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Title: अंतिम आदेश
Reference No.: आईआरडीए/जीवन/ओआरडी/विविध/033/02/2018
Date: 20/02/2018
कोटक महिन्द्रा बैंक लिमिटेड (एक्साइड लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लि. का कॉरपोरेट

 

1.  निम्नलिखितके आधार पर

(i)       प्राधिकरणद्वारा नियुक्तन्यायनिर्णयनअधिकारी के द्वाराजारी किया गयाकारण बताओ नोटिस(इस आदेश मेंइसके बाद"एससीएन"के रूप मेंउल्लिखित)दिनांक5 अप्रैल2016

(ii)      उक्तएससीएन के लिएकोटक महिन्द्राबैंक (पूर्वमें आईएनजी वैश्यबैंक) काउत्तर दिनांक18 मई 2016

(iii)     भारतीयबीमा विनियामकऔर विकास प्राधिकरण,7वीं मंजिल,युनाइटेडइंडिया बिल्डिंग,बशीरबाग,हैदराबादके कार्यालय में10 जून2016 को आयोजितवैयक्तिक सुनवाईके दौरान न्यायनिर्णयनअधिकारी के समक्षकोटक महिन्द्राबैंक द्वारा कियेगये प्रस्तुतीकरण।

(iv)     न्यायनिर्णयनअधिकारी की जाँचरिपोर्ट दिनांक31/10/2017, और

(v)      उक्तजाँच रिपोर्ट केलिए कोटक महिन्द्राबैंक का दिनांक20 नवंबर2017 का उत्तर।

(vi)     आईआरडीएआई-हैदराबादमें 9/1/2018 कोआयोजित वैयक्तिकसुनवाई के दौरानअध्यक्ष-आईआरडीएआईके समक्ष कोटकमहिन्द्रा बैंकद्वारा किये गयेप्रस्तुतीकरण।

 

2.  बीमाअधिनियम, 1938 कीधारा 31बीके अधीन दाखिलकी गई रिपोर्टोंअर्थात् एक्साइडलाइफ इंश्यरेंसकंपनी लिमिटेड,पूर्वके वैश्य लाइफइंश्योरेंस कंपनीलि. (इस आदेशमें इसके बाद"एक्साइड लाइफ"केरूप में उल्लिखित)द्वाराबैंकेश्योरेंसमाध्यम सहित मध्यवर्तियोंको किये गये भुगतानोंका परीक्षण करनेके बाद यह पायागया कि वित्तीयवर्ष 2013-14 केदौरान एक्साइडलाइफ ने कॉरपोरेटएजेंटों के लाइसेंसीकरणसंबंधी दिशानिर्देशदिनांक14/7/2005 के खंड21 एवं बीमा अधिनियम,1938 की धारा40ए का उल्लंघनकरते हुए अपनेकॉरपोरेट एजेंटमेसर्स आईएनजीवैश्य बैंक लिमिटेड,जोअब कोटक महिन्द्राबैंक के साथ विलयित,(इस आदेश मेंइसके बाद "कॉरपोरेटएजेंट" केरूप में उल्लिखित)को"बुनियादी सुविधाप्रभारों"केलिए रु. 30.46 करोड़का भुगतान कियाहै क्योंकि यहबीमा अधिनियम,1938 की धारा40ए के अधीन निर्धारितकमीशन पर व्ययकी सीमा से अधिकहै।

 

3.  एककारण बताओ नोटिसदिनांक 7 जनवरी2015 आईएनजी वैश्यबैंक को जारी कियागया तथा उनका उत्तरदिनांक 12 फरवरी2015 द्वारा प्राप्तकिया गया। इस बीचबीमा विधि संशोधनअध्यादेश2014 प्रवर्तितकिया गया और वह26 दिसंबर2014 से प्रभावीरहा जो बाद मेंबीमा विधि(संशोधन)अधिनियम,2015 के रूप में परिणतहुआ। धारा40 में आशोधन कियागया तथा बीमा अधिनियमकी धारा 40एको 26 दिसंबर2014 से छोड़ दियागया। यद्यपिउपर्युक्त उल्लंघनबीमा अधिनियम,1938 के संशोधन सेपहले वित्तीय वर्ष2013-14 के दौरानघटित हुए थे,तथापियह निर्णय कियागया कि संशोधितबीमा अधिनियम,1938 की नई धारा105सी के अनुसारधारा 40ए केउल्लंघन के संबंधमें जाँच करनेके लिए न्यायनिर्णयनकी प्रक्रिया काअनुसरण किया जाए।

