Document Detail

Title: आदेश
Reference No.: आईआरडीएआई/ईएनएफ/ओआरडी/ओएनएस/178/09/2019
Date: 30/09/2019
मेसर्स श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनैंस कंपनी लिमिटेड के मामले में अंतिम आदेश

सं.आईआरडीएआई/ईएनएफ/ओआरडी/ओएनएस/178/09/2019

 

मेसर्सश्रीरामट्रांसपोर्टफाइनैंस कंपनीलिमिटेड

केमामले मेंअंतिम आदेश

 

कारणबताओ नोटिस दिनांक15 मार्च 2019 केलिए उत्तर एवंभारतीय बीमाविनियामक औरविकासप्राधिकरण केकार्यालय,सर्वे सं. 115/1,फाइनैंशियलडिस्ट्रिक्ट,नानकरामगूडा,गच्चीबौली,हैदराबाद मेंसदस्य (वितरण)की अध्यक्षतामें 13 अगस्त 2019को अपराह्न 02:30बजेआयोजितवैयक्तिकसुनवाई केदौरान किये गयेप्रस्तुतीकरणोंके आधार पर

 

पृष्ठभूमिः

1. भारतीयबीमाविनियामक औरविकासप्राधिकरण (इसआदेश में इसकेबाद प्राधिकरणके रूप मेंउल्लिखित) नेमेसर्सश्रीराम ट्रांसपोर्टफाइनैंसकंपनीलिमिटेड (इसआदेश में इसकेबाद कारपोरेटएजेंटअथवा सीएके रूप मेंउल्लिखित) काएक आनसाइटनिरीक्षण 19-02-2018से 21-02-2018 तक कीअवधि के दौरानकिया।प्राधिकरण नेनिरीक्षणरिपोर्ट की एकप्रतिटिप्पणियाँ माँगतेहुए सीए को प्रेषितकी तथा सीए कीटिप्पणियाँदिनांक 16-04-2018 केउनके पत्र केद्वाराप्राप्त कीगईं। सीएद्वारा कियेगयेप्रस्तुतीकरणोंकी जाँच करनेके बादप्राधिकरण ने15-03-2019 को कारणबताओ नोटिस जारीकिया जिसकाप्रत्युत्तरसीए द्वारा दिनांक04-04-2019 के अनुसारदिया गया।उसमें कियेगये अनुरोध केअनुसार सीए कोवैयक्तिकसुनवाई का एकअवसर 13-08-2019 को दियागया। श्रीके. रविशंकर(अध्यक्ष),श्री एस.सुंदर (कार्यकारीनिदेशक) औरश्री यू.बालसुंदरराव(प्रधानअधिकारी) सीएकी ओर से उक्तसुनवाई मेंउपस्थित थे।प्राधिकरण कीओर से, श्रीसुजय बनर्जी(सदस्य – वितरण),श्री प्रभातकुमार मैती(महाप्रबंधक –प्रवर्तन), श्रीटी. एस. नाईक(महाप्रबंधक –एजेंसीवितरण),श्रीमती पी.कांतिश्री(प्रबंधक –एजेंसी वितरण)और श्री चंदनसिंह (सहायकप्रबंधक –प्रवर्तन)उक्तवैयक्तिकसुनवाई केदौरान उपस्थितथे।

 

2.  सीएद्वारा कारणबताओ नोटिस केलिए अपने लिखितउत्तर मेंदिये गयेप्रस्तुतीकरणोंतथा वैयक्तिकसुनवाई केदौरान किये गयेप्रस्तुतीकरणोंऔर कारण बताओनोटिस (एससीएन)के लिए उत्तरमें सीएद्वाराप्रस्तुतकिये गयेदस्तावेजोंएवं वैयक्तिकसुनवाई के दौरानअपनेप्रस्तुतीकरणोंके समर्थन मेंवैयक्तिकसुनवाई के बादप्रस्तुतकिये गयेदस्तावेजोंपर प्राधिकरणद्वारा विचारकिया गया औरतदनुसारआरोपों परलिये गयेनिर्णय काविवरण नीचेदिया गया है।

 

