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Title: आदेश
Reference No.: आईआरडीएआई/आईएनटी/विविध/ओआरडी/011/01/2020
Date: 09/01/2020
टाटा-एआईजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि. – यूनिसन इंश्योरेंस ब्रोकर्स प्रा. लि.

आईआरडीएआई/आईएनटी/विविध/ओआरडी/011/01/2020 8 जनवरी 2020

 

टाटा-एआईजीजनरलइंश्योरेंसकंपनी लि. –यूनिसनइंश्योरेंसब्रोकर्सप्रा. लि. केलिए फ़सल बीमाका पुनर्बीमास्थानन – केमामले मेंबीमा अधिनियम,1938 की धारा 42डी,102(बी) तथाआईआरडीएआई(बीमा दलाल)विनियम, 2018 केविनियम 4, 30, 40(2), 48 केअधीन आदेश

 

1. पृष्ठभूमि

क.   प्राधिकरणने 21.12.2018 को मुख्यजोखिम वअनुपालन अधिकारी,टाटा एआईजीजनरलइंश्योरेंसकंपनी लि. द्वारामेसर्स यूनिसनइंश्योरेंसब्रोकिंगसर्विसेज़ प्रा.लि. के माध्यमसे पुनर्बीमासंरक्षण के स्थाननके संबंध मेंअपनी कंपनी केविरुद्ध की गईधोखाधड़ी कीसूचना देतेहुए प्रेषितएक ई-मेलप्राप्तकिया।

ख.  मेसर्सयूनिसनइंश्योरेंसब्रोकिंगसर्विसेज़प्रा. लि. (इसआदेश में इसकेबाद `दलाल के रूप मेंउल्लिखित)भारतीय बीमाविनियामक औरविकासप्राधिकरण (इसआदेश में इसकेबाद आईआरडीएआई के रूप मेंउल्लिखित)द्वारापंजीकृत एकसम्मिश्रदलाल है। यूनिसनबीमा दलाल नेमेसर्सकान्फियान्सइंटरनेशनलरीइंश्योरेंसब्रोकरएल.एल.सी. मलेशिया(इस आदेश मेंइसके बाद `कान्फियान्स के रूप मेंउल्लिखित) केमाध्यम सेउनके भारतीयप्रतिनिधिग्लोबलमास्टरकन्सल्टेंट्स(जीएमसी),जयपुर कोसंबद्ध करतेहुए वित्तीयवर्ष 2018-19 के लिएटाटा एआईजीजनरलइंश्योरेंसकंपनी (इसआदेश में इसकेबाद `टाटाएआईजी केरूप मेंउल्लिखित) केफ़सलपुनर्बीमाजोखिम कवर कोसमर्थन देनेके लिए विकल्पी(फैकल्टेटिव)पुनर्बीमाव्यवस्था कीथी।

ग.   श्रीस्टीवेन एल.चेट्टीमलेशिया मेंकान्फियान्सके एमडी हैंतथा डा. मुकेशरनवान और श्रीसचिन अग्रवालभारत मेंजीएमसी केप्रमुखों केरूप में कान्फियान्सके प्रतिनिधिहैं।

घ.    कान्फियान्सने अपने ई-मेलदिनांक 12जुलाई 2018 और 31जुलाई 2018 केअनुसारनिम्नलिखितदो पुनर्बीमाकर्ताओंके पास स्थाननके लिएसर्वोत्तमशर्तेंउपलब्ध कराईं :

i.       टोकियोमरीन किल्नसिंडिकेट 510(टीएमके)(स्टैंडर्डएण्ड पूअर्सद्वारारेटिंग ए+ स्ट्रांगप्राप्त); और

ii.       बेस्टमेरिडियनइंश्योरेंस(बीएमआई) (एएमबेस्ट द्वाराए-एक्सलेंटरेटिंगप्राप्त)

ङ.    बाजार कीप्रथा केअनुसार,सहभागीपुनर्बीमाकर्ताओंकीहस्ताक्षरितपर्चियों कीप्रतियों केसाथ उक्त आरआईस्थानन कीपुष्टि की गई(एआरबी इंटरनेशनलके पत्र-शीर्षपर एक पर्चीपर टीएमके द्वारातथा दूसरीपर्ची परबीएमआई, यूएसद्वारा हस्ताक्षरकर मुहर लगाईगई)।

च.   यथासमय,दलाल नेक्रमशः 25सितंबर 2018 और 22अक्तूबर 2018 कोदलाली कीकटौती करने केबादकान्फियान्स कोक्रमशः 1.13करोड़ आईएनआरऔर 6.17 करोड़आईएनआर कापुनर्बीमाप्रीमियमविप्रेषितकिया।

छ.   नवंबर 2018में टाटाएआईजीअधिकारियोंकी जानकारीमें आया है किटीएमके अपनेफ़सल व्यवसायके विकल्पीस्थानन मेंसहभागितानहीं कर रहाहै। तुरंतटाटा एआईजी नेकान्फियान्स द्वाराउपलब्ध कराईगई टीएमकेहस्ताक्षरित पुनर्बीमापर्ची की एकप्रति के साथटीएमके कीसाधारण परिषदसे संपर्ककिया। आंतरिकरूप से जाँचकरने के बादटीएमके नेपुष्टि की किउन्होंनेउक्तपुनर्बीमा केलिए कोईसमर्थन नहींदिया है तथाकथित तौर परटीएमकेद्वारा हस्ताक्षरितपर्ची उनकेद्वारा जारीनहीं की गईथी।

ज.   टाटाएआईजी नेबीएमआई सेसंपर्क कियातथा बीएमआई नेपुष्टि की किवह जोखिम परनहीं है तथा बीएमआईग्लोबल औरउसकी संबद्धऔर सहायकसंस्थाओँ नेटाटा एआईजी कोसंबद्ध करते हुएकिसी भीपुनर्बीमा केसंबंध में भावउद्धृत नहींकिया है, उसकाजोखिम-अंकननहीं किया है,उसेहस्ताक्षरितनहीं किया हैअथवा उसकानिष्पादननहीं किया है।बीएमआई ने यहभी सूचित कियाकि वह इसदस्तावेज केमूल स्रोत केसंबंध मेंअन्वेषणप्रारंभ कररहा है तथा यह पुष्टिकी कि बीएमआईइस कवरेज सेआबद्ध होना स्वीकारनहीं करताअथवा उसकीपहचान नहींकरता।

झ.  टाटाएआईजी ने इसविषय में दलालके साथ संपर्ककिया। जाँचकरने केउपरांत दलालइस निष्कर्षपर पहुँचा किजीएमसी औरकान्फियान्सके भारतीयप्रतिनिधिद्वाराउपलब्ध कराईगई पर्चियाँधोखाधड़ी सेयुक्तपर्चियाँहैं।

ञ.   श्रीस्टीवेन एल.चेट्टी, एमडी,कान्फियान्सने दलाल कोप्रेषित अपनेई-मेल दिनांक20.11.2018 द्वारापरिस्थिति/जालीपर्चियों परअपना दुःखव्यक्त कियातथा दलाल कोसूचित किया किकान्फियान्सऐसी कार्रवाईको नहीं जानताहै और न हीउसने ऐसीकार्रवाई कोप्राधिकृतकिया है। श्रीस्वीवेन नेदलाल को आगेसूचित किया किनिधियाँकान्फियान्सके खातों मेंएक जोखिम केलिए विद्यमानहैं जिसकास्थानन उन्होंनेआधिकारिक तौरपर नहीं कियाहै। श्री स्टीवेनने दलाल कोनिधियों काअंतरण कियातथा दलाल नेफिर उक्तप्रीमियमटाटा एआईजी कोवापस अदाकिया।

ट.    यूनिसनबीमा दलाल ने29.11.2018 को संयुक्तपुलिस आयुक्त,आर्थिक अपराधखंड, मुंबई केपास ग्लोबल मास्टरकन्सल्टेंट्सके डा. मुकेशरनवान, श्रीसचिन अग्रवालएवं श्रीस्टीवेन एल.चेट्टी,कान्फियान्सके विरुद्धशियात दर्ज कीतथा 31.12.2018 को एककानूनी नोटिसजीएमसी औरकान्फियान्सको भेजा।

ठ.    टाटा-एआईजीने खरीफ 2018 केलिए राजस्थान समूह(क्लस्टर) मेंफ़सल बीमा सेसंबंधित पुनर्बीमास्थानन मेंधोखाधड़ी काआरोप लगातेहुए 21.12.2018 कोयूनिसन बीमादलाल केविरुद्धआईआरडीएआई कोशिकायत की।प्राधिकरण ने26.12.2018 को यूनिसनबीमा दलाल सेएक रिपोर्ट कीमाँग की।यूनिसन ने अपनेपत्र दिनांक03.01.2019 के द्वाराप्राधिकरण कोयह स्पष्टकरते हुएउत्तर दिया किकैसे यूनिसनको भी धोखादिया गया हैऔर उन्होंनेभी आर्थिकअपराध खंड,मुंबई पुलिसको शिकायत कीहै।

