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Title: आदेश
Reference No.: आईआरडीएआई/ईएनएफ/ओआरडी/ओएनएस/035/01/2020
Date: 29/01/2020
आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जीआईसी लि. के मामले में आदेश

आदेश

संदर्भसं. आईआरडीएआई/ईएनएफ/ओआरडी/ओएनएस/035/01/2020 दिनांकः 29-01-2020

आईसीआईसीआईलोम्बार्डजीआईसी लि. केमामले मेंआदेश

निम्नलिखितके आधार परः

(i)           3से 14 अगस्त 2015तक के दौरानभारतीय बीमाविनियामक औरविकासप्राधिकरण (इसआदेश में इसकेबाद प्राधिकरण अथवा आईआरडीएआई के रूप मेंउल्लिखित)द्वारासंचालितस्थान पर(आन-साइट)निरीक्षण केसंबंध मेंकारण बताओ नोटिस(इस आदेश मेंइसके बाद “एससीएन के रूप मेंउल्लिखित)संदर्भ सं.आईआरडीए/ईएनएफ/एससीएन/2019/एनएल/आईसीआईसीआईएल_आईएनएसपी.आरपीटीदिनांक 16जुलाई 2019.

(ii)          उपर्युक्तएससीएन के लिएआईसीआईसीआईलोम्बार्डजीआईसी लि. (इसआदेश में इसकेबाद आईसीआईसीआईलोम्बार्ड अथवा साधारणबीमाकर्ता के रूप मेंउल्लिखित) काउत्तर दिनांक 19अगस्त 2019.

(iii)        हैदराबादस्थित अपनेकार्यालय मेंप्राधिकरण केअध्यक्षमहोदय कीअध्यक्षता में16 अक्तूबर 2019 कोअपराह्न 3.30 बजेआयोजितवैयक्तिकसुनवाई केदौरान साधारणबीमाकर्ताद्वारा कियेगये प्रस्तुतीकरणतथा पत्रदिनांक 12नवंबर 2019 और 2जनवरी 2020 के अनुसारसाधारणबीमाकर्ताद्वारा कियेगये अनुवर्तीप्रस्तुतीकरण।

 

पृष्ठभूमिः

2.आईआरडीएआई ने3 से 14 अगस्त 2015 तकके दौरानआईसीआईसीआईलोम्बार्डजीआईसी लि. कास्थान पर(आन-साइट)निरीक्षणसंचालित किया था।निरीक्षणरिपोर्ट नेअन्य बातों केसाथ-साथ बीमाअधिनियम, 1938,उसके अधीनजारी किये गयेविनियमों,दिशानिर्देशोंऔर विभिन्नपरिपत्रों केउपबंधों केकुछ उल्लंघनप्रकट किये।

3. उक्तनिरीक्षणरिपोर्ट की एकप्रतिआईसीआईसीआईलोम्बार्डजीआईसी लि. कोउनके उत्तर कीमाँग करते हुए25 जून 2017 को भेजीगई।आईसीआईसीआईलोम्बार्डद्वारा पत्रदिनांक 10सितंबर 2017, 15जनवरी 2018 और 15फरवरी 2018 द्वाराकिये गयेप्रस्तुतीकरणोंकी जाँच करनेके बाद एकएससीएन 16जुलाई 2019 कोजारी किया गयाजिसका उत्तरसाधारणबीमाकर्ताद्वारा पत्रदिनांक 19अगस्त 2019 केअनुसार दियागया। उस पत्रमें साधारणबीमाकर्ताद्वारा कियेगये अनुरोध केअनुसार 16अक्तूबर 2019 कोएक वैयक्तिकसुनवाई काअवसर उन्हेंप्रदान किया गया।

4. श्रीभार्गव दासगुप्ता, एमडीऔर सीईओ, श्रीलोकनाथ पी. कर,सीसीओ, श्रीसंजय दत्ता,मुख्य जोखिम-अंकक,श्री विष्णुअरोड़ा, एवीपी(विधि) उक्तवैयक्तिकसुनवाई मेंसाधारणबीमाकर्ता कीओर से उपस्थितथे।प्राधिकरण कीओर से श्रीप्रभात कुमारमैती,महाप्रबंधक (प्रवर्तन)और श्री के.श्रीधर, सहायकमहाप्रबंधक(प्रवर्तन) भी उपस्थितरहे।

5. साधारणबीमाकर्ताद्वाराएससीएन के लिएदिये गयेउत्तर मेंकिये गयेप्रस्तुतीकरणों,16 अक्तूबर 2019 कोवैयक्तिकसुनवाई केदौरान किये गयेप्रस्तुतीकरणोंतथा वैयक्तिकसुनवाई के बाददिनांक 12नवंबर 2019 और 2जनवरी 2020 केपत्रों के अनुसारकिये गयेप्रस्तुतीकरणोंपर प्राधिकरण द्वाराविचार कियागया है एवंउसके आधार परप्रत्येकआरोप पर लियागया निर्णयनिम्नानुसारदिया जाता है।

 

6. आरोप सं. 1

निम्नलिखितका उल्लंघनः

-   आईआरडीए(स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2013का विनियम 4(कऔर ख) तथा 3(घ)।

-   परिपत्रसंदर्भ सं. 021/आईआरडीए/एफएण्डयू/सितं-06दिनांक 28.09.2006द्वारा जारीकिये गयेसाधारण बीमाउत्पादों केलिए एफएण्डयूदिशानिर्देशोंके पैरा 8 और 11.

-   परिपत्रसं. आईआरडीए/एनएल/सीआईआर/एफएण्डयू/003/01/2011दिनांक 6जनवरी 2011.

 

7. निरीक्षणटिप्पणीः

क) बीमाकर्ताने `विदेशस्थितवैयक्तिकछात्र बीमा पालिसी कवर 730दिन की जोखिमअवधि के लिएजारी की, जबकिप्राधिकरण केपास फाइल कियेगये उत्पाद दस्तावेजोंके अनुसारउक्त पालिसीके अंतर्गतबीमा किये जासकनेवालेयात्रा दिनोंकी अधिकतमसंख्या 365 दिनहोगी तथा इसेयात्रा अवधि केदौरानप्रारंभिक 365दिन की अवधिके बाद केवलएक ही बारअधिकतम 365 दिनतक बढ़ाया जासकता है।

ख) टीवीएसक्रेडिटसेवाओं कीबकायाप्रस्ताव जमाराशियों के संबंधमें, जोपालिसियों केरूप में परिवर्तितकिये गये थे,के संबंध मेंबीमाकर्ताद्वाराप्रस्तुतपालिसीदस्तावेजोंकी जाँच करनेपर यह देखागया है किसामूहिकपालिसियों केअंतर्गत जारीकी गईवैयक्तिकदुर्घटनापालिसी कीअवधि 2 और 3 वर्षकी थी तथा वैयक्तिकसंरक्षण (पीए)कवर केअंतर्गतवैयक्तिकपालिसियों कीअवधि 5 वर्ष केलिए थी। वैयक्तिकपीए पालिसी औरसामूहिक पीएपालिसी पालिसीवाक्यरचना कीजाँच करने परयह देखा गयाहै किएफएण्डयूदस्तावेजोंमें उल्लिखितपालिसी अवधिकेवल 12 महीनेके लिए थी।

