विषयःडिबेंचर मोचन आरक्षितनिधि का निर्माण
प्राधिकरणने भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण(अन्य प्रकारकीपूँजी) विनियम,2015 के निर्गमद्वारा बीमाकर्ताओंको अधिमानी शेयरोंऔर गौण ऋण जैसेअन्य प्रकारोंमें पूँजी जुटानेके लिए अनुमतिदी थी। इसके अनुसरणमें कुछ बीमाकर्ताओंने अन्य प्रकारोंमें पूँजी जुटानेके लिए प्रस्तावोंके साथ प्राधिकरणके साथ संपर्ककिया था और उक्तविनियमों के अनुसारउन्हें अनुमोदनप्रदान किया गयाथा।
कुछबीमाकर्ताओं नेपूँजी जुटाने केलिए डिबेंचर जारीकिये थे तथा यहस्पष्टीकरण माँगतेहुए उन्होंने प्राधिकरणसे संपर्क कियाथा कि क्या उनकेलिए कंपनी अधिनियम,2013 की धारा71 में परिकल्पितरूप में डिबेंचरमोचन आरक्षित निधिका निर्माण करनेकी आवश्यकता हैया नहीं। इस संबंधमें प्राधिकरणनिम्नानुसार सूचितकरना चाहता हैः
1. बीमाकर्ताजिन्होंने डिबेंचरजारी करने के द्वारापूँजी जुटाई है,कंपनीअधिनियम, 2013 औरउसके अधीन बनायेगये नियमों केअनुसार एक डिबेंचरमोचन आरक्षित निधि(डीआरआर)कानिर्माण करेंगे। वर्तमानशर्तों के अनुसार,बकायाडिबेंचरों के मूल्यकी 25% डीआरआरपर्याप्त होगी।
2. शोधक्षमता(साल्वेंसी)मार्जिनऔर अनुपात की गणनाके प्रयोजन केलिए उक्त डिबेंचरमोचन आरक्षित निधिपर ध्यान नहींदिया जाएगा तथाइसे एक देयता केरूप में नहीं मानाजाएगा।
यहस्पष्टीकरण आईआरडीएआई(पूँजी के अन्यप्रकार) विनियम,2015 के अधीन जारीकिया जाता है।
(डॉ. ममता सूरी)
विभागप्रमुख – वित्तएवं विश्लेषण