेंप्रबंधन (स्ट्यूअर्डशिप) नीतिमें सम्मिलितपहलू अन्यबातों के साथ-साथनिम्नलिखितका समाधान करसकते हैं :

1.ऐसीसंभावितस्थितियों कीपहचान करनाजहाँ हितों कासंघर्षउत्पन्न होसकता है। उदा. निवेशितीकंपनियों केसंस्था कीसहयोगी संस्थाएँहोने कीस्थिति में।

2.यदिहितों केसंघर्ष की ऐसीस्थितियाँउत्पन्न होतीहैं तो संस्थाद्वारा लागूकी गईप्रक्रियाएँ, जिनमेंअन्य बातों केसाथ-साथनिम्नलिखितशामिल हो सकतीहैं :

क.कुछस्थितियोंमें निवेशोंपर व्यापकप्रतिबंध।

ख.ऐसेमामलों कोलेखा-परीक्षासमिति के पासभेजना।

ग. मतदानकार्य औरग्राहकसंबंधों / विक्रयकार्यों कासुस्पष्टवियोजन।

घ. यदिलेनदेन मेंव्यक्ति काकोई वास्तविक / संभावितहित-संघर्षहै, तोऐसेव्यक्तियोंको निर्णयन सेदूर रखने केलिए नीति।

ङ.ऐसेसंघर्षों कासमाधान करनेके लिए लियेगये निर्णयोंकेकार्यवृत्तके अभिलेखोंका अनुरक्षण।

 

v सिद्धांत3

बीमाकर्ताओंको अपनीनिविशितीकंपनियों की निगरानीकरनी चाहिए

 

मार्गदर्शन

 

बीमाकर्ताओंके पास अपनीनिवेशितीकंपनियों केकार्यनिष्पादन, नेतृत्वकी प्रभावकारिता, उत्तराधिकारकी आयोजना, कारपोरेटअभिशासन, सूचना-प्रणालीऔर अपने द्वारामहत्वपूर्णसमझेजानेवालेअन्य मानदंडोंके संबंध मेंअपनीनिवेशितीकंपनियों कीनियमितनिगरानी केलिएव्यवस्थाएँहोनी चाहिए।

 

निवेशितीकंपनियों केसाथ सक्रियसंबद्धता केलिए बोर्ड मेंनामांकनों केमाध्यम से अधिकसहभागितारखने की इच्छाबीमाकर्ता करसकते हैं अथवानहीं कर सकतेहैं।बीमाकर्ता,जो किसीनिवेशितीकंपनी केबोर्ड मेंनामांकन रखनाचाहता है, कोचाहिए कि वहइस प्रकारकरने के लिएअपनी इच्छा औरवह व्यवस्थाजिससे यह कियाजा सकता है, अपनेप्रबंधन (स्ट्यूअर्डशिप) वक्तव्यमेंनिर्दिष्टकरे।

 

निगरानीके संबंध मेंप्रबंधन (स्ट्यूअर्डशिप) नीतिमें सम्मिलितपहलुओं कोनिम्नलिखितका समाधानकरना चाहिएः

1.विभिन्ननिवेशितीकंपनियों मेंनिगरानी के विभिन्नस्तर। उदा. कंपनियाँजहाँअपेक्षाकृतअधिक निवेशकिये गये हैंवहाँ उनकंपनियों कीतुलना मेंनिगरानी केउच्चतर स्तरसंबद्ध होसकते हैं जहाँउसकीप्रबंधनाधीनआस्तियों (एयूएम) कीदृष्टि सेनिवेश की गईराशि नगण्यहै।

2. निगरानीके क्षेत्रजिनमें अन्यबातों के साथ-साथनिम्नलिखितशामिल होंगेः

क.कंपनीकी कार्यनीतिऔरकार्यनिष्पादनपरिचालनगत औरवित्तीय।

ख.उद्योगस्तरीयनिगरानी औरनिवेशितीकंपनियों परसंभावितप्रभाव।

ग. कंपनीप्रबंध औरबोर्ड केनेतृत्व कीगुणवत्ता।

घ. कारपोरेटअभिशासनजिसमेंपारिश्रमिक, बोर्डकी संरचना (बोर्डकी विविधता औरस्वतंत्रनिदेशकों सहित) औरसंबंधितपक्षकारलेनदेन।