 

2. प्राधिकरणद्वारा माँगेगयेस्पष्टीकरण

क)  प्राधिकरणने दस्तावेजीप्रमाण के साथटाटा-एआईजीद्वारा उठायेगये मुद्दोंपर यूनिसन केविचार माँगतेहुए अपने पत्रदिनांक 26दिसंबर 2018 और 3जनवरी 2019 केद्वारायूनिसन के साथउक्त विषय मेंसंपर्क किया।प्रत्युत्तरमें दलाल नेअपना उत्तर 3जनवरी 2019, 7 फरवरी2019, 8 मार्च 2019 और 30मई 2019 कोप्रस्तुतकिया।

ख)  दलाल केद्वारा कियेगयेप्रस्तुतीकरणोंकी जाँच करनेपर यह पायागया कि दलालने बीमा अधिनियमतथा उसके अधीनबनाये गयेविनियमों/दिशानिर्देशों/ परिपत्रोंके लागूउपबंधों कापालन नहीं कियाहै।प्राधिकरण नेआईआरडीएआई(बीमा दलाल)विनियम, 2018 केउल्लंघन के लिएआरोपनिर्धारितकरते हुए अपनेपत्र दिनांक 8जुलाई 2019 केद्वारायूनिसन कोकारण बताओनोटिस जारीकिया। यूनिसनने अपनाप्रत्युत्तरपत्र दिनांक 26जुलाई 2019 केद्वाराप्रस्तुतकिया तथा एकवैयक्तिकसुनवाई की अपेक्षाकी।

ग)   यूनिसनके अनुरोध कोध्यान मेंरखते हुए कारणबताओ नोटिस केसंबंध में एकवैयक्तिकसुनवाई काअवसर सदस्य(वितरण) केद्वाराप्रदान किया गया।उक्तवैयक्तिकसुनवाईहैदराबाद मेंप्राधिकरण केकार्यालय में30 सितंबर 2019 कोआयोजित की गई।वैयक्तिकसुनवाई केदौराननिम्नलिखितअधिकारीउपस्थित थेः

प्राधिकरणकी ओर सेः

श्री सुजयबनर्जी –सदस्य (वितरण)

श्री रणदीपसिंह जगपाल –मुख्यमहाप्रबंधक(मध्यवर्ती)

श्री के.श्रीनिवास –सहायकमहाप्रबंधक(दलाल)

श्रीइन्द्रदीपसाह – सहायकप्रबंधक(दलाल)

श्री मनोरंजनप्रुस्ती –सहायक (दलाल)

 

यूनिसनइंश्योरेंसब्रोकर्सप्रा. लि. की ओरसेः

श्री बी. के.सिन्हा –प्रधानअधिकारी

श्री अमितेशसिन्हा –निदेशक

श्री प्रवीणकालिया –अध्यक्ष औरनिदेशक

श्री डी. बी. बिन्दानी– अनुपालनअधिकारी

 

3. उल्लंघनऔर प्राधिकरणका निर्णय

1. एससीएनदिनांक 8जुलाई 2019 मेंयूनिसन केविरुद्धलगाये गयेआरोपों, अपनेउत्तरोंदिनांक 3 जनवरी2019, 7 फरवरी 2019, 8मार्च 2019, 30 मई 2019 और26 जुलाई 2019 मेंयूनिसन केप्रत्युत्तर,30 सितंबर 2019 कोवैयक्तिक सुनवाईके दौरानयूनिसनद्वारा कियेगये प्रस्तुतीकरणोंतथा यूनिसनद्वारा अपनेपत्र दिनांक 4अक्तूबर 2019 और 22अक्तूबर 2019 केअनुसार कियेगये अतिरिक्तप्रस्तुतीकरणोंके आधार परउक्त आरोपोंमें सेप्रत्येकआरोप के संबंधमें प्राधिकरणका निर्णयनिम्नानुसारहैं :

क.   आरोप सं. 1 –बीमा अधिनियम,1938 की धारा 42डी(8)और (9) तथाआईआरडीएआई(बीमा दलाल)विनियम, 2018 का उल्लंघन

क)  प्राधिकरणने दलाल सेस्पष्टीकरणमाँगे कि उन्होंनेटाटा एआईजी केफसल बीमास्थानन के संबंधमें विकल्पी(फैकल्टेटिव)पुनर्बीमासमर्थन रखनेके लिए ग्लोबमास्टरकन्सल्टेंट्स,जोकान्फियान्सका एक प्रतिनिधिहै, के साथशर्तें कैसेविकसित कीं जिससेउक्त बीमाउपबंधों काउल्लंघन हुआ।

ख)  दलाल काउत्तर – दलालने अपने उत्तरदिनांक 07.02.2019 केउत्तर में कहाकि उसने भारतके बाहरपुनर्बीमाकर्ताओंके साथपुनर्बीमा केस्थानन के लिएउक्त विदेशी दलाल,कान्फियान्सकी सेवाओँ काउपयोग किया। उक्तविदेशी दलालकी सेवाओँ काउपयोग करने केलिए यूनिसन नेश्री स्टीवेनएल. चेट्टी,कान्फियान्सके संस्थापक औरएमडी केपत्र-व्यवहारकिया औरसंपर्क स्थापितकिया। उक्तपत्र-व्यवहारऔर परस्परविचार-विनिमयमें श्रीस्टीवेनसमन्वय के लिएअपने भारतीयप्रतिनिधियोंको प्रतिलिपिके साथ सूचनादेते हुए अवगतरखते थे,परंतु यूनिसनएकमात्र तौरपर और केवलश्री स्टीवेनके साथ हीव्यवहारकिया। श्रीस्टीवेन औरउनके भारतीयप्रतिनिधियोंके बीच आंतरिकसमन्वय केसंबंध मेंमेलों औरतत्संबंधीविचार-विनिमयमें प्रतिलिपिमें अंकितकिये जाने केसिवा, यूनिसनकिसी भी बातमें संबद्धनहीं था औरकिसी भी जानकारीसे अवगत नहींथा।पुनर्बीमाप्रीमियम का भुगतानकान्फियान्सके बैंक खातेमें सीधे कियागया था तथानिधियों कीसमस्तप्राप्ति कीपावती विदेशीदलाल केद्वारा दी गईथी।

ग)   उल्लंघन –ग्लोब मास्टरकन्सल्टेंट्सको संबोधितई-मेल दिनांक 12जून 2018 केद्वारायूनिसन नेउनसे टाटा-एआईजीफ़सल बीमा केलिएपुनर्बीमासमर्थन प्राप्तकरने काअनुरोध किया।इसकीप्राप्ति-सूचनाग्लोब मास्टरकन्सल्टेंट्सद्वारा ई-मेलदिनांक 11.07.2018 और 12.07.2018से दी गई तथा कान्फियान्सकी पर्ची परबीएमआई, यूएसएद्वारासहभागिता कीऔर एआरबी कीपर्ची परटीएमके कीसहभागिता कीपुष्टि की गईएवं येपर्चियाँ ग्लोबमास्टरकन्सल्टेंट्सद्वाराप्रेषित कीगईं। परवर्तीई-मेल यूनिसनद्वारा ग्लोबमास्टरकन्सल्टेंट्सके निदेशक डा.मुकेश रानवानऔर श्री सचिनअग्रवाल कोसंबोधित थे।

 

ई-मेलों के माध्यमसे विनिमयकिये गयेपत्राचार सेयह सुस्पष्टहै कि जीएमसीएक अपंजीकृतसंस्था थीजिसके साथयूनिसन डा.मुकेश रानवानके माध्यम सेव्यवहार कर रहाथा। डा. मुकेशरानवानमेसर्सकान्फियान्स काप्रतिनिधि था,जैसा किविजिटिंग/बिजनेसकार्ड मेंदर्शाया गयाथा। मेसर्स कान्फियान्सभारत मेंअपंजीकृतसंस्था थी तथाभारत में उसकेप्रतिनिधि केसाथपारस्परिक क्रियाके आधार पर,दलाल एकअपंजीकृतसंस्था के साथव्यवहार कररहा था।

 

