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Title: एक्सपोजर प्रारूप
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Date: 09/07/2019
आईआरडीएआई (अन्य पक्ष प्रबंधक – स्वास्थ्य सेवाएँ) (संशोधन) विनियम, 2019 के प्रारूप पर हितधारकों की टिप्पणियाँ

एक्सपोजर प्रारूप

संदर्भ सं.:-                                                  दिनांकः 09-07-2019

आईआरडीएआई (अन्य पक्ष प्रबंधक – स्वास्थ्य सेवाएँ) (संशोधन) विनियम, 2019 के प्रारूप पर हितधारकों की टिप्पणियाँ

  1. पृष्ठभूमिः

बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (अन्य पक्ष प्रबंधक – स्वास्थ्य सेवाएँ) विनियम, 2001 17 सितंबर 2001 को अधिसूचित किये गये जिनके द्वारा स्वास्थ्य बीमा उद्योग में अन्य पक्ष प्रबंधकों (इसके बाद टीपीए के रूप में उल्लिखित) की संकल्पना प्रारंभ की गई। इन विनियमों की अधिसूचना के बाद स्वास्थ्य बीमा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। इस पृष्ठभूमि में तत्कालीन आईआरडीए (टीपीए-स्वास्थ्य सेवाएँ) विनियम, 2001 में संशोधन किया गया तथा भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (अन्य पक्ष प्रबंधक – स्वास्थ्य सेवाएँ) विनियम, 2016 (टीपीए विनियम, 2016 के रूप में उल्लिखित) 14 मार्च 2016 को अधिसूचित किये गये। तदुपरांत, परिपत्र संदर्भ सं. आईआरडीए/एचएलटी/आरईजी/सीआईआर/ 219/11/2016 दिनांक 15 नवंबर 2016 के द्वारा टीपीए विनियम, 2016 के उपबंधों के संबंध में कुछ स्पष्टीकरण जारी किये गये। उक्त विनियमों के संबंध में जारी किये गये स्पष्टीकरण लागू करने एवं कुछ नये उपबंध समाविष्ट करने और कुछ आशोधन करने के लिए भी उक्त टीपीए विनियम, 2016 का संशोधन करने का प्रस्ताव है।

