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भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण
Insurance Regulatory and Development Authority of India
प्रेस प्रकाशनी
01.07.2022
बीमा – मंथन
उद्योग के साथ सक्रिय रहने के अपने निरंतर प्रयास में आईआरडीएआई ने बीमा मंथन – सभी बीमाकर्ताओं के सीईओ/एमडी के साथ व्यक्तिगत बैठकों की एक द्विमासिक शृंखला प्रारंभ की है। बीमा मंथन आईआरडीएआई और बीमाकर्ताओं के सर्वोच्च अधिकारियों की निरंतर सक्रियता के लिए एक प्लेटफार्म है जो एक मुक्त, स्पष्ट और रचनात्मक पद्धति में चर्चा और विचार-मंथन को बढ़ावा देता है। पहली द्विमासिक बैठक 06 और 07 अप्रैल 2022 को मुंबई में आयोजित की गई। श्री देवाशीष पण्डा, अध्यक्ष, आईआरडीएआई ने सत्रों की अध्यक्षता की जिनमें सभी जीवन, स्वास्थ्य बीमाकर्ताओं और पुनर्बीमाकर्ताओं के सीईओ और अन्य मुख्य अधिकारी उपस्थित थे। बीमा उद्योग के स्वस्थ विकास का समर्थन करने, विनियामक ढाँचे को युक्तियुक्त बनाने, और अनुपालन के भार को कम करने के उद्देश्य से अल्प, मध्यम और दीर्घावधि उपायों पर चर्चाएं की गईं। इस शृंखला को जारी रखते हुए, आईआरडीएआई ने दूसरी द्विमासिक बैठक पुनर्बीमाकर्ताओं के सीईओ के साथ साथ जीवन और गैर-जीवन तथा स्वास्थ्य बीमाकर्ताओं के सीईओ/एमडी के साथ क्रमशः गुरुवार, 30 जून 2022 और शुक्रवार, 01 जुलाई 2022 को हैदराबाद में अपने प्रधान कार्यालय में आयोजित की। उक्त बैठकों में जीवन बीमा परिषद और साधारण बीमा परिषद के महासचिव, भारतीय बीमा सूचना ब्यूरो (आईआईबी) के सीईओ एवं बीमा और जोखिम प्रबंध संस्थान (आईआईआरएम) के प्रबंध निदेशक ने भी सहभागिता की और योगदान किया। इस बैठक का मूल विषय (थीम) “भावी दिशा”(द रोड अहेड) था जिसमें व्यापन और पहुँच के तौर पर बीमा उद्योग के लिए लक्ष्यों की पहचान सामूहिक रूप से की गई। वृद्धि दर बढ़ाने के लिए बीमाकर्ताओं का मार्गदर्शन किया गया तथा आगे बढ़ने के लिए विशिष्ट राज्य(राज्यों)/संघराज्य क्षेत्र(क्षेत्रों) के साथ उन्हें अलग-अलग सांकेतिक लक्ष्य दिये गये।
अध्यक्ष, आईआरडीएआई ने दोहराया कि सुधारों की यात्रा जो प्रारंभ की गई है, वह जारी है तथा एक समयबद्ध तरीके से इसे पूरा किया जाएगा। ये सुधार व्यवसाय करने में सुगमता और अनुपालन का भार कम करने के तौर पर उद्योग को समर्थ बनाने के लिए प्रमुख उत्प्रेरक रहे हैं। इसके अलावा, उक्त बैठकों में की गई चर्चाओं के अनुसार लक्ष्य प्राप्त करने में ये उद्योग को सहायता पहुँचाएंगे।
उपर्युक्त के अतिरिक्त, इन बैठकों में उद्योग की वृद्धि के संचालकों के रूप में अपनी भूमिका के संबंध में उक्त परिषदों की ओर से प्रस्तुतीकरण किये गये। आईआईबी ने भी अपनी भूमिका के संवर्धन के बारे में और अपने निगमीकरण के संबंध में भी प्रस्तुतीकरण किया।
पुनर्बीमा से संबंधित विषयों पर बीमाकर्ताओं और पुनर्बीमाकर्ताओं के बीच एक सफल विचार-विमर्श किया गया। अध्यक्ष, आईआरडीएआई ने एक कार्य-बल गठित करने की घोषणा की जो उक्त विषयों के प्रति सहयोगपूर्ण और परामर्शी दृष्टिकोण को सुनिश्चित करने के लिए बीमाकर्ताओं , पुनर्बीमाकर्ताओं और आईआरडीएआई के प्रतिनिधियों को शामिल करेगा।
बैठक का मुख्य आकर्षण डा. आर. एस. शर्मा, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के सीईओ की प्रस्तुतीकरण थी, जिसमें आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य दावा केन्द्र के अभिकल्प पर प्रकाश डाला गया। अध्यक्ष, आईआरडीएआई ने बीमा उद्योग द्वारा उक्त केन्द्र के उपयोग के संबंध में विचार-विमर्श करने के लिए एनएचए, आईआरडीएआई और उद्योग का प्रतिनिधित्व करनेवाले अधिकारियों को सम्मिलित करते हुए एक कार्य-दल का गठन करने का प्रस्ताव किया।