बीमाअधिनियम, 1938 कीधारा 42डी (8) कहतीहै कि कोईभी व्यक्ति जोएक मध्यवर्तीअथवा एक बीमामध्यवर्ती केरूप में इसप्रकार कार्यकरने के लिएइस धारा केअधीन पंजीकृतकिये बिनाकार्य करताहै, ऐसे दंड केलिए भागी होगाजिसकाविस्तार दसलाख रुपये तकहो सकता हैतथा कोई भीव्यक्ति जो इसरूप में कार्यकरने के लिएपंजीकृत नहींकिये गये किसीमध्यवर्तीअथवा बीमामध्यवर्तीअथवा किसीव्यक्ति कोनियुक्त करताहै अथवा ऐसेकिसी व्यक्तिके माध्यम सेभारत में कोईबीमा व्यवसायकरता है, ऐसेदंड का भागीहोगा जिसकाविस्तार एककरोड़ रुपयेतक हो सकता है

 

बीमाअधिनियम, 1938 कीधारा 42डी (9) कहतीहै कि जहाँउप-धारा (8) काउल्लंघनकरनेवालाव्यक्ति कोईकंपनी अथवाफर्म है, वहाँऐसी किसीकार्यवाही, जोकंपनी अथवाफर्म,प्रत्येकनिदेशक, प्रबंधक,सचिव अथवा कंपनी के अन्यअधिकारी और फर्मके प्रत्येकभागीदार केविरुद्ध की जासकती है जोजान-बूझकर ऐसेउल्लंघन का एकपक्षकार हो,पर प्रतिकूलप्रभाव केबिना ऐसे दंडके लिए भागीहोगा जिसकाविस्तार दसलाख रुपये तकहो सकता है

 

आईआरडीएआई(बीमा दलाल)विनियम, 2018 काविनियम 48 कहताहै कि यदिकोई पंजीकृतबीमा दलालबीमा अधिनियम,1938, आईआरडीएअधिनियम, 1999 तथाउसके अधीनबनाये गयेनियमों औरविनियमों,समय-समय परप्राधिकरणद्वारा जारीकिये गये किसीपरिपत्र/दिशानिर्देशों/आदेशों केकिसी भी उपबंधका उल्लंघनकरता है, तोप्राधिकरणउल्लंघन केस्वरूप/गंभीरता केआधार परउपयुक्त दंडलगाते हुए आदेशजारी कर सकताहै

 

घ)   एससीएनके लिए दलालकाप्रस्तुतीकरण– एससीएन केलिए अपनेउत्तर मेंयूनिसन नेअपने पत्रदिनांक 26.7.2019 में आरोपका खंडन किया।यूनिसन केअनुसारउन्होंनेधारा 42डी(8), 42डी(9)और विनियम 48 काउल्लंघन नहींकिया है।यूनिसन केअनुसार धारा42डी(9) का उल्लंघनतब माना जाताहै जब धारा 42डी(8)का उल्लंघनप्रमाणितहोता है। धारा42डी(8) धारा 42डीके अधीन पंजीकृतनहीं की गईसंस्था केमाध्यम सेभारत में बीमाव्यवसाय करनेसे संबंधितहै। यूनिसन केअनुसार उसनेपुनर्बीमा केलिएकान्फियान्सकी सेवाओं काउपयोग किया।कान्फियान्सविधिमान्यरूप से लाबुआनफाइनैंशियलसर्विसेज़अथारिटी केपास पंजीकृतहै तथा उसकीलाइसेंससंख्या बीएस2015105है। यह सूचनाटाटा-एआईजी कोई-मेल दिनांक16.06.2018 के द्वाराप्रकट की गईथी। यूनिसन नेप्रस्तुतीकरणकिया है कि यहकहना गलत हैकि उन्होंनेग्लोब मास्टरकन्सल्टेंट्स(जीएमसी) कीनियुक्ति कीहै अथवा उनकेसाथ बीमाव्यवसाय कियाहै। उन्होंनेजीएमसी के साथकोई करार नहींकिया है, उन्होंनेजीएमसी को कोईनियुक्ति-पत्रजारी नहींकिया है,उन्होंनेजीएमसी के साथकोई लेनदेननहीं किया है,उन्होंनेजीएमसी के साथकोईपत्र-व्यवहारनहीं किया है।प्रीमियम कान्फियान्सको अदा कियागया था औरधनवापसी कान्फियान्ससे प्राप्त कीगई थी। डा.मुकेश रानवानकान्फियान्सके प्रत्यक्षअनुदेशों के अधीनवैयक्तिकक्षमता मेंकार्य कर रहेथे।

 

यूनिसनने 12.06.2018 के ई-मेलको अस्वीकारकिया जिसमेंउसनेटाटा-एआईजीफसल बीमा केलिएपुनर्बीमा समर्थनप्राप्त करनेके लिए जीएससीसे अनुरोधकिया। यूनिसनके अनुसारउक्त ई-मेल कान्फियान्सके लिए था, न किजीएमसी केलिए। कान्फियान्सके एमडी ने 12.06.2018के ई-मेल कीप्राप्ति-सूचना14.06.2018 के ई-मेलद्वारा दी थी।

 

यूनिसनके अनुसार 30सितंबर 2019 कोआयोजितवैयक्तिकसुनवाई में 11.06.2018से 20.11.2018 तक कीअवधि के बीचडा. मुकेशरानवान के साथसमस्तपत्राचारयूनिसन को दियेगये उनकेपरिचय के आधारपर था कि वेमेसर्सकान्फियान्सके भारतीयप्रतिनिधिहैं तथा यहनिर्दिष्टकरते हुएउन्होंने एकबिजनेस कार्डदिखाया था। वेइस तथ्य केआधार पर भी इस निष्कर्षपर पहुँच गये हैंकि मेसर्सकान्फियान्सने उनकेई-मेलों मेंडा. मुकेश को अपनेदायरे मेंरखा। यूनिसनऔरकान्फियान्स केबीच प्रायः 70% ई-मेलों मेंडा. मुकेशरानवान को विद्यमानरखा गया। यूनिसननेप्रस्तुतीकरणकिया कि यहकहते हुए मेसर्सकान्फियान्सद्वारा एकई-मेल दिनांक 24.9.2018उनको भेजा गयाकि उन्होंनेमेसर्सग्लोबल मास्टरकन्सल्टेंट (“जीएमसी”)के साथ करारकिया है,परंतु करार कीप्रति पर केवलमेसर्सकान्फियान्सद्वाराहस्ताक्षरकिये गये थे,परंतु अन्यपक्षकारद्वाराहस्ताक्षरनहीं किये गयेथे। यूनिसन नेयह भी कहा किउन्होंने डा.मुकेश रानवानको वैयक्तिकक्षमता मेंई-मेल दिनांक 12जून 2018 भेजा था,परंतु ई-मेलका मुख्य भाग कान्फियान्सके श्रीस्टीवेनचेट्टी को संबोधितथा। यूनिसन केअनुसार कोईजीएमसी विद्यमाननहीं है तथाइस व्यवसाय कास्थानन करनेके लिए जीएमसीके साथव्यवहार करतेहुए उन्होंनेकभी कोई ई-मेलनहीं भेजा है।

 

यूनिसनने इस बात कोदोहराते हुए एकऔर पत्र दिनांक22 अक्तूबर 2019 केसाथ अनुवर्तनकिया किउन्होंने कभीऐसी किसीसंस्था के साथव्यवहार नहींकिया जो लाइसेंसप्राप्तनहीं है,जीएमसी के साथकोई व्यवहारनहीं किया औरकोई पत्राचारनहीं किया।पहली बारजीएमसी काउल्लेखस्टीवेनचेट्टी केई-मेल दिनांक 24सितंबर 2018 मेंकिया गया था।यूनिसन ने 11जून 2018 से 20नवंबर 2018 तक कीअवधि मेंटाटा-एआईजी,यूनिसन औरकान्फियान्सके बीच कियेगयेपत्र-व्यवहारका सारंश संलग्नकिया है।यूनिसन ने इसबात कोदोहराया है किउन्होंनेजीएमसी के साथअथवाविनियमनकर्तासे प्राप्तविधिमान्यलाइसेंस सेरहित किसीअन्य संस्थाके साथ किसीभी समय कोईपत्र-व्यवहारनहीं किया है।

 

