भारत के माननीयसर्वोच्च न्यायालयने शीर्षांकितमामले के संबंधमें दिनांक 20 जुलाई 2018 केअपने आदेश मेंनिम्नानुसार कहाः"हम यह स्पष्टकरते हैं कि नईकारों के लिए अन्यपक्ष बीमा कवरअधिदेशात्मक तौरपर तीन वर्ष कीअवधि के लिए होनाचाहिए तथा दुपहियावाहनों के लिएयह अधिदेशात्मकतौर पर पाँच वर्षकी अवधि के लिएहोना चाहिए। इसेअलग उत्पाद केरूप में लिया जानाचाहिए और मानाजाना चाहिए।……..इस निर्णय काकार्यान्वयन बेचीगई पॉलिसियों केसंबंध में 1 सितंबर 2018 से किया जानाचाहिए।"
2.सर्वोच्च न्यायालयके उपर्युक्त निर्णयके अनुरूप, सभी साधारण बीमाकर्ता(स्टैंड-अलोन स्वास्थ्यबीमाकर्ताओं औरविशेषीकृत बीमाकर्ताओंको छोड़कर) 1 सितंबर 2018 से नई कारों औरनये दुपहिया वाहनोंके लिए मोटर अन्यपक्ष बीमा कवरोंके संबंध में निम्नलिखितको कार्यान्वितकरेंगेः
(i) नई कारोंके लिए केवल तीनवर्ष के मोटर अन्यपक्ष बीमा कवरऔर नये दुपहियावाहनों के लिएपाँच वर्ष की मोटरअन्य पक्ष बीमापॉलिसियाँ प्रस्तावितकरेंगे।
(ii)आईआरडीए अधिनियम,1999 की धारा 14(2) के अनुसार, प्राधिकरण इसकेद्वारा निर्धारितकरता है कि ऊपर2(i) में उल्लिखितकवरों का कीमत-निर्धारण अनुबंध-क में तय कियेगये रूप में होगा।
(iii)प्रीमियम कीवसूली बीमे केविक्रय के समयसमूची अवधि (तीन वर्ष अथवापाँच वर्ष, जैसी स्थितिहो) की जानीचाहिए, परंतुइसका निर्धारणवार्षिक आधार परकिया जाएगा। दूसरेशब्दों में, इसका निर्धारणप्रत्येक वर्षउस वर्ष के दौरानसकल लिखित प्रीमियमके रूप में कुलप्रीमियम के आई/एन के रूप मेंकिया जाएगा जहाँ`एन~ पॉलिसीकी अवधि है। इसप्रकार, वर्षके लिए प्रीमियमका निर्धारण केवलआय के रूप में कियाजाएगा तथा शेषप्रीमियम को"प्रीमियमजमाराशि" अथवा "अग्रिमप्रीमियम" के रूप में मानाजाएगा।
(iv)निम्नलिखितकारणों को छोड़करकिसी भी अन्य कारणसे बीमाकर्ता अथवाबीमाकृत व्यक्तिके द्वारा किसीमोटर अन्य पक्षबीमा को निरस्तनहीं किया जा सकताः
(क)दोहराबीमा
(ख)कुलहानि अथवा प्रलक्षित(कन्स्ट्रक्टिव)कुलहानि के कारण वाहनआगे उपयोग मेंनहीं हो
(ग) उस स्थितिमें जहाँ वाहनबेचा गया हो और/याहस्तांतरित कियागया हो
(v)मोटर अन्य पक्षबीमा के लिए लागूसभी अन्य वर्तमानउपबंध आवश्यकपरिवर्तनों सहितलगातार जारी रहेंगे।
(vi) यह पर्याप्तहोगा यदि बीमाकर्ताआईआरडीएआई के पाससीएमडी/सीईओद्वारा हस्ताक्षरितएक आशय पत्र फाइलकरें और अभिलेखोंके लिए उसका अनुवर्तनएक भौतिक प्रतिसे करें। आशय पत्रप्राप्त होने परप्रत्येक उत्पादको एक विलक्षणपहचान संख्या(यूआईएन) तत्काल आबंटितकी जाएगी, जिसे30 अगस्त 2018 से पहले फाइलकिया जाएगा।
3.माननीयसर्वोच्च न्यायालयद्वारा निर्देशदिये गये रूप मेंबीमाकर्ता यह सुनिश्चितकरेंगे कि सभीप्रस्तावकों कोऑनलाइन सरणियोंके माध्यम से भीअन्य पक्ष बीमाकवर उपलब्ध हो।वे पुलिस प्राधिकारियोंके साथ भी संपर्करखेंगे ताकि अन्यपक्ष बीमा कवरके निर्गम और नवीकरणको सुसाध्य बनायाजा सके तथा उसकीसुलभ उपलब्धताको सुनिश्चित कियाजा सके।
