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Title: अंतिम आदेश
Reference No.: आईआरडीए/ईएनएफ/ओआरडी/ओएनएस/38/02/2018
Date: 26/02/2018
मेसर्स चार्टर्ड इंश्योरेंस ब्रोकर्स प्राइवेट लिमिटेड के मामले में अंतिम आदे

कारण बताओनोटिस दिनांक28 नवंबर2017 के उत्तरएवं सदस्य(गैर-जीवन)की अध्यक्षतामें 10 जनवरी2018 को अपराह्न2.30 बजे आयोजितवैयक्तिक सुनवाईके दौरान कियेगये प्रस्तुतीकरणोंके आधार पर।

 

पृष्ठभूमिः-

भारतीयबीमा विनियामकऔर विकास प्राधिकरण(इस आदेश मेंइसके बाद "प्राधिकरण"केरूप में उल्लिखित)ने9 से 11 मार्च2016 तक मेसर्स चार्टर्डइंश्योरेंस ब्रोकर्सप्रा. लि.(इस आदेश मेंइसके बाद "दलाल"केरूप में उल्लिखित)कास्थान पर प्रत्यक्ष(ऑनसाइट)निरीक्षणकिया। प्राधिकरणने टिप्पणियोंकी अपेक्षा करतेहुए निरीक्षण रिपोर्टकी एक प्रति दलालको अग्रेषित कियातथा दलाल की टिप्पणियाँउनके दिनांक29 अगस्त 2016 केपत्र के द्वाराप्राप्त की गईं।दलाल के द्वाराकिये गये प्रस्तुतीकरणोंकी जाँच करने केबाद प्राधिकरणने कारण बताओ नोटिसदिनांक 28 नवंबर2017 जारी किया जिसकाउत्तर दलाल केद्वारा पत्र दिनांक20 दिसंबर2017 के अनुसार दियागया। उस पत्र मेंकिये गये अनुरोधके अनुसार10 जनवरी 2018 कोदलाल को एक वैयक्तिकसुनवाई का अवसरदिया गया। श्रीअर्जुन कुमार गोयल,प्रधानअधिकारी और श्रीअनूप हरजानी,अध्यक्षदलाल की ओर से उक्तवैयक्तिक सुनवाईमें उपस्थित थे।प्राधिकरण की ओरसे श्री पी.जे.जोसेफ,सदस्य(गैर-जीवन),श्रीरणदीप सिंह जगपाल,मुख्यमहाप्रबंधक एवंविभाग-प्रमुख(मध्यवर्ती),श्रीप्रभात कुमार मैती,महाप्रबंधक(प्रवर्तन),श्रीबी. राघवन,उपमहाप्रबंधक(प्रवर्तन)नेउक्त सुनवाई मेंउपस्थित रहे।

 

कारण बताओनोटिस के लिए दलालके द्वारा अपनेलिखित उत्तर मेंकिये गये प्रस्तुतीकरणोंऔर वैयक्तिक सुनवाईके दौरान कियेगये प्रस्तुतीकरणोंतथा सुनवाई मेंअपने प्रस्तुतीकरणोंके साक्ष्य केतौर पर दलाल केद्वारा प्रस्तुतकिये गये दस्तावेजोंपर प्राधिकरण केद्वारा विचार कियागया है एवं तदनुसारआरोपों पर निर्णयोंका विवरण नीचेदिया जाता है।

1.  आरोपसं. 1

यह पायागया कि दलाल केपास उनके द्वारासँभाली गई शिकायतोंका कोई उचित रिकॉर्डनहीं है। यहबीमा विनियामकऔर विकास प्राधिकरण(बीमा दलाल)विनियम,2013 की धारा28 के अंतर्गतअनुसूची VI-एके खंड 8 ()काउल्लंघन है।

 

