जैसा कि आपसभी जानते हैं सामान्य बीमा परिषद (जनरल इन्शुरन्स काउन्सिल) कोइलेक्ट्रॉनिक लेन-देन व्यवस्था और निपटान प्रणाली (ईटीएएसएस) केप्रशासन का उत्तरदायित्व सौंपा गया है। हमने हाल हीमें ईटीएएसएस में `को-इन्शुरन्स मॉडयूल~ के कार्यान्वयन स्थिति की समीक्षा की हैऔर हम यहजानकर खुश हैं कि इसके कार्यान्वयन में काफी प्रगति हुई है। तथापि, इसमॉडयूल का पूरी तरह से कार्यान्वयन करने की ज़रूरत है औरवास्तव में इटीएएसएस को सफल बनाने के लिए सभी बीमाकर्ताओं को पूरी तरह से एकजुट होना ज़रूरी है।
इस पृष्ठभूमि में, कृपया निम्नलिखित नोट करें :
(1)ईटीएएसएस के संबंध में आईआरडीएआई दिशा-निर्देशों की धारा 8, संदर्भ आईआरडीए/एनएल/ईटीएएसएस/आरआईएन/103/05/2015 दिनांकित 11 मई,2015 की शर्त है किसभी बीमाकर्ताओं को दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा औरजब इसका कार्यान्वयन किया जाता है, सभी सदस्यों को प्रशासक द्वारा समय -समय पर निर्धारित नियमों, दिशा-निर्देशों और ईटीएएसएस की परिचालनात्मक रूप-रेखा कापालन करना होगा। सभी बीमाकर्ताओं को सहबीमा (कोइन्शुरन्स) देय शेषों के निपटान के लिए अनिवार्य रूप सेईटीएएसएस का इस्तेमाल करना होगा और सभी बकाया सह-बीमा शेषों काकेवल ईटीएएसएस के माध्यम से मिलान करना होगा। कृपया यहसुनिश्चित करें कि 1 अप्रैल, 2018 से इसका पालन निरपवाद रूप से सभी लेन-देनों के संबंध में किया जाता है।
(2)ईटीएएसएस गतिविधियों के लिए लक्षित तिथियाँ प्रशासक द्वारा अधिष्टित हैं। शेष कातीव्र निपटान एवं मिलान सुनिश्चित करने के लिए,बीमाकर्ताओं के लिए यह ज़रूरी होगा कि वेनिर्धारित समयोचितता का पालन करें। जबलेखा परीक्षा की जाए तो बीमाकर्ता यह ध्यान में रखें और यहसुनिश्चित करें कि सांविधिक लेखा परीक्षकों को सूचित किया जाता हैकि वे समयोचितता के पालन केसाथ-साथ ईटीएएसएस के कार्यान्वयन पर टिप्पणी करें।
कृपया इस परिपत्र की पावती दें और पुष्टि करें कि आपने विषय वस्तु कोध्यान में रखा है।
पी.जे.जोसेफ
सदस्य (गैर-जीवन)