 

8. बीमाकर्ताकेप्रस्तुतीकरणोंका सारांश

क)बीमाकर्ता नेप्रस्तुतीकरणकिया कि उक्तउत्पाद 365 दिनके कवरेज केलिए उपलब्धकराया गया जिसकीअवधि आगे अन्य365 दिन तक बढ़ाईजा सकती है।इस प्रकार,उक्त उत्पादकुल मिलाकर 730यात्रा दिनोंकी अधिकतमयात्रा अवधिके लिए अनुमतहै।

 

यह पायागया कि कईविदेशीविश्वविद्यालयऔर अन्यशैक्षणिक /व्यावसायिकसंस्थानपाठ्यक्रम कीअवधि के साथ मेलखाते हुए 365 दिनसे अधिक अवधिके लिए कवरेजकी माँग कररहे थे। तदनुसार,कंपनी को 365 दिनसे अधिक अवधिके लिए कवरेजकी अपेक्षाकरते हुएछात्रों से माँगप्राप्त होनेलगी। अधिकांशमामलों में उक्तमाँगपाठ्यक्रम कीअवधियों केसाथ मेल खातेहुए 2 वर्षअथवा 730 दिन केलिए थी।तदनुसार, ऐसेछात्रों को 365दिन की कवरेजअवधि के साथअधिकतमविस्तार अवधिसहित, कुलकवरेज अवधि को730 दिन के रूपमें करते हुएपालिसियाँजारी की गईं।इस प्रकार,कंपनी ने मूलकवरेज अवधि केसाथ विस्तारकी अवधि जारीकी ताकि भारतीयछात्र उनविदेशीविश्वविद्यालयोंकी अपेक्षा कोपूरा कर सकें,जहाँ वेप्रवेश लेनेकी आकांक्षाकरते हैं।

 

यहप्रस्तुतकिया जाता हैकि कंपनी नेकुल मिलाकर 730दिन से अधिककोई कवर जारीनहीं किया है।इसके अलावा, कंपनीने आयु केमानदंड सहितउत्पाद के सभीअन्यमानदंडों कापालन किया हैतथा 365 दिन सेअधिक अवधि केलिए पालिसीजारी करने कीप्रथा को 01 अक्तूबर2017 से समाप्त करदिया है।

 

प्राधिकरणसे टिप्पणी कीप्राप्ति केपरिणामस्वरूपऔर प्रारंभिकपालिसी के साथतत्काल पालिसीकी अवधि काविस्तारउपलब्ध करानेपर प्राधिकरणकी आपत्तिदर्ज कियेजाने के बादकंपनी ने ऐसेकिसी अनुरोधको स्वीकारकरना बंद कियाहै तथा यहसुनिश्चितकिया है किप्रारंभिकपालिसी 1अक्तूबर 2017 सेकेवल एक वर्षकी अवधि केसाथ ही जारीकी जाए।

 

ख)बीमाकर्ता नेप्रस्तुतीकरणकिया कि सामूहिकदुर्घटनापालिसी औरवैयक्तिकसंरक्षण पालिसीव्यापक जोखिमसंरक्षण कवरप्रदान करती हैंतथा मुख्य रूपसे इनकाविकल्प पालिसीधारकोंद्वारादुर्भाग्यपूर्णदुर्घटना घटितहोने कीस्थिति मेंबकाया ऋणों केकारण उनकीहानि को कमकरने के लिएदिया जाता है।आगे यह भीप्रस्तुतकिया गया हैकि बकाया ऋणकी राशिप्रारंभिक 5वर्ष मेंसामान्यतःअधिक रहती हैतथा प्रत्येकवर्ष नवीकरणकरवाने के किसीझंझट के बिना 5वर्ष की अवधिके लिएपालिसियाँउपलब्ध करानेहेतुपालिसीधारकोंसे हमेश् माँगकी जाती है।

यहप्रस्तुत हैकि प्राधिकरणनेपालिसीधारकोंकी अपेक्षा औरउद्योग केअभ्यावेदन परविचार किया हैतथा आईआरडीएआई(स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2016में समर्थकखंड 3(घ)निविष्ट करनेके द्वाराऋण-सहबद्ध सामूहिकस्वास्थ्यपालिसियों केनिर्गम की अनुमतिदी है जहाँअवधि काविस्तार पाँचवर्ष से अनधिकऋण अवधि तककिया जा सकताहै।

 

इसकेअतिरिक्त,बीमाकर्ता नेवैयक्तिकसुनवाई के बादनिम्नलिखितअतिरिक्तसूचना प्रस्तुतकी।

 

क)  1वर्ष से अधिकअवधि से युक्तसामूहिकवैयक्तिकदुर्घटना केअंतर्गत जारीकी गई सामूहिकपालिसियोंतथा 3 वर्ष सेअधिक अवधि केसाथ वैयक्तिकसंरक्षण उत्पादके अंतर्गतव्यक्तियोंको जारी की गई पालिसियोंका विवरणनिम्नानुसारहैः वित्तीयवर्ष 2013-14 केसंबंध में,सामूहिक पीएउत्पादों काडेटा 1 जुलाई 2013से 31 मार्च 2014 तकहै तथाव्यक्तिगतवैयक्तिकसंरक्षण उत्पादोंका डेटा 1अक्तूबर 2013 से 31मार्च 2014 तक है।

उत्पाद

2013-14

2014-15

2015-16

2016-17

कुल

1 वर्ष से अधिक के लिए सामूहिक वैयक्तिक दुर्घटना पालिसी

14

16

8

6

44

3 वर्ष से अधिक के लिए वैयक्तिक संरक्षण पालिसी

37,662

79,707

77,344

21,858

2,16,571

कुल जोड़

37,676

79,723

77,352

21,864

2,16,615

ख)  एफएण्डयूदिशानिर्देशोंके अंतर्गतबीमाकर्ताद्वारा फाइलकी गई, 5 वर्ष तकअवधि प्रदान करनेवालीवैयक्तिकसंरक्षणपालिसी को नोटकरने के संबंधमेंप्राधिकरण केपत्र दिनांक 5 मई2008 की प्रति।

ग)    प्राधिकरणको यह सूचितकरते हुए किप्राधिकरण सेअगलास्पष्टीकरणप्राप्त होनेतक कंपनी इनदोनोंउत्पादों केअंतर्गत 5वर्ष तक की अवधिवालीपालिसियाँ देनाजारी रखने काप्रस्तावकरती है, 30सितंबर 2013 को प्राधिकरणके पास फाइलकिये गयेअभ्यावेदनों कीप्रति।

 

उपर्युक्तके अलावा,बीमाकर्ता नेप्रस्तुतीकरणकिया किपालिसीधारकोंकी वर्तमानअपेक्षा कोपूरा करने केलिए उक्तपालिसियाँजारी की गईथीं, जिसकेलिए भी बादमेंप्राधिकरण द्वाराअनुमति दी गईहै। कंपनी नेकहा कि उसने पालिसियाँपालिसीधारकोंके सर्वोत्तमहित में तथाकिसी क्रमभंगके बिना बीमाकवरेज के अबाधप्रवाह कोअनुभव करनेमें उन्हेंसमर्थ बनानेके लिए जारीकी हैं।

