1. प्राधिकरण नेदिनांक31.12.2014 के परिपत्रके द्वारा सभीबीमाकर्ताओं को(जीआईसी को छोड़कर)सूचितकिया था कि वे युनाइटेडस्टेट्स इंटर्नलरेविन्यू सर्विस(यूएस-आईआरएस)केपास स्वयं का पंजीकरणकरवा लें तथा एकवैश्विक मध्यवर्तीपहचान संख्या(जीआईआईएन)प्राप्तकरें ताकि विनिर्दिष्टसंस्थाओं/ व्यक्तियोंको किये गये भुगतानोंपर कर को रोक रखनेसे बचा जा सके।
2. भारतसरकार ने 9 जुलाई2015 को संयुक्तराज्य अमेरिकाके साथ एक अंतर-सरकारीकरार (आईजीए)कियाहै। भारतभी पारस्परिक आधारपर सूचना के स्वचालितविनिमय (एईओआई)केलिए 3 जून2015 को बहुपक्षीयसक्षम प्राधिकारीकरार (एमसीएए)काएक भाग बन गया है।
3. उपर्युक्तकरारों के अंतर्गतदायित्वों का अनुपालनसुनिश्चित करनेके लिए समर्थ बनानेवालेकानूनी ढाँचे केएक भाग के रूप मेंकेन्द्रीय प्रत्यक्षकर बोर्ड (सीबीडीटी)ने7 अगस्त 2015 केआय-कर(11वां संशोधन)नियम,2015 की अधिसूचनाके द्वारा आय-करनियम, 1962 मेंनये नियम 114एफसे 114एच तक कासेट अधिसूचित कियाहै।
4. उक्तनियमों ने कुछनये शब्दों(नियम 114एफ)कीपरिभाषाएँ,सूचनाके संग्रहण,अभिलेखनऔर रिपोर्टिंग(नियम 114जी)एवंउचित सावधानी कीअपेक्षाएँ(नियम 114एच)सन्निविष्टकी हैं। उक्तनियमों के भागके रूप में सूचनादेनेवाली वित्तीयसंस्थाओं द्वारारिपोर्ट करने योग्यखातों की सूचनारिपोर्ट करने काएक फार्मेट,फार्म61बी भी अधिसूचितकिया गया है। इसकेअतिरिक्त,दिनांक25 अगस्त 2015 कीअधिसूचना के द्वारासीबीडीटी ने उनकीई-फाइलिंगवेबसाइट पर पंजीकरणऔर डिजिटल हस्ताक्षरके अंतर्गत रिपोर्टेंफाइल करने के लिएक्रियाविधि भीअधिसूचित की है।
आय-करनियमों के नियम114एफ से 114एचतक के अंतर्गतरिपोर्टिंग आवश्यकताओंके कार्यान्वयनसंबंधी मार्गदर्शीनोट भी सीबीडीटीद्वारा जारी कियेगये हैं। यदि अपेक्षितहो तो इनका संशोधनकरने के लिए भीइनकी समीक्षा कीजा रही है। ये अधिसूचनाएँवेबसाइट www.incometaxindia.gov.inपरउपलब्ध हैं तथासंदर्भ की सुविधाके लिए इस परिपत्रके साथ भी संलग्नहैं।
5. सभीबीमाकर्ताओं को(जीआईसी सहित)इसकेद्वारा सूचित कियाजाता है कि वे आयकरविभाग के ई-फाइलिंगपोर्टल पर पंजीकरणकरवा लें तथा रिपोर्टिंगअपेक्षाओं का अनुपालनकरने के लिए आवश्यककदम उठाएँ। उक्तप्रस्तुतीकरणऊपर संदर्भित नियमोंके अधीन परिभाषितरूप में पदनामितनिदेशक के डिजिटलहस्ताक्षर के अंतर्गतकिये जाने चाहिए। उक्त रिपोर्टिंग,जैसालागू हो, फार्म61बी को अपलोडकरने के द्वाराअथवा `शून्य~रिपोर्टके रूप में की जानीचाहिए।