 

4.  इसप्रकार यह मामलाबीमा अधिनियम,1938 की धारा105(सी) केउपबंधों के अनुसारप्राधिकरण के द्वारानियुक्त न्यायनिर्णयनअधिकारी के पासप्रेषित किया गया।उक्त न्यायनिर्णयनअधिकारी ने कॉरपोरेटएजेंट को बीमा(न्यायनिर्णयनअधिकारी द्वाराजाँच आयोजित करनेके लिए क्रियाविधि)नियम,2016 (इस आदेश मेंइसके बाद "एओ"नियमके रूप में उल्लिखित)केनियम 4 केअधीन सं. आईआरडीएआई/एडीजे/कोटकबैंक/002/2016-17/ओटीडब्ल्यू/440दिनांक5 अप्रैल2016 से युक्त एककारण बताओ नोटिस(एससीएन)जारीकिया।

 

5.  कॉरपोरेटएजेंट ने दिनांक18 मई 2016 केअपने पत्र के द्वाराएससीएन के लिएअपना उत्तर प्रस्तुतकिया तथा कॉरपोरेटएजेंट के अनुरोधके अनुसार न्यायनिर्णयनअधिकारी ने इसविषय में 10 जून2016 को एक वैयक्तिकसुनवाई की अनुमतिप्रदान की।

 

6.  कॉरपोरेटएजेंट कोटक महिन्द्राबैंक के श्री मोहनशेनॉय, मुख्यपरिचालन अधिकारी,श्रीअंबुज चाँदना,वरिष्ठकार्यकारी वाइस-प्रेसिडेंट,सुश्रीसोनाली पंडा,वरिष्ठकार्यकारी वाइस-प्रेसिडेंटऔर श्री ठाकुरभास्कर, प्रधानअधिकारी न्यायनिर्णयनअधिकारी के समक्षवैयक्तिक सुनवाईके दौरान उपस्थितथे।

 

7.  न्यायनिर्णयनअधिकारी ने अपनीसिफारिशों के साथजाँच रिपोर्ट31 अक्तूबर2016 को प्रस्तुतकी जिसे 9 नवंबर2017 को प्राधिकरणद्वारा कॉरपोरेटएजेंट बैंक कोअग्रेषित कियागया। जाँचरिपोर्ट अग्रेषितकरते समय अध्यक्ष-आईआरडीएआईने उक्त कॉरपोरेटएजेंट को इस विषयमें एक और वैयक्तिकसुनवाई के लिएअनुमति प्रदानकी है जिसका उपयोगकॉरपोरेट एजेंटद्वारा आईआरडीएआई-हैदराबादमें 9/1/2018 कोकिया गया।

 

8.  कारणबताओ नोटिस(एससीएन)केलिए अपने लिखितउत्तर में कॉरपोरेटएजेंट द्वारा कियेगये प्रस्तुतीकरणोंएवं उक्त वैयक्तिकसुनवाई की प्रक्रियाके दौरान कियेगये प्रस्तुतीकरणोंपर भी विचार कियागया।

 

9.  कारणबताओ नोटिस(एससीएन)दिनांक5 अप्रैल2016 में उठाये गयेप्रश्नों के लिएकॉरपोरेट एजेंटद्वारा दिये गयेस्पष्टीकरणोंके संबंध में निष्कर्षतथा निर्णय निम्नानुसारहैं :

 

