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Title: आदेश
Reference No.: आईआरडीए/ईएनएफ/ओआरडी/ओएनएस/208/11/2019
Date: 26/11/2019
मेसर्स इंडिया इन्फोलाइन इंश्योरेंस ब्रोकर्स लि. के मामले में अंतिम आदेश

 

 

सं. आईआरडीए/ईएनएफ/ओआरडी/ओएनएस/208/11/2019

 

मेसर्सइंडिया इन्फोलाइनइंश्योरेंस ब्रोकर्सलि. के मामले में

अंतिमआदेश

 

कारणबताओ नोटिस दिनांक26 फरवरी 2019 और भारतीयबीमा विनियामकऔर विकास प्राधिकरण, हैदराबादके कार्यालय मेंसदस्य (वितरण) कीअध्यक्षता में7 अगस्त 2019 को अपराह्न2.30 बजे आयोजित वैयक्तिकसुनवाई के दौरानकिये गये प्रस्तुतीकरणोंपर आधारित

 

पृष्ठभूमिः-

 

·        भारतीयबीमा विनियामकऔर विकास प्राधिकरण(इस आदेश में इसकेबाद “प्राधिकरण”के रूप में उल्लिखित)ने 23 से 25 जनवरी 2017 तकमेसर्स इंडियाइन्फोलाइन इंश्योरेंसब्रोकर्स लि. (इसआदेश में इसकेबाद “दलाल” अथवा“कंपनी” के रूप मेंउल्लिखित) का स्थानपर (आनसाइट) निरीक्षणउक्त दलाल के समग्रविनियामक अनुपालनकी जाँच करने केलिए संचालित कियाथा। प्राधिकरणने उक्त निरीक्षणकी रिपोर्ट कीएक प्रति दलालकी टिप्पणियाँमाँगते हुए 15 जून2017 को प्रेषित कीतथा दलाल का उत्तरउनके दिनांक 7 अगस्त2017 के पत्र के द्वाराप्राप्त किया गया।हमारे पास उपलब्धदस्तावेजों औरदलाल के द्वाराकिये गये प्रस्तुतीकरणोंकी जाँच करने केबाद प्राधिकरणने कारण बताओ नोटिस(इस आदेश में इसकेबाद “एससीएन” केरूप में उल्लिखित)26 फरवरी 2019 को जारीकिया।

 

कारणबताओ नोटिस, उत्तरऔर वैयक्तिक सुनवाईः

 

·        दलालने उक्त एससीएनके लिए अपना उत्तरदिनांक 8 अप्रैल2019 के पत्र के द्वाराप्रस्तुत किया।उसमें किये गयेअनुरोध के अनुसार, दलालको वैयक्तिक सुनवाईका एक अवसर 7 अगस्त2019 को दिया गया। श्रीमोर्ल वेंकटेश्वरराव, प्रधानअधिकारी, श्रीआर. मोहन, मुख्यअनुपालन अधिकारी– आईआईएफएल समूह, श्रीअनुराग नाईक, निदेशक, श्रीबौधायन घोष, सहायकउपाध्यक्ष, श्रीविपिन पुथुर, सहायकउपाध्यक्ष और श्रीसोमेन्द्र अग्रवाल, वरिष्ठप्रबंधक दलाल कीओर से उक्त वैयक्तिकसुनवाई में उपस्थितथे। प्राधिकरणकी ओर से श्री प्रभातकुमार मैती, महाप्रबंधक(प्रवर्तन), श्रीबी. राघवन, उपमहाप्रबंधक (प्रवर्तन), श्रीके. श्रीनिवास, सहायकमहाप्रबंधक (दलाल)और श्री उदित मल्होत्रा, सहायकप्रबंधक उक्त सुनवाईमें उपस्थित हुए।

 

दलालके द्वारा कारणबताओ नोटिस केलिए अपने उत्तरमें किये गये प्रस्तुतीकरणों, वैयक्तिकसुनवाई के दौरानकिये गये प्रस्तुतीकरणोंऔर अपने प्रस्तुतीकरणोंके साक्ष्य केरूप में दलाल केद्वारा प्रस्तुतकिये गये दस्तावेजोंपर प्राधिकरण द्वाराविचार किया गयातथा तदनुसार आरोपोंपर लिये गये निर्णयोंका विवरण नीचेदिया जाता है।

 

 

 

 

आरोप, उसकेप्रत्युत्तर मेंप्रस्तुतीकरणऔर निर्णयः

 

·        आरोपसं. 1:

अन्यसमूह कंपनियोंके कर्मचारियों, जोबीमा व्यवसाय कीअपेक्षा (सलिसिटेशन)करने के लिए अर्हता-प्राप्तनहीं हैं, काउपयोग अपेक्षा(सलिसिटेशन) केलिए किया जा रहाहै तथा ऐसे उदाहरणहैं जहाँ व्यवसायकी अपेक्षा करनेवालेव्यक्तियों काविवरण दर्ज नहींकिया गया है।

 

दलालके प्राधिकृत सत्यापकोंके पास आवश्यकयोग्यताएँ नहींहैं जैसा कि विनियमोंमें अधिदेशात्मक(मैंडेटरी) कियागया है।

 

दलालने आईआरडीए (बीमादलाल) विनियम, 2013 केविनियम 8(2)(xiv)और विनियम 23(2)(iv) का उल्लंघन कियाहै।

 

दलालका प्रस्तुतीकरणः

दलालने प्रस्तुतीकरणकिया कि निरीक्षणअवधि के दौरानअर्थात् 31.03.2016 की स्थितिके अनुसार, उसकेपास एनआईए द्वारायथाप्रमाणित84 बीमा दलाल अर्हताप्राप्तव्यक्ति (100 घंटोंका प्रशिक्षण)हैं। इसके साथही,उसकेपास 352 प्राधिकृतसत्यापक हैं जोआईआरडीए विनियमोंके अधीन प्रमाणितविनिर्दिष्ट व्यक्ति(50 घंटों का प्रशिक्षण)हैं। इनके अतिरिक्त, उसकेपास 5284 प्रमाणितदूर-विपणनकर्ता(टेली-मार्केटर)(25 घंटों का प्रशिक्षण)हैं।

 

इसकेअलावा, दलाल नेप्रस्तुतीकरणकिया कि अंतिमअपेक्षा और ग्राहकोंके पास पालिसियोंका समापन केवलकंपनी के दलालप्रमाणित लोगों/कर्मचारियों केद्वारा ही पूराकिया गया। चूँकिप्राधिकृत सत्यापक(एवी) का कार्यान्वयनऔर उनका आवश्यकप्रशिक्षण आईआरडीएदूरस्थ विपणन दिशानिर्देश, 05.04.2011के अनुसार प्रारंभकिया गया और उन्हेंयोग्य बनाया गया, अतःप्राधिकृत सत्यापकोंका प्रशिक्षण8 दिसंबर 2013 को अधिसूचितआईआरडीए विनियमके बाद भी जारीरहा। कई प्राधिकृतसत्यापक आईआरडीएके 2013 में संशोधितविनियमों से पहलेअर्हताप्राप्तथे। उक्त प्राधिकृतसत्यापक संभावितग्राहकों के प्रारंभिकसंपर्क-स्थापनमें लगाये गयेथे,तथापिपालिसियों का समापनऐसे दलाल प्रमाणितअधिकारियों/ कर्मचारियोंद्वारा लागू कियागया जो प्रत्येकशाखा में उपलब्धथे। कंपनी के पासदलाल प्रमाणितकर्मचारियों काबड़ा समूह (पूल)है जैसा कि समय-समयपर प्रस्तुत कियागया है जो व्यवसायकी अपेक्षा करतेहैं।

 

कंपनीने पिछले 4 वर्षोंमें प्रत्यक्षविपणन में व्यावसायिकमाडल की पुनःसंरचनाकी है तथा वितरणनेटवर्क का आकारकम (डाउनसाइज) कियाहै जहाँ फोकस सेवाकी गुणवत्ता, प्रशिक्षितश्रम-शक्ति, निरंतरताऔर उत्पादकता परहै।

 

आईआरडीएद्वारा पाये गयेरूप में प्रस्तावफार्मों पर अनियमित/अधूरे हस्ताक्षरकिये जाने के उदाहरणोंके संबंध में यहप्रस्तुत कियागया कि कंपनी केपास दलाल अर्हताप्राप्तलोगों के द्वाराप्रस्ताव फार्मपर हस्ताक्षर करनेकी प्रणाली विद्यमानहै तथा उसी का अनुसरणकिया गया, परंतुये केवल विरलेउदाहरण थे तथाआईआईआईबीएल नेइन्हें नोट कियाहै। इसके अतिरिक्तउन्होंने लाग-इनसे पहले प्रस्तावदस्तावेजों केसत्यापन और संपूर्णताके लिए अपनी प्रक्रियाको मजबूत कर लियाहै।

 

निर्णयः

आरोपबीमा व्यवसाय कीअपेक्षा (सलिसिटेशन)के लिए दलाल द्वारायोग्यता-रहित औरलाइसेंस-रहित व्यक्तियोंके उपयोग से संबंधितहै। आरोप का पहलाभाग दलाल के लिएबीमा व्यवसाय कीअपेक्षा में संबद्धअन्य समूह कंपनियोंके कर्मचारियोंके बारे में उल्लेखकरता है। संप्रेक्षणके अंतर्गत देखेगये कुछ नमूनाप्रस्ताव फार्मोंसे विदित हुआ हैकि ऐसे कई मुद्देहैं, जैसेप्रधान अधिकारीके जाली हस्ताक्षर, प्रस्तावफार्म पर हस्ताक्षरन होना, प्रस्तावफार्म पर आईआईएफएलस्वर्ण ऋण के स्टाफद्वारा हस्ताक्षरकिया जाना, आदि।यहाँ पर यह उल्लेखकरना उपयुक्त होगाकि प्राधिकरण ने26 नवंबर 2014 को प्रत्यक्षदलाल के लाइसेंसका नवीकरण करतेसमय अपने पत्रआईआरडीए/डीबी314/05 के खंड सं. 1 के द्वारादलाल पर “दलालीसे संबंधित सेवाएँदेने के लिए अन्यसमूह कंपनियोंऔर विभिन्न अन्यव्यक्तियों कीसेवाओं का उपयोगकरने” के लिए रु.5 लाख का अर्थदंडलगाया है।

कारणबताओ नोटिस केलिए दलाल के द्वाराअपने प्रस्तुतीकरणमें उल्लिखित रूपमें उठाये गयेकदमों, जैसेअपने व्यावसायिकमाडल की पुनःसंरचनाकरने और सेवा कीगुणवत्ता पर फोकसकरने, पर ध्यानदिया गया है। तथापि, दलालयह स्पष्ट नहींकर सका कि उनकेप्रस्तुतीकरणमें निर्दिष्टरूप में कदम उठानेके बावजूद दलालके कार्यालय मेंइस प्रकार के दृष्टांतकैसे घटित हो रहेहैं। व्यवसाय कीअपेक्षा (सलिसिटेशन)के लिए लाइसेंसप्राप्तऔर अर्हताप्राप्तव्यक्तियों कोछोड़कर अन्य व्यक्तियोंकी सेवाओँ का उपयोगकरना आईआरडीए(बीमा दलाल) विनियम, 2013 केविनियम 8(2)(xiv) का उल्लंघन हैजो उन व्यक्तियोंद्वारा कुछ अपेक्षाएँपूरी करने की परिकल्पनाकरता है जो दलालके लिए व्यवसायकी अपेक्षा करतेहैं।