ङ)    प्राधिकरणका निर्णय

i)       प्राधिकरणने यूनिसन कोजारी किये गयेकारण बताओनोटिस मेंयूनिसन केविरुद्धलगाये गये आरोपोंकी जाँच की।प्राधिकरण नेयूनिसन द्वाराकिये गये प्रस्तुतीकरणका भी अवलोकनकिया। उसनेवैयक्तिक सुनवाईके दौरान तथा 4और 22 अक्तूबर 2019के अनुवर्तीपत्रों मेंकिये गयेप्रस्तुतीकरणको भी ध्यानमें रखा।

ii)      अपनेसमक्ष रखे गयेसभी तथ्यों परविचार करने केबादप्राधिकरण कीधारणा है किः

क)  यूनिसनने 03.01.2019 को प्राप्तअपने उत्तरमेंप्रस्तुतीकरणकिया कि ग्लोबमास्टरकन्सल्टेंट्सकान्फियान्सके भारतीयप्रतिनिधिहैं तथा उनकाप्रतिनिधित्वडा. मुकेशरानवानद्वारा कियाजाता है जो जयपुर,भारत में हैं। इसस्थिति केहोते हुए,यूनिसन ग्लोबमास्टर कन्सल्टेंटके साथ बीमाव्यवसाय उनकेनिदेशक डा.मुकेश रानवानऔर श्री सचिनअग्रवाल के माध्यमसे कर रहा थाजो एकमध्यवर्तीअथवा एक बीमामध्यवर्तीअथवा किसीव्यक्ति केरूप में कार्यकरने के लिए,तथा इस स्थितिके होते हुएबीमा/पुनर्बीमाव्यवसाय करनेके लिएपंजीकृत नहींहै। इसप्रकार करनेके द्वारायूनिसन ने बीमाअधिनियम, 1938 कीधारा 42डी(8) और (9)एवंआईआरडीएआई (बीमादलाल) विनियम, 2018के विनियम 48 काउल्लंघन कियाहै।

ख)  तदनुसार,बीमा अधिनियम,1938 की धारा 105(ग) केअनुसार, यहविषय अगलीकार्यवाही केलिए उपर्युक्तधारा केअनुसारनियुक्तन्यायनिर्णयनअधिकारी कोप्रेषित कियाजा रहा है।

 

ख.  आरोप सं. 2 –निम्नलिखितका उल्लंघनः

i.       आईआरडीएआई(बीमा दलाल)विनियम, 2018 काविनियम 4 –अनुसूची I – फार्म ए –पुनर्बीमादलालों केकार्य – खंड 2(ड)

ii.      आईआरडीएआई(बीमा दलाल)विनियम, 2018 काविनियम 30 –अनुसूची I – फार्म एच –आचरण संहिता –बीमा दलाल –खंड 2(ख), 2(झ) और 9(क)

iii.      आईआरडीएआई(बीमा दलाल)विनियम, 2018 काविनियम 30 –अनुसूची I – फार्म आई –पुनर्बीमादलाल औरसम्मिश्रदलाल के लिएअतिरिक्त आचरणसंहिता – खंड 1(ग),1(ङ), 1(छ), 1(ज), 1(झ), 1(ञ), 2(घ)और 2(ङ)

क)  प्राधिकरणने दस्तावेजीप्रमाण के साथटाटा-एआईजीद्वारा उठायेगये मुद्दोंपर यूनिसन केविचार माँगतेहुए अपने पत्रदिनांक 26दिसंबर 2018 केअनुसार इसविषय कोयूनिसन के पासउठाया। इसकेअतिरिक्तप्राधिकरण नेस्पष्टीकरणमाँगा कि यदिटोकियो मरीनकिल्नसिंडिकेट 510(टीएमके) औरबेस्टमेरिडियनइंश्योरेंसकंपनी(बीएमआई)टाटा-एआईजी केपुनर्बीमाजोखिम मेंसहभागितानहीं कर रहेहैं, तो i) इनदोपुनर्बीमाकर्ताओंद्वाराहस्ताक्षरितपर्चियों औरइनकी शर्तोंसे युक्त कवरनोट कीप्रतियाँटाटा एआईजी कोकैसे उपलब्धकराई गई थीं? ii) टाटा एआईजीसे प्राप्तप्रीमियमकिसको विप्रेषितकिया गया था? iii) किसके लिएइस प्रीमियमकी वापसीअदायगी यूनिसनको की गई थी जोफिर टाटाएआईजी को वापसकी गई थी? iv)इस पूरे विषयमें मेसर्सग्लोबलमास्टर कन्सल्टेंटकी भूमिकाक्या है? v)कान्फियान्सऔर उनकेभारतीयप्रतिनिधियोंके विरुद्धईओडब्ल्यू,मुंबई के पासशिकायत कबदर्ज की गई थीऔर यह बातप्राधिकरण कीजानकारी मेंक्यों नहीं लाईगई थी? vi)अतिरिक्तआचरण संहिताका पालनविनियम 8(2) की अनुसूची-Iके फार्म –आई तथा विनियम30 के अनुसार कैसे किया गयाहै? vii) विदेशीपुनर्बीमाकर्तादलाल –कान्फियान्सके साथ यूनिसनके करार कीप्रतिलिपि।

 

ख)  दलाल काउत्तर - दलालने टाटा एआईजीद्वारा उठायेगये मुद्दोंपर अपने विचारदेते हुए अपनाउत्तर दिनांक03.01.2019 प्रस्तुतकिया। यूनिसनने कहा किउन्हें कान्फियान्सद्वारा धोखादिया गयाजिन्होंने बीएमआईऔर टीएमकेद्वारापुनर्बीमासहभागिता केपुष्टीकरण सेयुक्तकपटपूर्णपर्चियाँप्रस्तुतकीं।उन्होंने यहपुष्टि करतेहुए स्टीवेनएल. चेट्टी,एमडी,कान्फियान्स द्वाराभेजा गयाई-मेलप्रस्तुतकिया कि पुनर्बीमाकर्ताओँको प्रीमियमविप्रेषितनहीं किया गयातथा दस्तावेजजाली हैं। यहविषय जब प्रकाशमें आया तबउन्होंनेकान्फियान्सद्वारा उक्तपुनर्बीमाप्रीमियमटाटा- एआईजीको वापसकरवाया,उन्होंने ईओडब्ल्यू,मुंबई के पासएक शिकायतदर्ज की जिन्होंनेकान्फियान्सऔर भारत मेंउनके प्रतिनिधिग्लोब मास्टरकन्सल्टेंट्सके विरुद्धएफआईआरपंजीकृत की।इसकेअतिरिक्त, i) यूनिसन नेपुष्टि की किबीएमआई सेप्राप्तउत्तर औरकान्फियान्सके ई-मेल दिनांक20.11.2018 के आधार परउन्होंनेविश्वास कियाकि कान्फियान्सद्वाराप्रस्तुतपुनर्बीमापर्चियाँधोखाधड़ीपूर्णपर्चियाँ हैंऔर इसलिएटोकियो मरीनकिल्नसिंडिकेट 510 औरबेस्टमेरिडियनइंश्योरेंसकंपनी टाटा एआईजीके पुनर्बीमाजोखिम मेंसहभागितानहीं कर रहेथे; ii) जबएक बार दलालनेकान्फियान्ससे बीएमआई औरटीएमके कीहस्ताक्षरितऔर मुहर लगीपर्चियाँ क्रमशः11.07.2018 और 12.07.2018 कोप्राप्त कीं,ये उसी दिनटाटा-एआईजी कोप्रेषित की गईथीं; iii) टाटाएआईजी सेप्राप्तप्रीमियम आगेपुनर्बीमाकर्ताओंको विप्रेषितकरने के लिएकान्फियान्स,लाबुआन कोविप्रेषितकिया गया था; iv) उक्तप्रीमियमकान्फियान्स,लाबुआनद्वारा 23 नवंबर2018 को लौटायागया था।कान्फियान्सका बैंक विवरणप्रस्तुतकिया गया था; v) मेसर्सग्लोब मास्टर कन्सल्टेंट्सकान्फियान्सके भारतीयप्रतिनिधि हैं।यूनिसन नेग्लोब मास्टरकन्सल्टेंट्सके पक्ष मेंकान्फियान्स,लाबुआन द्वारा जारी कियागयाप्राधिकार-पत्रसंलग्न किया;vi) कान्फियान्सऔर उनकेभारतीयप्रतिनिधि केविरुद्धईओडब्ल्यू,मुंबई के पास 29सितंबर 2018 को शिकायतदर्ज की गई।इसकी एकप्रतिलिपिसंलग्न की गई;vii) यूनिसन नेप्रस्तुतीकरणकिया किउन्होंने अपनेपुनर्बीमाविभाग मेंप्रथाओं कीसमीक्षा कीतथा अवलोकनकरने के बादऔर उनकीअधिकतम जानकारीके अनुसार वेपुष्टि करतेहैं कि आईआरडीएआई(बीमा दलाल)विनियम, 2018 मेंविनिर्दिष्टअतिरिक्तआचरण संहिताका अनुसरणकिया गया औरपालन किया गया;viii) यूनिसन नेप्रस्तुतीकरणकिया किकान्फियान्सके साथ उनकाकोई विशिष्टकरार नहीं है।तथापिउन्होंनेकेवाईसी काअनुपालन कियाहै तथा लाइसेंसकी प्रति,तुलन-पत्र कीप्रति और पीआईपालिसी कीप्रति, बैंकविवरण,कान्फियान्सलाबुआन औरग्लोब मास्टरकन्सल्टेंट्सके बीच करारकी प्रति प्राप्तकी।

