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Title: आदेश
Reference No.: आईआरडीएआई/एफएण्डए/ओआरडी/एसओएलपी/200/11/2019
Date: 06/11/2019
रिलायंस हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी लि. (आरएचआईसीएल) के संबंध में आईआरडीए अधिनिय

आदेश

 

संदर्भ सं.: आईआरडीएआई/एफएण्डए/ओआरडी/एसओएलपी/200/11/2019 6 नवंबर2019

 

रिलायंसहेल्थइंश्योरेंसकंपनी लि.(आरएचआईसीएल)के संबंध मेंआईआरडीएअधिनियम, 1999 कीधारा 14(1) के साथपठित बीमाअधिनियम, 1938 कीधारा 64वीए (5)

के अधीनजारी किया गयाआदेश

 

संदर्भः

(1)        रिलायंसहेल्थइंश्योरेंसलि. का पत्रदिनांक 20अगस्त 2019 –शोधक्षमतासंबंधी विवरणियोंकाप्रस्तुतीकरण

(2)        आईआरडीएआईका पत्र सं. 371/एफएण्डए(एनएल)/सीओएम-एच-आरएच/2019-20/179दिनांक 30अगस्त 2019

(3)        रिलायंसहेल्थइंश्योरेंसलि. के पत्रदिनांक 6सितंबर और 10सितंबर 2019

(4)        आईआरडीएआईका पत्र सं. 371/एफएण्डए(एनएल)/सीओएम-एच-आरएच/2019-20/187दिनांक 13सितंबर 2019

(5)        रिलायंसहेल्थइंश्योरेंसलि. का पत्रदिनांक 14सितंबर 2019

(6)        आईआरडीएआईका पत्र सं. 371/एफएण्डए(एनएल)/सीओएम-एच-आरएच/2019-20/194दिनांक 26सितंबर 2019

(7)        रिलायंसहेल्थइंश्योरेंसलि. का ई-मेलदिनांक 3अक्तूबर 2019

(8)        आईआरडीएआईका कारण बताओनोटिस संदर्भसं. आईआरडीएआई/एफएण्डए/साल्वेंसी/ आरएचआईसी/2019-20/1/206दिनांक 16.10.2019

(9)        रिलायंसकैपिटल लि. काउत्तर दिनांक22.10.2019

(10)      आईआरडीएआईका पत्र सं.आईआरडीएआई/एफएण्डए/साल्वेंसी/2019-20/एलआर /210 दिनांक 24.10.2019

 

मामलेके तथ्य

1.भारतीयबीमाविनियामक औरविकासप्राधिकरण (इसआदेश में इसकेबाद प्राधिकरण के रूप मेंउल्लिखित) नेबीमा अधिनियम,1938 (इस आदेश मेंइसके बाद अधिनियम के रूप मेंउल्लिखित) कीधारा 3 केअनुसार भारत मेंस्वास्थ्यबीमा काव्यवसाय करनेके लिए रिलायंसहेल्थइंश्योरेंसलि. (इस आदेशमें इसके बाद “आरएचआईसीएल” के रूप मेंउल्लिखित) कोसं. 160 से युक्तपंजीकरण प्रमाणपत्रदिनांक 3अक्तूबर 2018जारी किया। उसकीशर्तों केअनुसार,आरएचआईसीएलउक्त पंजीकरणप्रमाणपत्रकी शर्तों केअधीन है तथाअधिनियम, विशेषरूप सेअधिनियम कीधारा 64वीए औरआईआरडीएआई(साधारण बीमाव्यवसाय की आस्तियाँ,देयताएँ औरशोधक्षमतामार्जिन) विनियम,2016 (इस आदेश मेंइसके बाद “शोधक्षमताविनियम केरूप मेंउल्लिखित),बीमाविनियामक औरविकास प्राधिकरणअधिनियम, 1999 औरउसके अधीनजारी किये गएविनियमों,परिपत्रों और/यादिशानिर्देशोंके रूप मेंसमय-समय परप्राधिकरणद्वारा जारीकिये गयेनिदेशों औरआरएचआईसीएलको जारी कियेगये किन्हींअन्य निदेशोंके उपबंधों कापालन करना भीउससेअपेक्षित है।

