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संदर्भ सं.: आईआरडीएआई/आरईआईएन/ओआरडी/आरआईएन/142/7/2022 7 जुलाई 2022
आदेश
विषयः गैर-जीवन बीमाकर्ताओं और पुनर्बीमाकर्ताओं द्वारा सामना की जा रही समस्याओं के संबंध में अध्ययन करने और सिफारिशें करने के लिए कार्य-बल का गठन
- भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) भारत में बीमा व्यापन को बढ़ाने के लिए कदम उठाता रहा है तथा “सबके लिए बीमा” के व्यापक उद्देश्य के साथ इसने विभिन्न पहलें की हैं। ऐसी ही एक पहल “बीमा मंथन” आईआरडीएआई और बीमा उद्योग प्रमुखों की निरंतर संबद्धता के लिए एक प्लेटफार्म है। आईआरडीएआई ने गैर-जीवन बीमाकर्ताओं और पुनर्बीमाकर्ताओं के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ)/प्रबंध निदेशकों (एमडी) के साथ दूसरी द्विमासिक बैठक का आयोजन हैदराबाद में 1 जुलाई 2022 को किया। भारत में बीमा व्यापन में आगे और वृद्धि करने के लिए पुनर्बीमा के समर्थन से संबंधित विषयों/सरोकारों पर चर्चाएँ की गईं।
- इस विषय में विस्तार से जाँच करने तथा गैर-जीवन बीमाकर्ताओं और पुनर्बीमाकर्ताओं के बीच विद्यमान समस्याओं को सुलझाने के लिए निम्नलिखित सहभागियों के साथ एक कार्य-बल का गठन करने का निर्णय लिया गया हैः
क्रम सं. |
नाम |
पदनाम |
संस्था |
अध्यक्ष/ सदस्य |
1. |
श्री भार्गव दासगुप्ता |
प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी |
आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल |
अध्यक्ष |
2. |
श्री परितोष त्रिपाठी |
प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी |
एसबीआई जनरल |
सदस्य |
3. |
सुश्री मधूलिका भास्कर |
महाप्रबंधक (प्रभारी) |
न्यू इंडिया एश्योरेंस |
सदस्य |
4. |
डा. एस. प्रकाश |
प्रबंध निदेशक |
स्टार हेल्थ |
सदस्य |
5. |
श्री पराग गुप्ता |
मुख्य कार्यकारी अधिकारी |
स्कोर आरई इंडिया |
सदस्य |
6. |
सुश्री गिरिजा सुब्रमणियन |
महाप्रबंधक |
जीआईसी आरई |
सदस्य |
7. |
श्री अंकुर गुप्ता |
प्रधान (ग्राहक प्रबंध) |
म्यूनिख आरई इंडिया |
सदस्य |
8. |
श्री ए. रमण राव |
मुख्य महाप्रबंधक |
पुनर्बीमा विभाग, आईआरडीएआई |
सदस्य |
9. |
श्री गौतम कुमार |
उप महाप्रबंधक |
पुनर्बीमा विभाग, आईआरडीएआई |
संयोजक |
- उक्त कार्य-बल के लिए विचारार्थ विषय निम्नानुसार हैं :-
- 1 जुलाई 2022 को बीमा मंथन के दौरान उठाये गये निम्नलिखित विषयों का अध्ययन करनाः-
- अनिवार्य अध्यर्पण (कमीशन, उद्योग लागत संरचना और लाभ कमीशन कार्यपद्धति को प्रतिबिंबित नहीं करते)
- पुनर्बीमाकर्ताओं पर दावों, सामाजिक और ग्रामीण क्षेत्र बाध्यताओं, टीएटी आदि के संदर्भ में अनुपालन की अपेक्षा की प्रयोज्यता
- वरीयता के क्रम में सुझाव
- पुनर्बीमाकर्ताओं द्वारा भावों (कोट्स) में विलंब के संदर्भ में चिंताएँ
- सीबीआरएस पर अध्यर्पण की उच्चतम सीमा
- एफआरएन निर्गम की प्रक्रिया
- बीमाकर्ताओं के लिए देशी समझौता सहभागिता
- आनुपातिक समझौतों में घटना सीमा से संबंधित विषय
- सामाजिक बीमा योजनाओं (कोविड, पीएमएसबीवाई, पूल आदि) के संबंध में पुनर्बीमा समर्थन
- उभरते जोखिम अंतरण समाधानों (एआरटी, आईएलएस, सीएटी बांड आदि) का प्रारंभ
- पुनर्बीमाकर्ताओं और सीबीआरएस के बीच अधिक शीघ्र निपटान और भुगतान डिजिटल व्यवस्था (विनिमय)
- ऊपर बिन्दु 3 क) पर बताये गये विषयों के संबंध में संभव समाधान सुझाना।
- उक्त विषय के लिए संगत किसी अन्य मामले की जाँच करना।
उक्त कार्य-बल इस विषय के लिए संगत विचार-विमर्श के लिए किसी/किन्हीं विशेषज्ञ/विशेषज्ञों को आमंत्रित कर सकता है।
उक्त कार्य-बल अपनी रिपोर्ट इस आदेश की तारीख से तीन सप्ताह के अंदर प्रस्तुत करेगी।
प्रमोद कुमार अरोड़ा
सदस्य (बीमांकक)