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Title: आदेश
Reference No.: आईआरडीए/एनएल/ओआरडी/सीआरई/123/07/2019
Date: 26/07/2019
मेसर्स भारती अक्सा जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के मामले में आदेश – व्यापा

दिनांक26 जुलाई 2019

 

संदर्भःआईआरडीए/एनएल/ओआरडी/सीआरई/123/07/2019

 

मेसर्सभारती अक्साजनरलइंश्योरेंसकंपनी लिमिटेडके मामले मेंआदेश –व्यापारिकउधार बीमापालिसी(यूआईएनआईआरडीएएन139आरपी0043वी01200910)में संशोधन कीफाइलिंग

 

निम्नलिखितके आधार पर

(i)                भारतीयबीमाविनियामक औरविकासप्राधिकरण (इसआदेश में इसकेबाद `प्राधिकरणअथवा `आईआरडीएआईके रूप मेंउल्लिखित)द्वारा जारीकिये गये साधारणबीमाउत्पादों केलिए उत्पादफाइलिंग प्रक्रियाओंसंबंधीदिशानिर्देशोंके अनुसरण मेंव्यापारिकउधार बीमापालिसी में संशोधनकी फाइलिंग केसंबंध मेंकारण बताओनोटिस (इसआदेश में इसकेबाद `एससीएनके रूप मेंउल्लिखित)संदर्भ सं.आईआरडीएआई/एनएल/प्रो/बीएएक्सएजीआईसीएल/एससीएऩ/306/2018-19दिनांक 11जनवरी 2019

(ii)              उपर्युक्तएससीएन के लिएमेसर्स भारतीअक्सा जनरलइंश्योरेंसकंपनीलिमिटेड (इसआदेश में इसकेबाद `बीएएक्सएजीआईसीएलके रूप मेंअथवा `बीमाकर्ताके रूप मेंउल्लिखित) काउत्तर दिनांक1 फरवरी 2019।

(iii)            प्राधिकरणके अध्यक्ष केद्वाराहैदराबाद स्थितउनकेकार्यालय मेंप्रदत्त 7 मई 2019को आयोजितवैयक्तिकसुनवाई के दौरानबीएएक्सएजीआईसीएलके द्वाराकिये गये प्रस्तुतीकरण।

(iv)            वैयक्तिकसुनवाई के बादबीएएक्सएजीआईसीएलके द्वारादिनांक 15 मई 2019के अनुसारप्रस्तुत अतिरिक्तप्रस्तुतीकरण/डेटा।

 

1.      पृष्ठभूमिः

1)     मेसर्सभारती अक्साजनरल इंश्योरेंसकंपनीलिमिटेड नेअपनीव्यापारिकउधार बीमापालिसी केसंशोधन के लिएफाइल किया था।उपर्युक्तउत्पाद केआवेदन काप्रसंस्करणकरते समयप्राधिकरण नेपाया किबीमाकर्ता नेप्राधिकरण सेलिखितपुष्टीकरणप्राप्त कियेबिना हीप्रस्तावितपरिवर्तनोंके साथ उक्तउत्पाद काविपणन पहले हीकिया था। अतःएससीएन 11जनवरी 2019 कोजारी किया गयाजिसका उत्तरबीएएक्सएजीआईसीएलद्वारा पत्रदिनांक 1फरवरी 2019 के अनुसारदिया गया। उसपत्र मेंबीएएक्सएजीआईसीएलद्वारा कियेगये अनुरोध केअनुसार बीएएक्सएजीआईएसएलको एकवैयक्तिकसुनवाई काअवसर 7 मई 2019 कोप्रदान कियागया।

 

2)     श्रीसंजीवश्रीनिवासन,प्रबंधनिदेशक एवं मुख्यकार्यकारीअधिकारी, श्रीमिलिंद वी.कोल्हे,सीयूओ, श्रीनीलेश कांबली,सीएफओ और श्रीअमित रहेजा,मुख्यअनुपालनअधिकारीबीएएक्सएजीआईसीएलकी ओर से उक्तवैयक्तिकसुनवाई मेंउपस्थित थे।प्राधिकरण कीओर से डा.सुभाष सी. खुंटिआ,अध्यक्ष,सुश्रीयज्ञप्रियाभरत, मुख्यमहाप्रबंधक(गैर-जीवन),श्री के.महीपाल रेड्डी,उपमहाप्रबंधक(गैर-जीवन),श्री प्रदीपकुमार सिंह,प्रबंधक(गैर-जीवन) भीउपस्थित थे।