2.आरएचआईसीएलने दिनांक 20अगस्त 2019 केपत्र (संदर्भ 1)के द्वारा 30जून 2019 कोसमाप्ततिमाही के लिएशोधक्षमताविवरणीप्रस्तुत कीथी तथा 106% काशोधक्षमताअनुपात सूचितकिया था जोशोधक्षमताविनियमों कीअनुसूची III केखंड 3 के अंतर्गतयथाविनिर्दिष्ट150% कीशोधक्षमता केनियंत्रणस्तर से नीचेथा।

3.प्राधिकरणने दिनांक 30अगस्त 2019 केअपने पत्र (संदर्भ2) के द्वाराआरएचआईसीएलको 30 सितंबर 2019को अथवा उससेपहले उक्तनियंत्रणस्तर तकशोधक्षमतामार्जिन बहाल करनेतथा यहनिर्दिष्टकरने के लिएभी सूचित कियाकि अंतरिम कालमेंशोधक्षमता कानियंत्रणस्तर किसप्रकार सेप्राप्त करनेका प्रस्तावहै। आरएचआईसीएलको आगे सूचितकिया गया कि 31अगस्त 2019 कोयथाविद्यमानशोधक्षमता कीस्थितिप्रस्तुतकरें।

4.आरएचआईसीएलने दिनांक 6 सितंबर2019 के पत्र(संदर्भ 3) केद्वारा बतायाकि एकमजबूत, भलीभाँतिपूँजीकृतस्वास्थ्यबीमा कंपनी केआविर्भाव कोसुनिश्चितकरने के लिएवे अपनी योजनाप्रस्तुतकरनेवालेहैं।तथापि,उक्त उत्तरमें वह तरीकानिर्दिष्ट नहींकिया गयाजिसमेंशोधक्षमता कानियंत्रणस्तर बहालकिया जाएगा।आरएचआईसीएलने दिनांक 10सितंबर 2019 केपत्र (संदर्भ 3)के द्वारा 31अगस्त 2019 कीस्थिति केअनुसार 77% काशोधक्षमताअनुपात सूचितकिया तथा यहबताया कि वेनये/अतिरिक्तप्रवर्तक/निवेशकलाना चाहतेहैं।आरएचआईसीएलने यह भी निर्दिष्टकिया किआरएचआईसीएलसहित आरसीएल नेएक संभावितनये प्रवर्तकके साथ एकशर्त-पत्रक परहस्ताक्षरकिये हैं तथा समुचितसावधानी कीप्रक्रियाप्रारंभ हो गईहै।

5.चूँकिशोधक्षमता कोबहाल करने केलिए कोई ठोस योजनानहीं थी, तथाजून 2019 और अगस्त2019 के बीचशोधक्षमता मेंआगे और कमी 106% से 77% तक आई, अतःप्राधिकरण नेपालिसीधारकोंके हितों कोसुरक्षितकरने के लिएदिनांक 13सितंबर 2019 के पत्र(संदर्भ 4) केद्वाराआरएचआईसीएलको निम्नलिखितके लिएनिर्देश दिया-

I.     पूँजीगतव्यय हेतु कोईभुगतान नहींकरने के लिए; और

II.   आरएचआईसीएलके किसी भीसंबंधितपक्षकार को कोईभुगतान नहींकरने के लिए।

 

प्राधिकरण नेआरएचआईसीएलसे नकदीप्रवाह, आय,परिचालनव्ययों केविश्लेषित

विवरण औरनिवल मालियत(नेट वर्थ) परअतिरिक्त सूचनाकी अपेक्षाकी।

आरएचआईसीएलने दिनांक 14.09.2019के पत्र(संदर्भ 5) केद्वाराउपर्युक्तसूचना प्रस्तुतकी।

6.प्रस्तुतकी गई सूचनाके विश्लेषणने जून 2019 से अगस्त2019 तक की अवधि केदौरान उनकीनिवल मालियत,निवेशों तथानकदी और बैंकशेष में तीव्रकमीनिर्दिष्ट कीजो मुख्य रूपसे परिचालनव्ययों केकारण थी।परिचालनव्ययों केकारण मासिकव्यय (आउटगो)लगभग रु.5.86करोड़ था।