3. आरोप

यहपाया गया कि 14अप्रैल 2015 और 28मार्च 2017 के बीचकर्मचारी कूट38176 से युक्त एकविनिर्दिष्टव्यक्ति(एसपी) द्वारा 983पालिसियाँअपेक्षित कीगईं यद्यपिकथित एसपी को 13अप्रैल 2015 कोनियोजन सेभारमुक्तकिया गया था।यह भी पायागया कि एकनिर्दिष्टदिन को विनिर्दिष्टव्यक्ति (एसपी)विभिन्नभौगोलिकस्थानों परशाखाओँ मेंव्यवसाय कीअपेक्षा कररहे थे।

 

उक्तसीएविनिर्दिष्टव्यक्तियों(एसपी) से इतरव्यक्तियोंद्वाराअपेक्षा(सलिसिटेशन) कीप्रथा काअनुसरण कर रहाहै तथा पालिसीका आबंटनविनिर्दिष्टव्यक्तियों (एसपी)के नाम कर रहाहै। कई मामलोंमें प्रस्तावफार्मों मेंमध्यवर्ती/एसपीका विवरण औरएसपी केहस्ताक्षरनिहित नहींहैं।उत्पादोंअर्थात् न्यूश्री लाइफ, लाइफसेक्यूर प्लस,के मामलों मेंजिनके संबंध मेंप्रधान रूप सेगारंटीरहितलाभ विद्यमानहैं; उक्तलाभ निदर्शनोंपर विनिर्दिष्टव्यक्तियों(एसपी) अथवाव्यवसाय कीअपेक्षा करनेके लिएअर्हताप्राप्तव्यक्तियोंके हस्ताक्षरनहीं हैं। बीमाकर्ताकाप्रस्तुतीकरणभी स्पष्ट रूपसे निर्दिष्टकरता है किअधिकांशमामलों में एसपीकी संबद्धताव्यवसाय कीअपेक्षा केदौरान नगण्यहै और इस कारणसे सीएव्यवसाय कीअपेक्षा करनेके लिएलाइसेंसरहितव्यक्तिय़ोंको नियुक्त कररहा है। सीएने आईआरडीएआई(कारपोरेट एजेंटोंका पंजीकरण)विनियम, 2015 केविनियम 26 केअंतर्गतअनुसूची-III केखंड II(3)(ii)(क),खंड II(3)(ii)(ड),खंड II(3)(ii)(ण)का उल्लंघनकिया है।

 

सीएकेप्रस्तुतीकरणः-

सीएनेप्रस्तुतीकरणकिया किविनिर्दिष्टव्यक्तियों(एसपी) में सेएक एसपी जिसे 13अप्रैल 2015 कोकार्यभार सेमुक्त कियागया था, नेसंबंधित 76पालिसियों कीअपेक्षा अपनेत्यागपत्र से पहलेकी थी तथाउक्तपालिसियाँअभिलिखितकरने और जारीकरने काप्रशासनिककार्य उसकेभारमुक्तकिये जाने केबाद किया गयाथा। शेष 907पालिसियाँपृष्ठांकन(इंडार्समेंट)के मामले थीं।यह सिद्ध करनेके लिए किअपेक्षा (सलिसिटेशन)14 अप्रैल 2015 सेपहले की गई थी,सीए ने 76 प्रस्तावफार्मों कीप्रतियाँप्रस्तुत कीहैं।

 

सीएने आगेप्रस्तुतकिया कि वेकेवल चयनित सरलसंरक्षणयोजनाएँ –श्रीराम लाइफकैश बैक टर्मप्लान औरश्रीराम लाइफसेक्यूर प्लसप्लान -प्रस्तावितकरते हैं जोपारंपरिकसममूल्येतर(नान-पार)प्लेटफार्मपर हैं, तथा जो गारंटीकृतलाभों के साथसुसंगत, मानकऔर अधिकांशतः स्वतःस्पष्टहैं। उत्पादका चयन ऐसा हैकि विनिर्दिष्टव्यक्ति कोप्रीमियम परकिसी प्रतिलाभ(4% और 8%पर) कानिदर्शनस्पष्ट नहींकरना पड़ताक्योंकि उक्तलाभों के लिएकिसीप्रतिलाभ कीआवश्यकतानहीं होती।सीए नेट्रकिंगसमुदाय कीसेवा करने काअपना व्यावसायिकमाडल स्पष्टकिया जो एक सीमित(क्लोज) औरघनिष्ठ समूहहै जहाँ बीमासंबंधी सूचनासक्रिय रूप सेसाझा की जातीहै तथा इसप्रकारउन्हेंबैठकें/पारस्परिकविचार-विमर्शकरने मेंसुविधा होतीहै। उनग्राहकों केलिए जो पालिसीखरीदने मेंरुचि दर्शातेहैं, एसपी केद्वारा जब भीआवश्यकता होतब सहायता कीजाती है तथाइस कारण सेपरस्पर विचार-विमर्श(इंटर ऐक्शन)और अपेक्षा(सलिसिटेशन)की यह प्रक्रियाएक ही दिनविभिन्नशाखाओं मेंअनेक ग्राहकोंकी सहायताकरने में उनकेविनिर्दिष्टव्यक्तियों(एसपी) कोसमर्थ बनातीहै। सीए के पासवर्तमान मेंलगभग 1600 शाखाएँऔर 550 एसपी हैं।