ङ.जोखिमजिनमेंपरिवेशगत, सामाजिकऔर अभिशासन (ईएसजी) जोखिमशामिल हैं।

च. शेयरधारकोंके अधिकार औरउनकीशिकायतें।

 

3.ऐसीस्थितियों कीपहचान करना जोभेदिया सूचनाके संचार कोप्रेरित करसकती हैं तथाऐसी स्थितियोंमें समय-समयपरयथासंशोधितसेबी (भेदियाव्यापार कानिषेध) विनियम,2015 काअनुपालनसुनिश्चितकरने के लिएअपनाई गईक्रियाविधियाँ।

 

v सिद्धांत4

 

बीमाकर्ताओंके पास अपनीनिवेशितीकंपनियों मेंहस्तक्षेप केसंबंध में एकस्पष्ट नीति होनीचाहिए

 

मार्गदर्शन

 

बीमाकर्ताअपनी स्वयं कीवचनबद्धता (एंगेजमेंट) कार्यनीतितय कर सकतेहैं तथाप्रबंधन (स्ट्यूअर्डशिप) नीतिमें वे मानदंड/परिस्थितियाँस्पष्ट रूप सेनिर्धारित कीजानी चाहिएजिनमें वेसक्रिय रूप सेहस्तक्षेपकरेंगे। उक्तनीति मेंबीमाकर्ता केद्वाराहस्तक्षेप केपरिणामों केनियमित आकलनकी व्यवस्थाहोनी चाहिए।हस्तक्षेप परइस बात का ध्यानरखे बिना किसक्रिय अथवानिष्क्रियनिवेश नीति काअनुसरण कियाजाता है, विचारकिया जानाचाहिए।हस्तक्षेप केलिए परिस्थितियोंमें अन्यबातों के साथ-साथकंपनी का खराबवित्तीयकार्यनिष्पादन, कारपोरेटअभिशासनसंबंधीप्रथाएँ, पारिश्रमिक, कार्यनीति, परिवेशगत, सामाजिकऔर अभिशासन (ईएसजी) जोखिम, नेतृत्वसंबंधी विषयऔर मुकदमेशामिल हो सकतेहैं, परंतुवे इन्हीं तकसीमित नहींहैं।

 

हस्तक्षेपके लिएव्यवस्थाओंमें समस्या केप्रलक्षितसमाधान के लिएप्रबंधक-वर्गके साथ बैठकें/विचार-विमर्शतथा उसकीवृद्धि होनेकी स्थिति मेंबोर्डों केसाथ बैठकें, अन्यनिवेशकों केसाथ सहयोग औरनिर्णयों केविरुद्धमतदान शामिलहो सकते हैं।हस्तक्षेप केविभिन्न स्तरोंऔर उनपरिस्थितियोंजिनमेंवृद्धि अपेक्षितहै, कीपहचान की जासकती है तथाप्रबंधन (स्ट्यूअर्डशिप) नीतिमें उन्हें प्रकटकिया जा सकताहै। इसमेंकिन्हींउद्योगस्तरीय समस्याओँकी स्थिति मेंबीमा परिषदोंके माध्यम सेकंपनियों केसाथ परस्परसक्रियता (इंटर-ऐक्शन) भीशामिल हो सकतीहै।बीमाकर्ता कीनिवेश समितिको विचार करनाचाहिए कि किसव्यवस्था कोअपनाना चाहिएऔरविनिर्दिष्टमामलों मेंविषयों कोउच्चतर स्तरपर ले जाने केसंबंध मेंविचार कियाजाना चाहिए।

 

v सिद्धांत5

बीमाकर्ताओंको चाहिए किउनके पासपालिसीधारकों (अंतिमनिवेशकों) केहितों कोपरिरक्षितकरने के लिएजहाँ अपेक्षितहो वहाँ अन्यसंस्थागतनिवेशकों केसाथ सहयोग केलिए स्पष्टनीति होनीचाहिए जिसे प्रकटकिया जानाचाहिए।