 

उपर्युक्तउल्लंघन को ध्यानमें रखते हुए, बीमाअधिनियम, 1938 कीधारा 102(ख) के अंतर्गतनिहित शक्तियोंका प्रयोग करतेहुए प्राधिकरणदलाल पर रु. 4,00,000/- (केवलचार लाख रुपये)का अर्थदंड लगाताहै, जिसका परिकलनप्राधिकरण का दिनांक26 नवंबर 2014 का आदेशजारी करने के बादअन्य समूह कंपनियोंऔर अन्य लाइसेंसरहितव्यक्तियों कीसेवाओँ का उपयोगकरने के द्वाराविभिन्न तारीखोंपर अपेक्षित कियेगये रूप में पायेगये चार मामलों(रु. 1 लाख प्रति मामलेकी दर से चार मामलोंके लिए) के आधारपर किया गया है।

 

इसकेअलावा, दलालको आईआरडीएआई(बीमा दलाल) विनियम, 2018 केविनियम 8 के खंड2(I)का अनुपालन सुनिश्चितकरने के लिए निर्देशदिया जाता है जोदलाल अर्हताप्राप्तव्यक्तियों केलिए उक्त विनियमोंकी अनुसूची I – फार्म ई में उल्लिखितआवश्यकताएँ पूरीकरना अधिदेशात्मक(मैंडेटरी) बनाताहै।

 

आरोपका दूसरा भाग यहहै कि प्राधिकृतसत्यापक, जिनकीसेवाओँ का उपयोगदलाल के द्वारादूरविपणन कार्यकलापोंके लिए किया गयाहै, दलाल #2346;रीक्षासे अर्हताप्राप्तनहीं हैं, जबकिआईआरडीए (बीमादलाल) विनियम, 2013 काविनियम 23(2)(iv) प्राधिकृतसत्यापकों के लिएबीमा दलाल हेतुअपेक्षित रूप मेंअर्हताप्राप्तहोना अधिदेशात्मक(मैंडेटरी) करताहै।

 

उक्तप्रस्तुतीकरणको ध्यान में रखतेहुए, दलालको आईआरडीएआई(बीमा वेब संग्राहक)विनियम, 2017 केविनियम 29 के अंतर्गतअनुसूची VI – फार्म टी के उपबंधोंके साथ पठित आईआरडीएआई(बीमा दलाल) विनियम,2018 के विनियम 45का अनुपालन सुनिश्चितकरने के लिए निर्देशदिया जाता है जोदूरस्थ विपणन पद्धतिसे अपेक्षा (सलिसिटेशन)के लिए पूरी कीजानेवाली प्रक्रियाऔर आवश्यकताओँकी परिकल्पना करताहै।

 

·        आरोपसं. 2

 

बीमादलाल के पास बीमाउत्पादों के वितरणके लिए 5paisainsurance.com नामसे एक आनलाइन पोर्टलहै। यह देखा गयाहै कि यह पोर्टलअनन्य (एक्सक्लूसिव)पोर्टल नहीं हैतथा यह उनके सामूहिकआनलाइन विक्रयपोर्टल 5paisa.com काएक उप-क्षेत्र(सब-डोमेन) है।

 

उपर्युक्तस्थिति आईआरडीए(बीमा दलाल) विनियम, 2013 केविनियम 22 के साथपठित अनुसूची VIII के खंड (1) का उल्लंघनहै; जो यह अधिदेशात्मककरता है कि “बीमादलाल द्वारा विकसितकी गई वेबसाइटप्राधिकरण द्वारालाइसेंसीकृत रूपमें बीमा दलालके नाम से युक्तहोगी तथा किसीअन्य नाम अथवाकिसी अन्य वेबसाइटके साथ संबद्धता(लिंकेज) निषिद्धहै।”

 

दलालका प्रस्तुतीकरणः

 

दलालने प्रस्तुतीकरणकिया कि उक्त आनलाइनपोर्टल www.5paisainsurance.com आईआईएफएलइंश्योरेंस ब्रोकर्सलिमिटेड द्वारास्वाधिकृत है तथाउनके द्वारा बीमाउत्पादों के अपनेवितरण के लिए इसकाउपयोग किया जाताहै। यह आईआईएफएलइंश्योरेंस ब्रोकर्सलिमिटेड का एकअनन्य (एक्सक्लूसिव)पोर्टल है तथासामूहिक आनलाइनविक्रय पोर्टल5paisa.comका उप-क्षेत्र(सब-डोमेन) नहींहै।

 

उपर्युक्तवेबसाइट www.5paisainsurance.com आईआईएफएलइंश्योरेंस ब्रोकर्सलिमिटेड का एकब्रैंड है और तदनुसारआईआरडीए पंजीकरणसंख्या, विधिमान्यता, अस्वीकरणआदि सहित बीमादलाल के रूप मेंअपना विवरण उक्तवेबसाइट में रखताहै जो वेबसाइटके अग्रभाग मेंउल्लिखित है। तदनुसार, उक्तपोर्टल आईआईएफएलइंश्योरेंस ब्रोकर्सलिमिटेड के नामसे युक्त है औरयह किसी अन्य वेबसाइटके साथ संबद्धनहीं है।

 

चूँकिआईआईएफएल वित्तीयसेवाओँ के व्यापकदायरे (गैमट) मेंहै तथा इसके पासअपनी बीमा आवश्यकताओंके लिए बड़ी संख्यामें ग्राहक हैं, अतःकंपनी के पोर्टल– www.iiflinsurance.com केसाथ संपर्क करने/उसकोपुनःप्रेषण करनेकी व्यवस्था कोसमूह कंपनियोंके द्वारा समर्थबनाया गया है। यह पुष्टि की गईकि समस्त पालिसीसूचना/बीमा लेनदेन/सर्विसिंगकेवल कंपनी केपोर्टल www.iiflinsurance.com केमाध्यम से ही संपन्नकिये जाते हैं।टिप्पणियों परआवश्यक सुधार/कार्यान्वयनकंपनी के द्वारापहले ही क्रियान्वितकिये जा चुके हैं।

 

 

 

 

निर्णयः

 

उक्तटिप्पणी दलाल केद्वारा प्रयुक्तपोर्टल से संबंधितहै, जो अनन्य(एक्सक्लूजिव)नहीं है और उनकेसामूहिक आनलाइनविक्रय पोर्टलका एक उप-क्षेत्र(सब-डोमेन) है। साथही, दलाल कोएससीएन के निर्गमके बाद, एकनेमी जाँच के दौरानयह प्रकट हुआ किसमूह कंपनियोंकी विभिन्न वेबसाइटेंथीं जो दलाल केद्वारा प्रस्तावितबीमा उत्पाद प्रस्तावितकर रही थीं। अद्यतनस्थिति के अनुसारभी, सामूहिकवेबसाइट पर जबकोई टैब “बीमा” परक्लिक करता हैतब सामूहिक वेबसाइटदलाल की वेबसाइटको पुनःप्रेषितकरती है।

 

दलालने अपने प्रस्तुतीकरणमें स्वीकार कियाहै कि दलाल की वेबसाइटको पुनःप्रेषितकरने की व्यवस्थाको समूह कंपनियोंद्वारा समर्थ बनायागया है। परंतुनिरीक्षण टीम द्वाराउक्त कमी को विशेषरूप से दर्शानेके बाद भी और वैयक्तिकसुनवाई के दौरानदलाल के द्वाराअपनी वेबसाइट कोअपनी समूह कंपनीकी वेबसाइट केसाथ संबद्ध करनाजारी रखा गया है, यद्यपिविनियमों के अंतर्गतइसकी अनुमति नहींहै।

 

दलालको उपर्युक्त कमीके लिए चेतावनीदी जाती है तथाआईआरडीएआई (बीमावेब संग्राहक)विनियम, 2017 केविनियम 28 के अंतर्गतअनुसूची V – फार्मएस तथा प्राधिकरणद्वारा जारी कियेगये बीमा ई-कामर्ससंबंधी दिशानिर्देशोंके खंड 13(डी) के साथपठित आईआरडीएआई(बीमा दलाल) विनियम,2018 के विनियम44(2) का कड़ाई से अनुपालनकरने के लिए सूचितकिया जाता है।

 

·        आरोपसं. 3

 

प्रत्येकशाखा कार्यालयमें केवल एक अर्हताप्राप्तव्यक्ति (क्यूपी)के होने के बावजूद, बीमादलाल दोनों जीवनऔर साधारण बीमाव्यवसाय प्राप्तकर रहा था (2014-15 और2015-16 के दौरान)। निरीक्षणरिपोर्ट के लिएसंस्था के प्रत्युत्तरके साथ प्रस्तुतकिये गये दस्तावेजोंने दर्शाया कि22 में से 4 अर्हताप्राप्तव्यक्तियों (क्यूपी)के पास दोनों जीवनऔर गैर-जीवन मेंअर्हता थी। यहनिर्दिष्ट करताहै कि अन्य अर्हता-प्राप्तव्यक्ति (क्यूपी)एक क्षेत्र मेंअर्हता के होतेहुए दोनों जीवनऔर गैर-जीवन मेंव्यवसाय कर रहेथे, जो आईआरडीए(बीमा दलाल) विनियम, 2013 केविनियम 8.2.iii काउल्लंघन है जोअन्य बातों केसाथ-साथ यह अनिवार्यकर देता है कि प्रत्येकशाखा के पास आवश्यकअर्हता के साथकम से कम एक अर्हता-प्राप्तव्यक्ति (क्यूपी)होगा।

 

दलालका प्रस्तुतीकरणः

 

दलालने प्रस्तुतीकरणकिया कि कंपनीका प्रमुख व्यवसायजीवन बीमा पालिसियोंके वितरण में है।गैर-जीवन वितरणअत्यंत सीमित कार्यालयोंसे 5 स्थानों से(मुंबई और 4 आंचलिककार्यालयों से)किया गया। कंपनीके पास 9 दोहरे प्रमाणितअर्हता-प्राप्तव्यक्ति (जीवनऔर गैर-जीवन) हैंजिनमें से 5 लोगोंको उपर्युक्त केन्द्रोंसे गैर-जीवन व्यवसायमें लगाया गया।अन्य अर्हता-प्राप्तव्यक्तियों कोजीवन बीमा पालिसियोंके वितरण में नियुक्तकिया गया।

 

आईआईएफएलइंश्योरेंस ब्रोकर्सलिमिटेड के पासजुलाई 2017 की स्थितिके अनुसार 22, मार्च2016 की स्थिति के अनुसार84 और मार्च 2015 की स्थितिके अनुसार 72 आईआऱडीएप्रमाणित जीवनऔर/या दोहरी (जीवनऔर गैर-जीवन) अर्हता-प्राप्तकार्मिक थे।

 

निरीक्षणअवधि के दौरानआईआईएफएल इंश्योरेंसब्रोकर्स लिमिटेडने अत्यंत अल्पप्रतिशत का गैर-जीवनव्यवसाय किया था।