 

9.आरोप सं. 1 परनिर्णय


क)
एफएण्डयूदिशानिर्देशोंके अंतर्गतप्राधिकरण केपास फाइल कियागया उत्पाददस्तावेज निर्दिष्टकरता है कि `विदेश स्थितवैयक्तिकछात्र बीमा’ पालिसीप्रारंभ में 365दिन की कवरेजअवधि के लिएदी जा सकती हैतथा पालिसी कीअवधि के दौरानपालिसीधारकके अनुरोध परपालिसी कीअवधि का विस्तारआगे और 365 दिन तककिया जा सकताहै एवं विस्तारकी अवधि सहितकुल कवरेजअवधि 730 दिन सेअधिक नहींहोगी। देखेगये मामलोंमेंबीमाकर्ता नेपालिसियाँप्रारंभ मेंही 730 दिन के लिएजारी की हैंजिसके द्वाराउसनेप्राधिकरण केपास फाइल कियेगये उत्पाददस्तावेज कीशर्तों काअनुपालन नहींकिया है,जिसके आधार परअनुमोदनप्रदान कियागया है।

 

बीमाकर्ताको वर्तमान उत्पादकी शर्तों मेंपरिवर्तन कीआवश्यकता सूचितकरते हुए यहविषयप्राधिकरण कीजानकारी मेंलाना चाहिए थातथा फाइल एण्डयूज़ दिशानिर्देशोंके अंतर्गत एकसंशोधन फाइलकरते हुएप्राधिकरण केअनुमोदन कीअपेक्षा करनीचाहिए थी।

 

तथापि,इसप्रस्तुतीकरणको ध्यान मेंरखते हुए किबीमाकर्ता नेइस प्रकार कीपालिसी जारीकरने की प्रथा1 अक्तूबर 2017 सेबंद की है, बीमाकर्ताको प्राधिकरणके परिपत्रसंदर्भ सं.आईआरडीएआई/एचएलटी/आरईजी/सीआईआर/150/07/2016 दिनांक29 जुलाई 2016 केअध्याय III केअंतर्गतबिन्दु ` के साथ पठितआईआरडीएआई(स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2016के अध्याय II के अंतर्गतविनियम 4 काअनुपालनसुनिश्चित करनेके लिए सूचितकिया जाता है।

 

ख)प्राधिकरण नेआईआरडीए(स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 201316 फरवरी 2013 कोअधिसूचितकिये हैं।आईआरडीए (स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2013के विनियम 17(क-ii)के अनुसार, इस विनियमका अनुपालन नकरनेवाले सभीउत्पाद वापसलिये जाएँगेऔर नहीं बेचेजाएँगेः

1. सामूहिकउत्पादों केमामले में, 1जुलाई 2013 से

2. वैयक्तिकउत्पादों केमामले में 1अक्तूबर 2013 से

इसप्रकार,प्राधिकरण नेयह स्पष्ट रूपसेअधिदेशात्मक(मैंडेटरी) करदिया है कि इसप्रकार केअनुपालन नकरनेवाले सभीउत्पाद उक्तविनियम मेंविनिर्दिष्टतारीख के बाद नहीं बेचेजाएँगे

 

इसकेअतिरिक्त,आईआरडीए(स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2013के विनियम 17(ख-i)के अनुसार,यदिबीमाकर्ता स्वास्थ्यबीमा विनियम, 2013के निर्गम केबाद उत्पाद कीविशेषता मेंआशोधन करनाचाहते हैं, तथायदि ऐसे आशोधनउक्त विनियमके प्रत्येकपहलू मेंउत्पाद कोअनुपालनकर्ताबनाते हैं, तोबीमाकर्तानियुक्तबीमांकक औरसीईओ द्वारा विधिवत्हस्ताक्षरितइस आशय केप्रमाणपत्रके आधार परप्राधिकरण केपास विवरणफाइल करेगा औरप्राधिकरण इसप्रकार केपरिवर्तन को अभिलिखितकरेगा।

 

आईआरडीए(स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2013के विनियम 3(ग)और 3(घ) केअनुसार,सामूहिक औरवैयक्तिकस्वास्थ्यउत्पादों केलिए अधिकतमअनुमति-योग्यपालिसी अवधिनिम्नानुसारनिर्धारित कीगई हैः

 

आईआरडीए(स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2013 (16फरवरी 2013 कोअधिसूचित):

विनियम

3(ग)

गैर-जीवन और स्टैंडअलोन स्वास्थ्य बीमा कंपनियाँ वैयक्तिक स्वास्थ्य उत्पाद न्यूनतम एक वर्ष की अवधि और अधिकतम तीन वर्ष की अवधि के साथ प्रस्तावित कर सकते हैं।

विनियम 3(घ)

किसी भी बीमा कंपनी के द्वारा सामूहिक स्वास्थ्य बीमा पालिसियाँ प्रस्तावित की जा सकती हैं, बशर्ते कि ऐसे सभी उत्पाद केवल एक वर्ष की नवीकरण- योग्य संविदाएँ होंगी।

 

आईआरडीए(स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2013के विनियम 17 (ख-i)के साथ पठितविनियम 3(ग) और 3(घ)के अनुपालनमें बीमाकर्ताने सामूहिकपीए उत्पाद केलिए प्रमाणपत्रके आधार परएवं आईआरडीए(स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2013के अनुपालनमें पालिसीअवधि और अन्य विशेषताओंको संशोधितकरते हुएवैयक्तिक संरक्षणपालिसी के लिएप्राधिकरण सेअनुमोदन कीमाँग की।दोनोंआवेदनपत्रोंके साथ यहसूचित करतेहुएप्रमाणपत्रसंलग्न थे किकंपनी नेप्रमाणपत्रके आधार परउत्पाद फाइलकिये हैं जोआईआरडीए(स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2013के विनियम 17 काअनुपालन करतेहैं।

 

फाइलकिये गये उक्तप्रमाणपत्रऔर दस्तावेजोंके आधार पर संशोधितफाइलिंगआईआरडीए(स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2013के अनुसारसामूहिक औरवैयक्तिकस्वास्थ्यउत्पादों केअंतर्गतअनुमति-योग्यअधिकतम अवधिके लिएअनुपालन मेंहोने के कारणउक्त फाइलिंगको प्राधिकरण द्वारानिम्नानुसारनोट किया गयाः

 