7.आरएचआईसीअएलकी निरंतरघटती हुईवित्तीय स्थितिएवं घटती हुईशोधक्षमता कोभी देखते हुए,प्राधिकरणबीमा अधिनियम,1938 की धारा 64वीएके साथ पठितबीमाविनियामक औरविकासप्राधिकरण अधिनियम,1999 की धारा 14(2) केउपबंधों कोलागू करते हुएदिनांक 26सितंबर 2019 केपत्र (संदर्भ 6)के द्वाराआरएचआईसीएलको 30 सितंबर 2019तक नियंत्रणस्तर तकशोधक्षमताअनुपात कोबहाल करने तथाशोधक्षमता केबहाल कियेजाने के समयतक निम्नलिखितकार्रवाइयाँकरने कानिर्देश दियाः

I.     निवेशोंतथा नकदी औरबैंक शेष कावलयरोधन (रिंगफ़ेन्सिंग);

II.   वर्तमानपालिसीधारकोंके दावों केभुगतान केकारण उत्पन्नहोनेवालीकिसी कमी केक्षतिपूरणको छोड़करकिसी अन्यप्रयोजन केलिए किसी निधिका उपयोग नहींकिया जाएगा;

III.  प्राधिकरणके पूर्वलिखितअनुमोदन केसाथ कियेजानेवालेविक्रय कोछोड़कर निवेशका कोई भीविक्रय नहींकिया जाएगा;

IV.   उनकेबैंकखाते(खातों)में प्राप्तनिवेश आय औरप्रीमियम जमाकरना और ऊपर (I) पर बतायेगये रूप मेंउसका वलयरोधन(रिंगफ़ेन्सिंग)करना;

V.     निम्नलिखितकी सूचनादेनाः

(i)   दैनिकआधार पर नकदीअंतर्वाह औरबहिर्वाह;

(ii)  साप्ताहिकआधार परतुलन-पत्र,नकदी प्रवाहविवरण औरनिदेशों केअनुपालन परवचन-पत्र; तथा

(iii)मासिकआधार परशोधक्षमतामार्जिनविवरणी।

8.आरएचआईसीएलने दिनांक 3अक्तूबर 2019(संदर्भ 7) के अपनेई-मेल द्वारा30.09.2019 की स्थितिके अनुसार विद्यमानशोधक्षमता काविवरणप्रस्तुतकिया। प्राधिकरणने चिंता केसाथ पाया किआरएचआईसीएलका शोधक्षमताअनुपात 30सितंबर 2019 कीस्थिति के अनुसार63%तक आगे औरघट गया। इसकेअलावा, आरएचआईसीएलकी रिपोर्ट(संदर्भ 7) केअनुसार, बीमाअधिनियम कीधारा 64वीए (1) मेंयथानिर्धारितरु. 50 करोड़ न्यूनतमप्रदत्तपूँजी की राशिका 50 प्रतिशत केअपेक्षितसांविधिकअंतर की तुलनामें आरएचआईसीएलकी आस्तियोंऔर देयताओं केबीच का अंतर 30सितंबर 2019 कीस्थिति केअनुसार रु.31.66करोड़ था।

9.उपर्युक्तको ध्यान मेंरखते हुए,अधिनियम की धारा64वीए(3), 64वीए(4) और64वीए (1) केउपबंधों काउल्लंघन करनेके लिएआईआरडीएआई केपत्र सं.आईआरडीएआई/ एफएण्डए/शोधक्षमता/आरएचआईसी/2019-20/1/206दिनांक 16अक्तूबर 2019(संदर्भ 8) केद्वाराआरएचआईसीएलको कारण बताओनोटिस(एससीएन) जारीकिया गया।