दलालका प्रस्तुतीकरणः

शिकायतोंसे संबंधित अभिलेखोंका अनुरक्षण सभीसंबंधित विवरणसहित शिकायतोंके संबंध में कंप्यूटरमें एक्सेल डेटाशीटके रूप में कियागया, जिनमेंशिकायतकर्ता कानाम, पॉलिसीसंख्या, बीमाकंपनी का नाम,शिकायत कास्वरूप और टिप्पणीके स्तंभ सहितसमाधार की तारीखशामिल थी,जो निरीक्षणटीम को दिखायागया। उनका अवलोकनहमारे पीओ सहितहमारे अधिकारयोंद्वारा किया गयातथा औपचारिक अनुवर्तनपूरी तरह रखा गया।कृपया यह समझ लेंकि विनियमों मेंसूचीबद्ध कार्यनिष्पादित कियेगये हैं तथा हमनेअपने ग्राहक कीप्रभावी ढंग सेसहायता की है औरछोटी शिकायतोंका समाधान सुनिश्चितकिया है जो उस व्यवसायसे उत्पन्न हुईहैं जिसकी अपेक्षाहमने की है। हमवचन देते हैं किहमने आचरण संहिताके खंड 8 ()को पूरा करनेके लिए एक अयांत्रिकशिकायत रजिस्टररखना प्रारंभ कियाहै जबकि अन्य भागों,अर्थात्उपर्युक्त खंड8 के ()से ()का अनुपालननियमित आधार परसावधानीपूर्वककिया जा चुका है।अतः उक्त आरोपअनुरक्षणीय नहींहै क्योंकि शिकायतरजिस्टर के अयांत्रिकरखरखाव के अभावमें पॉलिसीधारकके लिए कोई हानिनहीं हुई है,जब शिकायतोंके संबंध में हमारेआचरण से संबंधितसमग्र लक्ष्य प्राप्तकिया गया है।

 

निर्णयः

ग्राहकद्वारा दाखिल कीगई शिकायतों केसंबंध में अभिलेखोंका अनुरक्षण दलालका एक प्राथमिकदायित्व है जोबीमा विनियामकऔर विकास प्राधिकरण(बीमा दलाल)विनियम,2013 की अनुसूचीVI-ए में निहितआचरण संहिता केखंड 8 ()द्वारा उसेदिया गया है। परंतुदलाल ने शिकायतोंके अभिलेखन औरनिगरानी के लिएप्रणालियों कीउपस्थिति नहींदर्शाई है;न तो सॉफ्टरूप में और न हीअयांत्रिक रूपमें। कारण बताओनोटिस के उत्तरमें दलाल ने उल्लेखकिया है कि वे अभिलेखएक्सेल डेटा शीटमें रखते हैं।इस संबंध में इसबात पर ध्यान दियाजाना चाहिए किइस रूप में अभिलेखउसमें हेर-फेरकरने के लिए पूरीतरह खुला है तथाइस कारण से इसेउत्तर-चिंतन(ऑफ्टरथॉट)के रूप मेंमानने की संभावनाहै। ऐसे किसी भौतिकअभिलेख अथवा सॉफ्टवेयरके अभाव में,जिसके माध्यमसे शिकायतों कोउचित रूप में रखाजाए और अनुवर्तनके द्वारा उनकीनिगरानी की जाए,दलाल का प्रस्तुतीकरणकि वे रिकॉर्डरखते हैं,स्वीकार्यनहीं है। दलालका प्रस्तुतीकरणकि उन्होंने भौतिकरूप में शिकयातोंका रखरखाव प्रारंभकिया है, ध्यानदेने योग्य है।तथापि, प्राधिकरणविनियामक अपेक्षाका पालन न करनेके लिए दलाल कोचेतावनी देते हुएयह सूचित करताहै कि शिकायतोंसे संबंधित अभिलेखोंका अनुरक्षण एकअपरिहार्य अपेक्षाहै जिसे उन्हेंअनिवार्यतः पूराकरना चाहिए जिससेआईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम,2018 के विनियम13(4) एवं अनुसूचीI – फार्म एचमें निहित आचरणसंहिता के खंड8 का अनुपालनकिया जा सके।

 

2.  आरोपसं. 2

ऐसे उदाहरणहैं जहाँ दलालजारी की गई पॉलिसीको निरस्त करनेके लिए किये गयेग्राहक के अनुरोधको अस्वीकार करनेके लिए बीमाकर्ताको सूचित कर रहाहै। दलाल की कार्रवाईहित के संघर्षके रूप में परिणतहो रही है। पॉलिसीधारकके अनुरोध को स्वीकारन करने के लिए बीमाकर्ताको सुझाव देनेके द्वारा उसकेनिर्णय में हस्तक्षेपकरना दलाल के लिएउचित नहीं है।अतः ग्राहक केअनुरोध को स्वीकारन करने के लिए बीमाकर्ताको प्रभावित करनेका प्रयास करनेके द्वारा उन्होंनेआईआरडीए (बीमादलाल) विनियम,2013 की अनुसूचीVI-ए के अंतर्गतआचरण संहिता केखंड 1, जोदलाल के लिए पॉलिसीधारकोंके हित के लिए कार्यकरना अधिदेशात्मकबनाता है, केसाथ पठित विनियम28 के अंतर्गतअनुसूची VI-एके खंड 2(),जोदलाल के लिए हितोंके संघर्ष से बचनाअधिदेशात्मक बनाताहै, का उल्लंघनकिया है।