उत्पाद का नाम

बीमाकर्ता द्वारा प्रस्तुत सीईओ और नियुक्त बीमांकक के अनुपालन प्रमाणपत्र की तारीख

प्रमाणपत्र को नोट करने की तारीख

1

सामूहिक वैयक्तिक दुर्घटना पालिसी

19-07-2013

14-08-2013

2

व्यक्तिगत वैयक्तिक संरक्षण पालिसी

11-06-2013

20-06-2013

तथापि,नमूना पालिसीदस्तावेजोंकी जाँच करनेपर तथा उक्तआरोप के लिएबीमाकर्ता केप्रस्तुतीकरणोंके आधार पर, यहदेखा गया हैकि बीमाकर्ताने एक वर्ष सेअधिक पालिसीअवधि से युक्तसामूहिकवैयक्तिक दुर्घटनापालिसियाँजारी करना 1जुलाई 2013 के बादभी जारी रखा तथा3 वर्ष से अधिकपालिसी अवधिसे युक्त व्यक्तिगतवैयक्तिकसंरक्षणपालिसियाँजारी करना 1अक्तूबर 2013 केबाद भी जारीरखा, इसकेबावजूद कि दोनोंउत्पादआईआरडीए(स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2013मेंनिर्धारित रूपमें अधिकतमपालिसी अवधिके मानदंड कोपूरा नहींकरते एवं इसकेबाद भी किआईआरडीए(स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2013के अनुसारउत्पाद कीअवधि को आशोधितकरने के संबंधमेंप्राधिकरण सेप्रमाणपत्रआधारितअनुमोदनप्राप्त कियागया था।

 

इसप्रकार,आईआरडीए(स्वास्थ्य बीमा)विनियम, 2013 केविनियम 17 (क-ii)के अनुसार,आईआरडीए(स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2013 काअनुपालन नकरनेवालीउत्पादविशेषताओं को वापसलिया जाएगातथाविनिर्दिष्टदिनांक के बादउनका विक्रयनहीं कियाजाएगा। इसकेअलावा, चूँकिप्रमाणपत्रके आधार परउत्पाद का आशोधितरूप (वर्शन)फाइल किया गयाऔर इसे प्राधिकरणने नोट किया,अतः यह मानाजाता है किउत्पाद केपुराने वर्शनको हटा लियागया। इसप्रकारबीमाकर्ता नेपुराने वर्शनके स्वास्थ्यबीमा उत्पाद बेचनाजारी रखतेहुए, जिन्हेंवापस लेनाचाहिए था औरजिन्हेंबेचना नहीं चाहिएथा, तथावर्तमानस्वास्थ्यबीमा विनियमका अनुपालन नकरते हुए,वास्तव मेंअनुमोदित नकिये गयेउत्पादों काविक्रय कियाहै।

 

इसविषय में,बीमाकर्ता नेयह कहते हुएसामूहिक पीएऔर व्यक्तिगतवैयक्तिकसंरक्षणउत्पादों केसंबंध मेंप्राधिकरण कोसंबोधित एकअभ्यावेदन कीप्रति 30सितंबर 2013 कोप्रस्तुत कीहै, किप्राधिकरण सेअगलास्पष्टीकरणआने तक वहदोनों हीउत्पादों केअंतर्गत 5वर्ष तक कीअवधि कीपालिसियाँदेना जारीरखने का प्रस्तावकरता है।

 

इसप्रकार,उपर्युक्तअभ्यावेदन औरबीमाकर्ताद्वाराउपलब्ध करायेगये डेटा सेयह सुस्पष्टहै कि बीमाकर्ताने 1 जुलाई 2013 केबाद सामूहिकवैयक्तिकदुर्घटनाउत्पाद बेचनाजारी रखा जोकिसामूहिक उत्पादोंके लिए अंतिमतारीख थी तथा 1अक्तूबर 2013 के बादव्यक्तिगतवैयक्तिकसंरक्षणपालिसी बेचनाजारी रखा जोकिव्यक्तिगतउत्पादों केलिए अंतिमतारीख थी।

 

साधारणबीमाकर्ता काअभ्यावेदनसामूहिक स्वास्थ्यउत्पाद हटानेके लिएआईआरडीए(स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2013द्वारानिर्धारितअंतिम तारीखके 3 महीने केबाद एवंआईआरडीए(स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2013मेंनिर्धारितमानदंडों कोपूरा नकरनेवालेउत्पाद बंदकरनाबीमाकर्ताओंके लिएअधिदेशात्मक(मैंडेटरी)करते हुएव्यक्तिगतस्वास्थ्यउत्पादोंहेतुनिर्धारितअंतिम तारीखके बादप्राप्त कियागया।

 

साधारणबीमाकर्ता कोयह ध्यान देनाचाहिए कि उक्तविनियमों केनिर्गम सेपहले,प्राधिकरण नेउक्तविनियमों काप्रारूप अपनीवेबसाइट पर 1जून 2012 को रखा हैतथा जनसाधारणएवं उद्योग केसभीहितधारकों सेभीटिप्पणियाँआमंत्रित करतेहुए एक प्रेसप्रकाशनीजारी की है।सभीहितधारकों केविचारों कीजाँच करने केबादप्राधिकरण नेबीमा सलाहकारसमिति के साथपरामर्श करनेके उपरांत उक्तविनियमअधिसूचितकिये हैं।

 

प्राधिकरणके परिपत्रसं. जन/सीआईआर/018/मई-04दिनांक 24 मई 2004के अनुसार,बीमाकर्ताओंको निम्नानुसारस्पष्ट रूप सेसूचित कियागया थाः

प्राधिकरणके अनुमोदन कोइस रूप मेंनहीं लियाजाना चाहिए किउनके द्वाराअपनाये गयेकिसी विशिष्टदृष्टिकोण कीसूचना उसमेंअंतर्निहितहै।प्राधिकरणइसके द्वारास्पष्ट करता हैकि जब तक एकऔपचारिकअनुमोदनसूचित नहीं कियाजाता, तब तकबीमाकर्तास्पष्टीकरणके लिए उठायेगये विषयों परकार्य नहींकरेंगे।”

 

उपर्युक्तपरिपत्र केद्वारा एवंआईआरडीए (स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2013में भी स्पष्टरूप से सूचनादेने केबावजूद बीमाकर्ताने आईआरडीए(स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2013के उपबंधों काउल्लंघन करनाजारी रखा।

 

आईआरडीएआई(स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2016के अनुसार,प्राधिकरण ने केवलऋण सहबद्ध सामूहिकस्वास्थ्यउत्पादों कीअनुमति-योग्यअधिकतमपालिसी अवधिएक वर्ष सेपाँच वर्ष तक शिथिलकर दी है तथासूचित किया हैकि किसी भी स्वास्थ्यउत्पाद काविपणनप्राधिकरण केपूर्वअनुमोदन केबिना नहींकिया जासकता।

 

इसप्रकारउपर#2352;्युक्तसमस्त विवरणसे यह सुस्पष्टहै किः

क)   आईआरडीए(स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2013के विनियम 17 (ख-i)का अनुपालनकरने के लिएसूचित करतेहुएप्राधिकरण सेप्रमाणपत्रके आधार परअनुमोदनप्राप्त करनेके बाद भी,बीमाकर्ता नेऐसे उत्पादोंको बेचना जारीरखा जिन्हेंआईआरडीए(स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2013के विनियम 17 (क-ii)के अनुसारहटाया जानाचाहिए था।

ख)   बीमाकर्ताने सामूहिक उत्पादकेप्रत्याहरणके लिएनिर्धारितदिनांक के बादअपनाअभ्यावेदनप्रस्तुतकिया तथा प्राधिकरणके अनुमोदन केलिएप्रतीक्षाकिये बिनादोनोंसामूहिक औरव्यक्तिगतपालिसियाँनिर्गत करनाजारी रखा।