 

सीएने स्वीकारकिया और मानलिया कि विनिर्दिष्टव्यक्ति केहस्ताक्षर औरमध्यवर्ती के विवरण कुछनमूना जीवनप्रस्तावों मेंनहीं भरे गयेथे।

 

4. निर्णयः

क)   सीएने 76 प्रस्तावफार्मप्रस्तुतकिये हैं जिनमेंसे एकप्रस्ताव दोबार प्रस्तुतकिया गया है।अतः यह गणनाकी गई है किसीए नेविचाराधीनअवधि के दौरान75 प्रस्तावोंकी अपेक्षा कीहै। उक्त 75प्रस्तावफार्मों कीजाँच की गई है।फार्मों कीउक्त जाँचदर्शाती है किकिसी भी फार्ममें अपेक्षा(सलिसिटेशन)की तारीख,व्यवसाय कीअपेक्षाकरनेवालेएसपी का नामऔर हस्ताक्षरनहीं हैं। अतःएसपी यह दर्शानेमें विफल हुआहै कि उक्तअपेक्षा 14अप्रैल 2015 सेपहले तथालाइसेंसप्राप्तएसपी केद्वारा की गईथी। इसकेअतिरिक्त, `पृष्ठांकन(इंडार्समेंट)के 907 मामलोंमें (जैसा किसीए द्वाराघोषित कियागया है), 277पालिसियाँपृष्ठांकनकरने के बजाय निरस्तकी गई थीं।लगभग 30% पालिसियोंका निरसनजिनके बारेमें दावा कियागया है किउनकी अपेक्षा(सलिसिटेशन)कथित एसपी केद्वारा उसकेकार्यभार से मुक्तहोने की तारीखसे पहले की गईहै, सीए द्वाराव्यवसाय काप्रापण करनेके लिएअपविक्रय (मिससेलिंग)एवं अनधिकृत/अप्रशिक्षितव्यक्तियोंद्वारा उपयोगके अपरिहार्यनिष्कर्ष केलिए मार्गप्रशस्त करतीहै।

ख)   उनउत्पादों केमामलों मेंजिनके संबंधमें प्रधानरूप सेगारंटीरहितलाभ विद्यमानहैं, लाभनिदर्शनों परएसपी केद्वाराहस्ताक्षरनहीं किये गयेहैं। ऐसेउदाहरण हैंजहाँप्रस्तावफार्मों मेंयथाउल्लिखितबीमा योजना औरप्रीमियम, लाभनिदर्शन(बीआई) में उल्लिखितबीमा योजना औरप्रीमियम सेभिन्न हैं। इनलाभनिदर्शनों(बीआई) पर भीएसपी केद्वाराहस्ताक्षरनहीं किये गयेथे जिससेआईआरडीए(असंबद्ध बीमाउत्पाद)विनियम, 2013 केविनियम 43(ख) काउल्लंघन कियागया है। यह इसनिष्कर्ष कोऔर मजबूत करताहै कि व्यवसायप्राप्त करनेके लिए सीएअप्रशिक्षित औरअनधिकृतव्यक्तियोंको नियुक्त कररहा था।

 

ग)    चूँकिऊपर (क) केअंतर्गतउल्लिखितकारणों और आधारोंसे सीए यहसिद्ध करनेमें विफल हुआहै कि उन 75प्रस्तावोंकी अपेक्षालाइसेंसप्राप्तविनिर्दिष्टव्यक्तियों(एसपी) केद्वारा की गईथी, जो ऊपर (ख) केअतर्गतउल्लिखितकारणों सेसमर्थित हैं, अतःयह निष्कर्षनिकाला जाताहै कि सीए नेआईआरडीएआई(कारपोरेटएजेंटों कापंजीकरण)विनियम, 2015 केविनियम 26 केअंतर्गतअनुसूची-IIIके खंड II(3)(ii)(),खंड II(3)(ii)()और खंड II(3)(ii)()का उल्लंघनकिया है।