ग)   उल्लंघन –

i.       यूनिसनने आईआरडीएआई(बीमा दलाल)विनियम, 2019 में यथाविनिर्दिष्टनिम्नलिखितविनियमों का उल्लंघनकिया हैः

 

आईआरडीएआई(बीमा दलाल)विनियम, 2018 काविनियम 4 –अनुसूची I – फार्म ए –पुनर्बीमादलालों केकार्य – खंड 2(ड) कहताहै कि पुनर्बीमादलाल केकार्यों मेंशामिल होगा –पुनर्बीमाकर्ताओंऔरअंतरराष्ट्रीयबीमा दलालोंका चयन करतेसमय उनकेसंबंधितसुरक्षारेटिंगों काध्यान रखतेहुए उचितसावधानी औरसतर्कताबरतना तथाउनकी सेवाओँको संबद्ध करतेसमय संबंधितदायित्वसुव्यवस्थितकरना

 

आईआरडीएआई(बीमा दलाल)विनियम, 2018 का विनियम30 – अनुसूची I – फार्म एच –आचरण संहिता –बीमा दलाल -

प्रत्येकबीमा दलाल –

खंड2(ख) – सावधानीऔर सतर्कता केसाथ कार्यकरेगा

खंड2(झ) – बीमाकर्ता/पुनर्बीमाकर्ताके पास ग्राहकका प्रतिनिधित्वकरने के लिएग्राहक सेलिखित अधिदेश(मैंडेट)प्राप्तकरेगा तथापुनर्बीमा कोलागू करने केबादबीमाकर्ताओंको कवर कीपुष्टि करेगाएवं संबंधितपुनर्बीमास्वीकृति औऱस्थाननपर्चियाँप्रस्तुतकरेगा

खंड9(क) – सुनिश्चितकरेगा कि जारीकिये गये कोईभी दस्तावेज समय-समयपर प्रचलितसांविधिक औरविनियामक अपेक्षाओंका अनुपालनकरेंगे

 

आईआरडीएआई(बीमा दलाल)विनियम, 2018 काविनियम 30 –अनुसूची I – फार्म आई –पुनर्बीमादलाल औरसम्मिश्रदलाल के लिएअतिरिक्तआचरण संहिता –खंड 1(ग) – बीमादलाल बाजारमें प्रवेशकरने से पहलेबीमाकर्ता / पुनर्बीमाकर्ताको प्रयुक्तकी जानेवाली पुनर्बीमापर्ची की एकसही औरसंपूर्णप्रतिलिपिउपलब्धकराएगा।बीमाकर्ता / पुनर्बीमाकर्ताद्वाराप्रस्तावितकोई भी आशोधनअथवा संशोधनबीमा दलालस्थानन पर्चियोंमें सम्मिलितकरेगा”

खंड1(ङ) – बीमादलालबीमाकर्ता/पुनर्बीमाकर्ताको शर्तेंबताते हुएअग्रणीपुनर्बीमाकर्ताद्वाराहस्ताक्षरितस्थानन पर्चीकी एक सत्यप्रतिलिपिउसपर पुनर्बीमाकर्ताकीहस्ताक्षरितलाइननिर्दिष्ट करतेहुए प्रस्तुतकरेगा।“

खंड1(छ) – बताईगई पुनर्बीमाशर्तों को जबएक बार बीमाकर्ता/पुनर्बीमाकर्ताने स्वीकारकिया है, तबबीमा दलालअपेक्षितबीमा कवर कास्थानन करेगातथा समय-समयपर स्थानन कीप्रगति केबारे में बीमाकर्ता/ पुनर्बीमाकर्ताको अवगतकराएगा। उनपुनर्बीमाकर्ताओंका चयन करनेमें जिन्हेंजोखिम प्रस्तावितकिया जाता है,बीमा दलालकेवल ऐसे हीपुनर्बीमाकर्ताओका उपयोग करनेकी आवश्यकताका ध्यानरखेगा जिनकेपासआईआरडीएआई(साधारण बीमा –पुनर्बीमा)विनियम, 2016 औरआईआरडीए (जीवनबीमा –पुनर्बीमा)विनियम, 2013द्वाराअपेक्षित रूपमें रेटिंग हो।जहाँपुनर्बीमा काअधिस्थानन(ओवर प्लेसमेंट)किया जाता है,वहाँहस्ताक्षरकरने का कार्यअच्छी बाजारप्रथा केअनुरूपहोनेवाले तरीकेसे बीमाकर्ता /पुनर्बीमाकर्ताके साथपरामर्श करनेके बाद कियाजाएगा।

खंड1(ज) – बीमाकर्ताको प्रीमियमके विप्रेषणऔर संबंधितपुनर्बीमाकर्ताद्वारा उसकीप्राप्ति कीपुष्टि ऐसेविप्रेषण सेदस दिन केअंदर करेगा।

खंड1(झ) – पुनर्बीमाके स्थानन केपूरे होने केतत्काल बाद,बीमा दलाल कवरकी शर्तें तथापुनर्बीमाकर्ताओंके नाम औरउनमें से प्रत्येकके पास रखेगये शेयरों काविवरण देते हुएबीमा दलाल काकवर नोट जारीकर सकता है।इस कवर नोटमेंपुनर्बीमा केलिए लागू सभीमहत्वपूर्णखंडों औरशर्तों कीसूची निहित होसकती है तथाजहाँ खंडों कीवाक्यरचनाबाजार के मानकके अनुरूपनहीं है, वहाँपुनर्बीमा संविदामें प्रयुक्तकी जानेवालीवाक्यरचना बीमादलाल के कवरनोट के साथसंलग्न कीजाएगी।

खंड1(ञ) – बीमादलाल कवर नोटका अनुवर्तनऔपचारिक रूप सेहस्ताक्षरितपुनर्बीमापालिसीदस्तावेज अथवासंबंधितपुनर्बीमाकर्ताओंद्वारा हस्ताक्षरितपुनर्बीमासंविदा केअन्य स्वीकार्यप्रमाण से,पुनर्बीमाप्रीमियम कीप्राप्ति सेएक महीने केअंदर करेगा।

खंड2(घ) – बीमादलाल समय-समयपर समझौते केस्थानन की प्रगतिसूचित करेगा।स्थानन कीसमाप्ति केतत्काल बादबीमा दलालसमझौते कीशर्तें निर्दिष्टकरते हुए एककवर नोट तथापुनर्बीमाकर्ताओंकी सूची उनकेशेयरों सहितजारी करेगा।जहाँ किसीसमझौते काअधिस्थानन(ओवरप्लेसमेंट)किया जाता है,वहाँ बीमादलालबीमाकर्ता केसाथ परामर्शकरने केउपरांत अच्छीबाजार प्रथाके अनुरूपहोनेवालेतरीके सेशेयरों के संबंधमेंहस्ताक्षर(साइन डाउन)करेगा।

खंड2(ङ) – बीमादलाल औपचारिकसमझौते कीवाक्यरचनाअथवा अन्यऔपचारिक पुनर्बीमासंविदाप्रलेखीकरणके हस्ताक्षर,स्थानन के पूरेहोने के बादतीन महीने केअंदर प्राप्तकरेगा।