(i)       न्यायनिर्णयनअधिकारी द्वारा5 अप्रैल2016 के एससीएनके अंतर्गत आरोप

परिपत्रसं. आईआरडीए/एफएण्डआई/सीआईआर/एफएण्डए/066/03/2012दिनांक2 मार्च 2012 केअनुपालन में एक्साइडलाइफ ने अपने पत्रदिनांक 21 मई2014 के द्वारा वित्तीयवर्ष 2013-14 केलिए बीमा अधिनियम,1938 की धारा31बी के अधीन मध्यवर्तियोंको किये गये भुगतानोंके संबंध में विवरणप्रस्तुत किया।एक्साइड लाइफ द्वाराप्रस्तुत की गईसूचना का परीक्षणकरने पर यह पायागया कि "बुनियादीसुविधा प्रभारों"केलिए वर्ष 2013-14केदौरान कॉरपोरेटएजेंट को एक्साइडलाइफ के द्वारारु. 30.46 करोड़की राशि का भुगतानकिया गया।

(क)यहकि एक्साइड लाइफसे कॉरपोरेट एजेंटद्वारा "बुनियादीसुविधा प्रभारों"केलिए रु. 30.46 करोड़की प्राप्ति14/7/2005 के कॉरपोरेटएजेंटों के लाइसेंसीकरणसंबंधी दिशानिर्देशों(कॉरपोरेट एजेंसीदिशानिर्देश)केखंड 21 काउल्लंघन है तथा

(ख)यहकि एक्साइड लाइफसे कॉरपोरेट एजेंट(बैंक) द्वाराप्राप्त रु.30.46 करोड़ की राशिबीमा अधिनियम,1938 की धारा40ए के उल्लंघनमें है क्योंकियह बीमा अधिनियम,1938 की धारा40ए द्वारा निर्धारितकमीशन पर व्ययकी सीमा से अधिकहो गई है।

 

(ii)      कॉरपोरेटएजेंसी दिशानिर्देशोंके खंड 21 एवंबीमा अधिनियम,1938 की धारा40ए के उपबंधः

 

कॉरपोरेटएजेंसी दिशानिर्देशोंका खंड 21:

"……….बीमाकर्ताकॉरपोरेट एजेंटको अनुमत एजेंसीकमीशन को छोड़करकोई भी अन्य राशिचाहे प्रशासनिकप्रभार के रूपमें अथवा व्ययोंकी प्रतिपूर्तिअथवा लाभ कमीशनके रूप में अथवाकिसी अन्य रूपमें अदा नहीं करेगा।यह बीमाकर्ता कोकॉरपोरेट एजेंटके साथ सह-ब्रैंडविक्रय के व्ययोंकी साझेदारी करनेसे नहीं रोकता।तथापि, इसप्रकार के व्ययउचित होने चाहिएतथा इन्हें किसीभी रूप में विक्रयमें सफलता अथवाकॉरपोरेट एजेंटद्वारा अर्जितप्रीमियम के साथसंबद्ध नहीं कियाजाना चाहिए…….."

 

बीमा अधिनियम,1938 की धारा40 (1):

बीमाविधि (संशोधन)अधिनियम,2015 से पहले(वह अवधि जिससेवर्तमान

एससीएनलागू है), उक्तधारा 40ए किसीभी रूप में बीमाकर्ताओंद्वारा देय और

बीमाएजेंटों द्वाराप्राप्य कमीशनअथवा पारिश्रमिकसंबंधी व्यय परउच्चतम

सीमाएँनिर्धारित करतीहै।

 

"……………………… सेअधिक राशि जीवनबीमा की किसी भीपॉलिसी के संबंधमें

किसीभी रूप में कमीशनअथवा पारिश्रमिकके तौर पर किसीबीमा एजेंट को

कोईव्यक्ति अदा नहींकरेगा अथवा अदाकरने के लिए संविदानहीं करेगा तथा

कोईभी बीमा एजेंटप्राप्त नहीं करेगाअथवा प्राप्त करनेके लिए संविदानहीं

करेगा।"

