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Title: अंतिम आदेश
Reference No.: आईआरडीए/ईएनएफ/ओआरडी/ओएनएस/031/02/2018
Date: 23/02/2018
मेसर्स सनरेज़ इंश्योरेंस ब्रोकिंग सर्विसेज़ लिमिटेड के मामले में अंतिम आदेश

मेसर्स सनरेज़इंश्योरेंस ब्रोकिंगसर्विसेज़ लिमिटेडके मामले में अंतिमआदेश

 

कारण बताओनोटिस दिनांक25 अक्तूबर2017 एवं भारतीयबीमा विनियामकऔर विकास प्राधिकरण,हैदराबादके कार्यालय मेंसदस्य (गैर-जीवन)की अध्यक्षतामें 10 जनवरी2018 को अपराह्न02.30 बजे आयोजितवैयक्तिक सुनवाईके दौरान कियेगये प्रस्तुतीकरणोंके आधार पर।

 

पृष्ठभूमिः-

भारतीयबीमा विनियामकऔर विकास प्राधिकरण(इस आदेश मेंइसके बाद "प्राधिकरण"केरूप में उल्लिखित)ने12 जुलाई से14 जुलाई 2016 तकमेसर्स सनरेज़इंश्योरेंस ब्रोकिंगसर्विसेज़ लिमिटेड(इस आदेश मेंइसके बाद "दलाल"अथवा"कंपनी" केरूप में उल्लिखित)कास्थान पर (ऑनसाइट)निरीक्षणकिया। प्राधिकरणने टिप्पणियाँमाँगते हुए उक्तनिरीक्षण रिपोर्टकी एक प्रति दलालको अग्रेषित कीतथा दलाल की टिप्पणियाँउनके दिनांक28 अक्तूबर2016 के पत्र के द्वाराप्राप्त की गईं।दलाल के द्वाराकिये गये प्रस्तुतीकरणोंकी जाँच करने केबाद प्राधिकरणने कारण बताओ नोटिस25 अक्तूबर2017 को जारी की जिसकाउत्तर दलाल केद्वारा दिनांक7 दिसंबर2017 के पत्र के अनुसारदिया गया। जैसाकि उसमें अनुरोधकिया गया, दलालको एक वैयक्तिकसुनवाई का अवसर10 जनवरी 2018 कोदिया गया। दलालकी ओर से उक्त सुनवाईमें श्री एस.धनुंजयम,प्रधानअधिकारी और श्रीजी. हनुमंतराव, निदेशकउपस्थित थे। प्राधिकरणकी ओर से श्री पी.जे.जोसेफ,सदस्य(गैर-जीवन),श्रीरणदीप सिंह जगपाल,मुख्यमहाप्रबंधक(मध्यवर्ती),श्रीप्रभात कुमार मैती,महाप्रबंधक(प्रवर्तन),श्रीबी. राघवन,उपमहाप्रबंधक(प्रवर्तन),औरश्री उदित मलहोत्रा,सहायक(प्रवर्तन)उक्तवैयक्तिक सुनवाईके दौरान उपस्थितथे।

 

कारण बताओनोटिस के लिए अपनेउत्तर में दलालके द्वारा कियेगये प्रस्तुतीकरणोंतथा वैयक्तिक सुनवाईके दौरान कियेगये प्रस्तुतीकरणोंएवं कारण बताओनोटिस के उत्तरमें और वैयक्तिकसुनवाई में उनकेप्रस्तुतीकरणोंके साक्ष्य केतौर पर दलाल केद्वारा प्रस्तुतकिये गये दस्तावेजोंपर प्राधिकरण केद्वारा विचार कियागया एवं तदनुसारआरोप पर निर्णयका विवरण नीचेदिया जाता है।

 

1.  आरोपसं. 1

निरीक्षणटीम के द्वाराकिये गये कुछ नमूनाप्रविष्टियोंके विश्लेषण केआधार पर यह पायागया कि उक्त दलालदलाली का लेखांकनप्राप्ति(नकदी) आधारपर कर रहा था जिसकीपुष्टि आगे दिनांक14 जुलाई 2016 केपत्र के द्वाराकी गई कि दलालीकमीशन का लेखांकनकेवल प्राप्तिके आधार पर ही कियागया। इससे आईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम,2013 के विनियम29(1) का उल्लंघनहोता है जो यह अधिदेशात्मकबनाता है कि दलाललेखे का अनुरक्षणउपचय के आधार परकरेगा।

 

दलालके प्रस्तुतीकरणः-

दलाल नेप्रस्तुतीकरणकिया कि पूर्वके वर्षों मेंबीमाकर्ताओं सेव्यावसायिक/ दलाली विवरणप्राप्त होने मेंविलंब होने अथवाउनके बिलकुल नहींमिलने के कारणउसने बीजक(इन्वाइस)उत्पन्नकरने की प्रथाका अनुसरण किया,जब भी उसनेबीमा कंपनियोंसे भुगतान प्राप्तकिया। तथापि,विनियम कोध्यान में रखनेके बाद उसने 1अप्रैल2017 से आगे उपचयकी पद्धति मेंलेखांकन प्रथाको परिवर्तित किया। यद्यपि वहकुछ प्रारंभिकसमस्याओं का सामनाकर रहा है,तथापि वहआईआरडीए बीमा दलालविनियम 2013 केविनियम 29(1) कापालन करते हुएउपचय के आधार परलेखों का अनुरक्षणकर रहा है।

 

निर्णय

उक्त टिप्पणीसे यह विदित होताहै कि दलाल आईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम,2013 के विनियम29(1) का उल्लंघनकरते हुए प्राप्ति(नकदी)के आधार परदलाली का लेखांकनकर रहा था,जो विनियमयह अधिदेशात्मकबनाता है कि दलाललेखे का अनुरक्षणउपचय के आधार परकरेगा।

 

दलाल नेअपने प्रस्तुतीकरणमें यह भी स्वीकारकिया कि वे अतीतमें अपनी कंपनीमें इस प्रथा काअनुसरण कर रहेथे तथा उन्होंनेयह भी प्रस्तुतकिया कि वे बीमाकर्ताओंसे भुगतान प्राप्तहोने पर बीजक(इन्वाइस)उत्पन्नकरने की प्रथाका अनुसरण कर रहेथे। दलाल को एकऐसी प्रथा का अनुसरणकरने के लिए चेतावनीदी गई जो वर्तमानविनियामक उपबंधके अनुपालन मेंनहीं है। तथापि,दलालने कारण बताओ नोटिसके अपने उत्तरमें तथा वैयक्तिकसुनवाई के दौरानयह पुष्टि की हैकि कंपनी ने1 अप्रैल2017 से लेकर आगेउपचय के आधार परलेखांकन प्रारंभकिया है। अतः इसपुष्टीकरण को ध्यानमें रखते हुए प्राधिकरणदलाल को निर्देशदेता है कि वह आईआरडीएआई(बीमा दलाल)विनियम,2018 के विनियम34(1) का अनुपालनकरे।

 

2.  आरोपसं. 2

यह पायागया कि बीमा दलालअपने ग्राहकोंसे लिखित अधिदेश(मैंडेट)प्राप्तनहीं कर रहा था।उनके अभिलेखोंकी जाँच करने परयह पाया गया किदो मामलों को छोड़करदलाल ने अपने ग्राहकसे कोई अधिदेशप्राप्त नहीं कियाहै। यह आईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम,2013 के विनियम28 के साथ पठितअनुसूची VIएके अंतर्गत आचरणसंहिता के खंड2() काउल्लंघन है जोदलाल के लिए यहआवश्यक बनाता हैकि वह अपने ग्राहकोंसे लिखित अधिदेशसुनिश्चित तौरपर प्राप्त करे।

 

दलालके प्रस्तुतीकरणः-

दलाल नेप्रस्तुतीकरणकिया कि वह अधिकांशग्राहकों से अधिदेशफार्म ई-मेलोंके माध्यम से प्राप्तकर रहा है क्योंकिउसने ग्राहकोंसे प्राप्त ई-मेलोंको अधिदेश मानाहै। निरीक्षणटीम की सलाह केबाद वह ग्राहकोंपर जोर दे रहा हैकि वे उचित अधिदेशपत्र दें। दलाल ने यहपुष्टि की कि वहआईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम,2013 के विनियम28 के साथ पठितअनुसूचीVIए के अंतर्गतआचरण संहिता केखंड 2()का उल्लंघननहीं कर रहा है।

 

निर्णय

दलाल नेग्राहकों से अधिदेशपत्र प्राप्त नकरने के संबंधमें अपनी ओर सेकमी को स्वीकारकिया है। यहआईआरडीए (बीमादलाल) विनियम,2013 के विनियम28 के अंतर्गतअनुसूची VIएके खंड 2()काउल्लंघन है। इसउल्लंघन के लिएदलाल को चेतावनीदी गई है। तथापि,दलालका प्रस्तुतीकरणकि वर्तमान मेंवह उचित अधिदेशपत्र देने के लिएग्राहकों पर जोरदे रहा है, रिकॉर्डमें लिया गया है। दलालको चेतावनी दीजाती हैकि वह आईआरडीएआई(बीमा दलाल)विनियम,2018 की (विनियम30 और विनियम8(2)) अनुसूची-I-फार्मएच में निहित आचरणसंहिता के खंड2() काअनुपालन सुनिश्चितकरे।