 

दलालके प्रस्तुतीकरणः

कृपयायह समझें कि हमनेवस्तुतः उक्त आचरणसंहिता के खंड1 का पालन कियाहै तथा किसी महत्वपूर्णअभिप्राय में बीमाकर्ता/ बीमाकृतव्यक्ति के निर्णयके संबंध में हित-संघर्षनहीं किया अथवाऐसे किसी निर्णयको प्रभावित नहींकिया। हमने केवलअपने सूचीबद्धकार्यों का पालनकिया अर्थात्(i) जोखिम-अंकनकी सूचना बीमाकर्ताको स्पष्ट की,(ii) पॉलिसीधारकको सूचना प्रदानकी, (iii) बीमाकर्ताको यह सिफारिशकी कि हमने जो कुछकिया वह उचित हैऔर बीमा की संविदामें अंतर्ग्रस्तसुरक्षा को जारीरखना पॉलिसीधारकके हित में है। बीमा के अभावमें अथवा बीमाको जारी न रखनेके द्वारा पॉलिसीधारकके लिए बीमा कालाभ नहीं मिलेगायदि बीमाकृत जोखिमको परिचालित करनाहै, (iv) पॉलिसीधारकके लिए सेवा प्रदानकरना।

 

हम यह बातदोहराते हैं किजोखिमों के अंकनके बारे में सर्वाधिकआवश्यक तथ्य बीमाकर्ताको प्रस्तुत कियेगये थे ताकि वेसही परिप्रेक्ष्यमें सही निर्णयले सकें। हमनेकहीं भी बीमाकर्तासे नहीं कहा/ बीमाकर्ताको विवश नहीं कियाकि वे कोई खास निर्णयलें जो किसी भीप्रकार से अपनेनियमों और विनियमोंके अनुरूप ही लेंगे। अतः यह अर्थलगाना सही नहींहै कि हमने कोईविशिष्ट निर्णयलेने के लिए बीमाकर्ताओंको मजबूर किया तथा परिणामस्वरूपइसमें हितों काकोई संघर्ष संबद्धनहीं है।

 

निर्णयः

बीमा विनियामकऔर विकास प्राधिकरण(बीमा दलाल)विनियम,2013 के विनियम28 के अंतर्गतअनुसूचीVI-ए में निहितआचरण संहिता काखंड 2()दलाल के लिएयह अनिवार्य बनाताहै कि वह हितोंके संघर्ष से बचे।साथ ही, इसीआचरण संहिता काखंड 1 दलालसे यह प्रत्याशाकरता है कि वह पॉलिसीधारकोंके हित में कार्यकरे। येदोनों उपबंध स्पष्टरूप से निर्दिष्टकरते हैं कि दलालन केवल पॉलिसीधारकका प्रतिनिधि है(बीमाकर्ताका नहीं), बल्किये समान रूप सेपॉलिसीधारकोंके सर्वोत्तम हितोंके लिए कार्य करनेका दायित्व दलालको देते हैं। इस संबंधमें दलाल को यहध्यान रखना चाहिएकि बीमाकर्ता केसमक्ष तथ्यों कोरखना एक अलग बातहै जिससे बीमाकर्ताएक निर्णय ले सकेतथा पॉलिसी केनिरसन के लिए बीमाकृतव्यक्ति के अनुरोधको स्वीकार न करनेके लिए बीमाकर्ताको परामर्श देनाबिलकुल एक अलगही प्रतिपादन है।इस पृष्ठभूमि मेंबीमाकृत व्यक्तिके द्वारा अपनीपॉलिसी को निरस्तकरने के लिए कियेगये अनुरोध कोस्वीकार न करनेके लिए बीमाकर्ताको सूचित करनेकी दलाल की कार्रवाईन केवल हितों केसंघर्ष का कारणबनती है, बल्किवह यह भी निर्दिष्टकरती है कि दलालने पॉलिसीधारकके हित में कार्यनहीं किया है।इस कार्य के लिएदलाल को चेतावनीदी जाती है और यहनिर्देश दिया जाताहै कि वह पॉलिसीधारकोंके हितों को प्रभावितकरनेवाले इस प्रकारके कार्य न दोहरायेतथा साथ ही यह भीनिर्देश दिया जाताहै कि वह आईआरडी(बीमा दलाल)विनियम,2018 की अनुसूचीI – फार्मएच में निहित आचरणसंहिता के खंड1 और खंड2() कापालन करे।

 

3.  आरोपसं. 3(दो टिप्पणियोंको सम्मिलित करतेहुए):