10.        रिलायंसकैपिटललिमिटेड(आरसीएल) जोआरएचआईसीएलका एकमात्रप्रवर्तक है,(इस आदेश मेंइसके बाद आरसीएल”के रूप मेंउल्लिखित) नेदिनांक 22.10.2019 केपत्र (संदर्भ 9)के द्वारा यहपुष्टि करतेहुए कि पालिसीधारकोंकी देयताओं कोकवर करने केलिए आरएचआईसीएलके पासपर्याप्तआस्तियाँ हैं,बीमा अधिनियमकी धारा 64वीए(1)और 64वीए(3) केउपबंधों केउल्लंघनों कोस्वीकार किया।उसने यह भीसूचित किया किएक नयेप्रवर्तक/निवेशककाप्रस्तावितप्रवेश आगेनहीं बढ़ रहाहै, जैसा किपरिकल्पितकिया गया था।आरसीएल ने यहभी निर्दिष्टकिया कि उसनेआरएचआईसीएलका समामेलन/विलयरिलायंस जनरलइंश्योरेंसकंपनी लि. (आरजीआईसीएल)के साथ करनेका प्रस्तावकिया है तथाएक विस्तृतयोजना बाद मेंप्रस्तुत कीजाएगी। एकतत्काल कदम केरूप में उसनेआरएचआईसीएलके पास उपलब्धनिधियाँ और पालिसीधारकोंकी देयताएँआरजीआईसीएलको अंतरितकरने काप्रस्तावकिया है जिसकेलिए आरसीएलएकमात्रशेयरधारक औरप्रवर्तक है।इसके अलावा,आरसीएल नेवैयक्तिकसुनवाई के लिएअवसर देने काभी अनुरोधकिया है।

11.         तदनुसार,आरएचआईसीएल,आरजीआईसीएलऔर आरसीएल केमुख्यकार्यकारीअधिकारियों(सीईओ) को 30 अक्तूबर2019 कोआईआरडीएआईकार्यालय मेंउपस्थित होनेके लिए कहागया।

12.        इस विषयमें सुनवाईप्राधिकरण केअध्यक्ष केद्वारा 30.10.2019 कोअपराह्न 3.30 बजेकी गई। निम्नलिखितउपस्थित थेः

(i)   श्रीअमित बापना,मुख्यवित्तीयअधिकारी, आरसीएल;

(ii)  श्रीरवि विश्वनाथ,सीईओ,आरएचआईसीएल;

(iii)श्रीराकेश जैन,सीईओ,आरजीआईसीएल;

(iv)  श्रीवैभव काबरा,सीएफओ,आरएचआईसीएल।

आईआरडीएआईसे निम्नलिखितअधिकारीउपस्थित थेः (i) श्री सुरेशमाथुर,कार्यकारीनिदेशक; (ii)श्रीमती वाई.पी. भरत, मुख्यमहाप्रबंधक(गैर-जीवन); (iii) श्री एस. पी.चक्रवर्ती,महाप्रबंधक,(बीमांकिक); (iv) श्री आर.के. शर्मा,महाप्रबंधक,(एफएण्डए-गैर-जीवन); तथा (v)श्री डी. वी. एस.रमेश,महाप्रबंधक,स्वास्थ्य।

 

I.     सीएफओ,रिलायंसकैपिटल ने कहाकि उनके सीईओ,श्री अनमोलअंबानी पाँवमें घाव होनेके कारण यात्राकरने मेंअसमर्थ हैंतथा आरसीएल काप्रतिनिधित्वकरने के लिएउनकोप्राधिकृतकिया है। उन्होंनेबताया किआरजीआईसीएल केसाथआरएचआईसीएलका विलय करनेके लिए आरसीएलउत्सुक है जो 80,000से अधिकसक्रियपालिसीधारकोंसे युक्त एककाफी बड़ीकंपनी है।उन्होंने कहाकि विलय केलिए एकऔपचारिकप्रस्तावआरसीएल 4-6सप्ताह मेंप्रस्तुतकरेगी। सीईओ,आरएचआईसीएलने अधिनियम केउपबंधों केउल्लंघनों कोस्वीकार किया,जो अपेक्षितपूँजी उपलब्धकराने के लिएआरसीएल कीअसमर्थता केकारण है। तथापि,सभीपालिसीधारकोंके दावों कानिपटान तत्परतापूर्वककिया जा रहाहै तथा इसविषय में कोईशिकायत नहींहै। उन्होंनेकहा कि संभावितनये प्रवर्तकके साथ चर्चाछोड़ दी गई है,परंतुआरएचआईसीएलशोधक्षमता कोबहाल करने केलिए आरसीएल केसाथसावधानीपूर्वककार्य करेगी। उन्होंनेउनकी समूहकंपनी आरजीआईसीएलको वित्तीयआस्तियों केसाथ पालिसीधारकोंकी देयताएँअंतरित करनेका सुझाव दियाताकि जब भीदावे उत्पन्नहोंगे तबआरजीआईसीएल उनकानिपटान करसके।उन्होंने यहभी बताया कि अद्यतनस्थिति केअनुसार लगभग 9,000सक्रिय पालिसियाँहैं।