 

दलालइस आशय का एक वचन-पत्रप्रस्तुत करनेके लिए सहमत हुआकि जीवन व्यवसायकी अपेक्षा जीवनअर्हता-प्राप्त/प्रमाणितकार्मिकों के द्वारातथा गैर-जीवन व्यवसायकी अपेक्षा गैर-जीवनअर्हता-प्राप्त/प्रमाणित कार्मिकोंके द्वारा की गईहै।

 

निर्णयः

 

दलालके इस प्रस्तुतीकरणको ध्यान में रखतेहुए कि जीवन औरगैर-जीवन व्यवसायकी अपेक्षा संबंधितअर्हता-प्राप्तव्यक्तियों द्वाराकी गई है, आरोपपर जोर नहीं दियाजाता है। तथापि, दलालको आईआरडीएआई(बीमा दलाल) विनियम, 2018 केविनियम 8 के खंड2(ग) का अक्षरशः अनुपालननिरंतर सुनिश्चितकरने के लिए सूचितकिया जाता है।

 

·        आरोपसं. 4

 

बीमादलाल ने इस बातकी पुष्टि करतेहुए कोई दस्तावेजप्रस्तुत नहींकिया कि उनके यहाँग्राहक से लिखितअधिदेश (मैंडेट)प्राप्त करने कीप्रथा विद्यमानहै। अधिदेशों कीकुछ प्रतियाँ प्रस्तुतकी गई हैं जो निरीक्षणरिपोर्ट के लिएउत्तर तैयार करनेसे ठीक पहले बनायेगये हैं तथा इसकारण से वे इस संभावनासे युक्त हैं किदलाल की प्रथाको प्रतिबिंबितन करने के रूप मेंमाने जा सकते हैं।अतः दलाल ने आईआरडीएआई(बीमा दलाल) विनियम, 2013 कीअनुसूची VI-एके खंड 2(एच) का उल्लंघनकिया है।

 

दलालका प्रस्तुतीकरणः

 

दलालने पुष्टि की किउसने जुलाई 2017 सेबीमाकर्ता के समक्षग्राहकों की ओरसे प्रतिनिधित्वकरने के लिए आईआईएफएलइंश्योरेंस ब्रोकर्सलिमिटेड को प्राधिकृतकरते हुए ग्राहकोंसे अधिदेश-पत्रप्राप्त करने कीप्रक्रिया लागूकी है। निरीक्षणरिपोर्ट के लिएदलाल के उत्तरके साथ ग्राहकोंसे प्राप्त अधिदेश-पत्रोंकी नमूना प्रतियाँभी प्रस्तुत कीगईं। दलाल ने इसबात से इनकार कियाकि ये बनाये गयेहैं और उसकी वास्तविकप्रथा को प्रतिबिंबितनहीं करते हैं।

 

निर्णयः

 

ग्राहकोंसे अधिदेश-पत्रप्राप्त करने केसंबंध में दलालके प्रस्तुतीकरणको ध्यान में रखतेहुए, दलालको आईआरडीएआई(बीमा दलाल) विनियम, 2018 केविनियम 30 के अंतर्गतअनुसूची I – फार्मएच के खंड 2(एच) तथाविनियम 8(2) का अनुपालनसुनिश्चित करनेके लिए निदेश दियाजाता है।

 

·        आरोपसं. 5

 

बीमादलाल को केवल सातस्थानों पर दूरविपणन(टेलीमार्केटिंग)कार्यकलाप करनेके लिए टीआरएआईद्वारा अनुमोदितकिया गया। तथापि, अर्हता-प्राप्तव्यक्तियों, प्राधिकृतसत्यापकों, दूर-विपणनकर्ताओंकी स्थिति पर दलालके प्रस्तुतीकरणके अनुसार यह पायागया कि दूरविपणनकार्यकलाप 2014-15 मेंनौ स्थानों परतथा 2015-16 में आठ स्थानोंपर संचालित कियागया।

निरीक्षणरिपोर्ट के लिएदलाल का उत्तरएवं उक्त उत्तरके साथ प्रस्तुतसमर्थक दस्तावेजयह प्रमाणित नहींकर सके कि 2012-13 से2014-15 तक की अवधि केदौरान दूरविपणन2011 के दौरान टीआरएआईद्वारा अनुमोदितशाखाओं के माध्यमसे किया गया।

 

इस प्रकारसे, दलाल नेआईआरडीए (बीमादलाल) विनियम, 2013 केविनियम 23(2)(i) काउल्लंघन किया है।

 

दलालका प्रस्तुतीकरणः

 

दलालने प्रस्तुतीकरणकिया कि दूरविपणन2011 से टीआरएआई द्वाराअनुमोदित शाखाओंके माध्यम से कियागया तथा टीआरएआईद्वारा दूरविपणनकर्ताके रूप में पंजीकरणप्रमाणपत्र कीप्रति प्रस्तुतकी।

 

निर्णयः

 

दलालके द्वारा कियेगये प्रस्तुतीकरणको रिकार्ड मेंलिया गया है तथाआरोप पर जोर नहींदिया जाता है।तथापि, दलालको यह सूचित कियाजाता है कि वह उपबंध2(ढ) के साथ पठित आईआरडीएआई(बीमा दलाल) विनियम, 2018 केविनियम 45 के उपबंधोंतथा आईआरडीएआई(बीमा वेब संग्राहक)विनियम, 2017 केअन्य संगत उपबंधोंका सख्त अनुपालनसुनिश्चित करे।

 

·        आरोपसं. 6

 

यह आरोपदलाल के द्वारादूरविपणन की सुविधाका उपयोग समूहकंपनियों के साथसंयोजन सहित करनेसे संबंधित है(जिसमें समूह कंपनियोंसे अग्रता उत्पादनऔर समूह कंपनियोंके बीच सूचना कीसाझेदारी शामिलहै)। दलाल ने निरीक्षणरिपोर्ट के लिएअपने प्रत्युत्तरमें परोक्ष रूपसे स्वीकार कियाहै कि वह ग्राहकोंकी सहमति के साथसामान्य सूचनाकी साझेदारी केबहाने के अंतर्गतअपनी समूह कंपनियोंके साथ सूचना कीसाझेदारी करतारहा है। इस प्रकारदलाल ने आईआरडीए(बीमा दलाल) विनियम, 2013 केविनियम 23(2)(iii) का उल्लंघन कियाहै।

 

 

दलालका प्रस्तुतीकरणः

 

दलालने प्रस्तुतीकरणकिया कि आईआईएफएलइंश्योरेंस ब्रोकर्सलिमिटेड को समूहकंपनियों द्वाराउपलब्ध कराई गईसूचना केवल नामऔर संपर्क संख्याओँतक ही सीमित थीतथा यह ग्राहकके अनुरोध पर हीथी। समूह कंपनियाँकिसी भी तरह अपनीव्यावसायिक सूचनाकी साझेदारी आईआईएफएलइंश्योरेंस ब्रोकर्सलिमिटेड के साथनहीं कर रही थींअथवा आईआईएफएलइंश्योरेंस ब्रोकर्सलिमिटेड किसी सूचनाकी साझेदारी अपनीसमूह कंपनियोंके साथ नहीं कररही थी। उपर्युक्तसंपर्क विवरण केआधार पर आईआईएफएलइंश्योरेंस ब्रोकर्सलिमिटेड ने स्वतंत्ररूप से संभावितग्राहकों के साथफोन पर प्रारंभिकतौर पर बीमा उत्पादोंमें उनकी रुचिजानने के लिए तथाआगे चलकर वैयक्तिकबैठकों के माध्यमसे उनकी आवश्यकताएँसमझने तथा उनकीसर्विसिंग करनेके लिए संपर्ककिया।

 

निर्णयः

 

दलालने प्रस्तुतीकरणकिया कि समूह कंपनियोंके बीच सूचना कीसाझेदारी अल्पतमथी तथा यह केवलग्राहक के अनुरोधपर ही की गई थी।तथापि, दलालऐसा कोई दस्तावेजीसाक्ष्य प्रस्तुतनहीं कर सका जहाँग्राहक ने समूहकंपनियों के साथअपनी सूचना कीसाझेदारी करनेके लिए सहमति दीहो।

 

दलालको आईआरडीएआई(बीमा वेब संग्राहक)विनियम, 2017 केविनियम 32 के अंतर्गतअनुसूची VIII – फार्म डब्ल्यूके खंड क के उपबंधोंके साथ पठित आईआरडीएआई(बीमा दलाल) विनियम,2018 के विनियम 45,जो ग्राहक संबंधसे संबंधित विषयोंमें आचरण निर्धारितकरता है, औरअन्य वर्तमान विनियमोंका पालन सुनिश्चितकरने के लिए निर्देशदिया जाता है।

 

·        आरोपसं. 7

 

बीमादलाल से चेन्नैकार्यालय से अग्रताउत्पादन के संबंधमें विवरण प्रस्तुतकरने के लिए कहागया। तथापि, चेन्नैकार्यालय से अग्रताउत्पादन के संबंधमें कोई प्रलेखीकरणप्राप्त नहीं कियागया।

 

बीमादलाल से प्राधिकरणके परिपत्र सं.आईआरडीए/एडीएमएन/जीडीएल/विविध/059/04/2011दिनांक 05.04.2011 के अनुपालनके संबंध में विवरणप्रस्तुत करनेके लिए भी कहा गया, जोअपेक्षा करता हैकि बीमा दलाल दूरस्थपद्धतियों से विक्रयकिये जाने के लिएप्रस्तावित प्रत्येकउत्पाद के अंतर्गतलाभों, विशेषताओँऔर प्रकटीकरणोंके प्रस्तुतीकरणके लिए मानकीकृतस्क्रिप्ट तैयारकरेगा। तथापि, बीमादलाल इसके अनुपालनकी पुष्टि करतेहुए कोई दस्तावेजसाझा नहीं कर सका।जब भी दलाल अर्हता-प्राप्तव्यक्तियों अथवाशाखा कार्यालयखोलने/ बंद करनेकी सूची में कोईपरिवर्तन/ परिवर्धनहुआ हो तब ऐसी सूचनाके संबंध में विवरणप्रस्तुत करनेके लिए भी बीमादलाल से कहा गया।तथापि, बीमा दलालने इसके संबंधमें कोई दस्तावेजप्रस्तुत नहींकिया। निरीक्षणके दौरान बीमादलाल ने नवीकरणप्रक्रिया प्रवाहप्रस्तुत किया, परंतुइससे किसी नवीकरणसूचना के संबंधमें कोई जानकारीनहीं मिली।

 

यह स्पष्टहै कि दलाल ने यातो अपनी प्रक्रियाप्रवाह के समर्थनमें एक अतिरंजितस्थिति का साझाकिया है या प्रत्यक्ष(आनसाइट) निरीक्षणके दौरान किसीलेनदेन स्तरीयदस्तावेजों कासाझा नहीं कियाहै। दलाल के इसदृष्टिकोण ने निरीक्षणटीम को दलाल केविशिष्ट कार्यकलापोंका निरीक्षण करनेसे रोक दिया है।यद्यपि उपर्युक्तकुछ मामलों मेंउन्होंने निरीक्षणटिप्पणी के लिएअपने प्रत्युत्तरके साथ कुछ दस्तावेजप्रस्तुत कियेहैं, तथापि उक्तप्रत्यक्ष निरीक्षणके दौरान उनकेकार्य का यह अर्थनिकलता है कि उन्होंनेनिरीक्षण टीम केसाथ सहयोग नहींकिया है तथा इसकारण से उन्होंनेआईआरडीए (बीमादलाल) विनियम, 2013 केविनियम 41(1)(च) का उल्लंघनकिया है।