 

3.  आरोपसं. 3

वित्तीयवर्ष 2012-13, 2013-14 और2013-14 के दौरानयह पाया गया किवह बीमा व्यवसायकी अपेक्षा केप्रयोजन के लिएअयोग्य व्यक्तियोंकी सेवाओं का उपयोगकर रहा था। साथही, बीमा दलालके पास उपलब्धअभिलेखों और दस्तावेजोंका अवलोकन करनेपर यह पाया गयाकि दलाल ने बीमाव्यवसाय की अपेक्षाके प्रयोजन केलिए ऐसे व्यक्तियोंका उपयोग कियाहै जो दलाल के कर्मचारियोंकी सूची का भागनहीं हैं।

 

इसकेअलावा, दलालने वरिष्ठ स्तरके लोगों की नियुक्तिसे संबंधित महत्वपूर्णदस्तावेजों काउचित रूप से अनुरक्षणनहीं किया तथाकर्मचारियों,विशेषरूप से वरिष्ठसंवर्ग के कर्मचारियोंके पदनाम एवं वेतनऔर भत्तों का निर्धारणमनमाने ढंग सेकिया गया है।

 

वह तरीकाजिसमें अयोग्यव्यक्तियों कोसंबद्ध करने केद्वारा व्यवसायकी अपेक्षा करनेके लिए दलाल केद्वारा कार्रवाइयाँकी गई थीं, अन्यबातों के साथ-साथनिम्नानुसार हैः

क)   योग्यताका प्रमाणपत्रनहीं रखनेवालेव्यक्ति

ख)   कुछव्यक्तियों केसाथ दलाली की साझेदारी,जिन्हेंदलाल ने अपने कर्मचारियोंके रूप में दर्शायाहै, परंतुव्यवसाय की अपेक्षाकरने के लिए उनकेद्वारा योग्यतारखने के बारे मेंनिरीक्षण टीम कोकोई प्रमाण नहींदिया गया है।

 

उल्लंघनः

(क)आईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम,2013 के विनियम8(2)(xiv) का उल्लंघन,अयोग्यव्यक्तियों काउपयोग करने केद्वारा जिन्होंनेअपेक्षा करने केलिए उक्त विनियमोंकी अनुसूची-IIमेंउल्लिखित आवश्यकताएँपूरी नहीं की हैं।

(ख)आईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम,2013 के विनियम28 के साथ पठितअनुसूची VI-एके खंड 3()काउल्लंघन, व्यवसायलाने के लिए एजेंटोंऔर प्रचारकों काउपयोग करते हुए।

 

दलालके प्रस्तुतीकरणः

दलाल नेप्रस्तुतीकरणकिया कि हर समयकंपनी के पास बीमादलाली व्यवसायकरने के लिए उक्तविनियमों के द्वाराअधिदेशित कियेगये रूप में आवश्यकयोग्यताओं से युक्तकम से कम 2 व्यक्तिहैं तथा वह बीमाव्यवसाय की अपेक्षाकरने के लिए केवलयोग्यताप्राप्तव्यक्तियों कीसेवाओं का ही उपयोगकर रही है। कुछमामलों में योग्यताप्राप्तव्यक्तियों कीसलाह के अधीन दस्तावेजप्रस्तुत करनेअथवा भुगतान करनेके लिए ग्राहकोंके साथ सहायक संपर्ककरते रहे हैं।

 

दलाल नेयह भी प्रस्तुतीकरणकिया कि उसने अयोग्यव्यक्तियों केसाथ दलाली की साझेदारीकभी नहीं की हैतथा किसी मामलेमें एक कर्मचारीको दिये गये प्रोत्साहन(इन्सेन्टिव)को गलतफहमीसे दलाली की साझेदारीके रूप में समझागया है। उसने प्रस्तुतकिया कि उसने आईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम,2013 के विनियम8 (2) (XIV) का उल्लंघनकभी नहीं कियाहै तथा व्यवसायलाने के लिए प्रचारकरने हेतु एजेंटोंकी सेवाओं का उपयोगकभी नहीं कियाहै।

 

निर्णयः

दलाल कादृष्टिकोण व्यवसायकी अपेक्षा केलिए व्यक्तियोंके नियोजन तथावरिष्ठ स्तर केलोगों की नियुक्तिसे संबंधित दस्तावेजोंके अनुरक्षण केप्रति निस्तेजरहा है। कर्मचारियोंके पदनाम,नाम तथा वेतनऔर भत्तों का निर्धारणकंपनी की आवश्यकताओंके अनुसार मनमानेढंग से किया गयाहै जो यह दर्शाताहै कि व्यवसायकी अपेक्षा करनेके लिए अयोग्यव्यक्तियों कीसेवाओं का उपयोगकिया गया था।

 

दलाल काप्रस्तुतीकरणकि योग्यताप्राप्तव्यक्तियों कीसलाह के अधीन भुगतानोंअथवा दस्तावेजोंके लिए ग्राहकोंसे सहायक मिलतेरहे हैं तथा एककर्मचारी को दियेगये प्रोत्साहनको दलाली राशिके रूप में गलतसमझा गया है,महत्वहीनहै एवं केवल दलालके द्वारा कियेगये समग्र उल्लंघनोंको छिपा लेने काप्रयास प्रतीतहोता है। उक्तटिप्पणी से यहस्पष्ट है कि दलालके एक कर्मचारीको कुछ परिमाणमें व्यवसाय कीअपेक्षा के लिएदलाली का वचन दियागया था। इसे"प्रोत्साहन"(इन्सेन्टिव)शब्द देनाबीमा व्यवसाय कीअपेक्षा करने केलिए आवश्यक योग्यतानहीं रखनेवालेएक कर्मचारी कोअर्हता प्रदाननहीं करता। यहतथ्य कि दलाल नेअयोग्य व्यक्तियोंकी सेवाओं का उपयोगकिया था, वरिष्ठकार्मिकों की नियुक्तिके संबंध में प्रधानदस्तावेजों केअभाव एवं कंपनीकी आवश्यकताओंके अनुसार कर्मचारियोंके पदनाम और वेतनके मनमाने ढंगसे निर्धारण सेऔर अधिक पुष्टहो गया है। अतःदलाल के द्वाराव्यवसाय की अपेक्षाके लिए विनियमोंकी अनुसूची-IIमें उल्लिखितअपेक्षाएँ पूरीन करनेवाले अयोग्यव्यक्तियों काउपयोग करते हुएआईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम,2013 के विनियम8(2)(xiv) का एवं व्यवसायलाने के लिए एजेंटोंऔर प्रचारकों काउपयोग करते हुएआईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम,2013 के विनियम28 के साथ पठितअनुसूचीVI-ए के खंड3() कास्पष्ट उल्लंघनकिया गया है।

 

दलाल कोउपर्युक्त उल्लंघनके लिए चेतावनीदी जाती है। इसकेअतिरिक्त,दलाल को यहनिर्देश दिया जाताहै कि वह आईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम,2018 के विनियम8 के खंड2(I) और अनुसूचीI – फार्म एचके पैरा 3()(विनियम30 और विनियम8(2)) का पूर्णतयाअनुपालन सुनिश्चितकरे।

 

4.  आरोपसं. 4

यह पायागया कि 3 जून2013 से 22 जनवरी2014 तक की अवधि केदौरान दलाल केपास विनियमों केअंतर्गत अधिदेशात्मककिये गये रूप मेंदो अर्हतप्राप्तव्यक्ति नहीं थे,जिसकीपुष्टि कंपनी कार्यमंत्रालय(एमसीए) कीवेबसाइट से प्राप्तनिदेशकों के विवरणका अवलोकन करनेपर भी हुई है। इसकेअतिरिक्त,यद्यपिप्रधान अधिकारीके रूप में एक व्यक्तिकी नियुक्ति काअनुमोदन बोर्डद्वारा केवल3 जून 2013 कोही किया गया था,तथापि,उसतारीख से पहलेभी उसने 11 मई2013 को एक अन्य दलालको संबोधित एकपत्र पर प्रधानअधिकारी के रूपमें हस्ताक्षरकिये थे।

 

दलाल नेकिसी कर्मचारीको जारी किया गयाकोई भी नियुक्तिपत्र उपलब्ध नहींकरा सका तथा उन्होंनेइस बात की भी लिखितमें पुष्टि कीहै कि उन्होंनेऔपचारिक रूप सेनियुक्ति पत्रजारी नहीं कियेहैं।

 

इस प्रकार,दलालने आईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम,2013 के विनियम8(2)(iii) का उल्लंघनकिया जो यह अधिदेशात्मकबनाता है कि बीमादलाल के पास रोजगारमें कम से कम दोऐसे व्यक्ति होनेचाहिए जिनके पासउक्त विनियमोंकी अनुसूचीII में विनिर्दिष्टरूप में आवश्यकयोग्यताएँ हों।