 

घ)   उपर्युक्तउल्लंघन केलिए, बीमाअधिनियम, 1938 कीधारा 102(बी) केअंतर्गत अपनेमें निहितशक्तियों काप्रयोग करतेहुएप्राधिकरणउक्त कारपोरेटएजेंट पर रु. 15,00,000/-(केवलपन्द्रह लाखरुपये) काअर्थ-दंडलगाता हैजिसकी गणना एकलाख रुपयेप्रति दिन केआधार पर की गईहै जिसकेदौरानउपर्युक्तउल्लंघन कियागया है अर्थात्यह मानते हुएकि 75पालिसियों कीअपेक्षा 15विभिन्नतारीखों पर कीगई है। इसकेअतिरिक्त,उक्त सीए को आईआरडीएआई(कारपोरेटएजेंटों कापंजीकरण)विनियम, 2015 केविनियम 26 केअंतर्गतअनुसूची-IIIके खंडII(3)(ii)(), खंडII(3)(ii)(),खंड II(3)(ii)()एवं आईआरडीए(असंबद्ध बीमाउत्पाद)विनियम, 2013 केविनियम 43(ख) काकड़ाई सेअऩुपालन करनेका निर्देशदिया जाता है।

 

5. निर्णयोका सारांशः

 

इसआदेश मेंनिहितनिर्णयों कासारांश निम्नानुसारहैः

 

 

 

आरोप का संक्षिप्त शीर्षक और उल्लंघन किये गये उपबं&##2343;

निर्णय

आरोपः व्यवसाय प्राप्त करने के लिए विनिर्दिष्ट व्यक्तियों (एसपी) से इतर व्यक्तियों को नियुक्त करना

 

उपबंधः आईआरडीएआई (कारपोरेट एजेंटों का पंजीकरण) विनियम, 2015 के विनियम 26 के अंतर्गत अनुसूची-III का खंड II(3)(ii)(), खंड II(3)(ii)(), खंड II(3)(ii)()

रु. 15 लाख का अर्थ-दंड

 

एवं

निर्देश

6. जैसा किसंबंधित आरोपके अंतर्गतनिर्देश दियागया है, रु. 15,00,000/-(केवल पन्द्रहलाख रुपये)का अर्थ-दंडसीए द्वारा इसआदेश कीप्राप्ति कीतारीख से 15 दिनकी अवधि केअंदर एनईएफटी/आरटीजीएसके माध्यम सेविप्रेषितकिया जाएगा(जिसकेसंबंधितविवरण कीसूचना अलग सेदी जाएगी)। विप्रेषणकी सूचना श्रीप्रभात कुमारमैती, महाप्रबंधक(प्रवर्तन) कोभारतीय बीमाविनियामक औरविकासप्राधिकरण,सर्वे सं. 115/1,फाइनैंशियलडिस्ट्रिक्ट,नानकरामगूडा,गच्चीबौली,हैदराबाद-500032 केपते पर भेजीजाए।

 

7.  सीएइस आदेश केपैरा 5 मेंउल्लिखित सभीनिर्देशों केसंबंध मेंअनुपालन कीपुष्टि इसआदेश की प्राप्तिकी तारीख से 21दिन के अंदरकरेगा। उक्तआदेश सीएफर्म कीलेखा-परीक्षासमिति के समक्षऔर बोर्ड कीतत्काल अगलीबैठक में भीप्रस्तुतकिया जाएगातथा सीएप्राधिकरण कोविचार-विमर्शकेकार्यवृत्तकी एक प्रति प्रस्तुतकरेगा।

 

8.  यदिसीए इस आदेशमें निहितकिसी भीनिर्णय से असंतुष्टहै, तो बीमाअधिनियम, 1938 कीधारा 110 के अनुसारप्रतिभूतिअपीलीयन्यायाधिकरण(एसएटी) केसमक्ष एक अपीलप्रस्तुत कीजा सकती है।

 

(सुजय बनर्जी)

सदस्य(वितरण)

स्थानःहैदराबाद

दिनांकः 27सितंबर 2019

  • Download


  • file icon

    Final Order in the matter of M_s Shriram Transport Finance Company Ltd.pdf

    १.६ MB