 

दलालका प्रस्तुतीकरणः

 

उक्तटिप्पणियाँ निरीक्षणके दौरान निरीक्षणटीम के द्वारायथाअपेक्षित चेन्नैकार्यालय से अग्रताउत्पादन से संबंधितविवरण/दस्तावेजों, टेली-कालिंगके लिए प्रयुक्तमानकीकृत स्क्रिप्टोंके लिए बीमा विनिर्माताओंके अनुमोदन पत्रोंकी प्रतियों, शाखाएँखोलने और बंद करनेके संबंध में कियेगये पिछले आवधिकफाइलिंगों की प्रतियोंतथा आईआरडीए कोआवधिक तौर पर अद्यतनकिये गये रूप मेंसूचित अर्हता-प्राप्तव्यक्तियों कीसूची एवं ग्राहकोंको जारी की गई नवीकरणसूचनाओं की प्रतियोंसे संबंधित हैं। चूँकि ये विवरणविभिन्न स्थानोंऔर विभागों सेसंकलित किये जानेथे,अतःइनके लिए कुछ समयअपेक्षित था औरइस कारण से उक्तसमस्त विवरण निरीक्षणटीम को तत्कालप्रस्तुत नहींकिये जा सके। यहनिरीक्षण टीम कोस्पष्ट किया गयाथा और तदनुसारउन्होंने अपनेनिर्गम रिपोर्टदिनांक 24.01.2017 में इसेनोट किया था तथाये विवरण उनकेकार्यालय को प्रस्तुतकरने का परामर्शदिया गया था। तदुपरांत, उपर्युक्तका संकलन करनेके बाद ये विवरणनिरीक्षण टीम कोई-मेल दिनांक 27.01.2017के द्वारा प्रस्तुतकिये गये थे। इसप्रकार, दलालने निरीक्षण कीअपेक्षाओं का पूर्णतःअनुपालन किया है।तदनुसार, इसेनिरीक्षण के प्रतिअसहयोग के रूपमें नहीं समझाजाना चाहिए।

 

दलालने यह भी प्रस्तुतीकरणकिया कि उसने निरीक्षणटीम को पूरा सहयोगदिया था और समय-समयपर उनके द्वाराअपेक्षित रूप मेंसारे विवरण प्रस्तुतकिये थे तथा अपनीप्रणालियाँ औरप्रक्रियाएँ, दस्तावेजऔर अभिलेख प्रदर्शितकिये थे। निरीक्षणरिपोर्ट दिनांक15.06.2017 एवं निर्गम रिपोर्टदिनांक 24.01.2017 में भीकिसी असहयोग काउल्लेख नहीं कियागया था।

 

दलालने आगे कहा कि चेन्नैकार्यालय से अग्रताओंको प्रणाली मेंएक सामान्य साझाफोल्डर में साझाकिया गया था औरइस कारण से इस संबंधमें कोई विशिष्टपत्राचार नहींकिया गया था औरइस वजह से ये उपलब्धनहीं थे।

 

दलालने विशिष्ट रूपसे स्पष्ट कियाकि बिन्दु सं. 15,16 और18 के संबंध में दस्तावेजनिरीक्षण टीम द्वारास्थान का निरीक्षण(साइट विजिट) पूराकरने पर तत्काल(3 दिन के अंदर) प्रस्तुतकिये गये थे। इसेअसहयोग अथवा प्रस्तुतिमें विलंब के रूपमें नहीं समझाजाना चाहिए। इसकेअलावा, दलाल नेप्रस्तुतीकरणकिया कि जब भी अपेक्षितहो तब प्रस्तुतीकरणसुनिश्चित करनेके लिए उन्होंनेसाफ्ट प्रति केमाध्यम से प्रक्रियाऔर अनुरक्षण कोऔर मजबूत कियाहै।

 

दलालने इस आरोप से इनकारकिया कि उसने आईआरडीए(बीमा दलाल) विनियम, 2013 केविनियम 41(1)(च) का उल्लंघनकिया है।

 

निर्णयः

 

उक्तआरोप निरीक्षणके दौरान दलालके द्वारा निरीक्षणटीम के साथ अपेक्षितदस्तावेजो का साझान करने से संबंधितहै। दलाल ने निरीक्षणरिपोर्ट और कारणबताओ नोटिस केलिए अपने उत्तरमें निरीक्षण टीमकी अपेक्षाओं केसंबंध में कुछदस्तावेज प्रस्तुतकिये हैं। दलालको यह अवश्य समझनाचाहिए कि निरीक्षणटीम विभिन्न पहलुओंसे संस्था द्वाराविनियमों का अनुपालनजानने के लिए निरीक्षणके दौरान कुछ दस्तावेजमाँगती है। निरीक्षणके समय निरीक्षणटीम के साथ दस्तावेजोंका साझा नहीं करपाने तथा बाद मेंउन दस्तावेजोंके बंडल प्रस्तुतकरने से संस्थाके प्रत्यक्ष(आनसाइट) निरीक्षणका उद्देश्य हीविफल हो जाता है।

 

दलालको उक्त चूक केलिए चेतावनी दीजाती है तथा आईआरडीएआई(बीमा दलाल) विनियम, 2018 केविनियम 42(3) के अंतर्गतअनुसूची II – फार्म जेड केखंड 1(ग) और 1(ङ) का अत्यंतसावधानीपूर्वकपालन करने का निर्देशदिया जाता है।

 

·         आरोपसं. 8

 

बीमादलाल के पास अपनेबीमा दलाली परिचालनसंचालित करने केप्रयोजनों के लिएअपनी स्वयं कीबुनियादी संरचनानही है। यह देखागया है और उनकेवित्तीय विवरणोंसे भी स्पष्ट हैकि बुनियादी संरचनासमूह कंपनियोंके बीच साझा कीजाती है तथा बीमादलाल के लिए उपलब्धकराये गये स्थानऔर सुविधाओं काकोई स्पष्ट सीमांकननहीं है। उप-पट्टाकरार में ये सारेविवरण विनिर्दिष्टनहीं किये गयेहैं। बुनियादीसंरचना का साझाकरने के प्रयोजनके लिए बीमा दलालसमूह कंपनियोंको रु. 9.85 करोड़ काकिराया अदा कररहा है। टेलीफोनबिलों से यह भीस्पष्ट है कि टेलीफोनलाइनें उनकी समूहकंपनी के नाम सेपंजीकृत हैं तथाबीमा दलाल के द्वाराइनका उपयोग अपनेदूरविपणन कार्यकलापोंके लिए किया जारहा है।

 

निरीक्षणरिपोर्ट के लिएप्रत्युत्तर मेंदलाल के द्वाराउपलब्ध कराये गयेसमर्थक दस्तावेजनिर्दिष्ट करतेहै कि दलाल प्रत्येकमहीने में अलगस्थान में रह रहाहै जो होना नहींचाहिए जब दलालके पास एक स्थायीकार्यालय और उसकेअपने व्यवसाय केलिए उद्दिष्ट संबंधितबुनियादी व्य&##2357;स्थाहो। यह स्पष्टरूप से निर्दिष्टकरता है कि दलालके पास अपनी स्वयंकी बुनियादी कार्यालयव्यवस्था नहींहै तथा उसकी साझेदारीसभी समूह कंपनियोंद्वारा की जा रहीहै (जो मूल समूहइंडिया इन्फोलाइनकंपनी की है)। अतःदलाल ने आईआरडीए(बीमा दलाल) विनियम, 2013 केविनियम 8(2)(ii) का उल्लंघनकिया है।

 

दलालका प्रस्तुतीकरणः

 

दलालने पुष्टि की किकंपनी के पास पट्टेके,लीवएण्ड लाइसेंस, परिसरउपयोग व्यवस्थाआदि पर विभिन्नस्थानों पर कार्यालय/शाखाएँहैं। इनके विवरणआवधिक रूप से आईआरडीएके पास फाइल कियेगये थे। इन सभीकार्यालयों/शाखाओँकी अपनी स्वयंकी बुनियादी संरचनाऔर संचार की व्यवस्थाएँहैं। इस प्रकारदलाल ने इस बातसे इनकार कियाकि वह अलग-अलग / पहचानन किये गये स्थानमें रह रहा था औरउसकी अपनी स्वयंकी बुनियादी कार्यालयसंरचना नहीं थी। समय-समय पर कर्मचारियोंकी संख्या के आधारपर स्थान का उपयोगबढ़ा अथवा घटाहोगा जिसे भिन्न-भिन्नस्थान पर रहनेके रूप में नहींसमझा जाना चाहिए।

 

इसकेअलावा, परिवर्तीकिराये की अदायगियोंके संबंध में दलालने स्पष्ट कियाकि अदा किया गयाकिराया विशिष्टपरिसर में कंपनीद्वारा अधिकारमें ली गई श्रमशक्तिपर आधारित था तथाइस कारण से किरायेकी राशियाँ परिवर्तितहो रही थीं क्योंकिउसके व्यवसाय केस्वरूप के कारणसमय-समय पर कर्मचारियोंकी संख्या मेंअंतर हो रहा था।

 

निर्णयः

 

उक्तआरोप दलाल की अपनीस्वयं की मूलभूतकार्यालय संरचनान होने तथा उसकीसाझेदारी सभी समूहकंपनियों द्वाराकिये जाने से संबंधितहै। यद्यपि दलालपरिसर का उपयोगकरने के लिए एकभारी रकम अदा कररहा है, तथापिऐसा कोई स्पष्टसीमांकित क्षेत्रनहीं है जिसकाउपयोग दलाल केद्वारा कार्यालयके स्थान के रूपमें किया जा रहाहै। वे टेलीफोनलाइनें भी, जोदलाल के द्वारादूरविपणन के लिएप्रयुक्त कियेजाने के लिए उद्दिष्टहैं, समूहकंपनी के नाम सेपंजीकृत हैं यद्यपिदलाल ने दूरविपणनकर्ताके रूप में कार्यकरने के लिए टीआरएआईसे लाइसेंस प्राप्तकिया है। प्रत्येकमहीने में कार्यालयके भिन्न-भिन्नस्थान का उपयोगकरने के लिए दलालके द्वारा दियागया तर्क इस निष्कर्षपर पहुँचने केलिए पर्याप्त प्रतीतनहीं होता कि दलालके पास वास्तवमें अपने कार्यालयकी बुनियादी व्यवस्थाहै।

 

यह उल्लेखनीयहै कि 26 नवंबर 2014 कोउसके प्रत्यक्षदलाल लाइसेंस केनवीकरण के दौरानपत्र सं. आईआरडीए/डीबी314/05 दिनांक 26 नवंबर2014 के खंड 5 के द्वारा5 लाख रुपये का अर्थदंडइस निष्कर्ष केलिए लगाया गयाथा कि

 