टिप्पणीः

नमूनामेलों की प्रतियोंमें यह पाया गयाहै कि दलाल के कर्मचारी"bpopioneer" के मेल आईडीinsurance@bpopioneers.comकाउपयोग शिकायत कासमाधान करने केलिए बीमाकर्ताओंके साथ पत्र-व्यवहारकरते समय अपनेईमेल आईडी के रूपमें कर रहे हैं।उपर्युक्त टिप्पणीके आधार पर पूर्वोक्तविषय पर अपनी टिप्पणीदेने के लिए दलालसे कहा गया,परंतुउसके द्वारा निरीक्षणटीम को कोई प्रस्तुतीकरणनहीं दिया गया।

 

यह स्पष्टहै कि अपेक्षा(सॉलिसिटेशन)मेंलगे हुए जिन व्यक्तियोंके लिए ई-मेलआईडी (विस्तार@bpopioneers के साथ)है,वेमेसर्स पायनियरके कर्मचारी हैं।यह निर्दिष्ट करताहै कि (i) दलालने मेसर्स पायनियरके माध्यम से प्रचारक(कैन्वसर)कोनियुक्त किया है,(ii) दलाल के पासआवश्यक बुनियादीसंरचना नहीं हैतथा वह मेसर्सपायनियर पर पूरीतरह आश्रित है।

 

दलालके प्रस्तुतीकरणः

ऐसे मामलोंमें, संभावितग्राहक ने वैयक्तिकमेल आईडी पर मेलभेजा है तथा संभावितग्राहक के साथवैयक्तिक संपर्क/संबंध केनाते उत्तर उसीमेल आईडी पर ग्राहकको भेजा गया है।अतः इसमें कोईउल्लंघन नहीं है।इसके अतिरिक्त,हम जो भी संभवहै उस तरीके सेशिकायत के गुण-दोषके आधार पर न्यायकरने के लिए कार्यकरते हैं तथा इसकेलिए बीमाकर्ताकी टीम के साथ संपूर्णसमन्वय अपेक्षितहोता है। हम इसकेद्वारा वचन देतेहैं कि यदि इसेआईआरडीएआई के विनियमोंकी किसी विशिष्टविषय-वस्तुके विरुद्ध लियाजाता है, तोहम यह भविष्य मेंनहीं करेंगे। अतःहम आपसे अनुरोधकरते हैं कि आपइस टिप्पणी कोछोड़ दें।

 

टिप्पणीः

यह पायागया कि उक्त दलालोंने किराये के रूपमें वित्तीय वर्ष2012-13 के दौरानरु. 17.98 लाख,वित्तीयवर्ष 2013-14 केदौरान रु. 5.46 लाखतथा वित्तीय वर्ष2014-15 के दौरानरु. 2.90 लाख खर्चकिये थे। बही खातावित्तीय वर्ष2012-13 के लिए किराया- की प्रति काअवलोकन करते समययह पाया गया किवित्तीय वर्ष2012-13 के दौरानव्यय किये गयेरु. 17.98 लाख मेंसे रु. 12.00 लाखका भुगतान मेसर्सपायनियर फैकर आईटीइन्फ्रा डेवलपर्सप्राइवेट लिमिटेड(मेसर्स पायनियर)कोनोएडा, उत्तरप्रदेश स्थित एकपरिसर के लिए अदाकिया गया है। जबउपर्युक्त परिसरके संबंध में किरायाकरार और अन्य दस्तावेजोंकी प्रति प्रस्तुतकरने के लिए दलालसे कहा गया तो दलालने केवल दिनांक28.03.2013 के बीजक(इनवाइस)कीएक प्रति प्रस्तुतकी जिसके संबंधमें कहा गया किवह रु. 12.00 लाखकी राशि के लिएदलाल पर मेसर्सपायनियर द्वाराउत्पन्न किया गयाहै। चूँकिदलाल इस आशय केलिए किये गये किरायाकरार, यदिकोई हो, कीप्रति उपलब्ध नहींकरा सका, अतःउक्त परिसर केआकार के विवरणका पता नहीं लगायाजा सका। इसके अलावा,मेसर्सपायनियर एक ऐसीसंस्था है जिसमेंएक प्रवर्तक दलालमें 52.68% केहित को धारित करताहै। अतः दलाल केपास अपनी समूहसंस्थाओं को भुगतानकरते समय पर्याप्तनियंत्रण प्रणालियाँनहीं थीं तथा इसकारण से इसका यहअर्थ निकलता हैकि उसका आंतरिकनियंत्रण और प्रणालीउसके व्यवसाय केआकार, स्वरूपऔर जटिलता के लिएबीमा विनियामकऔर विकास प्राधिकरण(बीमा दलाल)विनियम,2013 के विनियम31 के अनुसार पर्याप्तनहीं हैं।