ग)     बीमाकर्ताने आईआरडीए(स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2013के विनियम 4 (कऔर ख) केअंतर्गत ऐसेउत्पाद काविक्रय करनेके लिए किसीनये अनुमोदनके लिएअपेक्षा नहींकी जोप्रत्याहरणके लिएनिर्धारिततारीख के बादअस्तित्व मेंनहीं था।

घ)     बीमाकर्ताने सामूहिक औरव्यक्तिगतस्वास्थ्यउत्पादों केलिए अधिकतमअनुमति-योग्यपालिसी अवधिके संबंध मेंस्वास्थ्यबीमा विनियम, 2013के विनियम 3 काउल्लंघन कियाहै।

 

ऊपर(क) से (घ) तक केअंतर्गतउल्लिखिततथ्य निम्नलिखितनिष्कर्षोंके लिए मार्गप्रशस्त करतेहैं :

क)   एकवर्ष से अधिकअवधि से युक्तसामूहिकवैयक्तिकदुर्घटनाउत्पाद जारीकरने के संबंधमें उल्लंघन 1जुलाई 2013 सेआईआरडीएआई(स्वास्थ्य बीमा)विनियम, 2016 कीअधिसूचना कीतारीख अर्थात्12 जुलाई 2016 तकजारी रहा।

ख)   3वर्ष से अधिकअवधि से युक्तव्यक्तिगतवैयक्तिकसंरक्षणपालिसी जारीकरने के संबंधमें उल्लंघन 1अक्तूबर 2013 सेआईआरडीएआई(स्वास्थ्य बीमा)विनियम, 2016 कीअधिसूचना कीतारीख अर्थात्12 जुलाई 2016 तकजारी रहा।

 

चूँकिबीमाकर्ताद्वारा उक्तउल्लंघन 100 दिन सेअधिक अवधि केलिए जारी रहा,अतः बीमाअधिनियम, 1938 कीधारा 102(ख) केउपबंधों केअनुसारप्राधिकरणमें निहितशक्तियों काप्रयोग करतेहुए,प्राधिकरणइसके द्वाराआईआरडीए (स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2013के विनियम 3(घ),3(ग) और 4(क और ख) केउल्लंघन केलिए रु.1,00,00,000/-(केवल एककरोड़ रुपये) काअर्थदंडलगाता है।

 

10.आरोप सं. 2

प्राधिकरणके परिपत्रसं. आईआरडीए/टीपीए/विविध/सीआईआर/117/06-2015 दिनांक 23-06-2015 काउल्लंघनजिसमेंबीमाकर्ताओंको निदेश दियागया था कि बीमाकर्ताओंद्वारानेटवर्कप्रदाताओं से प्राप्तकिसी भी छूटका लाभ आगेसंबंधित पालिसीधारकोंको दें।

 

11.निरीक्षणटिप्पणीः

नकदीरहितस्वास्थ्यदावों केअंतर्गत बिलोंके अंतिमनिपटान के समयनेटवर्कअस्पताल बीमाकर्ताको छूटेंप्रदान कर रहेथे। तथापि,जाँच किये गयेनमूना मामलोंमें यह देखागया है कि बीमाकर्तायह लाभ अपनेग्राहकों कोबढ़ी हुई बीमितराशि के रूपमें दे रहा है,परंतुअस्पताल सेप्राप्त छूट नहींलौटा रहा है।इस प्रकार कीव्यवस्था हानिकारकबन सकती है,जहाँ—

क.    उसीपालिसी वर्षमेंपालिसीधारकद्वारा आगे कोईदावा नहीं हैऔर शेष सीमाअनुपयुक्त रहजाती है।

ख.    उनमामलों मेंजहाँ दावाराशि शेषबीमित राशि कीसीमा से अधिकहो जाती है औरबीमाकृतव्यक्ति कोइसके लिए कोईधनवापसी नहींकी जाती।

ग.      निम्नलिखितनमूना मामलोंमें, बीमाकर्ताको नकदीरहितस्वास्थ्यदावों के अंतर्गतबिल के अंतिमनिपटान के समयनेटवर्क अस्पतालद्वारा छूटेंप्रदान की गईथीं।

दावा संख्या

सकल राशि

दी गई छूट

निवल राशि

छूट घटाकर अस्पताल को दावा भुगतान करने की तारीख

22020142276

31073

621 (शीघ्र भुगतान पर 2%)

30452

03-07-2015

2201003156026

18000

900 (टैरिफ पर 5% छूट)

17100

16-07-2015

 

12.बीमाकर्ताकेप्रस्तुतीकरणोंका सारांशः

यहप्रस्तुतीकरणकिया गया हैकि नियतप्रशुल्कों(टैरिफ्स) केसंबंध में सहमतिदेने केद्वाराबीमाकृतव्यक्तियों /दावेदारोंको कम की गईलागत परगुणवत्ता सेयुक्तस्वास्थ्यरक्षाबुनियादीव्यवस्था उपलब्धकराने के लिएकंपनीनेटवर्कप्रदाताओं केसाथ समझौतावार्ता करतीहै। इस प्रकारप्राप्त छूटप्रशुल्क(टैरिफ) में हीसमायोजित कीजाती है तथाबिलिंग के समयआगे बीमाकृतव्यक्ति / दावेदारको दी जातीहै।

 

इसकेअतिरिक्त,कंपनीबीमाकृतव्यक्तियों /दावेदारोंद्वाराप्राप्तसेवाओं के लिएबीमाकृतव्यक्तियों /दावेदारोंके लिए देखभालकी लागत को औरभी कम करने केलिए बातचीत सेतयप्रशुल्कोंपर सभी नेटवर्कप्रदाताओं केसाथ अतिरिक्तछूटों के लिएभी समझौतावार्ता करतीहै। तथापि,केवल कुछनेटवर्कप्रदाता हीऐसी अतिरिक्तसमझौतावार्ताओं कोस्वीकार करतेहैं। कंपनीतदनुसारनेटवर्कप्रतिपूर्तिस्तर पर शीघ्रभुगतान,मात्रा छूट,प्रशुल्क आदिके लिएअतिरिक्तछूटेंप्राप्त करनेके लिए ऐसे नेटवर्कप्रदाताओं केसाथव्यवस्थाएँकरती है।

 

चूँकिउक्तअतिरिक्त छूटएक आवधिक अथवाआवश्यकताहोने के आधारपर प्रदान कीजाती है, अतःबिलिंग के समयइसका प्रभाजनकरना संभव नहींहै क्योंकि येनेटवर्कप्रतिपूर्तिके स्तर परलागू होंगी।ऐसीपरिस्थितियोंमें बीमाकृतव्यक्तियों /दावेदारोंद्वारा बिल केअंतिम निपटानके समयनेटवर्कअस्पतालोंद्वारा इनअतिरिक्तप्रशासनिकछूटों कासमायोजन (सहमतछूट-प्राप्तदरों से अधिक)करना संभवनहीं था। इसकेअलावा,अधिकांशनेटवर्कप्रदाताओं केपास बिलिंग केसमय ही ऐसीजटिल बिलिंगसंरचना कोसमायोजितकरने के लिएइस प्रकार कीउन्नतप्रणाली वालीसंरचना नहींहै। साथ ही,नेटवर्कप्रदाताओं केलिए संशोधितगणना औरअनुमोदन हेतुकंपनी से पुनःसंपर्क करनेकी आवश्यकतापड़ सकती हैजो ग्राहकडिस्चार्जटर्नअराउंडोंको बढ़ाएगीतथा उसकेद्वाराबीमाकृतव्यक्ति / दावेदारको असुविधाहोगी।