अन्यसमूह कंपनियोंसे परिचालनरत कंपनीकी सभी शाखाओँऔर दलाल की किसीभी शाखा के पासस्वतंत्र पट्टाविलेख नहीं हैं, परंतुइनका निष्पादनदलाल की अन्य समूहकंपनियों के द्वाराकिया गया है। दलालइन परिसरों काउपयोग ऐसे परिसरोंका उपयोग करनेके लिए प्राधिकारपत्र प्राप्त करतेहुए कर रहा है जोव्ययों से संबंधितकोई भुगतान शर्तेंअथवा अन्य शर्तेंनिर्दिष्ट नहींकरते। इस प्रक्रियामें दलाल अपनीअन्य समूह कंपनियोंको भुगतान/भारीभुगतान कर रहाहै। यह निर्दिष्टकरता है कि दलालके पास अपने कार्यकलापप्रभावी ढंग सेकरने के लिए आवश्यकबुनियादी संरचनानहीं है। यह आईआरडीए(बीमा दलाल) विनियम, 2013 केविनियम 8(2)(ii) काउल्लंघन है। उपर्युक्तउल्लंघन के लिए5 लाख रुपये का अर्थदंडलगाया जाता है।इसके अलावा, दलाल कंपनी कीओर से जहाँ भी समूह/सहायककंपनी ने अलग पट्टाकरार किया हो,वहाँ स्थान,सहमत किराया,किसी अन्य महत्वपूर्णशर्त को स्पष्टरूप से निर्दिष्टकरते हुए कृपयाअलग पट्टा विलेखरखें। इस आशय काएक वचन-पत्र प्राधिकरणको प्रस्तुत कियाजाए।”

 

दलालने प्राधिकरण कोभेजे गये अपनेपत्र दिनांक 26 नवंबर2014 के बिन्दु सं.5 के द्वारा घोषितकिया और एक वचन-पत्रदिया कि “हम अपनेकार्यकलाप प्रभावीढंग से संचालितकरने के लिए समस्तआवश्यक बुनियादीव्यवस्था रखेंगेऔर जहाँ भी समूह/सहायककंपनी ने पट्टाविलेख किये होंवहाँ अलग-अलग पट्टाविलेख रखना सुनिश्चितकरेंगे तथा स्थान, सहमतकिराया और अन्यमहत्वपूर्ण शर्तस्पष्ट रूप सेनिर्दिष्ट करतेहुए कंपनी की ओरसे एक पट्टा करारसुनिश्चित करेंगे।”

 

यह स्पष्टहै कि पूर्व मेंप्राधिकरण द्वाराअर्थदंड लगायेजाने और उपयुक्तबुनियादी व्यवस्थारखने के लिए दलालके द्वारा वचन-पत्रदिये जाने के बादभी दलाल ने उचितबुनियादी संरचनातथा व्ययों केसंबंध में स्पष्टभुगतान की शर्तऔर अन्य शर्तोंको व्यक्त करतेहुए उपयुक्त पट्टाविलेखों के बिनाकार्य करना अबतक निरंतर जारीरखा है। इतना हीनहीं, बल्किदलाल ने टेलीफोनलाइनें समूह कंपनीके नाम से पंजीकृतहोने के लिए कोईस्पष्ट औचित्य-स्थापननहीं किया है, यद्यपिइनका उद्देश्यदलाल के द्वारादूरविपणन के लिएउपयोग करना था।दूसरे शब्दों में, वहपरिदृश्य अब भीअपरिवर्तित रूपमें जारी है जिसनेउपर्युक्तानुसारउल्लंघन के निष्कर्षपर प्राधिकरण केपहुँचने तथा दलालपर 5 लाख रुपये काअर्थदंड लगानेके लिए मार्ग प्रशस्तकिया था।

 

अतःप्राधिकरण के पत्रदिनांक 26 नवंबर2014 में निहित प्राधिकरणके निर्देश कापालन करने मेंअब तक दलाल की विफलताके लिए, बीमाअधिनियम, 1938 कीधारा 102(ख) के अंतर्गतअपने में निहितशक्तियों का प्रयोगकरते हुए प्राधिकरणरु. 100,00,000/- (केवलएक करोड़ रुपये)का अर्थदंड लगाताहै, जिसका परिकलन“प्रत्येक दिनजिसके दौरान ऐसीविफलता जारी है, केलिए एक लाख रुपयेअथवा एक करोड़रुपये, जोभी कम हो” के निर्धारणको लागू करते हुएकिया गया है। रु.1 करोड़ के आंकड़ेतक पहुँचने केलिए तर्काधार यहहै कि जिस उल्लंघनके लिए 26-11-14 को अर्थदंडलगाया गया था, उसकाउपाय एक उचित समयके अंदर दलाल केद्वारा किया जानाचाहिए था, परंतुवह कोई उपाय कियेबिना अब तक भी अर्थात्लगभग पाँच वर्षतक रह गया है। इसप्रकार उक्त उल्लंघनके लिए उस अवधिके लिए जिसके दौरानयह निरंतर बनारहा है, 1 लाखरुपये प्रति दिनका अर्थदंड (बीमाअधिनियम, 1938 जिसकासंशोधन 26-12-2014 को कियागया, की धारा102(ख) के उपबंधों केअधीन) 1 करोड़ रुपयेके अधिकतम आरोप्यअर्थदंड सहित लागूहोता है। यह गणनाकी गई है कि वह अवधिजिसके दौरान उक्तउल्लंघन बना रहाहै, 27-12-2014 से इस आदेशकी तारीख तक है।

 

दलालको निर्देश दियाजाता है कि वह पत्रसंदर्भ सं. आईआरडीए/डीबी314/05 दिनांक 26 नवंबर2014 के खंड 5 में निहितनिदेशों का अनुपालनकरने के लिए तत्कालकार्रवाई करे।

 

दलालको यह पूर्णतयासुनिश्चित करनेके लिए भी निर्देशदिया जाता है किवह आईआरडीएआई(बीमा दलाल) विनियम, 2018 केविनियम 8 के खंड2(ख) में परिकल्पितआवश्यकताएँ पूरीकरे।

 

·         आरोपसं. 9

 

व्यावसायिकक्षतिपूर्ति पालिसीके अंतर्गत अपवर्जनमें निम्नलिखितशामिल हैं :

 

·        इसबीमा के परिचालनखंड में यथापरिभाषितव्यवसाय में बीमाकृतअथवा उनके पूर्ववर्तीव्यक्तियों अथवाबीमाकृत या व्यवसायमें ऐसे पूर्ववर्तीव्यक्तियों द्वाराउस समय नियोजितकिसी व्यक्ति केकिसी बेईमान कपटपूर्णआपराधिक अथवा दुर्भावपूर्णकार्य या चूक केद्वारा प्रत्यक्षरूप से लाया गयाअथवा अंशदान कियागया।

·        बीमाएजेंटों के रूपमें अपने कार्यकलापोंके दौरान बीमाकृतद्वारा किये गयेकिसी उपेक्षापूर्णकार्य या त्रुटिया चूक के कारणकिसी बीमाकर्ताअथवा किसी बीमाकंपनी के द्वारा।

 

ये दोनोंअपवर्जन उक्त विनियमोंके अनुसार कवरेजकी अपेक्षाओँ कीअवहेलना करते हैं।

 

साथही,व्यावसायिकक्षतिपूर्त (पीआई)पालिसी के अंतर्गतकवर किये गये कुछजोखिमों में कुछउप-सीमाएँ हैं, वेआईआरडीए (बीमादलाल) विनियम, 2013 कीअनुसूची III केविनियम 1 के अनुरूपनहीं हैं।

 

दलालका प्रस्तुतीकरणः

 

दलालने प्रस्तुतीकरणकिया कि उसने उक्तव्यावसायिक क्षतिपूर्तिबीमा पालिसी आईआरडीए(बीमा दलाल) विनियमके अनुरूप ओरियन्टलइंश्योरेंस कंपनीलिमिटेड से लीहै।

 

वर्ष2013-14,2014-15के लिए व्यावसायिकक्षतिपूर्ति बीमापालिसी में निहितअपवर्जन खंडोंके संबंध में दलालने इस विषय को आवश्यकसुधार के लिए उक्तबीमा कंपनी केपास उठाया है।

 

दलालने पुष्टि की हैकि उपर्युक्त उल्लिखितखंड वर्ष 2016-17, 2017-18 और2018-19 के दौरान उनकीअनुवर्ती व्यावसायिकक्षतिपूर्ति बीमापालिसी में पुनःस्थापितकिये गये हैं।

 

दलालने प्रस्तुतीकरणकिया कि उक्त व्यावसायिकक्षतिपूर्ति (पीआई)पालिसी में अपवर्जनके 2 खंडों के संबंधमें उनका सुधारवर्ष 2016-17 से कियाजा चुका है। तथापि, पूर्वव्यापी(रेट्रोऐक्टिव)खंड के संबंध मेंसुनवाई के दौरानव्यक्त की गई उप-सीमाएँआवश्यक सुधार केलिए कंपनी बीमाकंपनी – ओरियन्टलइंश्योरेंस केपास उठायेगी तथासुधार करने केबाद आईआरडीए कोप्रस्तुत करेगी।

 

निर्णयः

 

उक्तआरोप दलाल के द्वाराली गई व्यावसायिकक्षतिपूर्ति बीमापालिसी के विभिन्नप्रावधानों सेसंबंधित है, जोउक्त विनियमोंके पालन के अनुरूपनहीं हैं। व्यावसायिकक्षतिपूर्ति (पीआई)पालिसी के अंतर्गतअपवर्जन बीमाकृतअथवा उसके पूर्ववर्तीव्यक्तियों द्वाराकपटपूर्ण, आपराधिक, उपेक्षापूर्णकार्य का उल्लेखकरते हैं, जबकिविनियम इन्हेंव्यावसायिक क्षतिपूर्ति(पीआई) पालिसी केअंतर्गत कवर कियेजाने का अधिदेश(मैंडेट) देते हैं।

 

पूर्वव्यापीअवधि जिसके लिएपीआई कवरेज लियागया है, अवश्यबीमा दलाली व्यवसायमें सक्रिय होनेके लिए दलाल केप्रारंभ की तारीखसे होना चाहिए, परंतुयह देखा गया किदलाल पीआई कवरअल्पतर अवधि केलिए ले रहा है (कभी-कभीएक वर्ष के लिएभी), यद्यपिदलाल ने प्राधिकरणसे लाइसेंस वर्ष2005 से प्राप्त कियाहै।

 

यह भीपाया गया कि दलालके द्वारा ली गईपीआई पालिसी केअंतर्गत कुछ जोखिमोंके कवरेज में कुछउप-सीमाएँ हैं।

 

दलालको निर्देश दियाजाता है कि वह आईआरडीएआई(बीमा दलाल) विनियम, 2018 केविनियम 24(1) के अंतर्गतअनुसूची II – फार्म एस का अनुपालनकरते हुए सभी प्रकारसे पीआई कवर प्राप्तकरे तथा इसके संबंधमें इस आदेश कीप्राप्ति से 1 महीनेके अंदर प्राधिकरणको अनुपालन कीपुष्टि करे।

 

 

 

 

·         आरोपसं. 10

 