  1. आईआरडीएआई (टीपीए – स्वास्थ्य सेवाएँ) (संशोधन) विनियम, 2019 के प्रारूप में निम्नलिखित बड़े परिवर्तन प्रस्तावित हैं :
  1. नकदीरहित सुविधा की परिभाषा छोड़ दी गई है क्योंकि यह आईआरडीएआई (स्वास्थ्य बीमा) विनियम, 2016 के विनियम 2(च) के अंतर्गत पहले ही परिभाषित है तथा दोनों परिभाषाओं में कोई असंगति नहीं है।
  2. नेटवर्क प्रदाता की परिभाषा परिपत्र दिनांक 15 नवंबर 2016 को लागू करने के लिए प्रतिस्थापित की गई है जिसमें नेटवर्क प्रदाता की परिभाषा के संबंध में स्पष्टीकरण दिया गया है।
  3. अन्य पक्ष प्रबंधक की परिभाषा शब्द पारिश्रमिक को हटाने के लिए संशोधित की गई है क्योंकि शब्द पारिश्रमिक की परिभाषा आईआरडीएआई (बीमा एजेंटों और बीमा मध्यवर्तियों को कमीशन, पारिश्रमिक और प्रतिफल का भुगतान) विनियम, 2016 के अंतर्गत दी गई है।
  4. टीपीए विनियम, 2016 में विनिर्दिष्ट रूप में स्वास्थ्य सेवाएँ में अन्य बातों के साथ-साथ उसके विस्तार में केवल विदेश यात्रा पालिसियों को शामिल किया गया है एवं साथ ही टीपीए को भारत में यात्रा करनेवाले पालिसीधारकों के लिए विदेशी बीमाकर्ताओं द्वारा जारी की गई विदेश यात्रा पालिसियों के संबंध में सेवा प्रदान करने की अनुमति दी गई है। तथापि, अब विदेश यात्रा को विदेश यात्रा अथवा स्वास्थ्य अथवा चिकित्सा बीमा से प्रतिस्थापित किया गया है।
  5. टीपीए के बीच में प्रतियोगिता को बढ़ावा देने और पालिसीधारकों को टीपीए का चयन करने का विकल्प देने के लिए बीमाकर्ता द्वारा नियुक्त टीपीए में से अपनी पसंद के टीपीए का चयन करने के लिए पालिसीधारकों को अनुमति देने पर विचार किया गया है। इस दिशा में उपयुक्त विनियामक उपबंध प्रस्तावित किये गये हैं।
  6. कार्यशील पूँजी की संकल्पना को टीपीए कंपनी की निवल मालियत (नेट वर्थ) से प्रतिस्थापित किया गया है।
  7. प्राधिकरण के द्वारा टीपीए से वसूल किये जानेवाले शुल्क को संशोधित किया गया है जो निम्नानुसार हैः वापस न करने योग्य प्रसंस्करण शुल्क रु. 20,000 से रु. 1,00,000 (एक लाख), नये आवेदकों के लिए पंजीकरण शुल्क रु. 30,000 से रु. 2,00,000 (दो लाख) तथा नवीकरण आवेदन शुल्क रु. 15,000 से 1,50,000 (एक लाख पचास हजार रुपये)।
  8. आवेदक टीपीए कंपनियों के प्रवर्तकों के लिए नये अर्हकारी मानदंड विनिर्दिष्ट किये गये हैं। इनमें अन्य बातों के साथ-साथ निम्नलिखित शामिल हैं :
  1. कि आवेदक के प्रवर्तक आवेदन की तारीख से पूर्ववर्ती तीन वर्षों में कोई कारोबार अथवा व्यवसाय कर रहे होंगे; और
  2. कि उनकी निवल मालियत (नेट वर्थ) तत्काल पूर्ववर्ती तीन वर्षों में आवेदन की तारीख तक सकारात्मक है; और
  3. आवेदन की तारीख तक तत्काल पूर्ववर्ती दो वर्षों में प्रत्येक प्रवर्तक की निवल मालियत (नेट वर्थ) संबंधित प्रवर्तकों के पूँजीगत अंशदान से अधिक है;
  4. आवेदक के हित के 10% से अधिक धारित करनेवाले निवेशक प्रवर्तक के रूप में माने जाएँगे;
  5. प्रवर्तकों को छोड़कर अन्य सभी भारतीय निवेशक एकसाथ मिलकर प्रदत्त ईक्विटी शेयर पूँजी के 25% से अधिक धारित नहीं करेंगे;
  6. सभी प्रवर्तक पंजीकरण प्रमाणपत्र प्रदान करने की तारीख से तीन वर्ष की अवरुद्धता अवधि (लाक-इन-पीरियड) के लिए सहमत होंगे।
  1. यदि टीपीए व्यवसाय प्रारंभ नहीं करता तो पंजीकरण प्रमाणपत्र (सीओआर) के निरसन के लिए उपयुक्त उपबंध सन्निविष्ट किये गये हैं।   
  2. वर्तमान उपबंध निर्धारित करते हैं कि आवेदक जिसका पंजीकरण प्रमाणपत्र प्रदान करने के लिए आवेदन अस्वीकार किया गया हो, नये सिरे से आवेदन करने के लिए दो वर्ष तक पात्र नहीं है। यह उपबंध अब आवेदक के प्रवर्तकों के संबंध में लागू करने के लिए आशोधित किया गया है जिसका पंजीकरण प्रमाणपत्र प्रदान करने के लिए आवेदन अस्वीकार किया गया हो तथा आवेदक के लिए प्रतीक्षा अवधि एक वर्ष तक कम करने के लिए भी यह आशोधन किया गया है। इसके अलावा, एक नया उपबंध सन्निविष्ट किया गया है कि टीपीए जिसके पंजीकरण प्रमाणपत्र (सीओआर) का प्रतिसंहरण अथवा निरसन किया गया हो अथवा जिसका नवीकरण अस्वीकृत किया गया हो, को भी दो वर्ष की अवधि के लिए नया आवेदन प्रस्तुत करने से रोका जाएगा।
  3. दावा फाइलें और डेटा सौंपने के संदर्भ में प्रत्येक तिमाही की समाप्ति के बाद 15 दिन की अवधि वर्तमान उपबंधों में निर्धारित की गई है। यह तिमाही की समाप्ति के बाद 90 दिन तक आशोधित की गई है। इसके अलावा, यह निर्धारित किया गया है कि टीपीए जो दावे के निपटान से संबंधित फाइलें, डेटा और अन्य सूचना इलेक्ट्रानिक रूप में रखता है, उसे यह सब भौतिक (फिजिकल) पद्धति में रखने से छूट दी जाए।
  4. आचरण संहिता के एक भाग के रूप में यह निर्धारित करते हुए एक खंड शामिल किया गया है कि टीपीए एक बीमाकर्ता की सामूहिक बीमा पालिसी से संबंधित सूचना अथवा डेटा किसी अन्य बीमाकर्ता को केवल उक्त डेटा के संबंधित बीमाकर्ता और सामूहिक पालिसीधारक का सुस्पष्ट और लिखित अनुमोदन प्राप्त करने के बाद ही प्रस्तुत करेगा।  
  5. टीपीए का चयन करने के लिए पालिसीधारकों को अनुमति देते हुए एक उपबंध प्रारंभ करने के परिणामस्वरूप, यह सुनिश्चित करने के लिए आचरण संहिता में एक उपबंध शामिल किया गया है कि टीपीए पालिसीधारकों अथवा संभावित ग्राहकों से सीधे स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने के तौर पर व्यवसाय का प्रचार नहीं करेगा। 
  6. यह सुनिश्चित करने के लिए आचरण संहिता के खंड 2(घ) के अंतर्गत आशोधन लागू किया गया है कि सूचना जो संबंधित बीमाकर्ता के लिए संगत है, को ही टीपीए द्वारा साझा किया जाए।

विनियमों का प्रारूप अनुबंध-1 के रूप में प्रकाशित है। वर्तमान विनियामक उपबंधों और प्रस्तावित उपबंधों का एक तुलनात्मक विवरण भी तर्काधार के साथ अनुबंध-2 के रूप में प्रकाशित है।

सभी हितधारकों से अनुरोध है कि वे अपनी टिप्पणियाँ आईआरडीएआई, हैदराबाद के कार्यालय को अनुबंध-3 के रूप में संलग्न फार्मेट में 30 जुलाई 2019 तक भेजें अथवा ई-मेल द्वारा manju.choudhary@irda.gov.in के पते पर प्रेषित करें।

सुरेश माथुर

कार्यकारी निदेशक

भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण

सर्वे सं. 115/1, फाइनैंशियल डिस्ट्रिक्ट,

नानकरामगूडा, हैदराबाद 500 032

 

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