 

इसकेअलावा, जब तककंपनी किसीनेटवर्कप्रदाता केसाथ खातों कानिपटान करदेती है, तब तकबीमाकृतव्यक्तियों /दावेदारोंके दावेनिपटाये जातेहैं और बीमितव्यक्तियों / दावेदारोंको अस्पतालोंसे डिस्चार्जकर दिया जाताहै। ऐसीपरिस्थितियोंमें बीमाकृत व्यक्तियों/ दावेदारोंद्वारा बिल केअंतिम निपटानके समय इन्हेंनेटवर्कअस्पतालों केद्वारा स्वीकार्यरूप मेंदर्शाना संभवनहीं था। इनकठिनाइयों केकारण, यदिनेटवर्कप्रतिपूर्तिके स्तर परकोई अतिरिक्तछूट लागू कीजाती है, जो बीमितव्यक्ति केडिस्चार्जहोने के बाद होसकती है, तोउपर्युक्तछूटें भीपालिसी कीबीमित राशि कोबहाल करने केद्वारा आगेग्राहक को दीजाती हैं।

 

तथापि,कंपनी नेप्राधिकरण कीआपत्ति कोदर्ज करने केबाद,अस्पतालों केसाथ बातचीतकरने अथवाअस्पतालों सेकोईप्रशासनिकछूट प्राप्त करनेकी प्रथा कोसमाप्त करदिया है,जिसकाप्रभाजनसंबंधितमरीजों/लाभार्थियों/बीमितव्यक्तियोंके नामडिस्चार्जकरने के समयअथवा अन्यप्रकार सेनहीं किया जासकता। कंपनीनेटवर्कअस्पतालों केसाथ इसकासमायोजनप्रशुल्क(टैरिफ) मेंकरने के लिएबातचीत कर रहीहै जिसकानिर्धारणमरीज केडिस्चार्ज केसमय किया जासकता है औरजिसेडिस्चार्ज केसमय ही आगेग्राहक को दियाजा सकता है। अंतरिमसमय में कंपनीउन दावों केलिए जहाँ 19 अगस्त2019 के बाद बीमितराशि कापूर्णतःउपयोग कर लियागया है, वहाँबीमित राशिमें वृद्धिकरने के बदले मौद्रिकरूप मेंप्राप्त छूटआगे ग्राहकोंको देनाप्रारंभ कियाहै।

 

प्राधिकरणकीअपेक्षानुसार,कंपनी इसकेद्वारा खुदरापालिसियों काविवरणप्रस्तुत करताहै, जहाँ एकपालिसी वर्षके दौरान (23 जून2015 से 12 नवंबर 2019 तक)बीमित राशि कापूर्णतःउपयोग कियागया है।

वित्तीय वर्ष -वार

दावों की संख्या जहाँ बीमित राशि समाप्त हो गई है तथा अतिरिक्त छूट प्राप्त की गई है

प्राप्त छूट (डिडक्शन)

बीमित राशि की बहाली के बाद निपटाये गये दावे

निपटाई गई राशि

2015-16

72

15,59,162

3

48,870

2016-17

134

29,69,737

12

2,47,807

2017-18

151

40,67,290

7

1,11,991

2018-19

254

51,05,919

24

5,01,134

2019-20

200

49,13,729

25

4,95,014

कुल जोड़

811

1,86,15,837

71

14,04,816

 

13.आरोप सं. 2 परनिर्णय

प्राधिकरणने परिपत्रआईआरडीए/टीपीए/विविध/सीआईआर/117/06/2015दिनांक 23 जून 2015के द्वाराबीमाकर्ताओंको यह सुनिश्चितकरने के लिएसूचित किया हैकि अस्पतालोंसे प्राप्तछूटें, यदिकोई हों, आगेपालिसीधारकोंअथवाअंतर्निहितस्वास्थ्यबीमा पालिसीके दावेदारोंको दी जाएँतथा उनकोनिम्नानुसार सूचितकिया हैः

जहाँ किसीकरार के आधारपर अस्पतालोंके द्वाराप्रस्तुतकिये गयेसंकलित बिलोंपर छूटें प्राप्तकरने के लिएसहमति हो गईहो, वहाँप्रत्येकबीमाकर्ताअथवा टीपीएउपयुक्त रूपसेअंतर्निहितस्वास्थ्यबीमा पालिसीमें छूट कीपात्र राशि कीपहचान करे औरउसका प्रभाजनकरे जिसकेसंबंध मेंदावे का निपटानकिया गया हैताकि छूट कालाभ संबंधितपालिसीधारकअथवा दावेदार,जैसी स्थितिहो, को आगेप्रदान कियाजा सके।”

 

इसकेअतिरिक्त,उक्त परिपत्रके बिन्दु 4 परयह पुनःदोहराया गयाहै कि बीमाकर्ताऔर टीपीए यहसुनिश्चितकरेंगे कि अस्पतालसे प्राप्तअथवा प्राप्तकरने के लिएसहमत प्रत्येकछूट अंतर्निहितदावे के संबंधमें आगेपालिसीधारकअथवा दावेदारको पूर्णतःकेवल मौद्रिकरूप में ही दीजाए।

 

इसप्रकार,उपर्युक्तपरिपत्र से यहसुस्पष्ट हैकि प्राधिकरणनेबीमाकर्ताओंद्वारा नेटवर्कप्रदाताओं सेप्राप्तछूटों केसंबंध में अपनीधारणा स्पष्टरूप सेनिर्दिष्ट कीहै।

 

बीमाकर्ताद्वाराअनुसरण की गईप्रथा के अनुसार,नेटवर्कप्रदाता सेप्राप्त छूटके समान बीमितराशि मेंवृद्धि केवलउन्हीं ग्राहकोंके लिए सहायकहोगी जोपालिसी की शेषअवधि के दौरानआगे और दावाकरेंगे। इसस्थिति केहोते हुए, उनमामलों मेंजहाँ दावे कीराशि बीमितराशि से अधिकहो गई है तथा बीमितराशि से अधिकअस्पताल केदावे का शेष,यदि कोई हो,दावेदारद्वाराडिस्चार्ज केसमय अपनी स्वयंकी जेब से अदाकिया जा रहाथा, ऐसीस्थिति मेंनेटवर्कप्रदाता सेबीमाकर्ताद्वारा बादमें प्राप्तकी गई कोई भीछूट वापसपालिसीधारक /दावेदार कोदी जानी चाहिएक्योंकि इसराशि काभुगतान बीमितराशि केसमाप्त होने परदावेदारद्वारानेटवर्कअस्पताल कोपहले ही कियाजा चुका है। अतःइस प्रकार केमामलों मेंबीमाकर्ता केलिए यह कहनातर्कसंगतनहीं है कि वेछूट की राशि आगेबीमाकृतव्यक्ति / दावेदारको बीमित राशिमें वृद्धि केरूप में प्रदानकरेंगे।