 

3)     बीएएक्सएजीआईसीएलद्वारादिनांक 1फरवरी 2019 केअपने पत्र मेंतथा 7 मई 2019 कोवैयक्तिक सुनवाईके दौरान कियेगयेप्रस्तुतीकरणोंपर प्राधिकरणद्वारा विचारकिया गया।

 

2.      आरोप

 

बीमाकर्ताने साधारणबीमाउत्पादों केलिए उत्पादफाइलिंगप्रक्रियासंबंधीदिशानिर्देशोंके पैरा 7.2(IV)(एस)तथाबीमाकर्ताद्वाराव्यापारिकउधार बीमासंबंधीदिशानिर्देशोंके खंड II.3 काउल्लंघन कियाहै, जो यहाँनीचे उद्धृतकिये जा रहेहैं :

 

1)     साधारणबीमाउत्पादों केलिए उत्पादफाइलिंगप्रक्रियाओंसंबंधीदिशानिर्देशदिनांक 18 फरवरी2016 का पैरा 7.2 (IV)(एस):बीमाकर्ताप्रस्तावितपरिवर्तनोंके साथ उसकेनोटिंग केबारे मेंप्राधिकरण सेलिखित पुष्टीकरणप्राप्त कियेबिना उत्पादका विपणन नहींकरेगा, यदिउत्पाद फाइलएण्ड यूज़प्रक्रियाओंके अंतर्गतआता हो।

 

2)     व्यापारिकउधार बीमासंबंधीदिशानिर्देशदिनांक 10मार्च 2016 का खंड II.3: किसी भीव्यापारिकउधार बीमापालिसी काविक्रय तब तकनहीं कियाजाएगा जब तकउत्पाद के लिएप्राधिकरण कापूर्वअनुमोदनप्राप्त नहींहोता।

 

3.      प्रस्तुतीकरणोंका सारांशः

 

1)     बीमाकर्ताने अपने लिखितउत्तर मेंप्रस्तुतीकरणकिया कि यहकंपनी कीधारणा औरविश्वास था किउक्त उत्पादसंशोधितव्यापारिकउधार संबंधीदिशानिर्देशोंका अनुपालन कररहा था तथाकंपनी द्वारालागू किये गयेसंशोधनसंशोधितदिशानिर्देशोंके अनुरूप थेऔर इस कारण सेउन्होंने आगेबढ़कर उसकाविपणन किया।

 

2)     वैयक्तिकसुनवाई केदौरानबीमाकर्ता नेस्वीकार कियाहै कि उनकी ओरसे चूकें हुईथीं तथा उत्पादकी विशेषताओंमें संशोधन तबतक नहीं करनाचाहिए था जबतक प्राधिकरणद्वाराउन्हें नोटनहीं कियाजाता।बीमाकर्ता नेप्राधिकरण कोआश्वासन दियाहै कि अब एकसख्त अनुपालनव्यवस्थाबनाई गई हैजिससे इसप्रकार कीघटनाओं की पुनरावृत्तिन हो।

 

3)     बीमाकर्ताने पुष्टि कीकि उन्होंनेमार्च 2019 के अंततक अठारहपालिसियों काविपणन औरजोखिम-अंकनकिया है।

 

4.      निर्णय

 

कारणबताओ नोटिस केलिए उत्तरों,वैयक्तिकसुनवाई मेंकिये गयेप्रस्तुतीकरणों,तथ्यों औरअभिलेख के रूपमें उपलब्धसामग्री की जाँचकरने के बादमेरी राय हैकि बीमाकर्ताद्वारा अपनेलिखितप्रस्तुतीकरणमें की गईव्याख्या कियह उनकी धारणाहै कि वर्तमानउत्पाद संशोधितव्यापारिकउधार संबंधीदिशानिर्देशोंका पूर्णतःअनुपालन कररहा है,समर्थनीय नहींहै क्योंकिसंशोधितदिशानिर्देशउत्पाद कीअतिरिक्तविशेषताओं कीअनुमति देतेहैं, जैसेअन्यपरिवर्तनोंके बीचप्रत्येकक्रेता सेव्यापारिकप्राप्यराशियों कीक्षतिपूर्ति80 प्रतिशत सेबढ़ाकर 85प्रतिशत करनातथा व्यापारिकउधार बीमा केलिएबीमाकर्ता केकुल निवलप्रतिधारणोंमें वृद्धिकरना। वास्तवमें,बीमाकर्ताद्वारावर्तमानउत्पाद के संशोधनकी फाइलिंगअपने आप मेंइस बात कापर्याप्तप्रमाण है किबीमाकर्ताभली भाँतिसमझता है किसंशोधनआईआरडीएआई केपास फाइलिंगकी अपेक्षाकरता है,उत्पाद केनोटिंग केसंबंध मेंजिनके लिखितपुष्टीकरण केबिना उत्पादका विपणन नहींकिया जा सकता।