घ)   एससीएनके लिए दलालकाप्रस्तुतीकरण- एससीएनके लिए अपनेउत्तर मेंअपने पत्रदिनांक 26.7.2019 मेंयूनिसन नेआरोप का खंडनकिया। यूनिसनके अनुसारउन्होंनेआईआरडीएआई(बीमा दलाल) विनियम,2018 के विनियम 4,विनियम 30 काउल्लंघन नहींकिया। यूनिसनके अनुसारउन्होंनेकिसी असाधारणबात को नहींपाया। पुनर्बीमास्थाननों केक्रम मेंलायड्ससिंडिकेट(टीएमके) नेलायड्सब्रोकर(एआरबी) सेव्यवहार किया,जिन्होंनेफिरकान्फियान्ससे व्यवहारकियाजिन्होंनेफिर यूनिसन सेव्यवहार किया।अतः यूनिसन कीओर से कोई चूकनहीं है तथा इसकारण सेयूनिसनद्वारा कोईउल्लंघन नहीं कियागया है।यूनिसन केअनुसारउन्होंने पुनर्बीमाकर्ताओंऔर पुनर्बीमादलालों के चयनमें उचितसावधानी बरतीक्योंकिटीएमके ए+ रेटिंगप्राप्त हैतथा बीएमआई ए- रेटिंगप्राप्त। उन्होंनेभीकान्फियान्सके संबंध मेंउचित सावधानीबरती। चूँकिकान्फियान्सने भारत आरईऔर श्रीरामजनरल के साथकार्य कियाथा, अतः उन्होंनेउनसे उनकेपूर्ववृत्तका सत्यापन किया।उन्होंनेलाबुआनफाइनैंशियलसर्विसेज़अथारिटीवेबसाइट की भीजाँच की औरकान्फियान्सकी लाइसेंससंख्या औरविधिमान्यताकी पुष्टि की।उन्होंनेकान्फियान्सके लाइसेंस कीप्रतिप्राप्त की औरसीईओ, एनडीआईइंश्योरेंस सेप्रतिसूचना(फीडबैक)प्राप्त की जोकिसी समय फ़सलबीमा के लिएपुनर्बीमास्रमर्थन देरहा था।यूनिसन नेटाटा-एआईजी केसाथ कान्फियान्सके विवरण कासाझा भी कियातथा आरआईस्थाननटाटा-एआईजी केअनुमोदन केसाथ किया गयाथा। किसी भीसमय कोई प्रश्ननहीं उठायागया। यूनिसनके अनुसारस्पष्ट की गईघटनाओं के क्रमके अनुसारदस्तावेज औरई-मेल यहपुष्टि करतेहैं कि यूनिसनको दी गईकपटपूर्णपर्चियों कानिर्माण औरप्रारूपणदोनों श्रीस्टीवेन चेट्टी,एमडी,कान्फियान्सऔर जीएमसी,भारतीय प्रतिनिधिके द्वाराकिया गया।इसके लिए यूनिसनको दोष नहींदिया जा सकता।यूनिसन केअनुसारकान्फियान्सद्वारा उठायेगए कदम, जैसेपुनर्बीमाप्रीमियममाँगना, बैंकविवरण का साझाकरना,पुनर्बीमाप्रीमियमप्राप्त करनाऔर उसे वापसकरनाकान्फियान्सके दोष कोप्रमाणितकरते हैं।यूनिसन उक्तधोखाधड़ी कोनहीं जान सकताथा। इसकेअतिरिक्त,यूनिसन ने इसविषय की सूचनापुलिस में दीऔर एक एफआईआरदर्ज कराई।

 

यूनिसनके अनुसार कोईविनियामक उल्लंघननहीं किया गयाहै क्योंकियूनिसन ने टाटा-एआईजीको आरआई पर्चीकी प्रति 11.07.2018 और12. 07.2018 को उपलब्धकराई।टाटा-एआईजी कोसदैव सूचितकिया गया।यूनिसन नेआरआईप्रीमियम कीपहली किस्त (25.09.2018)और दूसरीकिस्त (22.10.2018) काभुगतान करदिया। यूनिसन नेटाटा-एआईजी कोमूल दलाल कवरनोट 17.07.2018 कोउपलब्धकराया। आरआईविनियमों काअनुपालन करतेहुए यूनिसन नेटाटा-एआईजी कोऔपचारिकहस्ताक्षरितपुनर्बीमापालिसीदस्तावेजउपलब्ध कराया।अतः यूनिसनद्वारा दलालविनियमों औरअतिरिक्त आचरणसंहिता का कोईउल्लंघन नहीं कियागया।

 

30सितंबर 2019 कोसंपन्नवैयक्तिकसुनवाई मेंयूनिसन नेअपने पहले केप्रस्तुतीकरणको दोहराया।यूनिसन नेप्रस्तुतीकरणकिया कि 11 जूनसे 29 जून 2018 तकप्रस्ताव कीशर्तेंमेसर्स टाटाएआईजी के पासउपलब्ध थीं।टाटा एआईजी नेउक्त शर्तोंका अनुमोदन 01.08.2018को किया औरकोई आपत्तिनहीं की गई।यूनिसन ने यहभी कहा किबीएमआई के पासए- रेटिंग थीऔर टाटा एआईजीने बीएमआई केपास जोखिम केस्थानन के लिएसहमति दी। इसकेअतिरिक्तयूनिसन ने यहभी सूचित कियाकि टीएमके ए+ रेटिगप्राप्त है जोटाटा एआईजी केलिए पहले दिनसे हीस्वीकार्यथी। यूनिसन नेयह बात दोहराईकि उन्होंनेमेसर्सकान्फियान्सका केवाईसीकिया, जोलाबुआन केविनियमनकर्ताकी वेबसाइट सेउनकी लाइसेंससंख्या, उनकेबैंक खाते केविवरण,वार्षिकखातों और पीआईपालिसी आदि कीजाँच करने केद्वारा कियागया।

ङ)    प्राधिकरणका निर्णय

i.       प्राधिकरणने यूनिसन कोजारी किये गयेकारण बताओनोटिस मेयूनिसन केविरुद्धलगाये गये आरोपोंकी जाँच की।प्राधिकरण नेयूनिसन द्वाराकिये गयेप्रस्तुतीकरणका भी अवलोकनकिया। उसनेवैयक्तिकसुनवाई केदौरान कियेगये प्रस्तुतीकरणऔर अनुवर्तीपत्र दिनांक 4और 22 अक्तूबर 2019में किये गयेप्रस्तुतीकरणको भी ध्यानमें रखा।

ii.       अपनेसमक्ष रखे गयेसभी तथ्यों परविचार करने केउपरांतप्राधिकरणनिम्नानुसारनिष्कर्षनिकालता हैः

क.   पुनर्बीमाव्यवसायअंतरराष्ट्रीयस्वरूप का है।पुनर्बीमास्थानन मेंपुनर्बीमादलाल की भूमिकासर्वोपरि हैक्योंकिअध्यर्पकअपने जोखिमोंका स्थाननपुनर्बीमाकर्ताओंके पास उनकेद्वारा &##2325;रतेहैं। अध्यर्पकोंऔरपुनर्बीमाकर्ताओंके बीच संबंधका प्रबंधनपुनर्बीमादलाल केद्वारा कियाजाता है और वहपरम विश्वासपर आधारित है।किसी भी कमीअथवाविश्वास-भंग केगंभीर परिणामसमूचे बीमाबाजार के लिएहोते हैं।

ख.  यूनिसनद्वारा कियेगयेप्रस्तुतीकरणोंसे यह पायागया है कि नकेवल यूनिसन,बल्कि चार्टर्डअकाउंटेंट जोप्रलेखीकरणको प्रमाणित करताहै, प्राधिकृतविदेशीमुद्राव्यापारी जोविदेशीमुद्रा कोविप्रेषितकरता है, ने भीविश्वास कियाहै किपुनर्बीमापर्ची वास्तविकहै तथा विदेशीमुद्राविदेशी दलालको विप्रेषितकी।धोखाधड़ीपूर्णपुनर्बीमा पर्चीकान्फियान्सद्वारा इतनीअच्छी तरह से बनाईगई कि यहप्रतीत होताहै कि यूनिसनको इसे मूलप्रति के रूपमें विश्वासदिलाने के लिएछल-कपट कियागया। अतःयूनिसन केविरुद्ध निम्नलिखितआरोपों पर बलनहीं दियाजाता हैः

1.  आईआरडीएआई(बीमा दलाल)विनियम, 2018 काविनियम 4 –अनुसूची I – फार्म ए –पुनर्बीमादलालों केकार्य – खंड 2(ड)

2.  आईआरडीएआई(बीमा दलाल)विनियम, 2018 काविनियम 30 –अनुसूची I – फार्म एच –आचरण संहिता –बीमा दलाल –खंड 2(ख), 2(झ) और 9(क)

3.  आईआरडीएआई(बीमा दलाल)विनियम, 2018 काविनियम 30 –अनुसूची I – फार्म आई –पुनर्बीमादलाल औरसम्मिश्रदलाल के लिएअतिरिक्तआचरण संहिता –खंड 1(ङ), 1(छ), 1(झ), 2(घ)और 2(ङ)

ग.   प्राधिकरणने ध्यान दियाकि यूनिसन ने29.11.2018 को मुंबईपुलिस के पासएक पुलिसशिकायत फाइलकी तथाअन्वेषण औरजाँच के बादमुंबई पुलिसने 17.01.2019 को उक्तशिकायत कोएफआईआर के रूपमें परिवर्तितकिया। यूनिसनने 31.12.2018 कोकान्फियान्सको कानूनीनोटिस भी दिये।यूनिसन नेपुनर्बीमापर्चियों कीधोखाधड़ी कीसूचना मिलनेपर मुंबईआर्थिक अपराधखंड के पासशिकायत भीफाइल की।