 

उक्त टिप्पणीऔर दलाल का प्रस्तुतीकरणविनियामक अपेक्षाओंका पालन करने केप्रति उनकी अनिच्छाको दर्शाते हैं।निरीक्षण टीम कोदलाल के द्वारानोएडा परिसर केलिए किराया करारजैसे दस्तावेजसमय पर प्रस्तुतनहीं करना और तबगढ़े हुए कारणप्रस्तुत करनाजैसे उन्होंनेउक्त परिसर काउपयोग बीमा उत्पादोंऔर बीमा संरक्षणआदि की आवश्यकताके संबंध में ग्राहकोंको शिक्षित करनेके लिए किया,तथाइसके उपरांत यहकहने के लिए किउनके पास आंतरिकनियंत्रण और प्रणालीविद्यमान है,उनकेपास उपलब्ध नेमीव्यवस्थाओं केबारे में विभिन्नविवरण स्पष्ट करनासाफ तौर पर यह दर्शातेहैं कि उक्त दलालके पास उसके व्यवसायके आकार, स्वरूपऔर जटिलता के लिएपर्याप्त रूप सेउचित आंतरिक नियंत्रणऔर प्रणालियाँउपलब्ध नहीं हैं।

 

दलालका प्रस्तुतीकरणः

चूँकिहमारी समूह कंपनीकी बाजार में मजबूतउपस्थिति है,अतः हमारीसंभावनाओं का संवर्धनकरने के प्रयोजनोंके लिए उनके अधिकार-क्षेत्रका उपयोग किसीनियम का उल्लंघननहीं करता। इसकेअलावा, हमारेअपने रिकॉर्ड मेंयह कार्य करनेवालेकर्मचारियों काअपना सेट है तथाप्रचार (कैन्वासिंग)के लिए हमनेसमूह कंपनी केकिसी कर्मचारीको नहीं लगाया/नियुक्तनहीं किया। कृपयायह समझ लें कि इसकेपहले स्पष्ट कियेगये संदर्भ मेंदलाल के ईमेल आईडीका उपयोग व्यवसायकी अपेक्षा करनेके लिए नहीं है,बल्कि बीमाकर्तासे ग्राहक की शिकायतका प्रभावी ढंगसे समाधान करनेके लिए है।

 

तथापि,जैसा कि निरीक्षणटीम को श्रम शक्तिऔर बुनियादी संरचनाके लिए पुष्टिकी गई है, कंपनीने कंपनी पायनियरफैसर आईटी इन्फ्राडेवलपर्स प्रा.लि. सेरु. 1.50 लाखप्रति माह केअत्यंत नाममात्रके किराये पर लगभग3500 वर्गफीटके पूरी तरह कार्यात्मककार्यालय स्थानको किरायेपर लिया जिसकेलिए एक औपचारिककिराया करार कियागया और वह बाद मेंआईआरडीए को प्रस्तुतकिया गया। उस समयलगभग 50 कर्मचारियोंके स्थान के लिएलिये गये3500 वर्गफीटके ऐसे बड़े कार्यालयके लिए रु.1.50 लाख प्रतिमाह का किरायाअत्यंत उचित था।इस स्थिति के होतेहुए, जैसाकि पहले ही कहागया है, हमसुस्पष्ट रूप सेयह धारणा रखतेहैं कि बीपीओ पायनियरने हमारे लिए कोईप्रचार (कैनवसिंग)नहीं कियाहै। कंपनी के पासअपनी व्यावसायिकश्रमशक्ति और भौतिकबुनियादी संरचनाहै। आईआरडीएके निरीक्षण केबाद कंपनी ने हमारेग्राहकों के लिएसेवा को कार्यान्वितकरने के लिए एकबहुत वरिष्ठ पीएसयूव्यक्ति को नियुक्तकिया है।

 

निर्णयः

यद्यपिदलाल ने तर्क कियाकि मेसर्स पायनियरफैसर आईटी इन्फ्राडेवलपर्स प्राइवेटलिमिटेड के साथउस कंपनी से परिसरकिराये पर लेनेके लिए उनका एककरार है तथा वेश्रमशक्ति और बुनियदीसंरचना से युक्तपूर्णतः कार्यात्मककार्यालय का उपयोगकर रहे हैं,तथापि उनकेकर्मचारियों केद्वारा दलाल केग्राहकों आदि केसाथ परस्पर सक्रियताके लिए उक्त कंपनीके ई-मेलआईडी का उपयोगनिर्दिष्ट करताहै कि उस कंपनीके कर्मचारियोंको व्यवसाय कीअपेक्षा करने केलिए दलाल के द्वारानियुक्त किया गयाहै। यह व्यवसायप्राप्त करने केलिए प्रचारकोंका उपयोग करनेके समान है। यहबीमा विनियामकऔर विकास प्राधिकरण(बीमा दलाल)विनियम,2013 के विनियम28 के अंतर्गतअनुसूचीVI-ए में निहितआचरण संहिता केखंड 3()का उल्लंघनहै।