(iii)     न्यायनिर्णयनअधिकारी की सिफारिश

(क)     बैंकने बुनियादी सुविधाउपलब्ध कराई क्योंकिबीमाकर्ता की तुलनामें बैंक के पासअखिल भारतीय स्तरपर अधिक उपस्थितिहै। यहआरोप नहीं है किदोनों पक्षकारोंद्वारा किये गयेकरार के लिए पर्याप्तदूरी नहीं रखीगई थी। अतः यह पायागया कि दोनों मेंसे किसी भी पक्षकारको कोई अनुपातहीनलाभ नहीं पहुँचाहै। चूँकि कोईअनुपातहीन लाभनहीं हुआ है,अतःचूक के परिणामस्वरूपपॉलिसीधारकोंको हुई हानि कापता नहीं लगायाजा सकता।

(ख)     पूर्वके आईएनजी वैश्यबैंक (अबकोटक महिन्द्राबैंक) कोविज्ञापनों केलिए विपणन समर्थनलागत की प्रतिपूर्तिहेतु, जोपात्र कमीशन सेअधिक था, वित्तीयवर्ष 2009-10 और 2010-11 केलिए एक्साइड लाइफको आदेश दिनांक30/07/2012 के अनुसार10 लाख रुपये काअर्थदंड दिया गयाथा।

(ग)     उक्तबैंक को एक्साइडलाइफ द्वारा वर्तमानभुगतान भी पात्रकमीशन से अधिकहै तथा चूक के दोहरावके स्वरूप के योग्यहै। अतः बैंक कोबीमा अधिनियम,1938 की धारा40सी(3) केसाथ पठित धारा105सी के अधीन एकलाख रुपये का अर्थदंडदेने की सिफारिशकी जाती है।

 

(iv)     कॉरपोरेटएजेंट के प्रस्तुतीकरणः

·        वर्ष2013-14 के दौरानरु. 30.46 करोड़के बुनियादी सुविधाप्रभार एक्साइडलाइफ के लिए बैंकपरिसर में कुछबुनियादी सुविधाएँप्रदान करने केलिए अलग करारोंके अंतर्गत थेजो कॉरपोरेट एजेंसीकरार से भिन्नहैं और कॉरपोरेटएजेंट द्वारा उत्पन्नकिये गये व्यवसायसे संबद्ध नहींहैं। इससेबीमाकर्ता और उसकेकार्मिकों को प्रोजेक्टरों,प्रिंटरों,फैक्सऔर टेलीफोन,बैठककक्षों आदि सहित,बैंककी कार्यालयीनबुनियादी संरचनाका उपयोग पारस्परिकरूप से सहमति-प्राप्तकीमत पर करने केलिए अनुमति मिलतीहै।

·        कोटक महिन्द्राबैंक के पास विनियामकअनुपालन का एकअच्छा पिछला(ट्रैक) रिकॉर्डहै। येभुगतान कोटक महिन्द्राबैंक के साथ विलीनहोने से पहले तत्कालीनआईएनजी वैश्य बैंकद्वारा प्राप्तकिये गये थे।

·        न्यायनिर्णयनअधिकारी की जाँचरिपोर्ट में यहभी कहा गया है किकिसी भी पक्षकारके लिए अनुपातहीनलाभ नहीं पायागया है तथा चूकके परिणामस्वरूपपॉलिसीधारकोंको हानि का पतानहीं लगाया जासकता।

·        उक्त जाँचरिपोर्ट में उल्लिखितदोहराव का स्वरूपबीमाकर्ता से संबंधितहै, कोटक महिन्द्राबैंक से नहीं।

·        उदार दृष्टिकोणअपनाने तथा एकऐसे विषय के लिएजो आईएनजी वैश्यबैंक के साथ विलयसे पहले घटित हुआ,कोटकमहिन्द्रा बैंकको दंडित नहींकरने का अनुरोधकिया गया।

 

