वित्तीय शिक्षा के लिए राष्ट्रीय केंद्र - पॉलिसी धारक

वित्तीय शिक्षण के लिए राष्ट्रीय केन्द्र

वित्तीय शिक्षण के लिए राष्ट्रीय केन्द्र (एनसीएफई) भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई), भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी), भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) तथा पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा प्रवर्तित एक सेक्शन 8 (लाभ रहित) कंपनी है। एनसीएफई वेबसाइट में विजिट करने के लिए निम्नलिखित लिंक को क्लिक करें :

वित्तीय शिक्षण के लिए राष्ट्रीय कार्यनीति (एनएसएफई): 2020-2025

वित्तीय शिक्षण के लिए राष्ट्रीय कार्यनीति (एनएसएफई): 2020-2025 प्रलेख वित्तीय समावेशन और वित्तीय साक्षरता संबंधी तकनीकी समूह (टीजीएफआईएफएल) के प्रमुख – उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के द्वारा 20 अगस्त 2020 को जारी किया गया है। उक्त कार्यनीति ने देश में वित्तीय शिक्षण के प्रसार के लिए एक `5 सी’ दृष्टिकोण को अपनाने की सिफारिश की है।

 

2020-25 की अवधि के लिए यह एनएसएफई, जो 2013-18 की एनएसएफई के बाद दूसरी कार्यनीति है, वित्तीय क्षेत्र के सभी विनियमनकर्ताओं (भारतीय रिज़र्व बैंक, सेबी, आईआरडीएआई और पीएफआरडीए), भारत सरकार के डीएफएस और अन्य मंत्रालयों एवं अन्य हितधारकों (डीएफआई, एसआरओ, आईबीए, एनपीसीआई) के साथ परामर्श करने के बाद उप गवर्नर, भारतीय रिज़र्व बैंक की अध्यक्षता में वित्तीय समावेशन और वित्तीय साक्षरता संबंधी तकनीकी समूह के तत्वावधान में वित्तीय शिक्षण के लिए राष्ट्रीय केन्द्र (एनसीएफई) द्वारा तैयार की गई है।

कार्यनीति के उक्त `5 सी’ दृष्टिकोण में स्कूलों, कालेजों और प्रशिक्षण संस्थाओं में पाठ्यक्रम में संगत अंतर्विषय के विकास पर बल देना, वित्तीय सेवाएँ प्रदान करने में संबद्ध मध्यवर्तियों के बीच क्षमता का विकास करना, उपयुक्त संचार कार्यनीति के माध्यम से वित्तीय साक्षरता के लिए समुदाय नीत माडल के सकारात्मक प्रभाव का उन्नयन करना, तथा विभिन्न हितधारकों के बीच सहयोग में वृद्धि करना शामिल है।

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  • 13/09/2021
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