 

दलालके प्रस्तुतीकरणः-

दलाल नेप्रस्तुतीकरणकिया कि हर समय;उक्त विनियमोंका अनुपालन करतेहुए संगठन मेंदो अर्हताप्राप्तव्यक्ति थे। टिप्पणीमें विशेष बल दीगई संबंधित अवधिके दौरान,एक व्यक्तिके दलाल अर्हताप्रमाणपत्र कीअवधि समाप्त होगई थी और उसको छोड़करएक अन्य व्यक्तिकंपनी के निदेशकके साथ ही अर्हताप्राप्तव्यक्ति के रूपमें कार्य कर रहाथा तथा इस कारणसे उसने आईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम,2013 के विनियम8(2)(iii) काउल्लंघन नहीं कियाहै।

 

निर्णयः-

उक्त टिप्पणीदलाल की ओर से उल्लंघनकी ओर संकेत करतीहै जब उसने3 जून2013 से 22 जनवरी2014 तक की अवधिके दौरान अपनेसाथ कम से कम दोअर्हताप्राप्तव्यक्तियों कोनहीं रख सका,जिसकी पुष्टिदलाली कंपनी केनिदेशक के विवरणके द्वारा की गईथी, जैसाकि एमसीए वेबसाइटपर दिया गया है।

 

वरिष्ठकार्मिकों के लिएनियुक्ति पत्रनहीं रखना और एकव्यक्ति के द्वाराप्रधान अधिकारी(पीओ)के रूप मेंअपनी नियुक्तिसे पहले ही प्रधानअधिकारी के रूपमें हस्ताक्षरकरना दलाल के आंतरिकप्रशासन के घटियाकार्यचालन के संबंधमें आरोप को औरमजबूत करता है।

 

दलाल नेअपने प्रस्तुतीकरणमें एक निदेशकको अर्हताप्राप्तव्यक्ति के रूपमें माना है,परंतु उसनेकंपनी के पूर्णकालिककर्मचारी के रूपमें कभी कार्यनहीं किया है तथादलाल उसकी अर्हताके समर्थन मेंकोई दस्तावेज प्रस्तुतनहीं कर सका हैऔर इस कारण से न्यूनतमदो अर्हताप्राप्तव्यक्तियों कीआवश्यकता पूरीनहीं की गई। यहइस बात को भी निर्दिष्टकरता है कि कंपनीमें आंतरिक जाँचऔर नियंत्रण नहींथा।

 

उपर्युक्ततथ्य यह दर्शातेहैं कि दलाल नेआईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम,2013 के विनियम8(2)(iii) का उल्लंघनकिया है जो यह अधिदेशात्मकबनाता है कि बीमादलाल के पास रोजगारमें कम से कम दोऐसे व्यक्ति होनेचाहिए जो उक्तविनियमों की अनुसूचीII में विनिर्दिष्टरूप में आवश्यकयोग्यताएँ रखतेहों। उपर्युक्तउल्लंघन के लिएदलाल को चेतावनीदी जाती है तथानिदेश दिया जाताहै कि वह आईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम,2018 के विनियम8(2)()का अनुपालनसुनिश्चित करे।

5.  आरोपसं. 5:

यह पायागया कि दलाल केपास 11 महीनेकी अवधि के लिएएक किराया करारथा तथा उक्त करारभी केवल लाइसेंसके लिए आवेदन दाखिलकरते समय और नवीकरणके समय ही प्रचलितथा। अंतरिमअवधि के दौरानकोई उचित किरायाकरार विद्यमाननहीं था।

 

उक्त दोनोंकिराया करारोंकी वैधता अवधिकेवल ग्यारह महीनेथी तथा दलाल नेकिराया करार केसमाप्त होने केबाद उसका नवीकरणनहीं किया है।यह प्रतीत होताहै कि दलाल ने केवलव्यवसाय के प्रारंभके समय तथा अपनेलाइसेंस के नवीकरणके समय ही स्वामी(ओनर) केसाथ किराय करारकिया है। यहभी पाया गया किदलाल ने रु.15000/- का किरायाप्रति माह2013-14 और 2014-15केदौरान किसी किरायाकरार के बिना हीअदा किया है।

 

इसके अतिरिक्त,हैदराबादस्थित कार्यालयस्थान का उपयोगकंपनी के प्रवर्तकऔर निदेशक के द्वारासनदी लेखाकार(चार्टर्ड अकाउण्टेण्ट)केरूप में व्यवसायके लिए किया गयाहै। निरीक्षण कीप्रक्रिया के दौरानइस परिसर में वहअपने ग्राहकोंका कार्य कर रहाथा। उसके विजिटिंग/व्यवसायके कार्ड से यहभी देखा गया हैकि दलाली कंपनीका पता प्रमुखरूप से उसके कार्यालयके रूप में उल्लिखितहै।

 

इसके अलावा,दलालीकंपनी के प्रवर्तकोंके द्वारा धारितकंपनी का पंजीकृतकार्यालय वही हैजो दलाल के पंजीकृतकार्यालय के रूपमें है।

 

इन कंपनियों/दलालीकंपनी की सहायककंपनियों के बीचपरिसर की साझेदारीके लिए कोई व्यवस्थानहीं है। इसकेअभाव में, यहसमझा जाता है किइस परिसर का उपयोगएकमात्र बीमा दलालीव्यवसाय के लिएनहीं किया जाता।

 

बीमा दलालके लिए उपस्करके भाग के रूप मेंअपेक्षित था किउसके पास उसकेबीमा दलाली कार्यकलापोंके लिए आईटी सॉफ्टवेयरहो। बीमादलाल ने लाइसेंसके लिए अपने आवेदनकी प्रक्रिया केदौरान अपने पत्रदिनांक 18 जनवरी2012 के द्वारा यहपुष्टि की थी कि"चूँकिवे लाइसेंस केलिए प्रतीक्षाकर रहे थे,अतः उन्होंनेआईटी प्रणाली कोकार्यान्वित नहींकिया है। एक बारलाइसेंस मिलनेके बाद वे प्रचलितआईआरडीए दिशानिर्देशोंके अनुसार अपेक्षितआईटी प्रणाली कोविनियोजित करेंगे।"

 

उपर्युक्तपत्र के बाद बीमादलाल का एक और पत्रदिनांक 13 फरवरी2012 मिला था जहाँउन्होंने स्पष्टरूप से पुष्टिकी थी कि उनके सेवाप्रदाता के साथउनसे सॉफ्टवेयरपैकेज खरीदने केलिए कई बार चर्चाएँकी गई हैं।

 

तथापि,निरीक्षणके दौरान यह पायागया कि बीमा दलालके पास उनके दलालीकार्यकलापों केलिए कोई सॉफ्टवेयरविद्यमान नहींथा। निरीक्षण टीमको प्रस्तुत अपनेआलेख में उन्होंनेइस बात की पुष्टिकी कि उनके परिचालनअत्यंत मद गतिपर हैं, वेप्रारंभिक लागतऔर सॉफ्टवेयर लागतका वार्षिक नियमितअनुरक्षण वहन नहींकर सके तथा इस कारणसे वे अपने खातेटैली सॉफ्टवेयरमें तैयार कर रहेहैं।

 

इसके अलावा,उक्तबीमा दलाल के एकनिदेशक और शेयरधारकको वित्त और लेखाके प्रभारी मुख्यप्रबंध कार्मिकके रूप में दर्शायागया है। तथापि,कंपनीका एक शेयरधारकऔर निदेशक होनेके अतिरिक्त,उक्तनिदेशक उक्त दलालीकंपनी में कोईकार्यात्मक क्षेत्रको धारित नहींकरता। यह जानकारीप्राप्त की गईकि उपर्युक्त निदेशकउनके बैंक खातेपरिचालित करनेके लिए प्राधिकृतव्यक्तियों मेंसे एक है। कंपनीके विभिन्न कर्मचारियोंको अदा किये गयेवेतन को दर्शानेवालेविवरणों में भीउस निदेशक का नामनहीं है।

 

उपर्युक्तसभी उदाहरण एकदलाल के रूप मेंकार्य करने केलिए न्यूनतम बुनियादीसंरचना के अभावको निर्दिष्ट करतेहैं जो आईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम,2013 के विनियम8(2)(ii) का उल्लंघनहै।

 