(v)      निर्णयः

(क)बीमाअधिनियम, 1938 कीधारा 40ए केसाथ पठित कॉरपोरेटएजेंसी दिशानिर्देशोंके खंड 21 काउल्लंघन करते हुएबैंक (एक्साइडलाइफ का कॉरपोरेटएजेंट) नेवित्तीय वर्ष2013-14 के दौरानअनुमत एजेंसी कमीशन/ पारिश्रमिकसे अधिक कुल रु.30.46 करोड़ रुपयेके भुगतन प्राप्तकिये हैं। रु.30.46 करोड़ में सेयह पाया गया हैकि रु. 6.46 करोड़का भुगतान बैंकसे ली गई विभिन्नसुविधाओं,जैसेऑडिटोरियम प्रभार,कारपार्किंग,कॉरपोरेटकार्यालय के लिएकिराया और कॉरपोरेटकार्यालय के लिएउपयोगिता प्रभारोंके लिए किया गयाथा तथा रु. 24 करोड़"बुनियादी सुविधाप्रभारों"केलिए अदा किये गयेथे जिसका अलग-अलगविवरण (ब्रेक-अप)नहींदिया गया। दिनांक25 मई 2012 काकरार "परस्परसहमति-प्राप्तदरों" परप्रोजेक्टरों,प्रिंटरों,फैक्समशीनों और टेलीफोनों,बैठककक्षों के उपयोगके लिए व्यवस्थाकरने के अतिरिक्त,बैंकशाखा भवन पर आईवीएलहोर्डिंगों,विज्ञापनोंके प्रदर्शन तथापॉलिसीधारकोंकी पूछताछ मेंसहायता करने कीभी अनुमति देताहै।

(ख)बैंकका यह प्रस्तुतीकरणकि उपर्युक्त करारएक अलग और कॉरपोरेटएजेंसी करार सेस्वतंत्र है,स्वीकार्यनहीं माना गया,इसतथ्य के कारण किबैंक सभी स्थापनाओंको वाणिज्यिक आधारपर बुनियादी संरचनाकी सुविधाएँ उपलब्धकराने का व्यवसायनहीं करता। बैंकके परिसर में होर्डिंगोंऔर विज्ञापनोंका प्रदर्शन प्राथमिकरूप से कॉरपोरेटएजेंट के बीमाव्यवसाय के संवर्धनको लाभ पहुँचाताहै। आचरण-संहिताजिसका पालन कॉरपोरेटएजेंट को करनाचाहिए, उससेअपेक्षा करता हैकि वह उन पॉलिसीधारकोंकी सहायता करेजो बैंक परिसरमें आते हैं। इसप्रकार उक्त करारको पूर्णतः स्वतंत्रऔर बैंक का कॉरपोरेटएजेंट के रूप मेंबैंक की भूमिकासे भिन्न नहींमाना जा सकता। यहप्रस्तुतीकरणकि कोटक महिन्द्राके पास विनियामकअनुपालन में अच्छापिछला रिकॉर्डहै तथा ये भुगतानविलय से पहले तत्कालीनआईएनजी वैश्य बैंकद्वारा प्राप्तकिये गये थे,स्वीकार्यनहीं है क्योंकिजब आईएनजी वैश्यबैंक का विलय कोटकमहिन्द्रा बैंकके साथ किया गया,तबआईएनजी वैश्य बैंककी परिसंपत्तियोंके साथ उसकी सभीदेयताएँ कोटक महिन्द्राबैंक को अंतरितकी गई हैं तथा आईएनजीवैश्य बैंक केकार्यों के लिएप्रतिस्थानिक(विकेरियस)दायित्वसे वह बच नहीं सकता।

(ग) कॉरपोरेटएजेंसी दिशानिर्देशोंके खंड 21 केउपबंध अनुमति-प्राप्तएजेंसी कमीशन कोछोड़कर कोई अन्यराशि कॉरपोरेटएजेंट को अदा करनेसे बीमाकर्ता कोरोकते हैं,चाहेवह प्रशासनिक प्रभारके रूप में हो अथवाव्ययों की प्रतिपूर्तिअथवा किसी भी अन्यरूप में हो। वेकॉरपोरेट एजेंटऔर बीमाकर्ता केबीच किसी अतिरिक्तसंबंध को भी निषिद्धकरते हैं।