 

मार्गदर्शन

 

उनसमस्याओँ केलिए जिनकेसंबंध मेंनिवेशितीकंपनी के साथअपेक्षाकृतअधिकसंबद्धता अपेक्षितहो, बीमाकर्ताअपनेनिवेशकों केहितों कीरक्षा करने केलिए अन्यसंस्थागतनिवेशकों केसाथ सामूहिकरूप से कार्यकरने का चयनकर सकते हैं।ऐसीस्थितियोंमें उक्तप्रबंधन (स्ट्यूअर्डशिप) नीतिको चाहिए किवह उनकेकार्यों औरसंबद्धता कीसीमा के संबंधमें पथ-प्रदर्शनकरे।

 

v सिद्धांत6

 

बीमाकर्ताओके पास मतदानऔर मतदानगतिविधि केप्रकटीकरणसंबंधीस्पष्ट नीति

होनीचाहिए

 

मार्गदर्शन

बीमाकर्ताओंको संकल्पों परमतदाननिर्णयों केसंबंध मेंअपने स्वयं केस्वतंत्र निर्णयका प्रयोगकरना चाहिएतथा निवेशितीकंपनी केबोर्ड केप्रस्तावोंका स्वतःसमर्थन नहींकरना चाहिए।उक्तनिर्णयों काउद्देश्यनिवेशितीकंपनियों कीसमग्र वृद्धिको बढ़ावादेना तथा फिरअपने निवेशकोंके मूल्य कासंवर्धन करनाहोना चाहिए।

 

प्रबंधन (स्ट्यूअर्डशिप) नीतिको मतदानगतिविधि केपहलूसम्मिलित करनेचाहिए। लेखा-परीक्षासमिति मतदानव्यवस्था परपर्यवेक्षणकी निगरानीकरेगी।बीमाकर्ताओंको अपनी प्रबंधन(स्ट्यूअर्डशिप) नीतिमें स्टाकउधार देने औरउधार दिये गयेस्टाक को वापसमाँगने केसंबंध मेंअपनादृष्टिकोणप्रकट करनाचाहिए।

 

बीमाकर्ताओंको चाहिए किवेनिम्नलिखितपरिस्थितियोंमें निवेशितीकंपनियों केसंकल्पों/प्रस्तावोंके संबंध मेंसक्रियसहभागिता औरमतदान अनिवार्यतःकरें।

बीमाकर्ता के एयूएम का आकार (करोड़ रु.)

अनिवार्य मतदान अपेक्षित है, यदि निवेशिती कंपनी की प्रदत्त पूँजी में बीमाकर्ता की धारिता (प्रतिशत में) निम्नानुसार है

2,50,000 तक

3% और उससे अधिक

2,50,000 से अधिक

5% और उससे अधिक

 

अन्यमामलों मेंयदि यह मानाजाता है किऐसे संकल्प/ प्रस्तावमहत्वपूर्णहैं औरबीमाकर्ता केनिवेशों केमूल्य पर उनकाप्रभाव पड़सकता है, तोबीमाकर्तास्वैच्छिकरूप सेसहभागिता कर सकतेहैं।

 

जिननिवेशितीकंपनियों मेंबीमाकर्ताओंने सक्रिय रूपसे सहभागिताकी हो औरसंकल्पों/ प्रस्तावोंपर मतदान कियाहो, उनमेंमतदान कीगतिविधि केसंबंध मेंबीमाकर्ताओं द्वाराप्रकटीकरणकिये जानेचाहिए। येप्रकटीकरणवेबसाइट परसार्वजनिकप्रकटीकरणोंका भाग बनेंगेतथा वेबसाइटपर तिमाहीसार्वजनिकप्रकटीकरणोंके लिएनिर्धारितसमय-सीमाओँके अनुसार येप्रकटीकरणअनुबंध क पर दियेगये फार्मेटमें तिमाहीआधार पर कियेजाने चाहिए।

 

v सिद्धांत7

 

