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भारत मेंबीमा क्षेत्रमें विनियामकसैंडबाक्ससंबंधी समितिकी रिपोर्ट कीओर ध्यान आकर्षितकिया जाता हैजिसनेप्राधिकरणद्वारा एकविनियामकसैंडबाक्स केनिर्माण कीसिफारिश कीहै। जैसा किसुविदित है,उक्त “विनियामकसैंडबाक्सदृष्टिकोण
उपर्युक्तके आलोक में,प्राधिकरण एकविनियामकसैंडबाक्स कानिर्माण करनेका प्रस्ताव करताहै जिसकाउद्देश्य एकऐसे तरीके सेसंवृद्धि कोप्रोत्साहितकरना और अधिकांशनवोन्मेषकंपनियों कीगति को बढ़ानाहै जोविनियामकअपेक्षाओं केसंबंध मेंव्यवहार करनेमें विशेष रूपसेइंश्योरटेकऔर समग्र रूपमें फिनटेकक्षेत्र कोलचीलापनउपलब्ध कराताहै।
उक्तविनियमों केउद्देश्य हैं
(i) एक ओरबीमा क्षेत्रकेसुव्यवस्थितविकास और दूसरीओरपालिसीधारकोंके हितों केसंरक्षण केबीच संतुलनउत्पन्न करना,जबकि इसके साथहीप्रौद्योगिकीगतनवोन्मेषण कोसुसाध्य बनाना।
(ii) विनियामकसैंडबाक्सपरिवेश कोसुसाध्य बनानाऔर यदिउपयुक्त समझाजाता है तो इससंबंध मेंप्राधिकरणद्वारा बनायेगये किन्हींविनियमों केऐसे उपबंधोंको शिथिलकरना।
विनियामकसैंडबाक्सविनियमइन्हेंपरिभाषितकरते हैं- क)आवेदक(वैयक्तिक कोछोड़कर 10 लाख रुपयेकी निवलमालियत और एकवित्तीय वर्षकी अवधि कीस्थितिरखनेवालाबीमाकर्ताअथवा बीमा मध्यवर्तीअथवाव्यक्ति), ख)विनियामकसैंडबाक्सतथा ग)सैंडबाक्सपरिवेश।
उक्तविनियम भारतमें बीमा मेंनवोन्मेषण को बढ़ावादेने के लिएअनुमति कीअपेक्षा करनेके लिएक्रियाविधिभी निर्धारितकरते हैं जिसमेंशामिल हैं-
उक्तविनियम ऊपर दीगई शर्तों केअधीन आवेदक कोकिन्हींविनियमों केएक अथवा उससेअधिक उपबंधोंकी छूट के लिएभी व्यवस्थाकरते हैं।अधिकतम अवधिजिसके लिए छूटप्रदान की जासकती है, एकवर्ष है। येविनियमविनियामकसैंडबाक्स सेसंबंधितपरिचालनगतविषयों केसंबंध मेंआवश्यक दिशानिर्देशजारी करने केलिए भी अनुमतिदेते हैं।
उक्तविनियमों काप्रारूपटिप्पणियोंके लिएप्रस्तुत है,जो randip@irda.gov.in
रणदीपसिंह जगपाल
मुख्यमहाप्रबंधक(मध्यवर्ती)