4.बीमाकर्तादीर्घावधि मोटरअन्य पक्ष बीमाप्रारंभ (अधिदेशात्मकस्वरूप सहित)करने के बारेमें विज्ञापितकरेंगे जैसा किमाननीय सर्वोच्चन्यायालय के द्वारानिर्धारित कियागया है।
5. मोटर निजीक्षति बीमा कवरके संबंध में,आईआरडीए अधिनियम,1999 की धारा 14(2)(i) केअनुसार प्राधिकरणके द्वारा निम्नलिखितको निर्धारित कियाजा रहा हैः
(i) वर्तमानमें, जहाँ तकमोटर निजी क्षतिबीमा का संबंधहै, पैकेज पॉलिसियाँ(अर्थात् व्यापककवर) उपलब्धहैं जहाँ दो घटकोंको समाविष्ट कियागया है – मोटरअन्य पक्ष देयताऔर मोटर निजी क्षतिकवर। नई कारोंऔर नये दुपहियावाहनों के लिएदीर्घावधि मोटरअन्य पक्ष बीमाप्रारंभ करने केबाद बीमाकृत व्यक्तिको निम्नलिखितदो विकल्प दियेजा सकते हैं :
1. तीन वर्षअथवा पाँच वर्ष,जैसी स्थितिहो, के लिए दोनोंमोटर अन्य पक्षबीमा और निजी क्षतिबीमा का प्रस्तावकरते हुए दीर्घावधिपैकेज कवर।
अथवा
2. अन्य पक्षघटक के लिए तीनवर्ष अथवा पाँचवर्ष (जैसालागू हो) कीअवधि से युक्ततथा निजी क्षतिके लिए एक वर्षकी अवधि के साथएक संबद्ध (बंडल्ड) कवर।
(ii) बीमाकर्ताकीमत-निर्धारणके लिए अपने वर्तमानदृष्टिकोण के अनुरूपदीर्घावधि पैकेजकवरों के निजीक्षति घटक का कीमत-निर्धारण उपयुक्तरूप से कर सकतेहैं। दीर्घावधिपैकेज कवर प्रस्तावितकरने की तत्कालआवश्यकता को देखतेहुए, बीमाकर्ता15 सितंबर 2018 से पहले फाइलएण्ड यूज़ दिशानिर्देशोंके अंतर्गत ऐसेउत्पादों की फाइलिंगको सुनिश्चित करनेके साथ ही, 1 सितंबर2018 से इस प्रकारकी पॉलिसियाँ जारीकरना प्रारंभ करसकते हैं। यदिप्राधिकरण यह पाताहै कि कीमत-निर्धारण कादृष्टिकोण मोटरनिजी क्षति केलिए उनके साधारणकीमत-निर्धारणदर्शन / दृष्टिकोणसे भिन्न है औरबीमांकिक सिद्धांतोंके अनुरूप नहींहै, तो प्राधिकरणके द्वारा उपयुक्तनिर्देश जारी कियाजा सकता है। जहाँतक संबद्ध (बंडल्ड) उत्पादके ओडी घटक के एकवर्ष की अवधि केघटक के कीमत-निर्धारण कासंबंध है, यहवैसा ही रहेगाजैसा कि वर्तमानमें पैकेज पॉलिसियोंके ओडी घटक के लिएविद्यमान है।
(iii) ऐसे पैकेजकवर अथवा संबद्ध(बंडल्ड) कवर तत्काल प्रस्तावितकरने के प्रयोजनके लिए, बीमाकर्ताक्रमशः अनुबंधग और अनुबंध घ मेंदिये गये फार्मेटके अनुसार एक आशयपत्र ई-मेलके माध्यम से फाइलकरेंगे तथा अभिलेखोंके लिए उसका अनुवर्तनएक भौतिक प्रतिसे करेंगे। आशयपत्र के प्राप्तहोने पर, जिसे30 अगस्त 2018 से पहले फाइलकिया जाएगा, प्रत्येक बीमाकर्ताको एक यूआईएन तत्कालआबंटित की जाएगी।