6. एफएटीसीए/ सीआरएस के अंतर्गतअनुपालन और रिपोर्टिंगः
(i) प्रयोज्यउचित सावधानी प्रक्रियाओंका अनुपालन करनेके लिए बीमाकर्ताओंको `पहले सेविद्यमान~और`नये~ केरूप में रिपोर्टकरने योग्य खातोंको अलग करना होगातथा वैयक्तिक औरसंस्थागत खातोंकी पहचान अलग-अलगकरनी होगी जैसाè#2325;ि नियम 114एचमें परिभाषित है।
(ii) सभी बीमाकर्ताओं(रिपोर्ट करनेवालीसंस्थाओं)कोअनिवार्यतः1 सितंबर2015 के बाद और31 अक्तूबर2015 तक खोले गयेनये खातों के लिएएक मूल्य अन्वेषण31 दिसंबर2015 तक करना चाहिए।ऐसे खातों के मामलेमें जहाँ भी अपेक्षितहो, संपूर्णउचित सावधानी31 मार्च 2016 तकपूरी की जानी चाहिए। बीमाकर्ताएफएटीसीए/सीआरएसअनुपालक फार्मोंऔर प्रलेखीकरणके आधार पर1 नवंबर 2015 कोअथवा उसके बादखोले गये सभी नयेखातों का `ऑन-बोर्डिंग~सुनिश्चितकरेंगे।
(iii) नियमों केअंतर्गत निर्दिष्टरूप में विभिन्नतारीखों पर मूल्यअन्वेषणों के आधारपर आईएनआर के तौरपर रिपोर्ट करनेयोग्य खातों केमूल्य का पता लगानेके लिए, बीमाकर्तानिम्नलिखित लिंकपर अपनी वेबसाइटपर भारतीय विदेशीमुद्रा व्यापारीसंघ (फेडाई)द्वाराप्रकाशित हाजिरसंदर्भ दरों कोदेखें :
http://www.fedai.org.in/RevaluationRates.aspx.
(iv) सभी बीमाकर्ताओंको सूचित कियाजाता है कि वे रिपोर्टकरने योग्य खातोंसे संबंधित सूचनाउत्पन्न करने औरउसे बनाये रखनेके लिए एवं उचितसावधानी बरतनेके लिए भी उपयुक्तआईटी प्रणालियाँविकसित करें। उक्तआईटी प्रणालियोंमें लेखा-परीक्षाके लिए पर्याप्तकार्यात्मकताकी भी व्यवस्थाहोनी चाहिए।
(v) आयकर नियमोंके अंतर्गत निर्धारितअपेक्षाएँ और दायित्वएफएटीसीए और सीआरएसके प्रावधानोंके कार्यान्वयनकी दिशा में हैंतथा संयुक्त राज्यअमेरिका और अन्यदेशों के साथ भारतसरकार द्वारा कियेगये करारों परआधारित हैं। अतःबीमाकर्ताओं केप्रबंध निदेशक(एमडी) / मुख्यकार्यकारी अधिकारी(सीईओ) एवंपदनामित निदेशकअथवा किसी समकक्षअधिकारी की निगरानीसहित रिपोर्टिंगअपेक्षा का अनुपालनसुनिश्चित करनेके लिए उपयुक्तकॉरपोरेट अभिशासनव्यवस्था अवश्यकायम की जानी चाहिए।
बीमाकंपनियों को सूचितकिया जाता है किवे इस सूचना-पत्रको अपने बोर्डके समक्ष अगलीबैठक में प्रस्तुतकरें तथा उक्तअधिसूचनाओं केअंतर्गत परिकल्पितरूप में निदेशों/ दायित्वोंके अनुपालन केलिए अपेक्षित पहलेंकरें।
येनिदेश आईआरडीएअधिनियम, 1999 कीधारा 14(2) केअधीन जारी कियेजाते हैं तथा इनकाकोई भी अननुपालनउपयुक्त विनियामककार्रवाई के अधीनहोगा।
(वी.आर.अय्यर)
सदस्य(एफएण्डआई)