बीमाकर्ताओंको अपनेप्रबंधन (स्ट्यूअर्डशिप) कार्यकलापोंके संबंध मेंआवधिक तौर पररिपोर्ट देनीचाहिए

 

मार्गदर्शन

 

अपनेप्रबंधन (स्ट्यूअर्डशिप) कार्यकलापोंकी नियमितपूर्ति केअतिरिक्त, बीमाकर्ताअपने अंतिमलाभार्थियों (पालिसीधारकों) कोभी सार्वजनिकप्रकटीकरणोंके भाग के रूपमें एकफार्मेट मेंएक आवधिकरिपोर्टउपलब्ध कराएँजो आसानी सेसमझी जा सके, किउन्होंनेअपनेदायित्वों कानिर्वाह कैसेकिया है।

 

अनुपालनऔररिपोर्टिंगः

 

उपर्युक्तसिद्धांतोंका अनुपालन किसीकंपनी केकार्यों काप्रबंध करनेअथवा किसीधारिता काविक्रय करनेके लिए निर्णयको रोकने केलिए जब यहग्राहकोंअथवालाभार्थियोंके सर्वोत्तमहित में मानाजाता हो, आमंत्रणनहीं बनता।बोर्डसुनिश्चितकरेगा किबीमाकर्ता केप्रबंधन (स्ट्यूअर्डशिप) कार्यकलापोंपर प्रभावीपर्यवेक्षणहो तथा बोर्डकी लेखा-परीक्षासमिति इसकापालन करेगी।

 

सभीबीमाकर्ताउक्तदिशानिर्देशोंमें दिये गयेसभीसिद्धांतोंका अनुपालनकरेंगे तथा प्राधिकरणको प्रत्येकवर्ष 30 जूनको अथवा उससेपहले मुख्यकार्यकारीअधिकारी (सीईओ) औरअनुपालनअधिकारी केद्वाराविधिवत्प्रमाणित रूपमें अनुबंध खके अनुसारबोर्ड द्वाराअनुमोदित एकवार्षिकअनुपालनप्रमाणपत्रप्रस्तुतकरेंगे।

 

अनुबंधक

 

निवेशितीकंपनियों कीआम बैठकों मेंमतदान कार्यकलापोंका प्रकटीकरणजिनमेंबीमाकर्ताओंने सक्रिय रूपसे सहभागिताकी हो औरमतदान कियाहोः

 

बीमाकर्ताका नामः________________________________

 

रिपोर्टिंगकी अवधिः ______________________________

 

बैठक की तारीख

निवेशिती कंपनी का नाम

बैठक का प्रकार (एजीएम/ ईजीएम)

प्रबंधक-वर्ग/ शेयरधारकों का प्रस्ताव

प्रस्ताव का विवरण

प्रबंधक-वर्ग की सिफारिश

मत (पक्ष में / विपक्ष में/ अनुपस्थित)

मत निर्णय का समर्थन करने का कारण

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

स्थानः अनुपालनअधिकारी केहस्ताक्षर

दिनांकः नामः

 

 

 

अनुबंधख

 

प्रबंधन (स्ट्यूअर्डशिप) संहितासिद्धांतोंकी स्थिति केसंबंध में अनुपालनका वार्षिकप्रमाणपत्र

 

 

बीमाकर्ताका नामः __________________________ दिनांकः__________

 

रिपोर्टकी अवधिः (वित्तीयवर्ष): _________________

 

हम इसकेद्वाराप्रमाणितकरते हैं किभारतीय बीमाविनियामक औरविकासप्राधिकरणद्वारा भारतमेंबीमाकर्ताओंके लिएप्रबंधन (स्ट्यूअर्डशिप) संहितापर दिये गयेदिशानिर्देशोंका विधिवत्अनुसरण कियागया है तथाउक्तदिशानिर्देशोंमेंनिर्दिष्टसभीसिद्धांतोंका विधिवत् अनुपालनकिया गया है।

 

 

अनुपालनअधिकारी मुख्यकार्यकारी अधिकारी

(नाम औरहस्ताक्षर) (नाम औरहस्ताक्षर)

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