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Title: आदेश
Reference No.: आईआरडीए/आरआई/ओआरडी/एमआईएससी/041/02/2020
Date: 04/02/2020
स्टैण्डएलोन सूक्ष्म-बीमा कंपनी पर संकल्पना-पत्र विकसित करने के संबंध में सम

 

1. भारत विश्व में सूक्ष्म-बीमा-क्षेत्र में एक पथ-प्रदर्शक के रूप में देखा जाता रहा है और अपने सूक्ष्म-बीमा विनियमों के साथ एक उदाहरण उपलब्ध कराता है। 

 

2. आईआरडीएआई को, एकमात्र सूक्ष्म-बीमा व्यापार के लेन-देन के लिए स्टैण्डएलोन बीमाकर्ताओं को अनुमति देने के संबंध में सुझाव प्राप्त हुए हैं, क्योंकि इससे भारत में भौगोलिक विस्तार के साथ सूक्ष्म-बीमा के प्रवेश को प्रोत्साहन मिल सकता है।

 

3.    उपरोक्त को ध्यान में रखते हुए, सक्षम प्राधिकारी ने उपरोक्त पहलुओं पर विचार करने के लिए, निम्नलिखित सदस्यों की एक समिति गठित करने का निर्णय किया है:

 

क्रम सं.

नाम

पदनाम

संगठन

अध्यक्ष / सदस्य

1

सुश्री मिरई चैटर्जी

निदेशक

एस ई ड्ब्लू ए, अहमदाबाद

अध्यक्ष

2

श्री नचीकेत मोर

स्वतंत्र सलाहकार

लागू नहीं

सदस्य

3

श्री मेंदीरत्ता

सेवानिवृत्त कार्यकारी निदेशक

भारतीय जीवन बीमा निगम

सदस्य

4

श्री अजित दयाल

संस्थापक

क्वांटम म्यूचुअल फंड

सदस्य

5

श्री बिश्व बंधु मोहंती

सेवानिवृत्त मुख्य महाप्रबंधक

नाबार्ड

सदस्य

6

सुश्री तबस्सुम इनामदार

विश्लेषक

बैंक एवं वित्तीय क्षेत्र

सदस्य

7

डॉ. ममता सूरी

मुख्य महाप्रबंधक

आईआरडीएआई

सदस्य

8

श्री एस.पी. चक्रवर्ती

महाप्रबंधक

आईआरडीएआई

सदस्य

9

डॉ. एन.एम. बेहेरा

सचिव

बीमा लोकपाल कार्यालय, भुवनेश्वर

सदस्य

10

श्री अलीम अफा

सहायक महाप्रबंधक

आईआरडीएआई

सदस्य / संयोजक

 

4. समिति के विचारार्थ विषय हैं: 

 

क. स्टैण्डएलोन सूक्ष्म-बीमा कंपनियों के गठन की वांछनीयता और व्यवहार्यता का आकलन;

ख. स्टैण्डएलोन सूक्ष्म बीमा कंपनी भारतीय बीमा कंपनी को सक्षम करने के लिए अन्य अधिकार क्षेत्रों में समान प्रावधानों का विश्लेषण करने के बाद, वर्तमान कानूनी और विनियामक ढाँचे की समीक्षा करना;

ग.  प्रति व्यक्ति अधिकतम बीमा राशि,जिसेप्रस्तावित सूक्ष्म बीमा कंपनी स्वीकार कर सकती है,की सिफारिश करना;

घ.  व्यापार करने में आसानी के पहलू को ध्यान में रखते हुए प्रस्तावित सूक्ष्म-बीमा कंपनी, जिसको बीमाकर्ता के रूप में पंजीकृत किया जा सकता है, के लिए वर्तमान अधिनियम/विनियामक प्रावधानों की प्रयोज्यता और या छूट के संबंध मेंसुझाव देना।

सूचकविनियामक पहलू निम्न प्रकार हैं;

i) पूँजी और करदान क्षमता;

ii) हामीदारी, उत्पाद और दावे;

iii) वित्त एवं लेखांकन;

iv) निवेश;

v) संचालन;

vi) कार्पोरेट शासन-विधि

vii) अन्य

. कोई अन्य संबंधित विषय;

5. समिति आवश्यकतानुसारबैठक करेगी और इस आदेश के तीन महीनों के भीतर अपनी अनुशंसाएँ प्रस्तुत करेगी।

 

 

सुरेश माथुर

कार्यकारी निदेशक

 

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