1. केआईसीसत्यापन केलिएयूआईडीएआईद्वारा प्रस्तावितआधार आधारितई-केवाईसीसेवा जो दिनांक21 अक्टूबर,2013 केआधिकारिकपरिपत्र औरदिनांक 28 सितंबर,2015 का एएमएलमास्टरपरिपत्र कीअनुमति से है |
2. यहस्पष्ट कियाजाता है कियूआईडीएआई सेपहचान औरप्रमाणीकरण हेतुग्राहक केविवरण कोएक्सेस करनेके लिए उसकीस्वैच्छिकआधार पर सहमतिहोगी |
3. यूआईडीएआईने आधार(प्रमाणीकरण)विनियम,2016 के साथ-साथआधार संख्याके ई-केवाईसीप्रमाणीकरणकी प्रक्रियाको निर्धारितकरने के लिएकहा है।.
4. उपर्युक्तनियमों कोध्यान मेंरखते हुए, बीमाकर्तायूआईडीएआईद्वाराप्रदान की गई "ई-केवाईसीप्रमाणीकरणसुविधा" केमाध्यम सेग्राहक कासत्यापनकरेगा | जैसे-बायोमैट्रिकप्रमाणीकरण(फिंगरप्रिंटया आईरिसस्कैनिंग) और /या यूआईडीएआई में पंजीकृत ग्राहकके ई-मेल पतेपर अथवा उसकेमोबाईल नंबरपर प्राप्तओटीपी केमाध्यम से |
5. यूआईडीएआईसे डाउनलोड कीगई जानकारी कोकेवाईसीसत्यापन केप्रयोजन केलिए पर्याप्तजानकारी मानाजाएगा |
6. यदिआधार के नामया तस्वीर मेंभौतिक अंतर है,यावे स्पष्टनहीं हैं, तोबीमाकर्ताअलग से किसीअन्यदस्तावेज काउपयोग करेगाऔर उसे ऐसे अतिरिक्तमांगे गएदस्तावेजोंका रिकॉर्डबनाए रखनाहोगा ।.
7. प्राप्तकी गई जानकारीके रिकॉर्डपीएमएल नियमों,2005 (समय-समय परसंशोधित) और एएमएल/ सीएफटी के आधिकारिकपरिपत्र /दिशानिर्देश केअनुसारबीमाकर्ताओंद्वारा रखेजाएंगे |
8. यहपरिपत्रआईआरडीएअधिनियम, 1999कीधारा 14 (1) केतहत प्रदत्तशक्तियों के अनुरूपजारी किया गयाहै।
एवेंकटेश्वरराव महाप्रबंधक(एसडीडी)