दलालका प्रस्तुतीकरणः-

दलाल नेप्रस्तुतीकरणकिया कि दलाल केरूप में कार्यकरने के लिए उसकेपास उचित बुनियादीसंरचना की सुविधाएँउपलब्ध हैं। बुनियादीसंरचना के एक स्थाननअर्थात् कार्यालयपरिसर के संबंधमें, किरायाकरार 04-07-2013 कोसमाप्त हो गयाथा। तब से वह भू-स्वामिनीसे संपर्क करनेके लिए प्रयासकर रहा था जो लंदनमें निवास कर रहीथी, तथाजब भी वह संपर्ककर रहा था,वह सूचितकर रही थी कि वहजब भी भारत आएगी,तब किरायाकरार पर हस्ताक्षरकरेगी। यह कारणदर्शाते हुए दलालने उस महिला कोमासिक किराये काभुगतान किया। दलालके द्वारा बार-बारअनुरोध करने केबावजूद वह अपनीआयु के कारण2 वर्ष के लिएभारत नहीं आई,और अंततः07-08-2015 को भारत आई।दलाल ने तत्काल11 महीने कीअवधि के लिए किरायाकरार प्राप्त किया।इस वास्तविक तथ्यके कारण पट्टाविलेख के बिनादो वर्ष का अंतरालरहा।

 

उसने यहभी प्रस्तुतीकरणकिया कि निरीक्षणके समय उसके पासपाँच निदेशक हैं।इन पाँच निदेशकोंमें से एक प्रमुखप्रवर्तक जो एकअर्हताप्राप्तसनदी लेखाकार भीहै, उक्तदलाल कंपनी केकार्यों की देखभालकर रहा है। चूँकि वहएक व्यवसायी सनदीलेखाकार है,और चूँकिवह कंपनी के कार्योंकी देखभाल भी कररहा है, अतःउनके ग्राहक अपनीशंकाएँ दूर करनेके लिए उनके पासआये। इसका अर्थयह नहीं है कि परिसरका उपयोग दलालीव्यवसाय के अतिरिक्तअन्य प्रयोजनोंके लिए किया गया। तथापि,तब से उक्तप्रवर्तक ने दलालीपरिसर का उपयोगअपने सीए विषयोंके लिए भी बिलकुलनहीं किया।

 

दलाल हार्डवेयरऔर सॉफ्टवेयर काउपयोग बीएपी मॉड्यूलके दिशानिर्देशोंके अनुसार करतारहा है। निरीक्षणके समय गलतफहमीके कारण उसने गलतसूचना प्रस्तुतकी, यद्यपिउसके पास एक आईटीके जानकार व्यक्तिके साथ स्वयंपूर्णआईटी सॉफ्टवेयरविद्यमान है।

 

बैंक खातोंके परिचालन केसंबंध में,दलाली कंपनीका प्रमुख शेयरधारकऔर प्रवर्तक बोर्डके संकल्प के अनुसारदलाली कंपनी केवित्तीय मामलोंकी देखभाल कर रहीहै, परंतुवह कंपनी से कोईवेतन प्राप्त नहींकर रही है और इसकारण से उसका नामवेतन सूची मेंविद्यमान नहींहै।

 

साथ ही,दलाल के प्रवर्तकोंके द्वारा धारितकंपनी 2013 सेएक परिचालन-रहितकंपनी हैतथा कार्यालय मेंकोई भी कर्मचारी/स्टाफ नियोजितनहीं है। इस कंपनीके पंजीकृत कार्यालयकी सूचना आरओसीको त्रुटिवश दीगई थी तथा वह तत्कालयह पता बदल देगी।

 

निर्णयः-

टिप्पणीदलाल की कार्यपद्धतिके संबंध में देखीगई विभिन्न भूलोंऔर चूकों से संबंधितहै। दलाल के पासपरिसर के लिए किरायाकरार केवल लाइसेंसके लिए आवेदन करनेऔर लाइसेंस कानवीकरण करवानेके समय ही था तथाअंतरिम अवधि केदौरान कोई किरायाकरार विद्यमाननहीं था और किरायेका भुगतान मनमानेढंग से किया गया। कार्यालयके परिसर का उपयोगदलाल के प्रवर्तकोंद्वारा स्वामित्व-प्राप्तअन्य कंपनियाँसंचालित करने केलिए भी किया गयाथा।

 

दलाल काप्रस्तुतीकरणकि संबंधित कंपनीका पता कंपनियोंके रजिस्ट्रार(आरओसी)को त्रुटिवशसूचित किया गयाथा, महत्वहीनप्रतीत होता हैक्योंकि यह समझनाकठिन है कि एक कंपनीका पता आरओसी कोकैसे त्रुटिवशसूचित किया जासकता है जो दलालकी जानकारी मेंनिरीक्षण के समयतक नहीं आई।

 

एक दलालीकंपनी को संचालितकरने के लिए उचितसॉफ्टवेयर का होनाएक अत्यावश्यकपूर्वापेक्षाहै। तथापि,आज की तारीखतक दलाल के पासकोई सॉफ्टवेयरउपलब्ध नहीं हैतथा अभी भी #2357;ह कुछविक्रेताओं केसाथ बातचीत मेंहोने की प्रतिबद्धताव्यक्त कर रहाहै (जोदलाल के द्वारानिरीक्षण के समयभी कहा गया था)

 

दलाल नेएक निदेशक को वित्तऔर लेखों के मुख्यप्रबंध कार्मिकके रूप में पदनामितकिया है तथा उसव्यक्ति को बैंकखातों का परिचालनकरने के लिए प्राधिकृतकिया है, यद्यपिसंबंधित व्यक्तिदलाल की संस्थामें कोई कार्यात्मकपद धारित नहींकरता और न ही वहउसका कर्मचारीहै। यह अपने व्यवसायके प्रति दलालकी पूर्णतः गंभीरतासे रहित प्रवृत्तिको दर्शाता हैक्योंकि वित्तऔर लेखे जैसा एकमहत्वपूर्ण विभागएक ऐसे व्यक्तिको सौंपा गया हैजो दलाल के दैनंदिनकार्य-व्यवहारको भी नहीं जानता।अपने प्रस्तुतीकरणमें दलाल ने केवलसंबंधित व्यक्तिको उपर्युक्त दायित्वसौंपने के लिएबोर्ड का संकल्पहोने की सफाई दीहै, परंतुयह प्रस्तुत नहींकिया है कि किसआधार पर इस प्रकारका संकल्प पारितकिया गया था।

 

दलाल सेयह अनिवार्य रूपसे प्रत्याशितकिया जाता है किउसे अवश्य एक व्यावसायिकतरीके से कार्यकरना चाहिए। परंतुदलाल की ओर से भूलोंऔर चूकों का वर्णनकरनेवाले उपर्युक्तउदाहरण निर्दिष्टकरते हैं कि दलालएक व्यावसायिकतरीके से कार्यनहीं कर रहा है।अतः दलाल को उपर्युक्तके लिए चेतावनीदी जाती है तथानिम्नलिखित काअनुपालन सुनिश्चितकरने का निर्देशदिया जाता है

i)       अपने कार्यकलापप्रभावी ढंग सेसंपन्न करने केलिए आवश्यक मूलभूतसंरचना, जैसेपर्याप्त कार्यालयपरिसर, उपस्कर,प्रशिक्षितमानवशक्ति और आईटीबुनियादी सुविधाएँरखते हुए आईआरडीएआई(बीमा दलाल)विनियम,2018 का विनियम8 (2)()

ii)       एकव्यावसायिक तरीकेसे कार्य करनेके द्वारा आईआरडीएआई(बीमा दलाल)विनियम,2018 की अनुसूचीI – फार्म एचका खंड 1

 

6.  आरोपसं. 6:

प्रधानअधिकारी का परिवर्तनकरने की स्थितिमें प्रधान अधिकारीके रूप में किसीव्यक्ति को नियुक्तकरने से पहले प्राधिकरणका अनुमोदन प्राप्तकरना आवश्यक है।इस मामले में,बीमादलाल ने 3 जून2013 के पत्र के द्वाराप्राधिकरण को सूचितकिया है कि उनकेप्रधान अधिकारीके रूप में एक व्यक्तिको नियुक्त कियागया है। तथापि,बीमादलाल प्राधिकरणसे प्राप्त अनुमोदनकी प्रतिलिपि निरीक्षणटीम को उपलब्धनहीं करा सका।

 

यह ध्यानरखना उपयुक्त होगाकि यद्यपि प्रधानअधिकारी की नियुक्तिबोर्ड द्वारा केवल3 जून 2013 कोही अनुमोदित कीगई थी, तथापिउसने एक अन्य दलालको संबोधत दिनांक11 मई 2013 केपत्र पर प्रधानअधिकारी के रूपमें हस्ताक्षरकिये थे। यह प्रमाणितकरता है कि कंपनीने कुछ समयावधिके लिए प्रधानअधिकारी के बिनाकार्य किया था।

 

इसी प्रकार,किसीशाखा को प्रारंभकरने / समाप्तकरने के मामलेमें बीमा दलालसे अपेक्षित हैकि वह इस प्रकारकिसी शाखा को प्रारंभ/ समाप्त करनेकी सूचना प्राधिकरणको दे। इस संबंधमें, बीमादलाल ने भीमवरममें स्थित अपनीशाखा के लिए एककिराया करार किया। किरायाकरार के अनुसार,बीमादलाल से रु.20,000/- का किरायाअग्रिम जमा करनाअपेक्षित था औरयह राशि वापस करनेयोग्य थी। उक्तपरिसर का मासिककिराया रु.10,000/- था।