उक्तआरोप व्यवसाय लानेके लिए एजेंटोंको नियोजित करनेसे संबंधित है। दलाल के पास उनकेरोजगार में ऐसेव्यक्ति थे जिनकेपास एजेंसी लाइसेंसथा। इसके अलावा, दलालके लेखा-विवरणोंसे यह प्रतिबिंबितहोता है कि उन्होंने“दलाली और कमीशनएजेंट सेवा” और “देय कमीशन - एजेंट”शीर्ष के अंतर्गतकुछ राशि का भुगतानकिया है। निरीक्षणरिपोर्ट के लिएदलाल का प्रस्तुतीकरणकि उक्त दलालीके ब्योरे उक्तलेखा-शीर्ष मेंत्रुटिवश अंकितकिये गये थे, समर्थकदस्तावेजों केअभाव में विश्वासोत्पादकनहीं है।

 

उक्तदोनों विषय निर्दिष्टकरते हैं कि दलालने आईआरडीए (बीमादलाल) विनियम, 2013 केविनियम 28 के साथपठित अनुसूची VI-एके खंड 3(ख) का उल्लंघनकिया है; जोयह अधिदेश देताहै कि कोई भी दलालव्यवसाय प्राप्तकरने के लिए एजेंटोंअथवा अनुयाचकोंको नियोजित नहींकरेगा।

 

दलालका प्रस्तुतीकरणः

 

दलालने प्रस्तुतीकरणकिया कि उसने किसीभी एजेंट को नियुक्तनहीं किया था औरन ही आईआईएफएलइंश्योरेंस ब्रोकरलिमिटेड द्वाराबीमा व्यवसाय कीप्राप्ति के लिएकिसी दलाली याकमीशन का भुगतानकिया गया था तथायह वर्ष 2015-16 के लिएउसके लेखा-परीक्षितवार्षिक विवरणके अनुसार सहीतौर पर प्रतिबिंबितहुआ था।

 

कंपनीकी नीति के एक भागके रूप में सभीकर्मचारियों सेकंपनी में कार्यग्रहणकरते समय एक “प्राधिकारपत्र और घोषणापत्र” की घोषणाप्रस्तुत करनेकी अपेक्षा है।इस घोषणा के माध्यमसे कर्मचारी यहपुष्टि करते हैंकि वे किसी बीमाकंपनी से प्राप्तकोई भी एजेंसीलाइसेंस धारण नहींकरते हैं। इससेयह सुनिश्चित कियाजाता है कि कंपनीकी प्रणाली मेंऐसे एजेंटों औरकर्मचारियों कीनियुक्ति नहींकी जाती जो कोईएजेंसी लाइसेंसधारण करते हैं।उपर्युक्त के साथही,कंपनीके पास कर्मचारियोंकी पृष्ठभूमि कासत्यापन करने कीप्रणाली विद्यमानहै जो यह कवर करताहै कि क्या वे एजेंटोके रूप में कार्यकरते हैं।

 

लेखा-बहियोंअर्थात् दलालीऔर कमीशन – एजेंटसेवाएँ और देयकमीशन के
उल्लिखित ब्योरेउक्त लेखा-बहीशीर्ष में असावधानीसे और त्रुटिवशअंकित किये गयेथे। इनका सुधारकर लिया गया हैतथा तदनुसार उपर्युक्तवित्तीय वर्षोंके लिए कंपनी केवित्तीय विवरणसही थे। दलाल नेस्पष्ट किया किरु. 4.19 करोड़ और रु.3.19 करोड़ के व्ययग्राहक सहायतासेवाओँ के स्वरूपके थे जिनमें डेटाएन्ट्री
, दस्तावेजोंका स्कैनिंग, मुद्रण, स्मरण-पत्रोंऔर अन्य दस्तावेजोंका डाक-प्रेषणआदि शामिल थे तथावे बीमा व्यवसायकी अपेक्षा (सलिसिटेशन)के लिए नहीं थे।

 

तदनुसार, यहआईआरडीए (बीमादलाल) विनियम, 2013 केविनियम 28 के साथपठित अनुसूची VIएके खंड 3(ख) का उल्लंघननहीं है।

 

 

 

 

 

निर्णयः

 

उक्तआरोप व्यवसाय कीअपेक्षा (सलिसिटेशन)के लिए दलाल केद्वारा एजेंटोंको नियुक्त करनेसे संबंधित है।दलाल के लेखा-विवरणकमीशन के शीर्षके अंतर्गत भुगतानको प्रतिबिंबितकरते हैं जो उक्तआरोप को और मजबूतकरता है।

 

इसकेपहले दलाल को दलालीसंबंधी सेवाएँदेने के लिए व्यक्तियोंकी सेवाओँ का उपयोगकरने के लिए प्राधिकरणने अपने पत्र संदर्भसं. आईआरडीए/डीबी314/05 दिनांक 26 नवंबर2014 के खंड 1 के द्वारारु. 5 लाख का अर्थदंडदिया था तथा यहसुनिश्चित करनेके लिए सूचित कियाथा कि दलाल के द्वाराकिसी एजेंट/अनुयाचककी सेवा का उपयोगअवश्य नहीं कियाजाए।

 

अपनेप्रत्युत्तर मेंदलाल ने प्रस्तुतीकरणकिया है कि दलालीऔर कमीशन – एजेंटसेवाएँ और देयकमीशन लेखा-बहीशीर्ष में असावधानीसे और त्रुटिवशअंकित किये गयेथे। दलाल ने स्पष्टकिया कि रु. 4.19 करोड़और रु. 3.19 करोड़ केव्यय ग्राहक सहायतासेवाओं के स्वरूपके थे जिनमें डेटाएन्ट्री, दस्तावेजोंका स्कैनिंग, मुद्रण, स्मरण-पत्रोंऔर अन्य दस्तावेजोका डाक-प्रेषणआदि शामिल हैंतथा वे बीमा व्यवसायकी अपेक्षा केलिए नहीं थे। दलालने आगे यह भी प्रस्तुतीकरणकिया है कि त्रुटिपूर्णप्रविष्टियोंको तदनुसार सुधारलिया गया है तथापुष्टि की कि उपर्युक्तवित्तीय वर्षोंके लिए कंपनी केलेखा-परीक्षितवित्तीय विवरणसही थे। दलाल केइन सुस्पष्ट प्रस्तुतीकरणोंको ध्यान में रखतेहुए, दलालको आईआरडीएआई(बीमा दलाल) विनियम, 2018 केविनियम 30 और 8(2) केअंतर्गत अनुसूचीI– फार्म एच केखंड 3(ख) का अक्षरशःअनुपालन सुनिश्चितकरने के लिए सूचितकिया जाता है।

 

·        आरोपसं. 11

 

बीमादलाल के वित्तीयविवरणों में यहदेखा गया है किसंबंधित पक्षकारोंके बीच अनेक लेनदेनहैं। दलाल ने संबंधितपक्षकार लेनदेनोंसंबंधी नोट कासाझा निरीक्षणटीम के साथ नहींकिया तथा साथ हीदलाल द्वारा उपलब्धकराये गये उप-पट्टाकरार में भी संबंधितपक्षकारों से प्राप्तसेवाएँ विनिर्दिष्टनहीं की गई हैंजिनके लिए भारीमात्रा में धनराशिका भुगतान कियागया है। उपर्युक्तसमस्त विवरण निर्दिष्टकरता है कि दलालस्पष्ट रूप सेकुछ सेवाएँ प्राप्तकरने के लिए किसीउचित उत्तरदायित्वके बिना समूह कंपनियोंको निधियों काअंतरण कर रहा हैजिसका प्रकटीकरणउचित रूप में नहींकिया गया है।

 

दलालका प्रस्तुतीकरणः

 

दलालने प्रस्तुतीकरणकिया कि कंपनीके पास अगस्त 2014 सेही उसके बोर्डद्वारा अनुमोदितरूप में एक संबंधितपक्षकार लेनदेननीति विद्यमानहै। सभी संबंधितपक्षकार लेनदेन(आरपीटी) समय-समयपर उपर्युक्त नीतिके अनुसार बोर्डद्वारा बहुप्रयोजनीय(आम्निबस) अनुमोदनके माध्मय से विधिवत्अनुमोदित हैं।

 

कंपनीयह सुनिश्चित करतीरही है कि समूहकंपनियों के साथसभी लेनदेन बोर्डद्वारा अनुमोदितआरपीटी नीति केअनुसार हैं तथाये सभी लेनदेनस्वतंत्र (आर्म्सलेंग्थ) आधार परसंचालित किये जातेहैं तथा शर्तेंऔर कीमत-निर्धारण(प्राइसिंग) उससमय प्रचलित बाजारदरों पर थे। इसकेअलावा, सेवाओंका स्वरूप भी लेखा-परीक्षासमिति के नोटोंमें प्राप्त प्रत्येकसेवा के विस्तृतस्पष्टीकरण एवंवित्तीय वर्ष14-15 की वार्षिक रिपोर्टके नोट सं. 26(एफ) औरवित्तीय वर्ष15-16 की वार्षिक रिपोर्टके नोट सं. 26(बी) केअंतर्गत स्पष्टरूप से उल्लिखितहै।

 

इंडियाइन्फोलाइन लिमिटेडके साथ किये गयेउप-पट्टा करारऔर उस पर भुगतानकिये गये किरायेके संबंध में दलालने पुष्टि की किउक्त उप-पट्टाकंपनी के द्वाराप्रयुक्त परिसरके लिए था तथा किरायाउप-पट्टे के क्षेत्रपर आधारित था औरसंबद्ध बुनियादीव्यवस्था एक स्वतंत्र(आर्म लेंग्थ) आधारपर प्रचलित बाजारदरों के अनुसारउपलब्ध कराई गईथी। इस प्रकारका किराया कंपनीके द्वारा मासिकआधार पर अदा कियागया है।

 

निर्णयः

 

उक्तआरोप दलाल के द्वाराकिसी उचित दायित्वके बिना और उचितप्रकटीकरण के बिनाकुछ सेवाएँ प्राप्तकरने के लिए अपनीसमूह कंपनियोंके साथ किये गयेसंबंधित पक्षकारलेनदेनों से संबंधितहै। दलाल के द्वारासमूह कंपनियोंके साथ किये गयेअनेक लेनदेन हैंजिनमें भारी राशियाँसंबद्ध हैं। उनमेंसे अधिकांश लेनदेनोंके लिए दलाल नेप्रस्तुतीकरणकिया कि वे उन कंपनियोंसे कुछ सेवाएँप्राप्त करने केलिए उद्दिष्ट थींजिनके संबंध मेंवह

उन कंपनियोंके साथ निष्पादितकिये गये अंतर्निहितकरार प्रस्तुतनहीं कर पाया है।

 

दलालीसे संबंधित सेवाएँदेने के लिए अन्यसमूह कंपनियोंकी सेवाओं का उपयोगकरने एवं करारमें विशिष्ट भुगतानशर्तों का उल्लेखकिये बिना अपनीनियंत्रक (होल्डिंग)कंपनी के साथ करारकरने के लिए प्राधिकरणके द्वारा अपनेपत्र संदर्भ सं.आईआरडीए/डीबी314/05 दिनांक 26 नवंबर2014 के खंड 1 के अनुसार5 लाख रुपये का अर्थदंडलगाये जाने केबाद भी दलाल नेसमूह कंपनियोंके साथ इस प्रकारके लेनदेन करनाजारी रखा।

