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दिनांक26 जुलाई 2019
संदर्भःआईआरडीए
मेसर्सभारती अक्साजनरलइंश्योरेंसकंपनी लिमिटेडके मामले मेंआदेश –व्यापारिकउधार बीमापालिसी(यूआईएनआईआरडीएएन139आरपी0043वी01200910)में संशोधन कीफाइलिंग
निम्नलिखितके आधार पर
(i) भारतीयबीमाविनियामक औरविकासप्राधिकरण (इसआदेश में इसकेबाद `प्राधिकरण
(ii) उपर्युक्तएससीएन के लिएमेसर्स भारतीअक्सा जनरलइंश्योरेंसकंपनीलिमिटेड (इसआदेश में इसकेबाद `बीएएक्सएजीआईसीएल
(iii) प्राधिकरणके अध्यक्ष केद्वाराहैदराबाद स्थितउनकेकार्यालय मेंप्रदत्त 7 मई 2019को आयोजितवैयक्तिकसुनवाई के दौरानबीएएक्सएजीआईसीएलके द्वाराकिये गये प्रस्तुतीकरण।
(iv) वैयक्तिकसुनवाई के बादबीएएक्सएजीआईसीएलके द्वारादिनांक 15 मई 2019के अनुसारप्रस्तुत अतिरिक्तप्रस्तुतीकरण
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बीमाकर्ताने साधारणबीमाउत्पादों केलिए उत्पादफाइलिंगप्रक्रियासंबंधीदिशानिर्देशोंके पैरा 7.2(IV)(
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कारणबताओ नोटिस केलिए उत्तरों,वैयक्तिकसुनवाई मेंकिये गयेप्रस्तुतीकरणों,तथ्यों औरअभिलेख के रूपमें उपलब्धसामग्री की जाँचकरने के बादमेरी राय हैकि बीमाकर्ताद्वारा अपनेलिखितप्रस्तुतीकरणमें की गईव्याख्या कियह उनकी धारणाहै कि वर्तमानउत्पाद संशोधितव्यापारिकउधार संबंधीदिशानिर्देशोंका पूर्णतःअनुपालन कररहा है,समर्थनीय नहींहै क्योंकिसंशोधितदिशानिर्देशउत्पाद कीअतिरिक्तविशेषताओं कीअनुमति देतेहैं, जैसेअन्यपरिवर्तनोंके बीचप्रत्येकक्रेता सेव्यापारिकप्राप्यराशियों कीक्षतिपूर्ति80 प्रतिशत सेबढ़ाकर 85प्रतिशत करनातथा व्यापारिकउधार बीमा केलिएबीमाकर्ता केकुल निवलप्रतिधारणोंमें वृद्धिकरना। वास्तवमें,बीमाकर्ताद्वारावर्तमानउत्पाद के संशोधनकी फाइलिंगअपने आप मेंइस बात कापर्याप्तप्रमाण है किबीमाकर्ताभली भाँतिसमझता है किसंशोधनआईआरडीएआई केपास फाइलिंगकी अपेक्षाकरता है,उत्पाद केनोटिंग केसंबंध मेंजिनके लिखितपुष्टीकरण केबिना उत्पादका विपणन नहींकिया जा सकता।
बीमाकर्ताने अगस्त 2016 सेमार्च 2019 तक कीअवधि अर्थात्दो वर्ष और आठमहीने की अवधिके दौरान आईआरडीएआईद्वारा उचितनोटिंग केबिना संशोधितउत्पाद काविपणन करने केद्वारासाधारण बीमाउत्पादों केलिए उत्पादफाइलिंगप्रक्रियाओंसंबंधीदिशानिर्देशदिनांक 18फरवरी 2016 केपैरा 7.2 (IV)
मार्च2019 के अंत तकविपणन की गईऔरजोखिम-अंकितअठारह पालिसियोंका अवलोकनकरने पर यहपाया गया हैकि बीमाकर्ताने जनवरी 2019 मेंएससीएन केनिर्गम के बादभी उसकेकार्यों केविरुद्धबनाये गयेआरोप केद्वारानिवारित हुएबिनाप्रस्तावितपरिवर्तनोंके साथ उक्तउत्पाद काविपणन करनाजारी रखा।
तथापि,वैयक्तिकसुनवाई मेंबीमाकर्ताद्वारा कियेगयेप्रस्तुतीकरणोंएवं उनके इसआश्वासन परउचित रूप मेंविचार करने केबाद कि ऐसीघटनाओं कीपुनरावृत्तिन होने के लिएएक सख्तअनुपालनव्यवस्थाबनाई गई है,साधारण बीमा उत्पादोंके लिए उत्पादफाइलिंगप्रक्रियाओंसंबंधीदिशानिर्देशदिनांक 18फरवरी 2016 केपैरा 21 केअनुसार एवंबीमा अधिनियम,1938 की धारा 34(1) केअंतर्गतप्राधिकरणमें निहितशक्तियों काप्रयोग करतेहुए, बीमाकर्ताको इसकेद्वारा निदेशदिया जाता हैकि साधारणबीमाउत्पादों केलिए उत्पादफाइलिंगप्रक्रियाओँसंबंधीदिशानिर्देशोंएवंव्यापारिक उधारबीमा संबंधीदिशानिर्देशोंका सावधानीपूर्वकपालन करेजिससे ऐसीचूकों कीपुनरावृत्तिको रोका जासके।
इसकेअतिरिक्त,
(i) उक्तआदेश साधारणबीमाकर्ताद्वारा बोर्डके समक्षआगामी बोर्डबैठक में रखाजाएगा तथा साधारणबीमाकर्ताविचार-विमर्शके कार्यवृत्तकी एक प्रतिउपलब्धकराएगा।
(ii) साधारणबीमाकर्ता इसआदेश की तारीखसे 90 दिन केअंदर, दियेगये निदेश परकी गईकार्रवाई की रिपोर्टप्राधिकरण कोप्रस्तुतकरेगा।
यहध्यान रखा जाएकि उक्तनिदेशों काअनुपालन नकरने सेप्राधिकरण केलिए ऐसीकार्रवाई करनेकी आवश्यकताहो सकती हैजैसी कि जरूरीसमझी जाएगी।
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(डा.सुभाष सी.खुंटिआ)
अध्यक्ष
स्थानःहैदराबाद
दिनांकः26 जुलाई 2019