 

तथापि,बीमादलाल ने रु.1,00,000/- का किरायाअग्रिम जमा कियाजो अभी तक एक अग्रिमके रूप में दर्शायाजा रहा है। इसकेअतिरिक्त,बीमादलाल ने यात्राव्ययों के लिएरु. 45,000/-, पूजाव्ययों के लिएरु. 15,000/- और फर्नीचरव फिक्चर हेतुरु. 39,500/- का व्ययकिया।

 

भुगतानवाउचर से यह देखाजा सकता है कि उपर्युक्तव्ययों के लिएभुगतान 7 जुलाई2014 को किया गयाथा जबकि किरायाकरार दिनांक1 अगस्त 2014 काथा। इसके अलावा,रु.9,389/- की राशि भीमवरमसे दलाली के रूपमें अर्जित कीगई थी।

 

बीमा दलालके अधिकारियोंने निरीक्षण टीमको सूचित कियाहै कि वे भीमवरमशाखा से अपने परिचालनप्रारंभ नहीं करसके थे तथा इस स्थितिके होते हुए उक्तशाखा बंद की गईथी। आगे उन्होंनेयह भी सूचित कियाकि रु. 1,00,000/- काकिराया अग्रिमअभी वापस प्राप्तकरना है।

 

बीमा दलालने दोनों उक्तशाखा को प्रारंभकरने और उसके अनुवर्तीसमापन की सूचनाप्राधिकरण को नहींदी है।

 

उपर्युक्तके अतिरिक्त,बीमादलाल से अपेक्षितहै कि वह जब भी परिवर्तनहो तब प्राधिकरणको अर्हताप्राप्तव्यक्तियों कीसूची से संबंधितसूचना प्रस्तुतकरे। बीमादलाल द्वारा उपलब्धकराई गई वर्ष-वारसूची से यह देखाजा सकता है कि उक्तसंख्या वित्तीयवर्ष 2012-13 से2013-14 तक दो अर्हताप्राप्तव्यक्तियों सेबढ़कर तीन हो गईतथा इसकी सूचनाप्राधिकरण को नहींदी गई थी। इसी प्रकार,एकव्यक्ति की नियुक्तिभी प्राधिकरण कोसूचित नहीं कीगई।

 

दलाल नेनये प्रधान अधिकारीकी नियुक्ति केलिए प्राधिकरणसे पूर्व अनुमोदनप्राप्त नहीं करतेहुए आईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम,2013 के विनियम38 (3)(i) का उल्लंघनकिया है जो यह अधिदेशात्मकबनाता है कि "प्रधानअधिकारी के परिवर्तनकी स्थिति मेंबीमा दलाल प्राधिकरणका पूर्व अनुमोदनप्राप्त करेगा"

 

साथ ही,आईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम,2013 के विनियम38 (4)(i) का उल्लंघनकिया गया है जिसमेंयह परिकल्पित कियागया है कि "बीमादलाल किसी शाखाका प्रारंभ/समापन होनेकी स्थिति मेंप्राधिकरण को पहलेसे प्रस्तुत कीगई सूचना में जबभी कोई परिवर्तन/ परिवर्धनहोता है तब प्राधिकरणको सूचित करेगा"क्योंकि दलालने भीमवरम मेंशाखा के प्रारंभ/ समापन के बारेमें प्राधिकरणको सूचित नहींकिया।

 

दलाल नेकंपनी में नियुक्तियोंके बारे में प्राधिकरणको सूचित नहींकिया जो आईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम,2013 के विनियम38(4)(ii) का घोर उल्लंघनहै जो यह अधिदेशात्मकबनाता है कि "बीमादलाल पहले से दीगई सूचना में जबभी कोई परिवर्तनहोता है तब अर्हताप्राप्तव्यक्तियों कीसूची प्राधिकरणको प्रस्तुत करेगा"

 

दलालके प्रस्तुतीकरणः-

दलाल नेप्रस्तुतीकरणकिया कि पूर्वके प्रधान अधिकारीके द्वारा अचानकत्यागपत्र दियेजाने के कारण नयेप्रधान अधिकारीकी नियुक्ति जल्दबाजीमें नहीं की गईतथा इस कारण सेउसने प्राधिकरणसे अनुमोदन प्राप्तनहीं किया।

 

शाखा केप्रारंभ के संबंधमें दलाल ने प्रस्तुतीकरणकिया कि उसने भीमवरममें एक शाखा प्रारंभकरना चाहा था तथाउसने निर्णय एकअल्प अवधि मेंलिया और रु.1,00,000/- का किरायाअग्रिम अदा कियाएवं उसने फर्नीचरकी खरीद के लिएकुछ विविध व्ययभी किया। उसी दिनउसने रु.9,389/- का प्रीमियमप्राप्त किया।यह मित्रों केसंदर्भ के कारणथा तथा तदुपरांतयह समझा गया कियह व्यवहार्य नहींहै एवं उसने तत्कालउक्त कार्यालयको समाप्त कियाऔर भूस्वामी सेकिराया अग्रिमकी वापसी अदायगीकरने के लिए अनुरोधकिया। उसने उक्तराशि लौटाने केलिए सहमति दी। यह सारी प्रक्रियाएक सप्ताह के समयके अंदर संपन्नकी गई थी। उक्तस्थिति को ध्यानमें रखते हुए उसनेआईआरडीए को शाखाके प्रारंभ औरसमापन के बारेमें सूचित नहींकिया। खरीदा गयाफर्नीचर हैदराबादस्थित पंजीकृतकार्यालय में लायागया है। दलाल नेयह भी प्रस्तुतकिया कि कंपनीमें अधिकारियोंकी नियुक्ति कीसूचना पर्याप्तसमय पहले आईआरडीएको दी गई थी।

 

निर्णयः-

प्रधानअधिकारी की नियुक्तिके लिए पूर्व अनुमोदनदलाल द्वारा प्राधिकरणसे नहीं लिया गयाजो आईआरडीए(बीमा दलाल)विनयम,2013 के विनियम38(3)(i) का स्पष्टउल्लंघन है जोयह अधिदेशित करताहै कि "बीमादलाल को प्रधानअधिकारी का परिवर्तनहोने की स्थितिमें प्राधिकरणका पूर्व अनुमोदनप्राप्त करना होगा"

 

दलाल कायह प्रस्तुतीकरणकि नये प्रधानअधिकारी की नियुक्तिजल्दबाजी में कीगई थी, दलालको विनियमों काउल्लंघन करने कीस्वतंत्रता प्रदाननहीं करता। अपनी नियुक्तिसे पहले ही प्रधानअधिकारी की क्षमतामें किसी व्यक्तिके द्वारा एक पत्रपर हस्ताक्षर करनेके संबंध में दलालने प्रस्तुतीकरणकिया कि यह जल्दबाजीमें किया गया था।यह आश्चर्यजनकहै कि कंपनी केप्रधान अधिकारीके रूप में नियुक्तकिये जाने के लिएपदनामित व्यक्तिके पास ऐसी मूलभूतजानकारी नहीं #2361;ैतथा यह प्रतीतहोता है कि दलालका प्रस्तुतीकरणआंतरिक नियंत्रणऔर जाँच के अभावको छिपाने का एकप्रयास है।

 

भीमवरममें शाखा कार्यालयके प्रारंभ औरसमापन के संबंधमें प्राधिकरणको सूचित न करनेके बारे में दलालके द्वारा दियागया तर्क विश्वसनीयप्रतीत नहीं होता।सुस्पष्ट रूप से,ऐसे अल्पअंतराल में कार्यालयखोलने और बंद करनेका निर्णय तथाउससे कुछ व्यवसायकी अपेक्षा करनाआईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम,2013 के विनियम38(4)(i) के उल्लंघनकी ओर संकेत करताहै जो यह परिकल्पितकरता है कि "बीमादलाल किसी शाखाके प्रारंभ/ समापन कीस्थिति में प्राधिकरणको पहले से प्रस्तुतकी गई सूचना मेंजब भी परिवर्तन/ परिवर्धनहोता है तब प्राधिकरणको सूचित करेगा"

 

अर्हताप्राप्तव्यक्तियों कीभर्ती के संबंधमें प्राधिकरणको सूचित न करनेके विषय में दलालअपने प्रस्तुतीकरणके समर्थन मेंकोई दस्तावेजीसाक्ष्य उपलब्धनहीं करा सका जोयह दर्शाता हैकि आईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम,2013 के विनियम38(4)(ii) का उल्लंघनकिया गया है जोयह अधिदेशात्मकबनाता है कि "बीमादलाल पहले से प्रस्तुतकी गई सूचना मेंजब भी कोई परिवर्तनहोता है तब अर्हताप्राप्तव्यक्तियों कीसूची प्राधिकरणको प्रस्तुत करेगा"

 

अतः उपर्युक्तउल्लंघनों के लिएदलाल को चेतावनीदी जाती है तथाआईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम,2018 के विनियम13(3), 40(1), 40(3)(),40(4)() और40(4)() काअनुपालन सुनिश्चितकरने का निर्देशदेता है।