II.   आरजीआईसीएलके सीईओ नेकहा किआरएचआईसीएलकी आस्तियोंऔरपालिसीधारकोंकी देयताओं केसंविभाग कोसंभालने केलिएआरजीआईसीएलइच्छुक है। जबआरजीआईसीएलकी शोधक्षमतापर विलय के संभावितप्रभाव केबारे में पूछागया तब उन्होंनेकहा कि वहनगण्य होगातथा संयुक्तसंस्था कीशोधक्षमतानियंत्रणस्तर से काफीअधिक होगी। विलयहोने तकआरजीआईसीएलदावा संविभागका प्रबंधआरएचआईसीएलकी निवेशआस्तियों तथानकदी और बैंकशेष राशियोंके साथ करनाचाहेगी।

III.  आरएचआईसीएल,आरजीआईसीएलऔर आरसीएलद्वारा इस बातपर सहमति हुईकि एक अंतरिमउपाय के रूपमें :

(i)   आरएचआईसीएलपुनर्बीमाशेष, एजेंसीशेष, यूपीआर,अनाबंटितप्रीमियम आदिसहितपालिसीधारकोंकी देयताएँआरजीआईसीएलको अंतरितकरेगी।

(ii)  आरएचआईसीएलनकदी और बैंकशेष तथा पालिसीधारकोंके खाते औरशेयरधारकोंके खाते मेंधारित निवेशआरजीआईसीएलको अंतरितकरेगी। आरजीआईसीएलउक्त निधियोंका उपयोग केवलआरएचआईसीएलके पालिसीधारकोंको भुगतानकरने केप्रयोजन केलिए ही करेगी।

(iii)आरएचआईसीएलकी अवशिष्टआस्तियों कावलयरोधन(रिंगफेन्सिंग)तब तक कियाजाएगा जब तकप्राधिकरण केसंतोष केअनुरूप विलयकी प्रक्रियापूरी नहींहोती। ऐसे समयतक वेतन,किराया,ऋणदाताओं कोभुगतान आदिजैसे परिचालनव्ययों कीजिम्मेदारीआरसीएल कीहोगी तथाइनका भुगताननई निधियाँजोड़ने केद्वारा कियाजाएगा। ऊपरनिर्दिष्टव्ययों कोछोड़करआरएचआईसीएलका कोई भीअन्य व्ययआरजीआईसीएलके द्वारा वहनकिया जाएगा।

(iv)  आरएचआईसीएलद्वारा अंतरितसंविभाग का एकअलग खाताआरजीआईसीएलरखेगा तथाआरएचआईसीएलसे प्राप्तनिधियों काउपयोग केवलआरएचआईसीएलके पालिसीधारकोंकी देयताएँचुकाने केप्रयोजन के लिएही कियाजाएगा।

(v)   आरजीआईसीएलकी पूँजीगतआवश्यकतापूरी करने केलिए आरसीएल एकप्रतिबद्धता पत्रप्रस्तुतकरेगा।

 

13.         इस बातपर ध्यान दियागया किआरएचआईसीएलद्वारा उक्तवैयक्तिकसुनवाई मेंकोई अतिरिक्ततथ्यप्रस्तुतनहीं किये गयेहैं तथा उसनेअधिनियम औरउसके अधीनबनाये गयेविनियमों केनिम्नलिखितउपबंधों काउल्लंघनस्वीकार कियाहैः

I.     शोधक्षमताविनियमों केसाथ पठित धारा64वीए(3) जोबीमाकर्ता सेअपेक्षा करतीहै कि वह 150% परशोधक्षमता कानियंत्रणस्तर बनायेरखे, जबकिआरएचआईसीएलका शोधक्षमतास्तर 30 जून 2019 को 106% और 30 सितंबर 2019को 63% था;