 

यह भीउल्लेखनीय है किअपनी नियंत्रक(होल्डिंग) कंपनीऔर अन्य समूह कंपनियोंको कोई भी ऋण न देनेअथवा उनके आईसीडीमें निवेश न करनेतथा इसके संबंधमें एक वचन-पत्रप्रस्तुत करनेके लिए प्राधिकरणद्वारा अपने पत्रआईआरडीए/डीबी314/05 दिनांक 26 नवंबर2014 के खंड क के जरियेसूचित किये जाने, एवंदलाल के द्वाराअपने पत्र दिनांक26 नवंबर 2014 के बिन्दु`क’ के अनुसार प्राधिकरणको यह वचन देनेके बाद भी कि “हमवचन देते हैं किहम भविष्य मेंअपनी नियंत्रक(होल्डिंग) कंपनीअथवा अन्य समूहकंपनियों को कोईऋण प्रदान नहींकरेंगे अथवा उनकीआईसीडी में निवेशनहीं करेंगे”,दलाल ने एक लंबीसमयावधि तक इसप्रकार के लेनदेनकरना जारी रखा(यह पुष्टि भी नहींकी गई कि क्या दलालने ऐसी प्रथाओंको अब बंद कियाहै अथवा नहीं)।

 

साथही, इंडियाइन्फोलाइन इंश्योरेंससर्विसेज़ लिमिटेडद्वारा दलाल को1 करोड़ रुपये काअग्रिम देने औरदलाल से उसे वापसलेने के मामलेमें प्राधिकरणने अपने पत्र आईआरडीए/डीबी314/05 दिनांक 26 नवंबर2014 के खंड (ख) के द्वारादलाल को इंडियाइन्फोलाइन इंश्योरेंससर्विसेज़ का समापनकरने और प्राधिकरणको स्थिति की अद्यतनसूचना देने केलिए सूचित किया।दलाल ने प्राधिकरणको भेजे गये अपनेपत्र दिनांक 26 नवंबर2014 के बिन्दु `ख’के अनुसार यह वचनदिया कि “हम आईसीआईसीआईप्रूडेन्शियलके पूर्व के कारपोरेटएजेंट इंडिया इन्फोलाइनइंश्योरेंस सर्विसेज़लिमिटेड को समाप्तकरने के लिए कदमउठाने तथा स्थितिकी अद्यतन सूचनाआईआरडीए को देनेका वचन देते हैं”।परंतु दलाल नेउपर्युक्त संस्थाको समाप्त करनेके बजाय, उ#2346;र्युक्तसंस्था के साथभारी राशियों केलेनदेन करना जारीरखा।

 

यह स्पष्टहै कि समूह कंपनियोंके साथ लेनदेनकरने के लिए पूर्वमें प्राधिकरणके द्वारा दंडितकिये जाने और निर्देशदिये जाने के बादभी दलाल ने ऐसीप्रथाओँ को बंदनहीं किया तथाइन कंपनियों सेसेवाएँ प्राप्तकरने के बहानेके अंतर्गत इसकेलिए कोई उचित करारकिये बिना इस प्रकारके लेनदेन लगातारकरता रहा। दलालकंपनी की संबंधितपक्षकार लेनदेननीति के अनुसारबोर्ड द्वारा बहुप्रयोजनीय(आम्नीबस) अनुमोदनके बहाने के अंतर्गतप्राधिकरण के निर्देशोंका पालन न करनेकी अपनी कार्रवाईको उचित सिद्धनहीं कर सकता।दलाल जो प्राधिकरणके द्वारा लाइसेंसीकृतहै, प्राधिकरणके विनियमों औरनिर्देशों का पालनकरने के लिए बाध्यहै।

 

अतःयह स्पष्ट है किप्राधिकरण के निदेशके प्रति दलालकी चिंता नहींहै तथा वह प्राधिकरणके विनियमों औरअनुदेशों का लापरवाहतरीके से उल्लंघनकर रहा है। इसमेंविनियामक अपेक्षाओंका उल्लंघन करनेकी दलाल की प्रवृत्तिभी अंतर्निहितहै।

 

प्रत्यक्ष(आनसाइट) निरीक्षणके दौरान उपलब्धकराये गये दस्तावेजोंके अनुसार दलालने प्राधिकरण केदिनांक 26 नवंबर2014 का उल्लंघन करतेहुए वर्ष 2015-16 तक कार्यकिया। अतः यह विचारकरते हुए कि उल्लंघनएक सौ दिन से अधिकअवधि के लिए जारीरहा, बीमाअधिनियम, 1938 कीधारा 102(ख) के अंतर्गतनिहित शक्तियोंका प्रयोग करतेहुए प्राधिकरणदलाल पर रु. 1,00,00,000/- (केवलएक करोड़ रुपये)का अर्थदंड लगाताहै।

 

दलालको यह भी निर्देशदिया जाता है किवह इस संबंध मेंप्राधिकरण को अद्यतनस्थिति सूचित करेतथा एक वचनपत्रप्रस्तुत करे किदलाल के द्वारासमूह कंपनियोंके साथ इस प्रकारके लेनदेन नहींकिये जाएँगे।

·         आरोपसं. 12

 

निरीक्षणके दौरान बीमादलाल से कहा गयाकि वह समर्थक दस्तावेज, जैसेग्राहक सहायतासेवाओं के संबंधमें उत्पन्न कियेगये बीजक, वाउचर, करारआदि, बीमाकर्ताओंके साथ उत्पन्नकिये गये कमीशनबिल, संबंधितपक्षकार लेनदेन, बीमाएजेंसी लाइसेंसरखनेवाले कर्मचारियोंके फार्म 26एएस आदिप्रस्तुत करे।बीमा दलाल अपनेखातों से संबंधितइस प्रकार के कोईसमर्थक (बैक-अप)पत्र उपलब्ध नहींकरा सका। निरीक्षणटीम को यह सूचितकिया गया कि इन्हेंएक बाह्यस्रोतीय(आउटसोर्सिंग)एजेंसी से प्राप्तकरना होगा क्योंकिवाउचर, बीजक औरअन्य बैक-अप पत्ररखरखाव के लिएएक आउटसोर्सिंगएजेंसी को सौंपेगये हैं।

 

दलालने आईआरडीए (बीमादलाल) विनियम, 2013 केविनियम 29(4) का उल्लंघनकिया है जो अधिदेशात्मक(मैंडेटरी) करताहै कि सभी लेखा-बहियाँ, विवरणऔर दस्तावेज आदिबीमा दलालों केप्रधान कार्यालयमें अथवा उनकेद्वारा नामित कियेगये और प्राधिकरणको सूचित कियेगये अन्य शाखाकार्यालय में अनुरक्षितकिये जाएँगे तथाये प्राधिकरण द्वारानिरीक्षण हेतुइस उद्देश्य केलिए प्राधिकरणके प्राधिकृत अधिकारियोंको सभी कार्यदिवसोंपर उपलब्ध होंगे।

 

दलाल का प्रस्तुतीकरणः

 

दलालने प्रस्तुतीकरणकिया कि कंपनीकी खाता-बहियाँ, दस्तावेजऔर अभिलेख सावधानीपूर्वकअनुरक्षित हैंतथा उनके प्रधानकार्यालय/पंजीकृतकार्यालय, आईआईएफएलहाउस, सन इन्फोटेकपार्क, रोडनं. 16 V, प्लाट नं.बी/23, वागले इस्टेट,थाने इंडस्ट्रियलएरिया, थाने-400064में रखे जाते हैं।इन्हें निरीक्षणके दौरान निरीक्षणटीम को भी दिखायागया था। पहले केवित्तीय वर्ष सेसंबंधित दस्तावेजभिवंडी स्थित उनकेगोदाम में सुरक्षितअभिरक्षा में रखेगये थे।

 

पुरानेदस्तावेजों/अभिलेखोंको पुनः प्राप्तकरने में कुछ समयलगता है तथा यहप्रासंगिक है।जैसे ही दस्तावेजसंकलित/पुनः प्राप्तकिये गये थे, वेनिरीक्षण टीम कोप्रस्तुत कियेगये थे। दलाल नेउपर्युक्त अनुपालनऔर सहयोग को ध्यानमें रखने का अनुरोधकिया।

 

अबदलाल ने एक ऐसीप्रणाली भी लागूकी है जिसमें जबभी आवश्यकता होतब बीजकों/ वाउचरोंकी स्कैन प्रतियाँउपलब्ध कराई जासकती है।

 

निर्णयः

 

उक्तआरोप दलाल के द्वाराबीजक, वाउचर, करारआदि जैसे दस्तावेजोंका रखरखाव अपनेप्रधान कार्यालयअथवा प्राधिकरणको सूचित अपनेनामित शाखा कार्यालयमें न करने से संबंधितहै।

 

दलालइस बात के लिए कोईतर्कपूर्ण कारणनहीं दे सका किक्यों ऐसे महत्वपूर्णदस्तावेज उनकेप्रधान कार्यालयमें नहीं रखे गयेथे तथा क्यों निरीक्षणके दौरान वे निरीक्षणटीम को उपलब्धनहीं कराये गयेथे, जबकि उन्हेंनिरीक्षण के बारेमें पहले ही सूचितकिया गया था।

 

दलालको इस चूक के लिएचेतावनी दी जातीहै तथा आईआरडीएआई(बीमा दलाल) विनियम, 2018 केविनियम 34 के खंड4 का पालन सुनिश्चितकरने के लिए सूचितकिया जाता है।

 

·         आरोपसं. 13

 

बीमादलाल के पास उनकेपरिचालनों के आकारके अनुरूप आंतरिकनियंत्रणों कीउचित प्रणाली नहींहै। इस तथ्य कीपहचान आंतरिक लेखा-परीक्षकद्वारा भी की गईथी।

 

दलालने निरीक्षण रिपोर्टके प्रत्युत्तरमें प्रस्तुतीकरणकिया कि उसने समयके चलते उन सभीकमियों को अपनीओर से सुधार लियाहै जो लेखा-परीक्षकोंद्वारा बताई गईथीं। परंतु यहउत्तर बताई गईकमियों के बारेमें और इस संबंधमें की गई संबंधितकार्रवाई के बारेमें विशिष्ट रूपसे स्थिति को स्पष्टनहीं करता।

 

अपनेकार्यालय में उचितआंतरिक नियंत्रणन रखते हुए दलालने आईआरडीए (बीमादलाल) विनियम, 2013 केविनियम 31(1) का उल्लंघनकिया है।

 

 

दलाल का प्रस्तुतीकरणः

 

