यह प्राधिकरणके परिपत्र संदर्भःआईआरडीए/आईएनटी/सीआईआर/आईएनएसआरई/032/02/2016 दिनांक20 फरवरी 2016 और पत्र (संदर्भः आईआरडीए/आईएनटी/2015/ 6) दिनांक 29 मार्च 2016 केसंदर्भ में हैजिनके द्वारा31 दिसंबर 2015 तक बीमा पॉलिसियोंके लिए केवाईसीसंबंधी विवरण कीस्थिति को आईआईबीस्थित आईट्रेक्ससर्वर पर 31 मार्च2016 तक अपलोड करनेके लिए अनुरोधकिया गया था।
2. कियेगये प्रस्तुतीकरणसे यह पाया गयाहै कि केवल 10 कंपनियों नेअपने अभिलेखोंके 100% की सीमातक बीमा पॉलिसियोंके केवाईसी संबंधीविवरण की स्थितिको अपलोड कियाहै। विगत कुछदिनों में काफीप्रगति घटित होचुकी है।
3. यहसमझा जा सकता हैकि आईट्रेक्स नकेवल बीमाकर्ताओंके बीच डेटा केसंकलन को सुसाध्यबनाता है, बल्किबीमाकर्ताओं केअंदर नकली तत्वों(डूप्लिकेट्स)की पहचान करनेमें भी सहायताकरता है, जैसाकि निरंतर व्यवहारमें स्पष्ट है।यह अत्यावश्यकहै कि शीघ्रातिशीघ्रइस व्यवहार कोपूरा किया जाएतथा इसे अद्यतनबनाया जाए। 31 मार्च2016 तक बीमा पॉलिसियोंके केवाईसी संबंधीविवरण से संबंधितडेटा को भी शीघ्रग्रहण करने कीआवश्यकता है।31 मार्च 2016 के बाद जारी कीगई पॉलिसियों केलिए, यह प्रस्तावहै कि अपलोड कोवेब सेवा के द्वारासंभव बनाया जाए।
4. उपर्युक्तको सुसाध्य बनानेके लिए आईट्रेक्ससर्वर पर 31 मार्च2016 तक जारी कीगई बीमा पॉलिसियोंके लिए केवाईसीसंबंधी विवरण कीस्थिति को अपलोडकरने के लिए 20 अप्रैल 2016 तक अवधि बढ़ाईजाती है। कृपयाध्यान रखें किसमय को आगे और बढ़ानाबीमा उद्योग केहित में नहीं हैतथा इससे पहल केलाभों को जारीरखने (रोल आउट)के लाभों मेंविलंब होगा। अतःयह योजना है किउद्योग के संबंधमें दैनिक आधारपर समीक्षा कीजाए।
5. यहभी ध्यान रखा जाएकि जहाँ केवाईसीका कार्य बहुविधबीमाकर्ताओं/ स्रोतों केद्वारा किया जाताहै, वहाँ केवाईसी-प्रवर्तक कालाभ केवल उन्हींको प्रदान कियाजा सकता है जो20 अप्रैल 2016 तक आवश्यक सूचनाअपलोड करते हैं।इस स्थिति के होतेहुए बीमाकर्ताओंको चाहिए कि वेअपेक्षित विवरणउस तारीख तक अपलोडकरें तथा वेब सेवाप्लेटफार्म परअंतरण करें जिसेशीघ्र ही प्रारंभकरने का प्रस्तावहै।
6. यदिकिसी सहायता/ स्पष्टीकरणकी आवश्यकता होतो आप श्री संजयकुमार वर्मा,उप निदेशक,आईआरडीएआई(sanjay@irda.gov.in – 8096396395) अथवा श्री श्रीकांतपोक्कुलूरी, प्रमुख-आईटी,आईआईबी (srikanth.pokkuluri@iib.gov.in –8008947272) से संपर्ककर सकते हैं।
(श्रीराम तरणिकांति)
कार्यकारीनिदेशक