 

7.  आरोपसं. 7:

यह पायागया कि बीमा दलालने लाइसेंस केलिए आवेदन दाखिलकरने के समय एवंनवीकरण के समयभी प्रस्तुत कियाकि कंपनी का एकशेयरधारक और निदेशकएक मुख्य प्रबंधकार्मिक है जोबीमा दलाल के वित्तऔर लेखों के लिएजिम्मेदार है,जबकियह देखा गया हैकि वह कंपनी कीएक कर्मचारी भीनहीं है। इसकाप्रमाण बीमा दलालके द्वारा उपलब्धकराये गये कर्मचारियोंके वेतन के विवरणसे प्राप्त कियाजा सकता है।

 

इसी प्रकार,एकअन्य मामले मेंबीमा दलाल ने अपनेनवीकरण आवेदन मेंप्रस्तुतीकरणकिया कि वह प्रशासनका प्रभारी मुख्यप्रबंधन कार्मिकहै। तथापि,यहपाया गया कि वहवाइस प्रेसिडेंट(विपणन) केरूप में पदनामितहै तथा बीमा व्यवसायकी अपेक्षा करताहै।

 

इसके अलावा,बीमादलाल ने अपने दिनांक18 जनवरी 2012 केसंशोधित आवेदनमें, जोउनके पत्र दिनांक18 जनवरी 2012 केपत्र के साथ दाखिलकिया गया था,प्रबंधनके प्रमुख कार्मिकोंका विवरण प्रस्तुतकिया। तथापि,कर्मचारियोंके वेतन विवरणोंका अवलोकन करनेपर उनके नाम विद्यमाननहीं थे।

 

इसी प्रकार,बीमादलाल ने अपने नवीकरणआवेदन में बीमाव्यवसाय की अपेक्षाऔर प्राप्ति करनेके लिए उत्तरदायीकर्मचारी के रूपमें एक व्यक्तिका उल्लेख किया। तथापि,वहबीमा दलाल का कर्मचारीनहीं है और व्यवसायीसनदी लेखाकार हैजो पुणे का निवासीहै।

 

उपर्युक्तके अलावा, बीमादलाल ने दिनांक25 जुलाई 2013 केअपने पत्र के द्वाराअपने व्यवसाय केविकास के लिए विभिन्नपदों के लिए कीगई नियुक्तियोंके संबंध में प्राधिकरणको सूचित किया।

 

बीमा दलालके द्वारा उपर्युक्तपत्र में तीन व्यक्तियोंके संबंध में भीप्रस्तुतीकरणकिया गया। एकव्यक्ति का उल्लेखएक बीमा व्यवसायीऔर भारतीय बीमासंस्थान, मुंबईके सदस्य के रूपमें किया गया तथाअन्य दो व्यक्तियोंके बारे में यहउल्लेख किया गयाकि उनके पासबीमा के क्षेत्रमें 10 वर्षसे भी अधिक समयका कार्यसाधक ज्ञानहै।

 

तथापि,बीमादलाल के द्वाराप्रस्तुत कियेगये वेतन विवरणोंका अवलोकन करनेपर यह पाया गयाकि इनमें से एकव्यक्ति का नामनहीं है। इसीप्रकार, अन्यदो व्यक्तियोंके संबंध में कमीहै जैसे एक व्यक्तिको प्रबंधक(लेखा) केरूप में दिखायागया है तथा अन्यव्यक्ति के मामलेमें यह पाया गयाकि उसे वर्ष2013-14 में संदेशवाहक(मेसेंजर)केरूप में पदनामितकिया गया था औरवर्ष 2014-15 मेंइसे सहायक(लेखा) केरूप में परिवर्तितकिया गया था।

 

उपर्युक्तउदाहरण यह निर्दिष्टकरते हैं कि दलालबार-बारकर्मचारियों केअस्तित्व अथवाकंपनी में उनकीस्थिति के बारेमें गलत सूचनादेता रहा है जोआईआरडीए (बीमादलाल) विनियम,2013 के विनियम41(1)() काउल्लंघन है जोयह निर्धारित करताहै कि बीमा दलालअपना आवेदन दाखिलकरते समय अथवालाइसेंस की वैधताके दौरान कोई गलतया झूठी सूचनाप्रस्तुत नहींकरेगा अथवा किसीमहत्वपूर्ण सूचनाको नहीं छिपायेगा।

 

दलालके प्रस्तुतीकरणः-

दलाल नेप्रस्तुतीकरणकिया कि उसने कभीप्राधिकरण को जान-बूझकरया अनजाने मेंकोई गलत सूचनाप्रस्तुत नहींकी। परिचालन प्रारंभकरने की कंपनीकी प्रारंभिक अवधिमें कुछ भूलेंहुई थीं तथा अबदलाल ने उन्हेंसुधार लिया हैऔर प्राधिकरण कीअपेक्षाओं के अनुसारआगे बढ़ रहा है।

 

निर्णयः-

टिप्पणीविभिन्न उदाहरणोंसे संबंधित हैजहाँ दलाल ने प्राधिकरणको गलत सूचना प्रस्तुतकी है अथवा प्राधिकरणसे कुछ महत्वपूर्णसूचना छिपाई है।

 

दलाल काउत्तर कि शुरुआतके प्रारंभिक चरणमें कुछ भूलेंहुई हैं, एकप्रकार से गुप्तप्रस्तुतीकरणहै कि महत्वपूर्णसूचना छिपाई गईहै और प्राधिकरणको झूठी सूचनाप्रस्तुत की गईहै तथा दलाल कीओर से स्पष्ट उल्लंघनकी ओर निर्दिष्टकरता है। तथापि,इस बात कोध्यान में रखतेहुए कि दलाल नेसुधारात्मक कार्रवाईकी है, प्राधिकरणदलाल को चेतावनीदेता है कि ऐसीभूल की कोई भी पुनरावृत्तिहोने की स्थितिमें आईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम,2018 के विनियम49(1)() केअधीन कार्रवाईकी जाएगी।

 

8.  आरोपसं. 8:

बीमा दलालके पास उनके आकार,स्वरूपऔर उनके व्यवसायकी जटिलता के अनुरूपउचित आंतरिक नियंत्रणऔर प्रणालियाँविद्यमान नहींहैं।

 

यह पायागया है कि बीमादलाल अपने कुछकर्मचारियों कोवेतन का भुगताननकदी में कर रहाहै। वर्ष2014 के लिए, जुलाई2014 से फरवरी2015 तक बीमा दलालने वेतन के लिएरु. 9,65,000/- कीराशि का भुगताननकदी में की है।

 

उस व्यक्तिके मामले में जिसेवाइस प्रेसिडेंटके रूप में पदनामितकिया गया है,वेतनका भुगतान नकदीमें किया जा रहाहै तथा उसका मासिकवेतन रु.50,000/- है।

 

इसी प्रकार,बीमादलाल ने एक व्यक्तिको वेतन (करकी कटौती के बाद)केलिए रु. 11,70,000/- (माहमई 2014 में रु.4,50,000/-, माह जून2014 में रु.4,50,000/- और माह जुलाई2014 में रु.2,70,000/-) का भुगतानकिया है। नियुक्तिपत्र के अनुसारवह व्यक्ति वाइस-प्रेसिडेंट(प्रशासन)केरूप में नियुक्तकिया गया था औरउसके द्वारा कार्यग्रहणकरने की तारीख2 अप्रैल2014 थी। तथापि,बीमादलाल के द्वाराप्रस्तुत कियेगये वेतन विवरणके अनुसार उसकापदनाम प्रबंधक(विपणन) था।वेतन का भुगतान22 मई 2014 कोऔर तत्काल बाद3 जून 2014 कोतथा उसके उपरांत5 जुलाई 2014 कोकिया गया था।

 

पूछताछकरने पर बीमा दलालने सूचित कियाकि वे सम्मिश्र(कॉम्पोजिट)दलालीलाइसेंस के लिएआवेदन करने कीयोजना बना रहेथे तथा उस व्यक्तिको पुनर्बीमा विशेषज्ञके रूप में नियुक्तकर दिया था। तदुपरांतउन्होंने सम्मिश्रलाइसेंस के लिएआवेदन करने क#2366;विचार छोड़ दियाऔर उस व्यक्तिकी सेवाएँ समाप्तकी गई थीं।

 

जर्नलवाउचर की एक प्रतिदर्शाती है किरु. 1,00,000/- कीराशि का भुगतानबीमा दलाल के एकसहयोगी को वेतनके रूप में कियागया था।