घ.    तथापि, यदियूनिसन नेआईआरडीएआई(बीमा दलाल)विनियम, 2018 के विनियम30 के खंड 1(ज) –अनुसूची I – फार्म आई –पुनर्बीमादलाल औरसम्मिश्रदलाल के लिएअतिरिक्तआचरण संहितामेंनिर्धारितरूप में पुनर्बीमाकर्ताके साथअनुवर्तनकरते हुए प्रीमियमके विप्रेषणऔऱ संबंधितपुनर्बीमाकर्ताद्वारा उसकीप्राप्ति कीपुष्टिबीमाकर्ता कोऐसे विप्रेषणसे दस दिन केअंदर की होतीतो वे जानजाते किपुनर्बीमाकर्ताजोखिम पर नहींहै।

ङ.    इसीप्रकार, यदियूनिसन नेआईआरडीएआई(बीमा दलाल)विनियम, 2018 केविनियम 30 केखंड 1(ञ) –अनुसूची I – फार्म आई –पुनर्बीमादलाल औरसम्मिश्रदलाल के लिएअतिरिक्तआचरण संहिता केअंतर्गतनिर्धारितरूप मेंऔपचारिक तौरपर हस्ताक्षरितपुनर्बीमापालिसीदस्तावेजोंअथवा संबंधितपुनर्बीमाकर्ताओंद्वारा हस्ताक्षरितपुनर्बीमासंविदा केअन्य स्वीकार्यप्रमाण केद्वारा कवरनोट के साथअनुवर्तनकिया होता तोवे जान जातेकि पुनर्बीमाका स्थाननउक्तपुनर्बीमाकर्ताओंके पास नहीं कियागया है।

iii.      यूनिसनद्वारा की गईउपर्युक्तचूकों को ध्यानमें रखते हुएतथाआईआरडीएआई(बीमा दलाल) विनियम,2018 के विनियम 48के साथ पठितबीमा अधिनियम,1938 की धारा 102(ख) केउपबंधों केअनुसारप्राधिकरण मेंनिहितशक्तियों काप्रयोग करतेहुए, प्राधिकरण11.07.2018 और 12.07.2018 कोटाटा एआईजी कोजाली आरआईपर्चियों कासाझा करने कीतारीख सेप्रारभ करतेहुए तथा 13.11.2018 कोटाटा एआईजीद्वारा उनकीजानकारी मेंइस विषय कोलाने की तारीखतक 100 दिन सेअधिक उल्लंघन अवधिके लिए रु. 1करोड़ (एककरोड़ रुपये)का अर्थदंडलगाता है।

 

ग.   आरोप सं. 3 –आईआरडीएआई(बीमा दलाल)विनियम, 2018 केविनियम 40(2)(क) काउल्लंघन

क)  आईआरडीएआईने अपने पत्रदिनांक 01.02.2019 केद्वारा यूनिसनसेनिम्नलिखितस्पष्टीकरणमाँगेः i) यूनिसनने कैसे दरालविनियमों काउल्लंघन करतेहुए टाटाएआईजी के फसलबीमा स्थाननपर विकल्पी(फैकल्टेटिव)पुनर्बीमा समर्थनरखने के लिएजीएमसी, एकविदेशी दलालके प्रतिनिधिके साथ शर्तेंकैसे विकसितकीं; ii) इसविषय के संबंधमें जो 13.11.2018 कोप्रकट हुआ, प्राधिकरणको सूचित नकरते हुए, जबतक यह 21.12.2018 कोटाटा एआईजीद्वारा प्राधिकरणकी जानकारीमें नहीं लायागया, यूनिसन नेदलालविनियमों केविनियम 40(2)(क) काउल्लंघन किया;iii) क्या यहविषय लाबुआनफाइनैंशियलसर्विसेज़ अथारिटी,फेडरलटेरिटरी आफलाबुआन,मलेशिया कीजानकारी मेंलाया गयाजिसने मेसर्सकान्फियान्सइंटरनेशनलरीइंश्योरेंसब्रोकर्सएल.एल.सी. कोलाइसेंस सं.बीएस2015105 प्रदानकिया है।

ख)  दलाल काउत्तर – यूनिसननेनिम्नलिखितवक्तव्य देतेहुए अपने पत्रदिनांक 07.02.2019 केद्वाराप्रत्युत्तरदियाः i) यूनिसनने भारत केबाहरपुनर्बीमाकर्तांओंके पासपुनर्बीमा केस्थानन के लिएविदेशी दलालकान्फियान्सकी सेवाओं काउपयोग किया।विदेशी दलालकी सेवाओं काउपयोग करने केलिए यूनिसन नेश्री स्टीवेनएल. चेट्टी,कान्फियान्स केसंस्थापक औरएमडी के साथपत्राचार औरव्यवहारकिया।पत्र-व्यवहारऔर परस्परसक्रियता(इंटर-एक्शन)में श्रीस्टीवेन नेसमन्वय के लिएप्रतिलिपिमें अपनेभारतीयप्रतिनिधियोंको रखा, परंतुयूनिसन ने केवलऔर एकमात्ररूप से श्रीस्टीवेन केसाथ व्यवहारकिया। मेलोंऔर संबंधितपरस्पर सक्रियताओंमें प्रतिलिपिमें अंकितकिये जाने कोछोड़करयूनिसन श्रीस्टीवेन औरउनके भारतीयप्रतिनिधियोंके बीच आंतरिकसमन्वय मेंसंबद्ध नहींथा और उसके संबंधमें उसेजानकारी नहींथी।पुनर्बीमा प्रीमियमका भुगतानसीधेकान्फियान्सके बैंक खातेमें किया गयाथा और निधियोंकी समस्त प्राप्तिकी पावतीविदेशी दलालके द्वारा दीगई थी; ii)यूनिसन नेआईआरडीएआईद्वारा की गईअपेक्षा केअनुसार सभीप्रकटीकरणप्रस्तुतकिये हैं। पुनर्बीमापर्चियों केजाली होने केसंबंध मेंसंदेह कीपुष्टि करनेके लिए उसनेनिम्नलिखितकार्रवाई कीहैः 1)तत्परतापूर्वकश्री स्टीवेनको 13.11.2018 को सूचितकिया; 2) अपनेउत्तर मेंश्री स्टीवेनने अपनेई-मेलों दिनांक15.11 और 16.11.2018 के अपनेई-मेलों केद्वारा ब्योरेकी पुष्टिकरने के लिएसमय माँगा;3) अपने ई-मेलदिनांक 20.11.18 केमाध्यम सेश्री स्टीवेननेकान्फियान्स द्वाराकी गईधोखाधड़ी केलिए पूरीजिम्मेदारीली तथापुनर्बीमाप्रीमियम 26.11.18को लौटा दिया।यूनिसन नेमुंबई पुलिसके पास एकपुलिस शिकायत29.11.2018 को फाइल कीतथा अन्वेषणऔर जाँच केबाद मुंबईपुलिस ने उक्तशिकायत को 17.01.2019को एफआईआर केरूप मेंपरिवर्तितकिया। यूनिसनने कानूनीफर्म अनिमेषसिन्हा एण्डपार्टनर्स,एडवोकेट्सएण्डसलिसिटर्स केमाध्यम से कान्फियान्सको 31.2.2018 को कानूनीनोटिस भीदिये।; iii)पुनर्बीमापर्चियों कीजालसाजी कीसूचना मिलनेपर यूनिसन नेतत्कालभारतीय विधिके अंतर्गत कार्रवाईप्रारंभ करनेके लिए एकआपराधिकशिकायत फाइलकी तथा धोखादेने औरआपराधिकषडयंत्र रचनेके प्रयोजन केलिए धोखाधड़ीहेतुकान्फियान्सपर आरोप लगातेहुए एफआईआरजारी की गईहै।. अब यह मामलामुंबई पुलिसद्वाराकार्यवाही केअधीन है।

 

ग)   उल्लंघन –

i.       यूनिसनद्वारा दियेगये उत्तर कीजाँच करने परयह पाया गयाहै कि यूनिसनने इस विषय कोटाटा-एआईजीद्वारा उठायेजाने के बादही प्राधिकरणको सूचितकिया। वह आगेनही आ रहा थाऔर उत्तर देनेके लिए उसने समयलिया।