II.   अधिनियमकी धारा 64वीए(4),क्योंकि 30सितंबर 2019 तकनियंत्रणस्तर तक शोधक्षमताको बहाल करनेके लिए दियेगये दिनांक 30अगस्त 2019 के प्राधिकरणके निर्देशोंके बावजूद,आरएचआईसीएलने न तोउपर्युक्तनिदेशों काअनुपालन कियाहै और न ही वहविनिर्दिष्टसमय-सीमा केअंदर कमी कोसुधारने के लिएकार्रवाई कीयोजना फाइलकर सकी है;

III.  अधिनियमकी धारा 64वीए(1)जो बीमाकर्तासे अपेक्षाकरती है कि वहदेयताओं कीराशि की तुलनामें आस्तियोंके मूल्य का रु.50करोड़ सेअन्यून राशिका आधिक्यबनाये रखे,जबकि यह पायागया कि 31 अगस्त2019 और 30 सितंबर 2019को उक्त आधिक्यक्रमशः रु.38.50करोड़ और रु.31.66करोड़ था।

14.         वैयक्तिकसुनवाई केबाद, आरसीएलने अपने पत्र दिनांक31 अक्तूबर 2019 केद्वाराप्रस्तुतकिया कि वह प्रवर्तक केरूप मेंआरजीआईसीएलका वित्तीयरूप से और परिचालनगततौर पर समर्थनकरेगी...”तथा आरजीआईसीएलद्वाराप्रबंधन कियेजा रहे आरएचआईसीएलके बीमासंविभाग मेंकमी, यदि कोईहो, का निधीयनकरने के लिए प्रतिबद्धहै। इसकेअलावा,आरजीआईसीएलने अपने पत्रदिनांक 31 अक्तूबर2019 के द्वाराआरएचआईसीएलके “निवेश,बैंक शेषआस्तियों औरपालिसीधारकोंकी देयताओं काप्रबंधकरने के लिएसहमति व्यक्तकी है।

 

प्राधिकरणका निर्णय

15.         प्राधिकरणइस बात परध्यान देता हैकि आरएचसीआईएलको पंजीकरणप्रमाणपत्रमाह अक्तूबर 2018में प्रदान कियागया था औरइसनेपरिचालनों काकेवल एक वर्षपूरा किया है।इस अवधि केदौरानशोधक्षमता निम्नानुसारनियंत्रण सेनीचे आ गई हैः

निम्नलिखित को समाप्त अवधि के लिए

बीमाकर्ता द्वारा सूचित शोधक्षमता अनुपात

30 जून 2019 को

106%

31 अगस्त 2019 को

77%

30 सितंबर 2019 को

63%

 

16.         इस तथ्य कोदेखते हुए किआरएचआईसीएलकी शोधक्षमता,शोधक्षमता केनियंत्रणस्तर से काफीनीचे है तथाआरएचआईसीएलऔर आरसीएलद्वारा किये गएप्रस्तुतीकरणोंके आधार पर, प्राधिकरणइस निष्कर्षपर पहुँच गयाहै कि इस संकटकी स्थिति मेंआरएचआईसीएलद्वारास्वास्थ्यबीमा व्यवसायके कार्यसंचालनको जारी रखनापालिसीधारकोंके हित मेंनहीं होगा।

17.         बीमाकर्ताके घटते हुएशोधक्षमतामार्जिन कासंज्ञान लेतेहुए,पालिसीधारकोंके हित का संरक्षणकरने कीतत्कालआवश्यकता है।धारा 64वीए(5) केअंतर्गत कईविकल्पउपलब्ध हैं,जिनमें आवश्यकसमझे गये रूपमें निदेशजारी करनाशामिल है।

18.         उपलब्धसभी विकल्पोंपर ध्यानपूर्वकविचार करने केबाद तथापालिसीधारकोंके सर्वोत्तमहित में, आरसीएलऔरआरएचआईसीएलकेप्रस्तुतीकरणोंएवं इस तथ्यपर भी विचारकरने केउपरांत किआरसीएल द्वाराधारित इनदोनोंसंस्थाओं कीसमूची शेयरपूँजी सहितदोनोंआरजीआईसीएलऔर आरएचआईसीएलके लिए आरसीएलएकमात्रप्रवर्तक है,प्राधिकरण यहउपयुक्त समझताहै कि आईआरडीएअधिनियम, 1999 कीधारा 14 के साथपठित अधिनियमकी धारा 64वीए(5)को लागू कियाजाए तथा इससमस्या का एकस्थायीसमाधान होनेतक प्रबंधन केलिएआरएचआईसीएलऔर आरजीआईसीएलके बीमासंविभाग केसौंपे जाने तकआरएचआईसीएलको निदेश जारीकिया जाए।