बीमा दलालने अपने लाइसेंसके नवीकरण के दौरानप्रस्तुत कियाकि फ्लैट खरीदनेके लिए अग्रिमके तौर पर एक कंपनीको रु. 30,00,000/- काभुगतान किया गयाथा। प्राधिकरणने दिनांक11 सितंबर2015 के पत्र के द्वाराउनके लाइसेंस कानवीकरण करते हुएबीमा दलाल को सूचितकिया कि वह औपचारिकताएँपूरी होने के बादविक्रय विलेख कीएक प्रति प्रस्तुतकरे। तथापि,बीमादलाल से पूछताछकरने पर यह विदितहुआ कि उस कंपनीको अग्रिम की अदायगीकरने के लिए कोईकरार नहीं कियागया था तथा उक्तसौदा कार्यान्वितनहीं किया जा सका।उसके बाद बीमादलाल ने उस कंपनीसे रु. 28,50,000/- कीराशि की वसूलीकर ली। रु.28,50,000/- में से रु.18,50,000/- की राशि नकदीमें प्राप्त कीगई। तथापि,उसकंपनी के द्वारादी गई दिनांक15 मई 2013 कीरसीद की प्रतिका अवलोकन करनेपर यह पाया गयाकि रु. 15,00,000/- कीराशि हैंड लोनके रूप में उनकोदी गई थी।

 

केवल रु.16,00,000/- की राशि1500 वर्गफीट केक्षेत्रफल के लिएविकसित किये जारहे वाणिज्यिकफ्लैट उद्यम हेतुअग्रिम के रूपमें प्राप्त कीगई थी। कोई अतिरिक्तविवरण उपलब्ध नहींकराया गया।

 

बीमा दलालके पास अपने कर्मचारियोंको नियुक्ति पत्रजारी करने की कोईप्रणाली विद्यमाननहीं है, यहाँतक कि वरिष्ठ अधिकारियोंके लिए भी, जैसेप्रधान अधिकारी,कार्यकारीनिदेशक और वाइसप्रेसिडेंटोंके संबंध में। उन्होंने पुष्टिकी है कि उनके यहाँनियुक्ति पत्रजारी करने की प्रथाविद्यमान नहींहै। इस प्रकारकी स्थिति के अभावमें ऐसा कोई साक्ष्यउपलब्ध नहीं हैकि वे बीमा दलालके पूर्णकालिककर्मचारी हैं।

 

इस बातपर ध्यान देनाभी महत्वपूर्णहै कि उनके भूतपूर्वप्रधान अधिकारीने रु. 15,000/- प्रतिमाह की दर से तीनमहीने के लिए अपनेमानदेय को रोकदेने के कारण उक्तदलाली कंपनी कोसूचित करते हुएएक दिनांकरहितत्यागपत्र प्रस्तुतकिया। उसकेबाद उन्हें3 जून 2013 कोभारमुक्त कियागया तथा एक अन्यव्यक्ति को निदेशकएवं प्रधान अधिकारीके रूप में नियुक्तकिया गया और उसकोवेतन के बदले मानदेयका भुगतान कियागया।

 

इसके अलावा,निरीक्षणटीम ने रॉयल इंश्योरेंसकॉरपोरेशन ऑफ भूटानलि. (आरआईसीबी),थिंफू,भूटानसे प्राप्त दिनांक10 जुलाई 2013 केदस्तावेज की प्रतिप्राप्त की जिसकेद्वारा मेसर्ससनरेज़ इंश्योरेंसब्रोकिंग सर्विसेज़लि. को बीमादलाल के माध्यमसे विकल्पी(फैकल्टेटिव)व्यवसायके स्थानन(प्लेसमेंट)केलिए उनके दलालके रूप में नियुक्तकिया गया तथा बीमादलाल को यह भी सूचितकिया कि उन्होंनेविदेशी पुनर्बीमाकर्ताओंसे आवक व्यवसायका जोखिम-अंकनप्रारंभ किया हैतथा आरआईसीबी जोखिमोंके उनके स्थाननमें बीमा दलालका समर्थन करेगा,यदिशर्तें उनकी आवश्यकताएँपूरी करेंगी। बीमादलाल ने उनकी नियुक्तिको स्वीकार कियाऔर उनके जावक व्यवसायके स्थनन में आरआईसीबीएलके लिए दलाल केरूप में कार्यकरने की सहमतिदी एवं साथ ही आरआईसीबीको व्यवसाय प्रस्तुतकरने की इच्छाजाहिर की। यहाँपर यह उल्लेखनीयहै कि उक्त बीमादलाल केवल साधारणबीमा श्रेणी केलिए प्रत्यक्षदलाल के रूप मेंलाइसेंसप्राप्तहै तथा उन्हेंकोई भी पुनर्बीमादलाली व्यवसायको स्वीकार करनेअथवा स्थापित करनेके लिए प्राधिकृतनहीं किया गयाहै / लाइसेंसप्रदान नहीं कियागया है। यह दर्शाताहै कि उक्त बीमादलाल के पास बीमादलालों को नियंत्रितकरनेवाले विनियमोंएवं बीमा दलालके रूप में उनकीभूमिका और सीमाओंके बारे में बहुतकम जानकारी है/ कोई जानकारीनहीं है।

 

इस तथ्यकी पुष्टि करनेवालाएक और साक्ष्यएक अन्य दलाल कोलिखा गया एक पत्रहै जिसमें उन्हेंसह-दलाल/अन्यपक्ष सेवा प्रदाताके रूप में सूचीबद्धकरने के लिए अनुरोधकिया गया है। इसपत्र के उत्तरमें बीमा दलालने उस दलाल को अपेक्षितविवरण दिनांक11 मई 2013 केपत्र के द्वाराप्रेषित किया।इसके अलावा,इसबात पर ध्यान देनामहत्वपूर्ण हैकि जैसा कि उस पत्राचारमें बताये गयेव्यक्ति का नाम,जोवाइस प्रेसिडेंटसाधारण दलालीव्यवसाय था,कर्मचारियोंकी सूची में कभीसम्मिलित नहींकिया गया।

 

उपर्युक्तपत्र-व्यवहारमें बीमा दलालने न केवल अन्यदलाल को गलत विवरणदिया, बल्किसह-दलालीको नियंत्रित करनेवालेउपबंधों को वहसमझ नहीं सका।इसके अलावा,उन्होंनेअन्य दलाल को अन्यपक्ष सेवा प्रदाताओंके रूप में सेवाएँप्रदान करने केलिए अपनी रुचिभी दर्शाई है। इसके लिए भी विनियमोंके अंतर्गत अनुमतिनहीं है।

 

इस प्रकारआईआरडीए (बीमादलाल) विनियम,2013 के विनियम31(1) का स्पष्ट उल्लंघनहै जो यह परिकल्पितकरता है कि "प्रत्येकबीमा दलाल यह सुनिश्चितकरेगा कि आंतरिकलेखा-परीक्षाकी एक उचित प्रणालीविद्यमान हो औरयह कि उनके आंतरिकनियंत्रण और प्रणालियाँउनके व्यवसाय केआकार, स्वरूपऔर जटिलता के लिएपर्याप्त हों"

 

इसके अतिरिक्तपुनर्बीमा दलालीव्यवसाय करने काप्रयास करने केद्वारा उक्त दलालने आईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम,2013 के उस विनियम4 के अंतर्गतजिस प्रत्यक्षदलाल के रूप मेंकार्यनिष्पादनकरने के लिए उसेआदेश दिया गयाहै उसकी भूमिकाऔर कार्य का अतिक्रमणकिया है जो विनियमप्रत्यक्ष और पुनर्बीमादलाल के कार्योंको परिभाषित करताहै।

 

दलालके प्रस्तुतीकरणः

दलाल नेप्रस्तुतीकरणकिया कि वर्तमानमें उसके पास आंतरिकनियंत्रण और प्रणालियाँविद्यमान हैं।बीमा दलाली काव्यवसाय प्रारंभकरने के कंपनीके प्रारंभिक चरणोंमें विनियमों कीअज्ञानता के कारणउसने विनियमोंका सावधानीपूर्वकपालन नहीं कियाजो जान-बूझकरनहीं था। दलालने यह भी आश्वस्तकिया कि आगे सेवह विनियमों कासावधानी से पालनकरेगा तथा सभीनियुक्ति पत्रउचित रूप से जारीकरेगा।

 

पुनर्बीमाव्यवसाय में प्रवेशकरने के संबंधमें दलाल ने प्रस्तुतकिया कि उसने आईआरडीएका पूर्व अनुमोदनप्राप्त किये बिनाकरार किया तथातथ्य की जानकारीमिलने पर वह उक्तकरार से अलग होगया।

 

अन्य पक्षसेवा प्रदाता केरूप में दलाल कीसेवाओं के संबंधमें वह संकल्पनाको गलत समझ बैठाथा तथा उक्त प्रस्तावको स्वीकार कियाथा। जब दलाल कोयह पता चला कि वहआईआरडीए के विनियमोंके अनुसार नहींहै, तो उसनेउक्त प्रस्तावको छोड़ दिया।

 