दलालने प्रस्तुतीकरणकिया कि कंपनीने उचित आंतरिकलेखा-परीक्षा प्रणालियाँलागू की हैं। इसकेअलावा, उक्त आंतरिकनियंत्रण और प्रणालियाँव्यवसाय के आकार, स्वरूपऔर जटिलता के अनुरूपपर्याप्त आकारकी हैं तथा सांविधिकलेखा-परीक्षक द्वाराइनका सत्यापन आवधिकतौर पर किया जाताहै। उक्त प्रक्रियाऔर प्रणाली कोऔर मजबूत करनेतथा व्यवसाय कीप्रभावकारिताऔर कुशलता मेंसुधार लाने केलिए प्रक्रियाके किसी विचलनकी पहचान करनेऔर प्रबंधक-वर्गका ध्यान ऐसे मामलोंकी ओर विशेष रूपसे आकर्षित करनेके लिए, विद्यमानऐसे नियंत्रणोंऔर प्रणालियोंकी समीक्षा औरनिगरानी करने केलिए कंपनी ने आंतरिकलेखा-परीक्षकोंकी नियुक्ति कीथी। वित्तीय वर्ष2014-15 और वित्तीय वर्ष2015-16 में संचालितऐसी आंतरिक लेखा-परीक्षाओंके दौरान आंतरिकलेखा-परीक्षक नेप्रक्रिया संबंधीकुछ कमियों कीपहचान की थी जिनकीसूचना बोर्ड कोआवश्यक सुधार औरकार्यान्वयन केसाथ दी गई थी। उक्तटिप्पणी पर कीगई कार्रवाई कीसमीक्षा भी बोर्डद्वारा आवधिक तौरपर की जाती है।इसके अलावा, कार्यान्वयनका सत्यापन आंतरिकलेखा-परीक्षकोंद्वारा की गई थीऔर सांविधिक लेखा-परीक्षकोंने इसकी पुष्टिकी है।

 

बताईगई कमियों के संबंधमें दलाल ने प्रस्तुतीकरणकिया कि आनलाइनपालिसियों के मामलेमें आनलाइन लाग-इनके बाद पीएलवीसीका संचालन कियागया तथा इस कारणसे सत्यपन मेंकोई प्रीलाग नहींहै।

 

हस्ताक्षरकी जालसाजी केआरोपों के मामलेमें यह पहचान कीगई कि यह शिकायतकरने के द्वाराऔर ग्राहक का अनधिकारग्रहण (पोच) करनेके उद्देश्य सेभूतपूर्व कर्मचारियोंद्वारा ग्राहकोंको प्रेरित कियागया था। तथापि, कंपनीने वास्तविकताको और आरोपों परअपने द्वारा कियेगये अनुपालन कोपूर्णतः दर्शायाथा तथा ऐसी सभीशिकायतों पर उत्तरदिया था। तदनुसार, दलालने प्रस्तुतीकरणकिया कि ये अवास्तविकशिकायतें/ दावेथे जो गुप्त प्रयोजनोंसे किये गये थे।

 

दलालने अपनी प्रक्रियाके सुदृढ़ीकरणकी बात दोहराई।

 

 

 

निर्णयः

 

उक्तआरोप दलाल के कार्यालयमें आंतरिक नियंत्रणोंके अभाव को निर्दिष्टकरते हुए कंपनीके आंतरिक लेखा-परीक्षकद्वारा पहचान कीगई विभिन्न कमियोंसे संबंधित है। उक्त प्रस्तुतीकरणऔर इस संबंध मेंदलाल के द्वाराप्रस्तुत कियेगये आंतरिक लेखा-परीक्षकके प्रमाणपत्रको ध्यान में रखागया है। तथापि, दलालको आंतरिक लेखा-परीक्षकद्वारा बताई गईकमियों के संबंधमें उचित सावधानीसुनिश्चित करनेके लिए और यह सुनिश्चितकरने के लिए किआईआरडीएआई (बीमादलाल) विनियम, 2018 केविनियम 31(1) का पालनकरने के लिए भविष्यमें ऐसी समस्याओंकी पुनरावृत्तिन हो, सूचितकिया गया है।

 

·         निर्णयोंका सारांशः

 

इसआदेश में लियेगये निर्णयों कासारांश नीचे दियागया हैः

आरोप सं.

आरोप का संक्षिप्त शीर्षक और उल्लंघन किये गये उपबंध

निर्णय

1

आरोपः अपेक्षा (सलिसिटेशन) के लिए अयोग्य व्यक्तियों का उपयोग किया गया

उपबंधः आईआरडीए (बीमा दलाल) विनियम, 2013 का विनियम 8(2)(xiv) और 23(2)(iv)

चार लाख रुपये का अर्थदंड और निर्देश

2

आरोपः दलाल का आनलाइन पोर्टल

उपबंधः आईआरडीए (बीमा दलाल) विनियम, 2013 के विनियम 22 के साथ पठित अनुसूची VIII का खंड 1

चेतावनी और परामर्श

3

आरोपः शाखा में अर्हता-प्राप्त व्यक्ति

उपबंधः आईआरडीए (बीमा दलाल) विनियम, 2013 का विनियम 8(2)(iii)

परामर्श

4

आरोपः लिखित अधिदेश (मैंडेट)

उपबंधः आईआरडीए (बीमा दलाल) विनियम, 2013 की अनुसूची VIए का खंड 2(ज)

निर्देश

5

आरोपः दूरविपणन स्थान

उपबंधः आईआरडीए (बीमा दलाल) विनियम, 2013 का विनियम 23(2)(i)

परामर्श

6

आरोपः समूह कंपनियों से अग्रताएँ

उपबंधः आईआरडीए (बीमा दलाल) विनियम, 2013 का विनियम 23(2)(iii)

निर्देश

7

आरोपः निरीक्षण टीम के साथ असहयोग

उपबंधः आईआरडीए (बीमा दलाल) विनियम, 2013 का विनियम 41(1)(च)

चेतावनी और निर्देश

8

आरोपः कार्यालय की बुनियादी संरचना

उपबंधः आईआरडीए (बीमा दलाल) विनियम, 2013 का विनियम 8(2)(ii)

रु. एक करोड़ का अर्थदंड और निर्देश

9

आरोपः व्यावसायिक क्षतिपूर्ति पालिसी

उपबंधः आईआरडीए (बीमा दलाल) विनियम, 2013 की अनुसूची III के उपबंध

निर्देश

10

आरोपः एजेंटों का उपयोग

उपबंधः आईआरडीए (बीमा दलाल) विनियम, 2013 के विनियम 28 के साथ पठित अनुसूची VIए का खंड 3(ख)

परामर्श

11

आरोपः संबंधित पक्षकार लेनदेन

उपबंधः आईआरडीए (बीमा दलाल) विनियम, 2013 के विनियम 41(1)(ण) का उपबंध

रु. एक करोड़ का अर्थदंड और निर्देश

12

आरोपः दस्तावेजों का रखरखाव

उपबंधः आईआरडीए (बीमा दलाल) विनियम, 2013 का विनियम 29(4)

चेतावनी और

परामर्श

13

आरोपः आंतरिक नियंत्रण

उपबंधः आईआरडीए (बीमा दलाल) विनियम, 2013 का विनियम 31(1)

परामर्श

 

·         जैसाकि संबंधित आरोपोंमें निर्देश दियागया है, रु.2,04,00,000/- (केवलदो करोड़ और चारलाख रुपये) का अर्थदंडबीमा दलाल के द्वाराएनईएफटी / आरटीजीएसके माध्यम से (जिसकाविवरण अलग से सूचितकिया जाएगा) इसआदेश की प्राप्तिकी तारीख से 15 दिनकी अवधि के अंदरविप्रेषित कियाजाएगा। विप्रेषणकी सूचना श्रीप्रभात कुमार मैती, महाप्रबंधक(प्रवर्तन) को भारतीयबीमा विनियामकऔर विकास प्राधिकरण, सर्वेसं. 115/1; फाइनैंशियलडिस्ट्रिक्ट; नानकरामगूडा; गच्चीबौली; हैदराबाद-500032के पते पर भेजीजाए।

 

 

दलालको सामान्य निर्देशः

 

उपर्युक्तविभिन्न आरोपोंके अंतर्गत दियेगये विभिन्न आधारोंऔर कारणों के अलावा, लगायेगये अर्थदंड औरदिये गये विशिष्टनिर्देशों के लिए, यहआवश्यक समझा जाताहै कि दलाल के द्वाराअनुपालन और कार्यान्वयनके लिए निम्नलिखितअनुदेशों का ध्यानरखा जाना चाहिएः

 

आरोपोंके अंतर्गत ऊपरसूचीबद्ध रूप मेंअर्थदंडों की उगाहीऔर संपूर्ण अनुपालनके लिए दिये गयेनिर्देश, जहाँभी आवश्यक समझागया हो, दलाल कीओर से उन नियमों, विनियमों, परिपत्रोंआदि का पालन करनेके लिए देखी गईअत्यल्प अभिरुचिके परिणामस्वरूपहैं जो दलाल केरूप में उनकी कार्यप्रणालीऔर पंजीकरण कोनियंत्रित करतेहैं। दूसरे शब्दोंमें, इस तथ्यके बावजूद कि दलालको अतीत में विभिन्नउल्लंघनों के लिएदंडित किया गयाहै तथा विनियामकउपबंधों का अनुपालनकरने के लिए पूर्वमें निर्देश दियेगये हैं, विभिन्नविनियामक निर्धारणोंका पालन करने केलिए दलाल के द्वारामुश्किल से कोईउत्साह अथवा दायित्वदर्शाया गया है।परंतु यह पायागया है कि दलालने प्राधिकरण केनिर्देशों का अनुसरणकरने और उनका पालनकरने के प्रतिबहुत कम ध्यानदिया है। लगभगसभी कार्यक्षेत्रोंपर दलाल के द्वाराअत्यंत कम अनुपालनऔर बारंबार होरहे उल्लंघनोंके इस परिदृश्यके आलोक में दलालको निर्देश दियाजाता है कि उन्हेंविनियामक उपबंधोंऔर प्राधिकरण द्वारादिये गये निर्देशोंका अत्यंत कड़ाईसे अनुपालन अवश्यसुनिश्चित करनाचाहिए। इसके अलावादलाल को यह भी निर्देशदिया जाता है कियदि भविष्य मेंअननुपालन की उनकीवर्तमान प्रवृत्तिजारी रहती है, तोउल्लंघनों/अननुपालनके लिए परम गंभीरतापूर्वककार्रवाई की जाएगी।

 

·        दलालउक्त सभी निर्देशोंके संबंध में अनुपालनकी पुष्टि इस आदेशकी प्राप्ति कीतारीख से 21 दिन केअंदर करेगा। यहआदेश दलाली फर्मकी लेखा-परीक्षासमिति के समक्षऔर साथ ही बीमादलाल के बोर्डके समक्ष भी उनकीतत्काल अगली बैठकमें प्रस्तुत कियाजाएगा तथा बीमादलाल प्राधिकरणको विचार-विमर्शके कार्यवृत्तकी एक प्रति प्रस्तुतकरेगा।

 

·         यदिबीमा दलाल इस आदेशमें निहित किसीभी निर्णय से असंतुष्टहै, तो बीमाअधिनियम, 1938 कीधारा 110 के अनुसारप्रतिभूति अपीलीयन्यायाधिकरण (एसएटी)के समक्ष अपीलप्रस्तुत की जासकती है।

 

दलालसे इस पत्र की प्राप्ति-सूचनादेने की अपेक्षाकी जाती है।

 

 

(सुजयबनर्जी)

सदस्य(वितरण)

 

स्थानःहैदराबाद

दिनांकः25 नवंबर 2019

 

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