संदर्भःआईआरडीएआई/एसडीडी/सीआईआर/विविध/047/03/2018 20 मार्च2018
परिपत्र
सभीजीवन और साधारणबीमाकर्ता(स्टैंडअलोनस्वास्थ्य बीमाकर्ताओंसहित)
विषयःधन-शोधननिवारण(अभिलेखोंका अनुरक्षण)दूसरा औरसातवाँ संशोधननियम,
2017
यह धन-शोधननिवारण(अभिलेखोंका अनुरक्षण)(दूसरा संशोधन)नियम,2017 के संबंध मेंहमारे परिपत्रसंदर्भः आईआरडीएआई/एसडीडी/विविध/सीआईआर/248/11/2017दिनांक8 नवंबर2017 एवं धन-शोधननिवारण(अभिलेखोंका अनुरक्षण)(सातवाँ संशोधन)नियम,2017 के संबंध मेंपरिपत्र संदर्भःआईआरडीएआई/एसडीडी/सीआईआर/विविध/267/12/2017दिनांक18 दिसंबर2017 के अनुक्रममें है।
भारतके माननीय सर्वोच्चन्यायालय ने रिटयाचिका(सिविल)सं.494/2012 में दिनांक13.3.2018 के आदेशके अनुसार आधारको संबद्ध करनेकी अंतिम तिथितब तक बढ़ाई हैजब तक इस विषय मेंअंतिम रूप से सुनवाईनहीं होती और निर्णयकी घोषणा नहींकी जाती।
भारतके माननीय सर्वोच्चन्यायालय के आदेशको ध्यान में रखतेहुए, बीमाकर्ताओंको निम्नानुसारसूचित किया जाताहैः
क. वर्तमानबीमा पॉलिसियोंके लिए, आधारको संबद्ध करनेकी तारीख तब तकआगे बढ़ाई जातीहै जब तक इस मामलेमें अंतिम रूपसे सुनवाई नहींहोती और माननीयसर्वोच्च न्यायालयद्वारा निर्णयकी घोषणा नहींकी जाती।
ख. नईबीमा पॉलिसियोंके लिए, रिपोर्टिंगसंस्था अर्थात्बीमाकर्ताओं कोआधार संख्या औरपैन / फार्म60 प्रस्तुतकरने के लिए ग्राहकको खाता आधारितसंबंध के प्रारंभहोने की तारख सेछह महीने की अनुमतिदी जाती है। आधारके अभाव में ग्राहकधन-शोधननिवारण(अभिलेखोंका अनुरक्षण)नियम,2005 (समय-समयपर यथासंशोधित)मेंउल्लिखित रूप मेंकोई भी "आधिकारिकतौर पर विधिमान्यदस्तावेज"प्रस्तुतकरेगा।
यह आपकीसूचना और आवश्यककार्रवाई के लिएहै।
सदस्य(जीवन)