निर्णयः-

टिप्पणीदलाल की ओर से विभिन्नचूकों से संबंधितहै जैसे एक ही समयमें एक ही कर्मचारीको अलग-अलगपदनाम दिये गयेथे, उसकेप्रधान अधिकारीको वेतन के बदलेमानदेय का भुगतानकिया गया था,दलाल के एकसहयोगी को वेतनका भुगतान कियागया था, फ्लैटकी खरीद के संबंधमें संदिग्ध करारकिया गया था,वरिष्ठ कार्मिकोंकी नियुक्ति परनियुक्ति पत्रजारी नहीं कियेगये थे, पुनर्बीमाव्यवसाय हाथ मेंलेना जब इस प्रकारकरने के लिए उसेलाइसेंसीकृत नहींकिया गया था,सह-दलालीकरार के संबंधमें अन्य दलालको गलत विवरण दियागया था। यहनिर्दिष्ट करताहै कि उक्त दलालके पास उसके व्यवसायके आकार,स्वरूप औरजटिलता के अनुरूपपर्याप्त आंतरिकनियंत्रण और प्रणालियाँविद्यमान नहींथीं। यहदलाल की ओर से आईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम,2013 के विनियम31(1) का स्पष्टउल्लंघन है।

 

पुनर्बीमादलाल की भूमिकास्वीकार करने केलिए वचन देने केद्वारा, यद्यपिऐसा करने के लिएउसको लाइसेंस प्रदाननहीं किया गयाथा, दलालने उस भूमिका औरकार्य का अतिक्रमणकिया जिसके लिएउसे आईआरडीए(बीमा दलाल)विनियम,2013 के विनियम4 के अंतर्गतप्रत्यक्ष दलालके रूप में कार्यकरने के लिए लाइसेंसप्रदान किया गयाथा, जोविनियम प्रत्यक्षऔर पुनर्बीमा दलालके कार्यों कोपरिभाषित करताहै।

 

दलाल काप्रस्तुतीकरणकि व्यवसाय केप्रारंभिक चरणमें उसने विनियमोंके अनुपालन कीउपेक्षा की,स्वयं हीदलाल के द्वाराकिये गये उल्लंघनोंकी अप्रत्यक्षस्वीकृति है तथायह कहना कि वह संबंधितकरारों से तब हटगया जब उसे उल्लंघनोंके बारे में पताचला, स्वीकार्यनहीं है क्योंकिएक पंजीकृत दलालके रूप में नामांकितहोने के द्वारासभी विनियामक अपेक्षाओंका पालन करना उनकेलिए अधिदेशात्मकहै। उक्तदलाल को उनके द्वाराकिये गये उल्लंघनोंके लिए चेतावनीदी जाती है तथाआईआरडीएआई(बीमा दलाल)विनियम,2018 के विनियम4 (अनुसूचीI – फार्म ए)और विनियम31(1) का अनुपालनसुनिश्चित करनेका निर्देश दियाजाता है।

 

9.  आरोपसं. 9:

दलाल केद्वारा निरीक्षणकी तारीख की स्थितिके अनुसार कोईबीएपी विवरणियाँप्रस्तुत नहींकी गई हैं यद्यपिऑनलाइन विवरणियाँफाइल न करने केलिए दिनांक11.9.15 के अपने पत्रके द्वारा प्राधिकरणने चेतावनी दीथी।

 

यह प्राधिकरणके परिपत्र संदर्भसं. : आईआरडीए/दलाल/विविध/सीआईआर/23210/2014दिनांक21 अक्तूबर2014 के उपबंधोंका उल्लंघन हैजो दलाल के द्वाराविवरणियों की प्रस्तुतिके लिए समय-सीमाएँविनिर्दिष्ट करताहै।

दलालके प्रस्तुतीकरणः-

बीएपीके माध्यम से विवरणियाँफाइल करने के संबंधमें दलाल ने प्रस्तुतीकरणकिया कि चूँकिपोर्टल ही उचितरूप से कार्य नहींकर रहा था,उसने कई समस्याओंका सामना कियाथा तथा यह बात मार्गदर्शनकी अपेक्षा करतेहुए प्राधिकरणकी जानकारी मेंकई बार लाई गई थी।मार्गदर्शन प्राप्तहोने के बाद वहविवरणियाँ अपलोडकरने में समर्थरहा। परंतु तबतक समय-सीमाव्यतीत हो चुकीथी। अतः वह समयपर विवरणियाँ फाइलनहीं कर सका। अबवह संबंधित हार्डवेयरऔर सॉफ्टवेयर केसाथ पूर्णतः सुसज्जितहै तथा उसने ऑनलाइनविवरणियाँ फाइलकर दी हैं। दलालने यह आश्वासनभी दिया है कि आगेसे वह विवरणी कीप्रस्तुति के लिएविनियामक समय-सीमासे कभी भी विचलितनहीं होगा।

 

निर्णयः-

दलाल काप्रस्तुतीकरणकि विवरणियाँ फाइलकरने के लिए समय-सीमातब व्यतीत हो चुकीथी जब प्राधिकरणसे मार्गदर्शनप्राप्त करने केबाद उसने विवरणियाँफाइल कीं,उसकी ओर सेहुई चूक को छिपानेके लिए एक असंतोषजनकबहाना है। तथापि,उसने आश्वासनदिया कि आगे सेवह विवरणियाँ समयपर फाइल करेगा।अतः दलाल को उसकीओर से की गई चूकके लिए चेतावनीदी जाती है तथायह सुनिश्चित करनेके लिए निर्देशदिया जाता है किविवरणियाँ प्राधिकरणके पास समय पर फाइलकी जाएँ।

 

10. निर्णयोंका सारः

इस आदेशमें निर्णयों कासार निम्नानुसारहैः

आरोप सं.

आरोप का संक्षिप्त शीर्षक और उल्लंघन किये गये उपबंध

निर्णय

1

प्रभारः रसीद के आधार पर दलाली का लेखांकन

उपबंधः आईआरडीए (बीमा दलाल) विनियम, 2013 का विनियम 29 (1)

चेतावनी (वॉर्निंग) और निर्देश

2

आरोपः लिखित अधिदेश प्राप्त नहीं करना

उपबंधः आईआरडीए (बीमा दलाल) विनियम, 2013 के विनियम 28 के साथ पठित अनुसूची VIए के अंतर्गत आचरण संहिता का खंड 2 ()

चेतावनी (कॉशॅन) और निर्देश

3

आरोपः अपेक्षा के लिए अयोग्य व्यक्ति का उपयोग करना

उपबंधः व्यवसाय प्राप्त करने के लिए एजेंटों और प्रचारकों का उपयोग करने के द्वारा आईआरडीए (बीमा दलाल) विनियम, 2013 का विनियम 8(2)(xiv) तथा आईआरडीए (बीमा दलाल) विनियम, 2013 के विनियम 28 के साथ पठित अनुसूची VI-ए का खंड 3()

चेतावनी (वॉर्निंग) और निर्देश

 

4

आरोपः न्यूनतम अर्हता प्राप्त व्यक्ति की अपेक्षा का पालन न करना

उपबंधः आईआरडीए (बीमा दलाल) विनियम, 2013 का विनियम 8 (2) (iii)

चेतावनी (वॉर्निंग) और निर्देश

5

आरोपः उचित बुनियादी संरचना का न होना

उपबंधः आईआरडीए (बीमा दलाल) विनियम, 2013 का विनियम 8 (2) (ii)

चेतावनी (वॉर्निंग) और निर्देश

6

आरोपः प्राधिकरण को प्रकटीकरण

उपबंधः आईआरडीए (बीमा दलाल) विनियम, 2013 का विनियम 38 (3)(i), 38(4)(i) और 38(4)(ii)

चेतावनी (वॉर्निंग) और निर्देश

7

आरोपः प्राधिकरण को गलत सूचना प्रस्तुत करना

उपबंधः आईआरडीए (बीमा दलाल) विनियम, 2013 का विनियम 41 (1) ()

चेतावनी (वॉर्निंग)

8

आरोपः उचित आंतरिक नियंत्रण और प्रणालियों का अभाव

उपबंधः आईआरडीए (बीमा दलाल) विनियम, 2013 का विनियम 31 (1) और विनियम 4

चेतावनी (वॉर्निंग) और निर्देश

9

आरोपः बीएपी विवरणियाँ फाइल न करना

उपबंधः प्राधिकरण के परिपत्र संदर्भ सं. : आईआरडीए/दलाल/विविध/ सीआईआर/23210/2014 दिनांक 21 अक्तूबर 2014 के उपबंध

चेतावनी (वॉर्निंग)

 

11. निष्कर्षः

उक्त दलालीफर्म इस आदेश केपैरा 1 से9 तक में उल्लिखितसभी निर्देशोंके संबंध में अनुपालनकी पुष्टि इस आदेशकी प्राप्ति कीतारीख से21 दिन के अंदरकरेगा।

 

यदि उक्तदलाल इस आदेश केकिसी भी निर्णयसे असंतुष्ट है,तो बीमा अधिनियम,1938 की धारा110 के अनुसारप्रतिभूति अपीलीयन्यायाधिकरण(एसएटी) कोएक अपील प्रस्तुतकी जा सकती है।

 

(पी.जे.जोसेफ)

सदस्य(गैर-जीवन)

स्थानःहैदराबाद

दिनांकः16-02-2018

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