(iv) बीमाकर्ताके पास वर्तमानमें विद्यमान सभीवर्धित लाभ (ऐड-ऑन्स)मूल उत्पादके साथ पैकेज कवरको-टर्मिनसके भाग के रूप मेंदीर्घावधि के आधारपर प्रस्तावितकिये जा सकते हैं।बीमाकर्ता उनकीकीमत कीमत-निर्धारण केलिए विद्यमान अपनेवर्तमान दृष्टिकोणके अनुरूप निर्धारितकर सकते हैं। दीर्घावधिपैकेज कवरों अथवासंबद्ध (बंडल्ड)उत्पादों,जैसी स्थितिहो, के लिए ऐड-ऑन्स प्रस्तावितकरने की तत्कालआवश्यकता को देखतेहुए बीमाकर्ता15 सितंबर 2018 से पहले फाइलएण्ड यूज़ दिशानिर्देशोंके अंतर्गत ऐसेऐड-ऑन्स कीफाइलिंग को सुनिश्चितकरते हुए भी, 1 सितंबर 2018 से प्रभावी रूपमें पॉलिसियोंके लिए इस प्रकारके ऐड-ऑन्सजारी करना प्रारंभकर सकते हैं। यदिप्राधिकरण उन ऐड-ऑन्स के लिए कीमत-निर्धारण केदृष्टिकोण को उनकेसामान्य कीमत-निर्धारण दर्शन/दृष्टिकोणसे भिन्न पाताहै, और यह पाताहै कि वह बीमांकिकसिद्धांतों केअनुरूप नहीं है,तो प्राधिकरणके द्वारा उपयुक्तपरामर्श जारी कियाजा सकता है तथावह भविष्य मेंजारी किये जानेवालेसभी ऐड-ऑन्सके लिए लागू होगा। जहाँतक संबद्ध (बंडल्ड) उत्पादके ओडी घटक के लिएऐड-ऑन्स कासंबंध है, वहवैसा ही होगा जैसाकि पैकेज उत्पादोंके लिए वर्तमानमें विद्यमान है।
(v) अनुबंधग अथवा अनुबंधघ, जैसा लागूहो, में दियेगये फार्मेट काउपयोग आशय पत्रको फाइल करने केप्रयोजन के लिएकिया जाएगा, जो ई-मेलके माध्यम से कियाजा सकता है तथाअभिलेखों के लिएउसका अनुवर्तनएक भौतिक प्रतिके साथ किया जासकता है। आशय पत्रप्राप्त होने पर,जिसे 30 अगस्त2018 से पहले फाइलकिया जाएगा, प्रत्येक बीमाकर्ताको तत्काल एक यूआईएनआबंटित की जाएगी।
(vi) जहाँतक दीर्घावधि पैकेजकवर के लिए आईडीवीकी गणना करने कासंबंध है, बीमाकर्ताजोखिम-अंकन,कीमत-निर्धारणऔर दावों के निपटानसहित सभी संबंधितप्रयोजनों के लिएसमय के चलते आईडीवीके उतार-चढ़ावका संज्ञान लेंगे।
(vii) जब पॉलिसीकी अवधि समाप्तकी गई हो, तबकेवल ओडी घटक परकोई दावा बोनसलागू नहीं होगा।
1. जैसीकि ऊपर व्यवस्थाकी गई है, उसेछोड़कर पैकेज पॉलिसियोंके निजी क्षतिघटक के लिए लागूसभी वर्तमान उपबंधआवश्यक परिवर्तनोंसहित लागू होंगे।
2. जबकिदीर्घावधि कवरोंके लिए देय कमीशनका निर्धारण प्राधिकरणद्वारा अलग सेकिया जाएगा,किसीवर्ष में कमीशनका भुगतान केवलउस वर्ष के लिएनिर्धारित सकललिखित प्रीमियमपर ही होगा।
3. बीमाकर्तायह सुनिश्चित करेंगेकि संबद्ध(बंडल्ड)उत्पादके अतिरिक्त जिसमेंएक वर्ष का निजीक्षति घटक शामिलहै, दीर्घावधिपॉलिसियों—दोनोंकेवल अन्य पक्षदेयता एवं पैकेजपॉलिसियों से संबंधितलेनदेन स्तरीयडेटा भारतीय बीमासूचना ब्यूरो(आईआईबीआई)कोकम से कम दिन केअंत तक नियमितरूप से प्रस्तुतकिया जाएगा। हमआईआईबीआई से अनुरोधकर रहे हैं कि वेवर्तमान श्रेणियोंके अतिरिक्त इनश्रेणियों के लिएडेटा अपलोड करनासुसाध्य बनाएँ।
कृपयाइस परिपत्र कीप्राप्ति-सूचना दें तथाइसकी विषय-वस्तु को नोटकरने की पुष्टिकरें। बीमाकर्ताइसमें दिये गयेनिर्देशों / दिशानिर्देशोंका कड़ाई से अनुपालनसुनिश्चित करेंगे।
(पी. जे. जोसेफ)
सदस्य (गैर-जीवन)
प्रतिलिपिप्रेषितः 1. महासचिव, साधारण बीमापरिषद, मुंबई
2. मुख्य कार्यकारीअधिकारी, भारतीयबीमा सूचना ब्यूरो,हैदराबाद