19.         तदनुसार,प्राधिकरणआईआरडीएअधिनियम, 1999 कीधारा 14(1) के साथपठित धारा64वीए (5) केअंतर्गत अपनीशक्तियों काप्रयोग करतेहुएनिम्नलिखितनिदेश जारीकरता हैः

I.     आरएचआईसीएलको निदेश

(i)   आरएचआईसीएलनियत दिनांकको सारास्वास्थ्य बीमासंविभागआरजीआईसीएलको अंतरितकरेगा।

(ii)  आरएचआईसीएलपालिसीधारकोंसे संबंधितसभी निवेश औरशेयरधारकोंके खाते मेंनिहित निवेश; बैंक शेष औरहाथ में नकदी; तथाआरएचआईसीएलद्वारा जारीकी गईपालिसियों,यदि कोई हों,पर प्रीमियमसंग्रहण केकारणआरएचआईसीएल केएजेंटों/ शाखाओँके पास निहितनकदी/ चेकएवं कोई अन्यवित्तीयआस्तियाँआरजीआईसीएलको अंतरितकरेगी।

(iii)आरजीआईसीएलआरएचआईसीएलकी निधियों काअनुरक्षण एकअलग खाते मेंकरेगी तथाउनका उपयोग आरएचआईसीएलकेपालिसीधारकोंकी देयताएँअदा करने केलिए करेगी जोनियत दिनांकको अथवा उसकेबाद उत्पन्नहोंगी। नियतदिनांक तक ऐसीदेयताओं काभुगतानआरएचआईसीएलद्वारा कियाजाएगा।

(iv)  आरएचआईसीएलआरजीआईसीएलको संविभाग केअतरण; तथानिपटान के लिएआरजीआईसीएलको दावे प्रस्तुतकरने के लिएप्रक्रिया केबारे में सभीवर्तमानपालिसीधारकोंको सूचित करतेहुए उन्हेंसूचना देगा।इसेराष्ट्रीयतौर पर व्यापकरूप से प्रसारसे युक्त दोसमाचारपत्रोंमें (एकअंग्रेजी मेंऔर दूसराहिन्दी में)भी प्रकाशितकिया जाएगा।

(v)   आरएचआईसीएलसभी अभिलेख औरआईटीप्रणालियाँ आरजीआईसीएलको उपलब्धकराएगी ताकिआरजीआईसीएलपालिसीधारकोंके दावों कानिपटान तत्परतापूर्वककर सके।

(vi)  आरएचआईसीएलनियत दिनांककी स्थिति केअनुसारबीमांककों केएक पैनल केद्वारा आकलितपालिसीधारकोंकी देयताप्राप्तकरेगी तथानियत दिनांकसे 10 दिन केअंदर वहप्राधिकरण कोप्रस्तुतकरेगी।

(vii)आरएचआईसीएलअपनी अवशिष्टआस्तियों कावलयरोधन(रिंगफ़ेन्सिंग)करेगी तथाप्राधिकरण के पूर्वलिखितअनुमोदन केबिना उनकाविक्रय नहींकरेगी।

(viii)   नियतदिनांक को औरउस दिनांक सेआरएचआईसीएलबीमा व्यवसायका जोखिम अंकनबंद करेगी तथाइस आशय कीसूचनाआरएचआईसीएलकी वेबसाइट परप्रदर्शित कीजाएगी तथा इसेउसकी सभी शाखाओंमें प्रमुखरूप सेप्रदर्शितकिया जाएगा।

II.   आरजीआईसीएलको निदेश

(i)   आरएचआईसीएलकी आस्तियोंऔर देयताओं कोआरजीआईसीएलसाधारण बीमा व्यवसायसे अलग रखेगीतथा इनकीसूचना व्यवसायकी एक अलगव्यवस्था केरूप में देगी।