 

साथ ही,यह भी पायागया है कि दलालने अधिकांश व्ययोंका भुगतान मेसर्सपायनियर फैसर आईटीइन्फ्रा डेवलपर्सप्राइवेट लि.को किया है।यद्यपि इन भुगतानोंका प्रयोजन उपर्युक्तकंपनी के द्वाराव्यवसाय की कथितप्राप्ति के लिएहो सकता है,तथापि दलालने तर्क किया हैकि वे भुगतान श्रमशक्तिऔर बुनियादी संरचनाका उपयोग करनेके लिए थे,जिसके लिएउस कंपनी के साथउनका एक करार है।इस प्रकार कहतेसमय भी, दलालने निरीक्षण टीमको वह करार अवलोकनके लिए उपलब्धनहीं कराया,जिसके होनेका दावा उन्होंनेकिया। ये तथ्यदर्शाते हैं किदलाल के पास अपनेव्यवसाय के आकार,स्वरूप औरजटिलता के लिएपर्याप्त रूप सेउचित आंतरिक नियंत्रणअथवा प्रणाली उपलब्धनहीं हैजोकि विनियमों कीएक अपेक्षा है।उपर्युक्त उल्लंघनोंके लिए दलाल कोचेतावनी दी जातीहै तथा निर्देशदिया जाता है किवह उचित आंतरिकनियंत्रण प्रणालियाँस्थापित करने केद्वारा आईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम,2018 की अनुसूचीI – फार्म एचमें निहित आचरणसंहिता के खंड3() औरविनियम 31 काअनुपालन सुनिश्चितकरे।

 

4.  आरोपसं. 4

मेसर्सचार्टर्ड इंश्योरेंसब्रोकर्स प्राइवेटलिमिटेड की निवलमालियत (नेटवर्थ) 31.03.2013, 31.03.2014 और31.03.2015 की स्थितिके अनुसार क्रमशःरु. 74.92 लाख,रु.53.85 लाख और रु.34.99 लाख थी।

 

वित्तीयवर्ष 2014-15 केलिए दलाल के लेखा-परीक्षितवार्षिक वित्तीयविवरणों का अवलोकनकरने पर यह पायागया कि 31.03.15 कीस्थिति के अनुसारदलाल की निवल मालियत(नेट वर्थ)निम्नानुसारथीः

 

पूर्णतः प्रदत्त शेयर पूँजी

रु. 56,00,000.00

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संचित हानियाँ

(रु. 20,66,935.13)

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आस्थगित/विविध व्यय (अपलिखित नहीं)

(रु. 33,771.00)

 

निवल मालियत (नेट वर्थ)

रु. 34,99,293.87

 

उपर्युक्तको ध्यान में रखतेहुए, दलालने वित्तीय वर्ष2014-15 के दौरानरु. 50 लाख कीन्यूनतमनिवल मालियत(नेट वर्थ)काअनुरक्षण नहींकिया; जोकिदलाल विनियमोंके विनियम11 का उल्लंघनहै।

 

दलालका प्रस्तुतीकरणः

वित्तीयवर्ष 2014-15 केलिए निवल मालियतरु. 34.99 लाखहै। हमआपको आश्वस्त करतेहैं कि ऐसी स्थितिभविष्य में उत्पन्ननहीं होगी। ऐसी स्थितिउपर्युक्त वित्तीयवर्ष में हानियोंके कारण उत्पन्नहुई है जो कि दलालकंपनी के लिए पहलेसे ही चिंता काविषय है।31/03/2015 की स्थितिके अनुसार निवलमालियत के संबंधमें कमी को अपेक्षितस्तर तक बढ़ायागया तथा दिनांक01/07/2017 के हमारेपत्र के द्वाराआईआरडीए को इसकेबारे में सूचितकिया गया। इस संबंधमें तत्काल संदर्भके लिए नवीनतमनिवल मालियत प्रमाणपत्रसंलग्न है जो निर्दिष्टकरता है कि न्यूनतमपूँजी के100% तक निवल मालियतको बहाल करने केलिए कंपनी/शेयरधारकोंद्वारा कदम उठायेगये हैं।