 

इसप्रकार,बीमाकर्ता के उत्तरके अनुसार,परिपत्रदिनांक 23 जून 2015के निर्गम केबाद और 12 नवंबर2019 तकबीमाकर्ताद्वारानिपटाये गये 811स्वास्थ्यदावों केसंबंध मेंदावे केनिपटान परपालिसी कीबीमित राशिसमाप्त हो गईहै तथा तदुपरांतकंपनी नेनेटवर्कअस्पतालों सेरु. 1,86,15,837 की राशिछूट के रूपमें प्राप्तकी है। उपलब्धबीमित राशि केरूप में उक्तछूट की राशिको बहाल करनेपर कंपनी नेनेटवर्कअस्पतालों सेप्राप्त छूटके बदले बहालकी गई बीमितराशि में सेरु. 14,04,816 के 71 दावोंका निपटानकिया।

 

उक्तप्रस्तुतीकरणसे यह स्पष्टहै किबीमाकर्ता केपास अब भी उनग्राहकों के संबंधमें नेटवर्कअस्पतालों सेप्राप्त छूट मेंसे रु. 1,72,11,021 कीराशि शेष है,जिनकी बीमितराशि समाप्तहो गई है तथाजिन्होंनेसंबंधित पालिसीअवधि के दौरानआगे कोई औरदावाप्रस्तुत नहींकिया है।

 

बीमाकर्तानेप्रस्तुतीकरणकिया कि उसनेप्राप्त छूटके समान बीमितराशि कीवृद्धि करने केसंबंध मेंउक्त प्रथा 12नवंबर 2019 से बंदकी है तथावैकल्पिक तौरपर जहाँ बीमितराशि समाप्त होगई है वहाँनेटवर्कप्रदाताओं सेप्राप्त छूटकी राशि लौटारहा है।

 

बीमाकर्ताको निदेश दियाजाता है किनेटवर्क प्रदाताओंसे प्राप्तछूट को घटानेके बाद देयवास्तविकदावा राशि केसंबंध में ऐसेसभी मामलोंमें पुनःगणना-कार्यकरे, जैसेदावे के निपटानके समय ही यदिछूट प्राप्तकी गई थी तो अनुमति-योग्यदावा क्या रहाहोता तथा तदनुसारदावेदार कोभुगतान करनेकी व्यवस्था करे।बीमाकर्ता कोसूचित कियाजाता है किनेटवर्कप्रदाताओं सेप्राप्त छूटको उन दावेदारोके संबंध मेंजिनकी बीमितराशि समाप्तहो गई हो,आईआरडीए(पालिसीधारकोंके हितों कासंरक्षण)विनियम, 2002 केविनियम 9(6) अथवाआईआरडीएआऊई(पालिसीधारकोंके हितों कासंरक्षण) विनियम,2017 के विनियम 16,जैसा लागू हो,के अनुसारब्याज के साथ लौटानेकी प्रक्रियाप्रारंभ करे।बीमाकर्ता कोनिदेश दियाजाता है किउक्त धनवापसीकी सारीप्रक्रिया इसआदेश केनिर्गम से 3महीने के अंदरपूरी करे तथा 3महीने पूरेहोने परतत्कालकार्रवाई कीप्रगति केसंबंध मेंप्राधिकरण कोअद्यतनजानकारीप्रस्तुत करेएवं वापस न कीगई धनराशि,यदि कोई हो, केउपयोग केसंबंध मेंआईआरडीएआई केअगले निदेश कीअपेक्षा करे।

 

इसकेअतिरिक्तबीमाकर्ता कोअब के बादआईआरडीएआई(अन्य पक्षप्रबंधक –स्वास्थ्यसेवाएँ)विनियम, 2016 के विनियम20(9) के उपबंधोंका अनुपालनसुनिश्चितकरने का भीनिदेश दियाजाता है।

 

14.आरोप सं. 3

निम्नलिखितका उल्लंघनः

क)   परिपत्रआईआरडीए/स्वास्थ्य/विविध/सीआईआर/2016/09/2011दिनांक 20.09.2011

ख)   दस्तावेजप्राप्त नहोने के कारणसे दावों कोनिराकृत करतेहुए आईआरडीएआई(स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2016के विनियम 27(v)काउल्लंघन।

 

15.निरीक्षणटिप्पणीः

बीमाकर्ताके द्वाराप्रस्तुतदावा रजिस्टरऔर दावा डेटासे यह देखागया है किबीमाकर्तादावों कोस्पष्ट रूप सेअस्वीकृतकिये बिनादावा मामले(देयता काविपर्यय) बंदकरने की प्रथाका अनुसरणकरता है।बीमाकर्ता नेसूचित किया किवह ऐसे दावोंको बंद करताहै जिनकानिपटानदस्तावेजअथवा कोई अन्यजानकारीप्राप्त नहोने के कारणकाफी लंबे समयसे नहीं कियागया है तथाजिन्हेंस्पष्ट रूप सेअस्वीकृतनहीं किया जासकता।

 

16.बीमाकर्ताकेप्रस्तुतीकरणोंका सारांशः

यहप्रस्तुतीकरणकिया गया हैकि किसी दावेका आकलन अथवानिर्धारणकरने के लिएबीमाकर्ता केलिए कुछअधिदेशात्मक(मैंडेटरी)/महत्वपूर्णदस्तावेज और/या अन्यमहत्वपूर्णसूचनाअपेक्षित हैजिसके बिना दावोंका निर्धारणनहीं किया जासकता। उन मामलोंमें जहाँबीमाकृतव्यक्ति/ दावेदारउपर्युक्तअधिदेशात्मक/महत्वपूर्णदस्तावेज/सूचना प्रस्तुतनहीं करता,कंपनी इसविचार से उक्तदावा बंद करदेती है कि जबभी दावेदारआवश्यक सूचना,दस्तावेजप्रस्तुतकरता है तबदावे को पुनःखोला जासकेगा। बंददावा वह है जोअनुरक्षितआवश्यकरिज़र्वों केसाथ कंपनी कीबहियों मेंधारित है तथाजिसे किसी भीसमय भुगतान कोसुसाध्यबनाने के लिएआसानी से पुनःखोला जा सकताहै जबपालिसीधारकआवश्यकदस्तावेज औरप्रमाण-पत्रउपलब्ध करानेमें सक्षम होताहै।प्रस्तुतीकरणके समर्थन मेंकंपनी एक `बंददावों संबंधीदावा रिज़र्वपुष्टीकरण प्रमाणपत्र दावेदारों कोसंबोधितसमापन पत्रोंकी नमूनाप्रतियों केसाथ प्रस्तुतकरती है।कंपनी नियमितअंतरालों परकई स्मरण-पत्रभेजती है। यहप्रस्तुतीकरणकिया जाता हैकि जब एक बारआवश्यकदस्तावेज और/या सूचनाप्रस्तुत कीजाती है, तबदावे तदनुसारपुनः खोलेजाते हैं औरपुनः खोले गयेदावों के रूपमें उनकानिर्धारणकिया जाता है।