(ii)  आरएचआईसीएलसंविभाग सेउत्पन्नहोनेवाले दावोंका निपटानआरजीआईसीएलतत्परतापूर्वककरेगी तथाइसके लिएप्रक्रियाअपनी वेबसाइट #2346;रतथा अपने सभीकार्यालयोंऔर शाखाओं केनोटिस बोर्डपर प्रदर्शितकरेगी।आरएचआईसीएलके पालिसीधारकोकी चिंताओँ/ समस्याओं कोसंभालने केलिए वह एकसमर्पित ई-मेलआईडी औरहेल्पलाइननिर्मितकरेगी।

(iii)आरएचआईसीएलकी ओर सेआरजीआईसीएलकोई नई पालिसीजारी नहींकरेगी और न हीवहआरएचआईसीएलसंविभाग से किसीपालिसी कानवीकरण करेगी।तथापि,आरएचआईसीएलकेपालिसीधारकोंको आरजीआईसीएलसहित अन्यबीमाकर्ताओंको अपनी पालिसियोंकी सुवाह्यता(पोर्टबिलिटी)का अवसर औरविकल्पउपलब्ध करायाजाएगा।

(iv)  आरजीआईसीएलउक्त संविभागसे संबंधितपालिसीधारकडेटा कीगोपनीयतासुनिश्चितकरेगी।

III.  आरजीआईसीएलऔर आरएचआईसीएल

(i)   आरएचआईसीएलकेपालिसीधारकोंकी सर्विसिंग केसंबंध मेंप्रायः पूछेजानेवालेप्रश्न (एफएक्यू)उपलब्धकराएँगी तथाइन्हें दोनोंबीमाकर्ताओंकी वेबसाइट परभी प्रदर्शितकरेंगी।

(ii)  अपनीवेबसाइट पर इसआदेश की प्रतिको प्रमुख रूपसे स्थान देनेकी व्यवस्थाकरेंगी तथाअपनीप्रत्येकशाखा औरकार्यालय मेंएक ध्यानाकर्षीस्थान पर इसआदेश केपरिचालन अंशकी एक प्रतिचिपकाने कीव्यवस्थाकरेंगी।

IV.   यह भीनिदेश दियाजाता है कि

(i)   उपर्युक्तआदेश को कार्यान्वितकरने के लिएनियत दिनांक 15नवंबर 2019 होगा।

(ii)  आरएचआईसीएलऔरआरजीआईसीएलयह आदेशसूचनार्थअपने संबंधितबोर्ड केसमक्ष उनकीअगली बैठक मेंप्रस्तुतकरेंगी।

(iii)आरएचआईसीएलनियत दिनांकसे 30 दिन केअंदर प्रस्तावितविलय / समामेलनअथवापुनःप्रवर्तन(रिवाइवल) केसंबंध मेंअपने बोर्डद्वाराअनुमोदित कार्ययोजना (ऐक्शनप्लान)प्रस्तुतकरेगी।

(iv)  आरएचआईसीएलऔरआरजीआईसीएलनियत दिनांकसे 3 दिन केअंदरउपर्युक्तनिदेशों केअनुपालन के संबंधमेंप्राधिकरण कोसूचितकरेंगी।

(v)   आरसीएल,आरजीआईसीएलऔरआरएचआईसीएलऐसी किसी भीगतिविधि केबारे में प्राधिकरणकोतत्परतापूर्वकसूचित करेंगी जोआरजीआईसीएलऔर / याआरएचआईसीएलकेपालिसीधारकोंके हितों को प्रभावितकर सकती है।

20.         यह आदेशअधिनियम औरविनियमों केउपबंधों के अंतर्गतउपयुक्तकार्रवाईप्रारंभ करनेके लिए प्राधिकरणके अधिकार परप्रतिकूलप्रभाव के बिनाजारी कियाजाता है।

21.         यदिआरएचआईसीएल,आरजीआईसीएलऔर आरसीएल इसआदेश सेअसंतुष्ट हैं,तो बीमाअधिनियम, 1938 कीधारा 110 केउपबंधों केअनुसारप्रतिभूतिअपीलीय न्यायाधिकरण(एसएटी) केसमक्ष अपीलप्रस्तुत की जासकती है।

 

(डा.सुभाष सी.खुंटिआ)

अध्यक्ष

स्थानःहैदराबाद

 

दिनांकः 06.11.2019

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