(घ) बीमाअधिनियम की धारा40ए बीमा एजेंटको जारी की गई जीवनबीमा की किसी भीपॉलिसी के संबंधमें किसी भी रूपमें कमीशन या पारिश्रमिकनिर्धारित सीमाओंसे अधिक मात्रामें स्वीकार करनेसे रोकती है। तदनुसार,विभिन्नप्रकार की बीमापॉलिसियों पर प्राप्यसीमाएँ निर्धारितहैं।

(ङ) अतःमैं समझता हूँकि कॉरपोरेट एजेंटने बुनियादी संरचनाप्रभारों के लिएकिये गये भुगतानोंको स्वीकार कियाहै जो कि बीमा अधिनियम,1938 की धारा40ए के उपबंधोंके साथ पठित दिनांक14 जुलाई 2005 केआईआरडीए कॉरपोरेटएजेंसी दिशानिर्देशोंके खंड 21 काउल्लंघन है।

(च) यहपाया गया है किधारा 40(3) केअंतर्गत दंडात्मकउपबंध बीमा अधिनियम,1938 की धारा102 के उपबंधोंपर प्रतिकूल प्रभावडाले बिना हैं,जोप्रस्तुत मामलेमें बीमा अधिनियम,1938 के संशोधन सेपहले विद्यमानउपबंध हैं,जहाँप्रत्येक त्रुटिके लिए पाँच लाखरुपये से अनधिकअर्थदंड की व्यवस्थाकी गई है। इस प्रकारधारा 40(3) केसाथ धारा 102 केउपबंधों को लागूकरते हुए, क्योंकियह संशोधन के पहलेविद्यमान थी,मैंकॉरपोरेट एजेंटपर एक लाख रुपयेका अर्थदंड लगाताहूँ तथा प्रयोज्यअधिनियम और विनियामकउपबंधों का सावधानीपूर्वकपालन करने के लिएउसको निर्देश देताहूँ।

(छ)यहआदेश अगली बोर्डबैठक में कॉरपोरेटएजेंट कोटक महिन्द्राबैंक के बोर्डके समक्ष प्रस्तुतकिया जाएगा तथाविचार-विमर्श केकार्यवृत्त कीएक प्रति प्राधिकरणको ऐसी बैठक कीतारीख से 30 दिन केअंदर उपलब्ध कराईजाएगी।

 

10. एकलाख रुपये के अर्थदंडकी राशि कॉरपोरेटएजेंट कोटक महिन्द्राबैंक द्वारा एनईएफटी/ आरटीजीएस के माध्यमसे (जिसका विवरणअलग से सूचित कियाजाएगा) इस आदेशके निर्गम की तारीखसे 21 दिन की अवधिके अंदर विप्रेषितकी जाएगी। विप्रेषणकी सूचना श्रीवी. जयंत कुमार,मुख्य महाप्रबंधक(जीवन), भारतीय बीमाविनियामक और विकासप्राधिकरण, सर्वेसं. 115/1, फाइनैंशियलडिस्ट्रिक्ट, नानकरामगूडा,हैदराबाद 500032 को ई-मेलआईडी life@irda.gov.in पर भेजी जाए।

 

11. यदिकॉरपोरेट एजेंटइस आदेश से असंतुष्टमहसूस करता है,तो बीमा अधिनियम,1938 की धारा 110 के अनुसारप्रतिभूति अपीलीयन्यायाधिकरण (सेक्युरिटीज़अपेलेट ट्रिब्युनल)को अपील प्रस्तुतकी जा सकती है।

 

 

(टी. एस.विजयन)

अध्यक्ष

स्थानःहैदराबाद

दिनांकः19 फरवरी 2018

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