 

निर्णयः

उनके द्वाराकी गई उपचारात्मककार्रवाई के संबंधमें दलाल द्वाराकिये गये प्रस्तुतीकरणको ध्यान में रखतेहुए, प्राधिकरणदलाल को यह सुनिश्चितकरने का निर्देशदेता है कि हर समयउनकी निवल मालियतबीमा विनियामकऔर विकास प्राधिकरण(बीमा दलाल)विनियम,2018 के विनियम22 में निर्धारितस्तर से नीचे नहींरहे।

 

5.  आरोपसं. 5

दलाल विनियमोंके विनियम30 के अनुसार छमाहीविवरणियों की प्रस्तुतिके बारे में पूछताछकरते समय दलालने सूचित कियाकि उसने प्राधिकरणको कभी कोई छमाहीविवरणी प्रस्तुतनहीं की। दलालने यह कहते हुएएक घोषणापत्र भीप्रस्तुत कियाकि वित्तीय वर्ष2013-14 और 2014-15केदौरान उसने कोईछमाही विवरणी प्रस्तुतनहीं की। यह बीमाविनियामक और विकासप्राधिकरण(बीमा दलाल)विनियम,2013 के विनियम30 का उल्लंघनहै।

 

दलालका प्रस्तुतीकरणः

हम अपनीत्रुटि को मानतेहैं तथा वचन देतेहैं कि यह त्रुटिदुहराई नहीं जाएगी।

 

निर्णयः

दलाल केद्वारा दिये गयेइस वचनपत्र कोध्यान में रखतेहुए कि बताई गईत्रुटि नहीं दुहराईजाएगी, प्राधिकरणदलाल को यह सुनिश्चितकरने के लिए परामर्शदेता है कि वे विवरणियाँआवधिक तौर पर आईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम,2018 के विनियम39 में निर्धारितरूप में प्रस्तुतकरें।

 

6.  आरोपसं. 6

यह आवश्यकथा कि मेसर्स पायनियरको किराये का भुगतानकरने के विषय कीजाँच विस्तृत रूपसे की जाए। इसेध्यान में रखतेहुए, मौखिकअनुरोधों के अतिरिक्त,दलालको उन कार्यालयोंका विवरण प्रस्तुतकरने के लिए सूचितकरते हुए ईमेलभेजे गये जो01.04.12 से अब तक सक्रियरहे तथा यह प्रमाणितकरते हुए संबंधितकिराया दस्तावेजोंऔर अन्य दस्तावेजोंकी प्रतियाँ प्रस्तुतकरने के लिए सूचितकिया गया कि परिसरदलाल के द्वाराकिराये पर लियागया एवं इसके अलावाउसके द्वारा अदाकिये गये किरायेकी गणना को भी प्रमाणितकरते हुए संबंधितदस्तावेजों कीप्रतियाँ प्रस्तुतकरने के लिए सूचितकिया गया। जबकियह सूचना दलालके पास तत्कालउपलब्ध होनी चाहिए,यहनिरीक्षण के समापनसे कुछ घंटे पहलेतथा उन्हें पहलीबार स्मरण करानेके लगभग दो दिननिकलने के बाददी गई। इससेनिरीक्षण अधिकारियोंके पास उक्त सूचनाकी आगे और जाँचकरने और आगे औरकोई प्रश्न,यदिकोई हों, उठानेके लिए कम गुंजाइशरह गई। उपर्युक्ततरीके से दलालने निरीक्षण अधिकारियोंके साथ सहयोग नहींकिया, जिससेबीमा विनियामकऔर विकास प्राधिकरण(बीमा दलाल)विनियम,2013 के विनियम39 के अंतर्गतअनुसूची VII केखंड 1 ()केअधीन कार्रवाईआवश्यक हो गई है।

 

दलालके प्रस्तुतीकरणः

हमने निरीक्षणटीम के साथ सहयोगकरने के लिए अधिकतमप्रयास किया। तथापि,हम किरायाकरार केवल निरीक्षणके अंतिम दिन हीप्रस्तुत कर सके।अन्य दस्तावेज/ सूचना कीआपूर्ति निरीक्षणटीम की माँग केअनुसार निरीक्षणकी अवधि के अंदरही की गई। प्राधिकरणसे हमारा अनुरोधहै कि वास्तविककठिनाई के कारणसूचना की प्रस्तुतिमें विलंब की अनदेखीकरें जिसे निरीक्षणके दौरान और लिखितमें भी स्पष्टकिया गया। हम पुष्टिकरते हैं कि आगामीकिसी निरीक्षणमें ऐसे विलंबकी पुनरावृत्तिनहीं होगी,परंतु हमाराअनुरोध है कि हमपर जान-बूझकरनिरीक्षण टीम केसाथ असहयोग करनेका आरोप नहीं लगायाजाए क्योंकि हमइसके बारे मेंकभी सोच भी नहींसकते।