 

बीमाकर्ताने अगस्त 2016 सेमार्च 2019 तक कीअवधि अर्थात्दो वर्ष और आठमहीने की अवधिके दौरान आईआरडीएआईद्वारा उचितनोटिंग केबिना संशोधितउत्पाद काविपणन करने केद्वारासाधारण बीमाउत्पादों केलिए उत्पादफाइलिंगप्रक्रियाओंसंबंधीदिशानिर्देशदिनांक 18फरवरी 2016 केपैरा 7.2 (IV)(एस)एवंव्यापारिकउधार बीमासंबंधीदिशानिर्देशदिनांक 10मार्च 2016 के खंड II.3काउल्लंघन कियाहै।

 

मार्च2019 के अंत तकविपणन की गईऔरजोखिम-अंकितअठारह पालिसियोंका अवलोकनकरने पर यहपाया गया हैकि बीमाकर्ताने जनवरी 2019 मेंएससीएन केनिर्गम के बादभी उसकेकार्यों केविरुद्धबनाये गयेआरोप केद्वारानिवारित हुएबिनाप्रस्तावितपरिवर्तनोंके साथ उक्तउत्पाद काविपणन करनाजारी रखा।

 

तथापि,वैयक्तिकसुनवाई मेंबीमाकर्ताद्वारा कियेगयेप्रस्तुतीकरणोंएवं उनके इसआश्वासन परउचित रूप मेंविचार करने केबाद कि ऐसीघटनाओं कीपुनरावृत्तिन होने के लिएएक सख्तअनुपालनव्यवस्थाबनाई गई है,साधारण बीमा उत्पादोंके लिए उत्पादफाइलिंगप्रक्रियाओंसंबंधीदिशानिर्देशदिनांक 18फरवरी 2016 केपैरा 21 केअनुसार एवंबीमा अधिनियम,1938 की धारा 34(1) केअंतर्गतप्राधिकरणमें निहितशक्तियों काप्रयोग करतेहुए, बीमाकर्ताको इसकेद्वारा निदेशदिया जाता हैकि साधारणबीमाउत्पादों केलिए उत्पादफाइलिंगप्रक्रियाओँसंबंधीदिशानिर्देशोंएवंव्यापारिक उधारबीमा संबंधीदिशानिर्देशोंका सावधानीपूर्वकपालन करेजिससे ऐसीचूकों कीपुनरावृत्तिको रोका जासके।

 

इसकेअतिरिक्त,

 

(i)                उक्तआदेश साधारणबीमाकर्ताद्वारा बोर्डके समक्षआगामी बोर्डबैठक में रखाजाएगा तथा साधारणबीमाकर्ताविचार-विमर्शके कार्यवृत्तकी एक प्रतिउपलब्धकराएगा।

(ii)              साधारणबीमाकर्ता इसआदेश की तारीखसे 90 दिन केअंदर, दियेगये निदेश परकी गईकार्रवाई की रिपोर्टप्राधिकरण कोप्रस्तुतकरेगा।

 

यहध्यान रखा जाएकि उक्तनिदेशों काअनुपालन नकरने सेप्राधिकरण केलिए ऐसीकार्रवाई करनेकी आवश्यकताहो सकती हैजैसी कि जरूरीसमझी जाएगी।

 

5.      यदिबीमाकर्ता इसआदेश सेअसंतुष्ट है,तो बीमाअधिनियम, 1938 कीधारा 110 केउपबंधों केअनुसारप्रतिभूतिअपीलीयन्यायाधिकरण(एसएटी) कोअपीलप्रस्तुत कीजा सकती है।

 

(डा.सुभाष सी.खुंटिआ)

अध्यक्ष

स्थानःहैदराबाद

दिनांकः26 जुलाई 2019

 

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    Order in the matter of Ms Bharti AXA General Insurance Co. Ltd. - Filing of revision in Trade Credit Insurance Policy (UIN IRDAN139RP0043V01200910).pdf

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