विनियम40(2) – प्राधिकरणको प्रकटीकरण –कहता है कि बीमा दलालप्राधिकरण कोउसके द्वाराअपेक्षितकिये जाने परकिसी भी स्थितिमें अपेक्षितकिये जाने सेतीस दिन से अनधिकसमय मेंनिम्नलिखितसूचना काप्रकटीकरणकरेगा,अर्थात् –

(क)किसी बीमाअथवापुनर्बीमासंविदा केस्थानन केसंबंध मेंउनके दायित्व;

(ख)    पहलेप्रस्तुत कीगई सूचना अथवाब्योरे मेंकोई परिवर्तन,जिसका संबंधउनको प्रदान कियेगये पंजीकरणपर हो;

(ग) उनग्राहकों केनाम जिनकेबीमा संविभाग काप्रबंध वेकरते हैं अथवाकर चुके हैं;

(घ) समय-समयपर प्राधिकरणद्वाराविनिर्दिष्टकोई अन्यअपेक्षा अथवासूचना।

घ)   एससीएनके लिए दलालकाप्रस्तुतीकरण– एससीएन केलिए अपनेउत्तर मेंयूनिसन नेअपने पत्रदिनांक 26.7.2019 मेंउक्त आरोप काखंडन किया। यूनिसनकेप्रस्तुतीकरणके अनुसारउसने आईआरडीएआई(बीमा दलाल)विनियम, 2018 केविनियम 40(2) काउल्लंघन नहींकिया है।यूनिसन ने उनतारीखों का कालक्रमप्रस्तुतकिया जबआईआरडीएआईद्वाराप्रश्न उठायागया अनुसार,उन्होंने 30दिन कीनिर्धारितअवधि के अंदर उत्तरदिया।

 

30सितंबर 2019 कोसंपन्नवैयक्तिकसुनवाई मेंयूनिसन नेअपने पहले केप्रस्तुतीकरणको दोहराया।यूनिसन नेस्वीकार कियाकि तकनीकी तौरपर उन्हें उसतारीख से जब उन्होंनेउक्त विषय केबारे में जानाअर्थात् 20.11.2018 सेएक महीने कीअवधि कीसमाप्ति सेपहले अर्थात् 20.12.2018को या उससे पहलेइस विषय कोप्राधिकरण कीजानकारी मेंस्वैच्छिकतौर पर लानाचाहिए था।यूनिसन ने स्वीकारकिया कि वे यहसमझ रहे थे किइस सूचना का प्रकटीकरणतभी किया जानाचाहिए जब इसकीअपेक्षाप्राधिकरणद्वारा कीजाएगी।यूनिसन ने यहभी कहा कि एकबार जब उक्तघटना कीजानकारी मिली,तबपुनर्बीमाकर्ताके लंदनकार्यालय मेंपूछताछ करनेमें तीन-चारदिन व्यतीत होगये तथा जब एकबारपुनर्बीमाकर्ताने पुष्टि कीकि वे जोखिमपर नहीं हैं,तब मुंबई केआर्थिक अपराधखंड(ईओडब्ल्यू)में पुलिसशिकायत फाइलकी गई। दलालके कार्यालयमेंईओडब्ल्यू कीजाँच में लगभगदो सप्ताहव्यतीत होगये। यूनिसनने प्रस्तुतीकरणकिया कि यहबेहतर होतायदि वे एफआईआरकी प्रतिलिपिसहित समस्तब्योरे के साथप्राधिकरण कोसूचित करते।यूनिसन ने यहभी कहा किप्राधिकरण कोसूचना काप्रकटीकरण नकरने का उनकाकोई इरादानहीं था,परंतु यह उक्तविनियम केसंबंध मेंउनकी इसगलतफहमी के कारणहुआ किप्राधिकरण कोयह सूचना केवलउनके कहने परही दी जानीचाहिए।

 

ङ)    प्राधिकरणका निर्णय

i.       प्राधिकरणने यूनिसन कोजारी किये गयेकारण बताओनोटिस मेंयूनिसन केविरुद्धलगाये गये आरोपोंकी जाँच की।उसनेवैयक्तिकसुनवाई के दौरानकिये गयेप्रस्तुतीकरणतथा 4 और 22अक्तूबर 2019 कोकिये गयेअनुवर्तीपत्रों को भीध्यान मेंरखा।

ii.       अपनेसमक्ष रखे गयेसभी तथ्यों परविचार करने केबाद प्राधिकरणकी धारणा हैकिः

क.   यूनिसनकी ओर सेविलंब कियागया, परंतुजिन परिस्थितियोंमें उक्त दलालने स्वयं कोपाया, प्राधिकरणने यूनिसनद्वारा दियेगये स्पष्टीकरणपर विचारकिया।

ख.  उपर्युक्तके आलोक मेंप्राधिकरणउक्त आरोप परबल नहीं देता।

 

4. निष्कर्ष

i. यूनिसनके कार्यों नेटाटा-एआईजी कोकठिन स्थितिमें रखा।उन्होंनेहानि उठाईक्योंकि उनकेपास पर्याप्तपुनर्बीमासंरक्षण नहींथा जिसकेपरिणामस्वरूपउनकी वित्तीयस्थिति प्रभावितहुई। इसप्रकार कीकार्रवाईउच्चतम स्तरका ध्यान देनेयोग्य हैक्योंकि यह एकपुनर्बीमादलाल के पासविश्वास रखनेके बीमा / पुनर्बीमाव्यवसाय कीबुनियाद पर हीप्रहार करतीहै। अध्यर्पकयह नि#2367;र्धारितकरने के लिए पुनर्बीमादलाल द्वाराप्रस्तुतपुनर्बीमापर्ची परनिर्भर है किजोखिम कास्थानन कियागया है औरपुनर्बीमासंरक्षण मेंकोई अंतरालनहीं है। यदियह पाया जाताहै किपुनर्बीमासंरक्षण काअस्तित्वनहीं है, तोसमूचा जोखिम जिसेआगेपुनर्बीमाकर्ताको देने की आशाकी गई थी,प्रत्यक्षबीमाकर्ता केपास आ जाता हैजो हानि को पूराकरने के लिएबाध्य हो जाताहै क्योंकिपालिसीधारकको बीमापालिसी उसनेजारी की है।यह लेनदेन केइसमहत्वपूर्णस्वरूप केकारण है कि बीमाकर्ताऔर बीमा दलालके द्वाराआत्यंतिक सावधानीबरती जानीचाहिए। किसीभी त्रुटि काअत्यंत गंभीरपरिणाम होसकता है, यहाँतक कि किसीबीमा कंपनी केविफल होने कीसीमा तक इसकाअसर हो सकताहै।

ii. तथापि,प्राधिकरण केसाथ यूनिसन केद्वारा साझाकिये गयेदस्तावेजोंके होते हुए,यह प्रतीतहोता है कियूनिसन स्वयंकान्फियान्सके द्वाराप्रवंचितकिया गया था।कान्फियान्सजो फ़सल बीमाके लिएपुनर्बीमा कास्थानन नहींकर सका,पुनर्बीमापर्ची कीजालसाजी की औरवह मूल प्रतिके रूप मेंयूनिसन कोप्रस्तुत की।

iii. आरोप सं. 1, 2और 3 मेंउपर्युक्तनिर्णयों केआधार परमेसर्सयूनिसनइंश्योरेंसब्रोकर्स प्रा.लि. को इसकेद्वारा रु. 1,00,00,000/-(केवल एककरोड़ रुपये)का अर्थदंडअदा करने का निदेशदिया जाता है।

iv. रु. 1,00,00,000/- (एक करोड़रुपये) काउक्त अर्थदंडयूनिसन द्वाराइस आदेश कीप्राप्ति कीतारीख से 15 दिनकी अवधि केअंदर एनईएफटी / आरटीजीएस (जिसकाब्योरा अलग सेसूचित कियाजाएगा) के माध्यमसे विप्रेषितकिया जाएगा।यूनिसन द्वाराविप्रेषण कीसूचना श्रीरणदीप सिंहजगपाल, मुख्यमहाप्रबंधक(मध्यवर्ती),आईआरडीएआई, सर्वेसं. 115/1,फाइनैंशियलडिस्ट्रिक्ट,नानकरामगूडा,हैदराबाद 500032 कोदी जाए।

v. यदिबीमा दलालप्राधिकरण केउपर्युक्तनिर्णय सेअसंतुष्ट है,तो बीमाअधिनियम, 1938 कीधारा 110 केअनुसारप्रतिभूतिअपीलीयन्यायाधिकरण(एसएटी) कोअपीलप्रस्तुत कीजा सकती है।

 

(सुजयबनर्जी)

सदस्य (वितरण)

स्थानःहैदराबाद

दिनांकः 8जनवरी 2020

 

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