तथापि,आईआरडीएआई(स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2016मेंअंतःस्थापितरूप में दियेगये विनियामकनिदेश का उचितअनुपालन करतेहुए यहप्रस्तुत कियाजाता है किकंपनी ने अबएकविनिर्दिष्टसमय-सीमा केअंदर दावेदारद्वाराआवश्यक/महत्वपूर्णऔर/याअधिदेशात्मक(मैंडेटरी)दस्तावेजप्रस्तुत नकिये जाने कीस्थिति मेंदावों कोनिराकृत करनेकी प्रथाअपनाई है।

 

17.आरोप सं. 3 परनिर्णय

प्राधिकरणबीमाकर्ता केप्रस्तुतीकरणसे इस बात कोनोट करता हैकिअधिदेशात्मक(मैंडेटरी)दावादस्तावेजप्राप्त होने परदावों को पुनःखोला गया औरनिपटाया गयाऔर साथ ही,लंबितआवश्यकताओंके लिए आवधिकअंतरालों परस्मरण-पत्रभेजे गये।

 

बीमाकर्ताकेप्रस्तुतीकरणपर कि `एकबंद दावा वहहै जो आवश्यकरिज़र्वों केसाथ कंपनी कीबहियों मेंधारित है,इस संबंध मेंएक पुष्टीकरणमाँगा गया।पुष्टीकरणमें कंपनीअपने पिछलेप्रस्तुतीकरणसे हट गई औरस्पष्ट कियाकि बंद दावोंको उपगत परंतुसूचित न कियेगये दावों(आईबीएनआर) कीश्रेणी केअंतर्गतरिज़र्विंगके प्रयोजन केलिए माना गया।विचाराधीनदावों की सूचनास्पष्ट रूप सेदी गई औरभुगतान आवश्यकप्रलेखीकरणके कारण बकायाथा। अतःइन्हें आईबीएनआरश्रेणी केअंतर्गतमानते हुए यहरिज़र्विंगआवश्यकता कोकम करने औरशोधक्षमता (साल्वेंसी)की स्थिति कोसुधारने काप्रयास था।

 

उपर्युक्तप्रस्तुतीकरणोंको ध्यान मेंरखते हुए,प्राधिकरणबीमाकर्ता कोनिम्नलिखितका अनुपालनसुनिश्चितकरने का निदेशदेता हैः

 

-   आईआरडीएआई(पालिसीधारकोंके हितों कासंरक्षण)विनियम, 2017 काविनियम 15 (8 और 9) –यह सुनिश्चितकरने के लिए उचितआंतरिकव्यवस्थाकायम करना किनिराकरण केस्पष्ट कारण/ आधारदावेदारों कोउचित रूप सेसूचित किये जाएँ,ताकि वेउपयुक्त रूपमेंप्रतिक्रियाकर सकें औरराशि का दावाकर सकें।

-   आईआरडीएआई(पालिसीधारकोंके हितों कासंरक्षण)विनियम, 2017 केविनियम 13(3) और 15(1) –दावा फार्मप्राप्त करनेके समय दावासंबंधी सभी अनिवार्य(मैंडेटरी)अपेक्षाओं कीसूचना दावेदारको देना औरअनुवर्तन केलिए आवश्यकसंपर्क विवरणप्राप्तकरना।

-   आईआरडीएआई(पालिसीधारकोंके हितों कासंरक्षण)विनियम, 2017 काविनियम 15(4) –लंबितआवश्यकताओंके संबंध मेंमध्यवर्ती,ई-मेल, मोबाइलएसएमएस औरकिसी अन्यमाध्यमद्वारादावेदारों केसाथ अनुवर्तनकरना।

-   आईआरडीएआई(स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2016का विनियम 27(v)– गुण-दोष/ उपलब्धदस्तावेजोंके आधार परतथा पालिसी कीशर्तों केअनुसार दावोंका निपटानकरना एवं किसीदस्तावेज काप्राप्त नहोना दावे केनिराकरण केलिए आधार नहींबनेगा और न हीदावे बंद कियेजाएँगे।

-   आईआरडीएआई(स्वास्थ्यबीमा) विनियम, 2016का विनियम 27 – सभीदस्तावेज एकही बार माँगनाऔर थोड़ा-थोड़ाकरके नहीमाँगना तथा वहसूचना नहींमाँगना जोप्रस्ताव केस्तर पर पहलेही प्राप्त कीगई है।

 

18.निर्णयों कासारांशः

आरोप सं.

उपबंधों का उल्लंघन

निर्णय

1.क

एफएण्डयू दिशानिर्देश दिनांक 28.09.2006

परामर्श

1.ख

आईआरडीए (स्वास्थ्य बीमा) विनियम, 2013

रु. 1 करोड़ का अर्थदंड

2

प्राधिकरण का परिपत्र सं. आईआरडीए/टीपीए/विविध/ सीआईआर/117/06/2015 दिनांक 23.06.2015

निदेश

3

आईआरडीएआई (स्वास्थ्य बीमा) विनियम, 2016 का विनियम 27(v)

निदेश

 

19.i.रु. 1,00,00,000 काअर्थदंडबीमाकर्ताद्वाराएनईएफटी / आरटीजीएसके माध्यम से(बैंक खाताविवरण अलग सेसूचित कियाजाएगा) इसआदेश कीप्राप्ति कीतारीख से 15 दिनकी अवधि केअंदरविप्रेषित कियाजाएगा।अर्थदंड केविप्रेषण कीसूचना श्रीप्रभात कुमारमैती,महाप्रबंधक(प्रवर्तन),आईआरडीएआई,सर्वे सं. 115/1,फाइनैंशियलडिस्ट्रिक्ट,नानकरामगूडा,हैदराबाद-500032 कोभेजी जाए।

 

यहआदेश साधारणबीमाकर्ता केबोर्ड केसमक्ष आगामीबोर्ड बैठकमें प्रस्तुतकिया जाएगातथा साधारणबीमाकर्ताविचार-विमर्शकेकार्यवृत्तकी एक प्रतिप्रस्तुत करेगा।

 

ii. साधारणबीमाकर्तादिये गयेनिदेश पर कीगई कार्रवाईकी रिपोर्ट(एटीआर)प्राधिकरण कोइस आदेश कीतारीख से 90 दिनके अंदरप्रस्तुतकरेगा।

20. यदिसाधारणबीमाकर्ता इसआदेश सेअसंतुष्ट है,तो बीमाअधिनियम, 1938 कीधारा 110 केउपबंधों के अनुसारप्रतिभूतिअपीलीयन्यायाधिकरण(एसएटी) को अपीलप्रस्तुत कीजा सकती है।

 

(डा.सुभाष सी.खुंटिआ)

अध्यक्ष

स्थानःहैदराबाद

दिनांकः27-01-2020

 

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