 

हम दृढ़तापूर्वकयह धारणा रखतेहैं कि उक्त किरायाकरार निरीक्षणके पहले दिन नहींमिल रहा था और तदुपरांतइसे निरीक्षण टीमको निरीक्षण केअंतिम दिन दिखायागया। प्राधिकरणको देने से दस्तावेज/ सूचना रोकरखने का हमारीकंपनी का कोई दुर्भावनापूर्णआशय / असहयोगका विचार नहींथा एवं इस कारणसे जान-बूझकरअसहयोग करने काआरोप हटाया जानाचाहिए।

 

निर्णयः

दलाल विनियमोंके विनियम39 के अंतर्गतअनुसूचीVII का खंड1() से1() तकदलाल के लिए यहअधिदेशात्मक बनातेहैं कि वह निरीक्षणके सुचारु रूपसे संचालन के लिएनिरीक्षण टीम केसाथ सहयोग करे।यह दलाल से अपेक्षाकरता है कि वह सभीदस्तावेज तैयारऔर तुरंत उपलब्धहोने की स्थितिमें रखे ताकि निरीक्षणटीम उनतक आसानीसे पहुँच सके।इस मामले में निरीक्षणके लिए अपेक्षितदस्तावेज उपलब्धकराने के लिए दलालको निरंतर स्मरणकराना पड़ा। तबभी दस्तावेज प्रस्तुतनहीं किये गये।एक समयबद्ध तरीकेसे दस्तावेज प्रस्तुतन करने के परिणामस्वरूपनिरीक्षण की प्रक्रियाबाधित होती है।दस्तावेज उपलब्धकराने में विफलहोने के बाद दलालने यह स्पष्ट करनेका प्रयास कियाकि निरीक्षण सेपहले दस्तावेजप्रस्तुत करनेमें विलंब जान-बूझकरनहीं था अथवा गुप्तप्रयोजन से युक्तनहीं था। दलालको उपर्युक्त केलिए चेतावनी दीजाती है तथा यहनिर्देश दिया जाताहै कि आईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम,2018 के विनियम34(4) और अनुसूचीII – फार्म जेडके खंड 1()से 1()तक का कड़ाईसे अनुपालन सुनिश्चितकिया जाए।

 

7.  निर्णयोंका सारः

 

आरोप

संक्षिप्त शीर्षक और उल्लंघन किये गये उपबंध

निर्णय

1

शिकायतों के संबंध में उचित अभिलेखों का अभाव।

अनुसूची VI-ए में निहित आचरण-संहिता का खंड 8()

चेतावनी (कॉशॅन) और निर्देश

2

हितों के संघर्ष में कार्य करना

अनुसूची VI-ए में निहित आचरण-संहिता का खंड 2 ()

चेतावनी (कॉशॅन) और निर्देश

3

प्रचारकों का नियोजन

भुगतानों के संबंध में आंतरिक नियंत्रण का अभाव।

अनुसूची VI- (विनियम 31) में निहित आचरण-संहिता का खंड 3()

चेतावनी (वॉर्निंग) और निर्देश

4

न्यूनतम निवल मालियत (नेट वर्थ) का अनुरक्षण न करना

(विनियम 11)

निर्देश

5

छमाही विवरणियाँ प्रस्तुत न करना (विनियम 30)

परामर्श

6

निरीक्षण अधिकारी के साथ सहयोग न करना

अनुसूची VI-ए में निहित आचरण-संहिता का खंड 1() से 1() तक

चेतावनी (वॉर्निंग) और निर्देश

 

8.  दलालइस आदेश में उल्लिखितसभी निर्देशोंके संबंध में अनुपालनकी पुष्टि इस आदेशकी प्राप्ति कीतारीख से 21 दिनके अंदर करेगा।

9.  यदिदलाल इस आदेश मेंनिहित किसी भीनिर्णय से असंतुष्टहै तो बीमा अधिनियम,1938 की धारा110 के अनुसार प्रतिभूतिअपीलीय न्यायाधिकरण(एसएटी) कोअपील प्रस्तुतकी जा सकती है।

 

(पी.जे.जोसेफ)

सदस्य(गैर-जीवन)

 

दिनांकः16 फरवरी 2018

स्थानःहैदराबाद

 

 

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