परिपत्र
संदर्भसं : आईआरडीए/एसीटी/सीआईआर/यूएलआईपी/113/05/2017 दिनांक : 5 मई,2017
सेवामें,
जीवन बीमा कंपनियोंके सभी मुख्य कार्यकारीअधिकारी
विषय : आईआरडीए/एसीटीएल/सीआईआर/यूएलआईपी/174/08/2016 दिनांकित 26.08.2016बंद यूनिट लिंक्डपालिसियों के अंतर्गतपुनर्जीवन विकल्प
यहप्राधिकरण की जानकारीमें आया है कि कुछबीमाकर्ता उपरोक्तपरिपत्र की व्याख्याइस तरह कर रहे हैंजो बंद यूनिट लिंक्डउत्पादों के अन्तर्गतनिधि मूल्य केजारी होने को विलंबितकरेगा, यहाँ तक कि जबपालिसीधारकोंने लाक इन पीरियडके भीतर संपूर्णआहरण का विकल्पचुना या जबकोई विकल्प नहीं चुनागया।
उपरोक्तके मद्देनज़र, यह दोहराया जाताहै कि जब पालिसीधारकलाक इन पीरियडके दौरान संपूर्णआहरण का विकल्पचुनता है या लाक-इन पीरियड केभीतर पुनर्जीवनका विकल्प नहींचुनता तो, आईआरडीए (बंद लिंक इन्शुरेन्सपालिसियों का व्यवहार) विनियम2010 और उस पर जारीस्पष्टीकरणोंके प्रावधानोंके अनुसार लाकइन पीरियड के अन्तमें निधि मूल्यपालिसीधारक कोदेय होना चाहिए।
यहपरिपत्र आईआरडीएअधिनियम1999 की धारा 14 (2) के अन्तर्गतप्राधिकरण के निहितअधिकारों के अनुसारजारी किये गयेहैं।
इसकोसक्षम प्राधिकारीकी मंजूरी प्राप्तहै।
एस.पी. चक्रबर्ती
महा-प्रबंधक (बीमांकिक)