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Title: परिपत्र
Reference No.: आईआरडीए / एनएल / सीआईआर / एमआइएससी /206 /8 / 2017
Date: 31/08/2017
लोक अदालतों / एमएसीटी में कुछ बीमा कंपनियों का भाग न लेना / असंतोषजनक भागीद

परिपत्र

संदर्भसं. आईआरडीए /एनएल / सीआईआर /एमआइएससी /206 /8 / 2017दि: 31 अगस्‍त, 2017

सेवामें,

सभीबीमाकंपनियोँ के

मुख्‍यप्रबंधनिदेशकों /मुख्‍यकार्यकारीअधिकारियोंको,

 

विषय:(!) लोक अदालतों /एमएसीटी मेंकुछ बीमाकंपनियों का भागन लेना /असंतोषजनकभागीदारी

(!!)पॉलिसीधारकों कोंसेवा देना

यह बीमाअधिनियम, 1938 केअनुभाग 34 केअंतर्गतनिहितअधिकारों केअनुसार औरसमादेशयाचिका देखेंडब्‍ल्‍यू. पी(सी) ( पीआईएल ) सं.04 / 2017 के संबंधमें पारित, त्रिपुराके माननीय उच्‍चन्‍यायालय केआदेश दिनांक 12. 7.2017 के अनुपालनमें जारी कियागया है।

प्राधिकरणको, पत्राचारके लिए उचितपता उपलब्‍धनहीं करायेजाने की वजहसे सम्‍मन नमिलने सहित, कुछ बीमाकंपनियों केलोक अदालतोंमें भाग नलेने /असंतोषजनक भागीदारी केसंबंध मेंत्रिपुरा केमाननीय उच्‍चन्‍यायालयद्वारा की गईगंभीर टिप्‍पणियॉंप्राप्‍त हुईहैं । माननीयन्‍यायालय नेगौर किया हैकि कुछ मामलोंमे पॉलिसीधारकोंको मिल रहीसेवाएंअसंतोषजनकहैं।

मामलोंको ध्‍यान मेंरखते हुए औरबीमा क्षेत्रपर नागरिकोंके विश्‍वासको मजबूत करनेकी दृष्टि सेसभी बीमा कंपनियोंके लिए निम्‍नलिखितसुनिश्चितकरनाअनिवार्यहोगा :

1.       जबभी माननीयअदालतों सेसम्‍मनप्राप्‍त हों, एमएसीटी/ न्‍यायालयके मामलों मेंउपस्थित रहना ;

2.      जबभी आयोजित हों, लोकअदालतों मेंभाग लेना ;

3.      आईआरडीएआई (पालिसीधारकोंके हित कीरक्षा करना)विनियम,2017 का कड़ाईसे पालन करना ;

4.      पालिसीधारकों के साथपत्र व्‍यवहारकरने, विशेष रूपसे सम्‍मनोंकी उचित तामीलकरने, दावामामलों सेनिपटने के लिएएक पत्राचारकार्यालय कापता रखना ।

 

इनअनुदेशों /निर्देशोंमें से किसीका भी उल्‍लंघनकरने या इनपहलुओ में सेकिसी के संबंधमें शिकायतप्राप्‍तहोने पर, आईआरडीएआईबीमा अधिनियम,1938 के अनुच्‍छेदके अंतर्गतप्रदत्‍तअधिकारों काप्रयोग करतेहुए, चूककर्ताबीमाकर्ता केऊपर , यथाआवश्‍यककार्रवाईकरेगा।

 

ह./-

पी.जे.जोसेफ

(गैर –जीवन सदस्‍य)

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